• Website Under Maintenance

    Our forum is currently under maintenance. You can browse existing threads, but posting is temporarily disabled.

Incest हाय रे ज़ालिम................

Well-known member
2,067
4,952
143


Res
 
Last edited:

Bur

Newbie
74
139
18
पदमा एक हलके से चीख़ मारती है उई माँ।
और कितना तड़पाएंगा आहह चोद ना आहह्ह्ह्ह्ह्।

दोनो एक दूसरे के मुंह में मुंह डाले एक दूसरे को चूसने चाटने लगते है।

थूक से दोनों के चेहरे पूरी तरह भीग चुके थे पर जोश अपने पूरे उफान पे था अब अगर कोई उन्हें रोकता तो देवा उसे भी चोद देता।



पदमा अपनी टाँगें खोल देती है।
आहह ले आजा देवा देख कैसे काँप रही है तेरे लंड के डर से तेरी काकी की चूत।



देवा;अपने लंड पे थूक लगा के उसे थोड़ा और चिकना करने लगता है।

पदमा के चूत से निकलता पानी इस बात का सुबूत था की वो बहुत गरम हो चुकी है।


पदमा;अपने दोनों चूचियों को मरोड़ते हुए देवा को बुलाती है और देवा अपने पहले चूत चुदाई के ख़ुशी में पदमा की तरफ बढ़ता है वो पदमा के पैर ऊपर उठाके अपने लंड को उसकी गीली चूत के मुंह पे रखता है।

पहली बार में लंड फिसल के नीचे चला जाता है।

पदमा;लंड को अपने हाथ में पकड़ के उसे पहले चूत के दाने पे घिसती है और फिर चूत के मुंह पे लगा देती है।
आह ले घुसा दे अंदरर देवा।

देवा;एक टाँग पकड़ के अपने लंड को पदमा के चूत में जैसे ही घुसाता है।



पदमा के मुंह से एक दर्दनाक चीख़ निकलती है।
अभी देवा का लंड का सिर्फ सुपाडा ही अंदर गया था की बाहर से कार के हॉर्न की आवाज़ से दोनों चौंक जाते है।

पदमा ; उठ के खडी हो जाती है।
लगता है मालिक मालकिन आ गये देवा तू जल्दी से कपडे पहन और पीछे के दरवाज़े से बाहर निकल जा।
WOW MAST UPDATE BUT KLPD HO GAI
 

Bur

Newbie
74
139
18
देवा;आहह तेरी माँ की मुझे चोदने दे वरना मेरा लंड अकड़ा हुआ रहेगा आहह देख ना।

पदमा;अपना लंहगा पहनते हुए पागल मत बन देवा। मालिक ने हमे इस तरह देख लिया तो मुसीबत आ जायेंगी। तू अभी जा मै तुझसे मिलने खेत में आती हूँ।

देवा;किसी तरह अपने कपडे पहन के पीछे के दरवाज़े से खेत की तरफ निकल जाता है।

पदमा;जिस कमरे में थी वो रानी का था पदमा अपनी साडी लपेट रही थी की तभी वहां रानी आ जाती है।

रानी;पदमा काकी आप और यहाँ और आप कर क्या रही थी।

पदमा;वो बिटिया मै वो मै तो हाँ वो मालकिन कपडे धो रही थी तो मेरे पूरे कपडे गीले हो गये थे तो उन्हें सुखाने यहाँ डाल दी थी बाहर डालती तो बिना कपड़ों के कैसे रहती।

रानी;बड़े बड़े ऑखें निकाल के पदमा को ऊपर से नीचे देखने लगती है पदमा का कहा हुआ झूठ उसके हलक के नीचे नहीं उतर रहा था।

पदमा;बाहर निकल जाती है और बचे हुए कपडे धोने बैठ जाती है।

उधर देवा किसी तरह अपने खेत में पहुँचता है।
लंड का तो बुरा हाल था वो नीचे बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था। देवा अपने खेत में बने झोपडे में चला जाता है और लंड को हाथ में लेके हिलाने लगता है।

पर पत्थर की तरह कड़क हाथ में जैसे जैसे वो लंड को हिलाता है वैसे वैसे उसे दर्द और होने लगता है
वो दिल में पदमा को गालीयां देने लगता है।
साली हरामज़ादी आहह चूत दिखा के खड़ा लंड हिलवा रही है आह।
उसे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे वो अपने लंड को किसी पत्थर पे रख के कूट रहा हो।
WOW MAST UPDATE DEVA KE SATH BAHUT BURA HUA 💈
 

Bur

Newbie
74
139
18
अपडेट 5

देवा से दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था वो जितना लंड को हाथ में पकड़ के आगे पीछे करता उतना ही दर्द और बढ़ जाता।

वो सामने पड़ा हुआ कपडा उठा लेता है और उससे अपने लंड पे लपेट के हलके हलके सहलाने लगता है उसकी ऑखें बंद हो जाती है। उसे दर्द से थोड़ी राहत मिलती है पर पूरी तरह सन्तुष्टि नही।

देवा के खेत में सुबह शालु की लड़की रश्मि ने बकरियाँ चरने को छोड़ी थी वो उन्हें वापस ले जाने के लिए पहुँचती है।

रश्मी को झोंपडे में से देवा की दर्द भरी आवाज़ सुनाई देती है तो वो ड़रते ड़रते जब झोंपडे के दरवाज़े के पास पहुंचती है तो एक दम से दो कदम पीछे को हो जाती है उसी वक़्त देवा की ऑखें उससे मिल जाती है।

रश्मी;क्या हुआ क्यों इतना चिल्ला रहा है।

देवा;आहह रश्मि मेरी मदद कर।

रश्मी;घबराते हुए झोंपडे के अंदर घुस जाती है।
बोल तो सही हुआ क्या है और ये तू इस तरह क्यों बैठा है रश्मि का इशारा देवा के लंड की तरफ था जिसे उसने कपडे से छुपा रखा था।

देवा;पता नहीं रश्मि मेरे गुप्त अंग पे कीड़े ने काट लिया है बहुत दर्द हो रहा है। मै मर जाऊँगा तू कुछ कर ना।

रश्मी;उसके पास बैठ जाती है उसे बहुत डर भी लग रहा था और घबड़ाहट भी हो रही थी। वो देवा को इस हालत में देख भी नहीं पा रही थी और उसे छोड के जा भी नहीं सकती थी।

देवा तू बोल क्या करुं मै जिससे तेरा दर्द कम हो जाए।

देवा;अपने लंड पे लिपटा हुआ वो कपडे का टुकड़ा हटा देता है।
इसकी मालिश कर दे अपने हाथों से।

रश्मी;नहीं नहीं मै ऐसा कुछ नहीं करने वाली मै तेरी माँ को बुला लाऊँ।

देवा;वो जब तक आएंगी मै मर चुका होंऊँगा। तू भी चल जा मरने दे मुझे आहः।

रश्मी;बेचारी गांव की भोली भाली लड़की इतना बड़ा लंड देख के तो उसके होश उडे पड़े थे। ऊपर से देवा उसे उसकी मालिश करने को कह रहा था।
रश्मी किसी तरह देवा के पैरों के पास बैठ जाती है और काँपते हाथों से देवा के लंड को पहले पकड़ती है फिर छोड देती है फ़िर पकड़ती है फिर छोड देती है आखिर कर उसे देवा की चीखें नहीं सुनी जा रही थी वो मज़बूती से देवा के लंड को थाम लेती है।




देवा;चुप हो जाता है आहह इसे आगे पीछे कर रश्मि।

रश्मी;दोनों हाथों में देवा का लंड पकड़ के उसके चमड़े आगे पीछे करने लगती है।
पहले वो डर रही थी पर धीरे धीरे उसकी ऑखें देवा के लंड पे जम जाती है।


और वो बड़े प्यार से हलके हलके लंड को मुठियाने लगती है।रश्मि के मुलायम और कमसिन हाथों में देवा के लंड को बहुत सुकून मिल रहा था।

देवा की चीखें बंद हो चुकी थी उसे बड़ा अच्छा लग रहा था । उसके शातिर दिमाग की चाल काम कर गई थी

10 मिनट तक रश्मि बिना कुछ कहे देवा के लंड को सहलाते रहती है और फिर अचानक देवा के लंड से एक तेज़ धार सीधा रश्मि के चेहरे पे गिरने लगता है।



रश्मी की ऑंखें बंद हो जाती है और देवा वही धडाम से गिर जाता है उसके लंड का सारा पानी निकल चुका था जिस्म ढिला हो गया था और उसे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था।

पर रश्मि की हालत ख़राब थी उसे अब पता चल चूका था की देवा को क्या हुआ था वो उठ के खडी हो जाती है और देवा को एक लात मारती है।

रश्मी;हरामी तुझे दर्द कोई नहीं हो रहा था । तुझे मस्ती चढी थी जो तूने मेरे हाथों उतार ली। है ना बोल।

देवा;हँसता हुआ अपनी पेंट पहन लेता है और रश्मि को एक कपडा थमा देता है।
हाँ बिलकुल सही पहचाना तूने। ले चेहरा साफ कर ले अपना।

रश्मी;मुझे नहीं करना साफ़ अभी ऐसे ही तेरी माँ के पास जाती हूँ और उन्हें सब बताती हूँ।

देवा; जा बोल दे माँ को। मेरा क्या है तू मार खाएगी मेरे माँ के हाथ से भी और तेरी माँ से भी।

रश्मी;पैर पटकते हुए वहां से बकरियाँ हाँकते हुए अपने घर की तरफ चली जाती है।
WOW MAST UPDATE AKHIR DEVA NE RASHMI SE MOOTH MARWA KE SHANTI PA LI
 

Bur

Newbie
74
139
18
रश्मी किसी तरह देवा के पैरों के पास बैठ जाती है और काँपते हाथों से देवा के लंड को पहले पकड़ती है फिर छोड देती है फ़िर पकड़ती है फिर छोड देती है आखिर कर उसे देवा की चीखें नहीं सुनी जा रही थी वो मज़बूती से देवा के लंड को थाम लेती है।



देवा;चुप हो जाता है आहह इसे आगे पीछे कर रश्मि।

रश्मी;दोनों हाथों में देवा का लंड पकड़ के उसके चमड़े आगे पीछे करने लगती है।
पहले वो डर रही थी पर धीरे धीरे उसकी ऑखें देवा के लंड पे जम जाती है।


और वो बड़े प्यार से हलके हलके लंड को मुठियाने लगती है।रश्मि के मुलायम और कमसिन हाथों में देवा के लंड को बहुत सुकून मिल रहा था।

देवा की चीखें बंद हो चुकी थी उसे बड़ा अच्छा लग रहा था । उसके शातिर दिमाग की चाल काम कर गई थी

10 मिनट तक रश्मि बिना कुछ कहे देवा के लंड को सहलाते रहती है और फिर अचानक देवा के लंड से एक तेज़ धार सीधा रश्मि के चेहरे पे गिरने लगता है।



रश्मी की ऑंखें बंद हो जाती है और देवा वही धडाम से गिर जाता है उसके लंड का सारा पानी निकल चुका था जिस्म ढिला हो गया था और उसे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था।

पर रश्मि की हालत ख़राब थी उसे अब पता चल चूका था की देवा को क्या हुआ था वो उठ के खडी हो जाती है और देवा को एक लात मारती है।

रश्मी;हरामी तुझे दर्द कोई नहीं हो रहा था । तुझे मस्ती चढी थी जो तूने मेरे हाथों उतार ली। है ना बोल।

देवा;हँसता हुआ अपनी पेंट पहन लेता है और रश्मि को एक कपडा थमा देता है।
हाँ बिलकुल सही पहचाना तूने। ले चेहरा साफ कर ले अपना।

रश्मी;मुझे नहीं करना साफ़ अभी ऐसे ही तेरी माँ के पास जाती हूँ और उन्हें सब बताती हूँ।

देवा; जा बोल दे माँ को। मेरा क्या है तू मार खाएगी मेरे माँ के हाथ से भी और तेरी माँ से भी।

रश्मी;पैर पटकते हुए वहां से बकरियाँ हाँकते हुए अपने घर की तरफ चली जाती है।
WOW MAST UPDATE YE TO REPEAT HO GYA LAGTA HAI
 

Bur

Newbie
74
139
18
देवा;हाथ मुंह धो के घर चला जाता है।

देवा की माँ रत्ना देवा का इंतज़ार कर रही थी । वो बहुत बेचैन हो जाती थी जब देवा वक़्त पे घर नहीं पहुँचता था।

रत्ना;देवा को देख घर के भीतर चली जाती है और उसके लिए खाना गरम करने लगती है।

देवा; हाथ मुंह धोके रसोई में आता है।
अरे माँ तुम्हे कैसे पता की मै आ गया हूँ।

रत्ना;माँ हूँ मै तेरे कदमों की आहट सुन लेती हूँ चल बैठ जल्दी से और खाना खा ले।

देवा;अपने माँ के गले में बाँहें डालके उसे अपने सिने से लगा लेता है। सच माँ तुम जैसे माँ किस्मत वालो को मिलती है।

रत्ना;बस बस खाना खा ठण्डा हो रहा है ।

देवा;एक नज़र रत्ना पे ड़ालता है और फिर खाना खाने बैठ जाता है।
ये माँ बेटे के बीच में रोज होता था देवा कभी कभी रत्ना को अपने से चिपका लेता और रत्ना भी उसे कुछ नहीं कहती। बस उसके आगे दोनों में से कोई कभी आगे नहीं बढा था।

खाना ख़तम करके देवा बाहर आँगन में बिस्तर पे लेट जाता है और थकान के कारण उसे फ़ौरन नींद लग जाती है।

सुबह जब देवा की आँख खुलती है तो उसे रत्ना और ममता सजे साँवरी दिखाई देती है।

देवा;क्या बात है माँ कहाँ जा रही हो।

ममता ; ओफ़ हो भैया आप्प को तो कुछ याद नहीं रहता मैंने कल आपको कहा था न की मेरी सहेली कुमारी की शादी है माँ और मै वही जा रहें है। तुम भी तैयार हो जाओ और जल्दी से वहां आ जाना।

ये कहते हुए दोनों कुमारी के घर निकल जाते है।

देवा का मूड आज बहुत अच्छा था। कल रश्मि ने मुठ जो मार दी थी।
वो उठ के बारामदे में बने बाथरूम में नहाने चला जाता है की तभी उसे दरवाज़े पे किसी की आवाज़ सुनाई देती है वो मुड के देखता है तो सामने पप्पू खड़ा था वो घर से तैयार होके आया था शादी में जाने के लिये।
WOW MAST UPDATE
 
Well-known member
2,067
4,952
143
अपडेट 83

वो मोहब्बत ही क्या जो सर चढ़ कर न बोले।
देवा की लगाई हुई आग में कई बदन जल रहे थे
वो था ही ऐसा जिसे एक बार छु ले सोना हो जाए।
रत्ना की ऑखों से नींद ग़ायब हो चुकी थी।
उसके ज़ुबान पर अब भी देवा के लंड का गाढा गाढा पानी लगा हुआ था।
न वो अपना मुँह साफ़ की थी और न वो अपने दिमाग से देवा की सोच निकाल पा रही थी।

सुबह जब उसकी आँख खुली तो काफी उजाला हो चूका था।
वो अपने कपडे ठीक करके बाहर आ जाती है।
आज का दिन भी रोज़ की तरह निकला था।
मगर न जाने इस सुबह की धूप में क्यों रत्ना का बदन कांप रहा था।
पाँव थे की ज़मीन पर टिकना नहीं चाहते थे और दिल आसमान में उड़ने को चाह रहा था।

की तभी पीछे से देवा आकर रत्ना को अपनी बाहों में दबोच लेता है।

देवा;क्या बात है माँ आज बड़ी देर से उठी हो रात नींद नहीं आई क्या।
वो अपनी माँ के कानो के पास आकर धीरे से सरगोशी करते हुए कहता है।
उसकी बात को समझ रत्ना भी शर्मा जाती है।

रत्ना;चल हट मुये। जब देखो मज़ाक़ सूझता है तुझे बहुत काम पडा है छोड दे मुझे।
वो बस बोल रही थी।
मगर दिल ही दिल में वो भी देवा की गरम मज़बूत बाहों में रहना चाहती थी।

देवा; पीछे से अपनी माँ की कमर के दरार में अपने लंड को घीसने लगता है।
उसकी चुभन से ही रत्ना थरथराने लगती है।
उस ज़ालिम के हथियार को वो कल रात अपने मुँह में घुसा चुकी थी।
मगर न जाने दिल अब भी दिमाग पर हावी नहीं हो पाया था।
यही वजह थी की जिस खिलौने से वो अपने मुँह की मिठास बढा चुकी थी उसे अपनी चूत की गहराइयों में उतारने को दिल आगे पीछे कर रहा था।

माँ बेटे का रिश्ता ऐसा ही होता है।
अपनी सीमा लाँघने में वक़्त लगता है।
मगर एक बार जब वो सीमा लाँघ कर सारी मर्यादा पार कर जाता है तो दुनिया की कोई भी दिवार उनके सामने आ जाये वो उसके पार हो जाते है।

रत्ना; छोड़ न रे क्या करता है तुझे शर्म आनी चाहिए।
तेरी शादी करवा दूँ अगर तू कहे तो...

देवा;अपने दोनों हाथों से रत्ना के ब्रैस्ट को मसलने लगता है।
पहले मंगलसुत्र पहनकर लाल साडी में एक बार मेरे सामने आओ। उसके बाद मै कहुंगा की मुझे किससे शादी करनी है और कब करनी है।

रत्ना; आह्ह्ह।
मुझे दर्द हो रहा हैं रे।

देवा;कहाँ हो रहा है माँ...
वो पूरी ताकत से रत्ना की दोनों बड़ी बड़ी चूचियों को मरोडने लगता है ये जानते हुए की रत्ना को भी इस सब में मजा आ रहा है।

रत्ना की ऑखें बंद होने लगती है।
जवानी का नशा जो उसके पति ने उसकी चूत से पूरी तरह नहीं निकाला था चढ़ने लगता है।
चुत की दोनों फांको में थरथराहट सी होने लगती है।
शबनम सी छोटी छोटी पानी की बूंदें चूत के आजु बाजु जमने लगती है।

रत्ना;छोड दे रे ज़ालिम।
ऐसा मत कर ना आह्ह्ह्ह।

देवा;मुझे दूध पीना है इनका रत्ना।

देवा के मुँह से जब भी रत्ना शब्द निकलता था रत्ना को ऐसा लगता था जैसे उसका पति देवा का बाप उसे पुकार रहा हो।

रत्ना;माँ हूँ मै तेरी। तेरी पत्नी नही
आह मत कर मेरे साथ तु।

देवा;मेरी पत्नी है माँ तू। तुझे खुश देखना चाहता हूँ।
तूझे अपने पानी से नहलाना चाहता हूँ।
मेरे लंड के पानी से नहायेगी ना मेरी रत्ना तु।
बस मुझे एक बार ये दे दे।
वो अपनी माँ रत्ना की चूत को साडी के ऊपर से रगडने लगता है।

रत्ना के पांव उसका साथ नहीं देते वो देवा को धक्का देकर वहां से घर के अंदर की तरफ भागने लगती है
मगर देवा उसकी साडी का पल्लू पकड़ लेता है।
और अपनी तरफ खीचता है।

रत्ना;अपनी कमर के पास से साडी को निकाल कर वही देवा के हाथों में साडी छोड़ कर लंहगे और ब्लाउज में घर के अंदर भाग जाती है और दरवाज़ा बंद कर लम्बी लम्बी साँसें लेने लगती है।
उसके कानो में देवा के एक एक शब्द की गूंज अब भी सुनाई दे रही थी।



देवा;दरवाज़ा को ढकेल देता है और रत्ना सामने पड़े बिस्तर पर जा गिरती है।

दोनो की नज़रें एक दूसरे से इस कदर मिली हुई थी जैसे शिकारी अपने शिकार पर नज़रें गड़ाये रहता है।
और उसे दबोच लेने के सही पल का इंतज़ार करता है

देवा;उस वक़्त पायजामे और बनियान में था
वो अपना बनियान उतार देता है और रत्ना के ऊपर चढ़ जाता है।
अपने ब्रैस्ट के ऊपर जब रत्ना देवा की चौडी छाती पाती है तो वो सिहर सी जाती है।
उसकी जाँघें खुल जाती है और देवा के पायजामे के अंदर खड़ा लंड सीधा रत्ना की चूत पर दस्तक देता है।

देवा को अपनी मंज़िल क़रीब दिखाई देने लगती है
वो अपने हाथों के जादू से धीरे धीरे रत्ना के ब्रैस्ट को सहलाते जाता है और अपनी माँ के नरम होठो पर अपने होंठ रख कर उसके शरबत को पीने लगता है
गलप्प गलप्प गलप्प्प।



रत्ना भी सीसकारियाँ लेकर अपने बेटे को अपने होठो का रसपान करवाने लगती है।
उसकी ऑखों के सामने फिर से वही रात का दमदार लंड जिसे उसने अपने मुँह में लेकर ढिला की थी आ जाता है।
वही फुंफकारता हुआ साँप जो उसे डसने को बेताब था।।

देवा;माँ मुझे मेरे बापू की जगह दे दे।
बस यही देवा गलती कर देता है।
वो उस वक़्त रत्ना को उसके पति की याद दिला देता है
और रत्ना को अपनी बात याद आ जाती है की जब तक देवा ये नहीं पता कर लेता की उसके बापू ज़िंदा है या नहीं और उनके साथ क्या हुआ था।
वो किसी और की नहीं हो सकती।

रत्ना;ऑंखें खोल देती है और देवा को अपने ऊपर से हटा कर खड़ी हो जाती है।
अचानक इस ब्यवहार से देवा सकते में पड़ जाता है।

देवा; माँ....
वो आगे कुछ नहीं कह पाता।

रत्ना;अपना वादा भूल गया लगता है तु।

देवा;कौन सा वादा माँ।

रत्ना;वही वादा जो तूने मुझसे किया था।
अपने बापू के बारे में पता लगाने का।

रत्ना; ये कहकर अपने रूम की तरफ बढ़ने लगती है।
देवा;चीख़ पडता है और अपने लंड को पायजामे के ऊपर से पकड़ के कराहने लगता है।

देवा; आह्ह्ह माँ माँ माँ माँ मुझे बचा ले आह्ह्ह
इस में फिर से दर्द होने लगा है।

रत्ना;घबरा कर देवा के पास आकर बैठ जाती है।
बता मुझे कहाँ दर्द हो रहा है।

देवा; वही जहाँ रात में हो रहा था।

रत्ना;इसे उतार।

देवा;अपने पायजामे को नीचे उतार देता है और
अपने लंड को हाथ में पकड़ के हिलाने लगता है।
उसका लंड सच में बहुत कड़क हो चूका था नसे फूल चुकी थी।

रत्ना की ऑखों में उसे देख नशा सा छाने लगता है
वो अपने नाज़ुक से हाथों में देवा के लंड को पकड़ लेती है।

देवा;माँ कुछ भी करो मुझे बहुत दर्द हो रहा है ना।

रत्ना;क्या करूँ मैं।

देवा;वही जो रात में दर्द होने पर की थी तुमने आहह्ह्ह्
माँ मै मर जाऊँगा।

रत्ना;अपने हाथ में देवा के लंड को मज़बूती से पकड़ लेती है और अगले ही पल उसे अपने मुँह में खीच लेती है गलप्प गलप्प गलप्प।

देवा;चैन की साँस लेता है। धीरे से माँ दर्द हो रहा है ना आह्ह्ह

रत्ना;अपनी ज़ुबान को लंड के पूरे हिस्से पर घुम्मा घुम्मा कर उसे चाटने लगती है वो अपनी ऑंखें बंद कर लेती है और इसका फायदा उठाकर देवा उसकी ब्लाउज के दोनों बटन खोल देता है।

लंड चूस रही रत्ना को कोई भी परवाह नहीं थी की वो ऊपर से नंगी हो चुकी है बस वो तो अपने देवा के होने वाले लंड के दर्द को कम करने में लगी हुई थी।

देवा;झुक कर रत्ना के ब्रैस्ट को मसलने लगता है और रत्ना भी उसे दबाने देती है वो चटखारे मारते हुए किसी कुल्फ़ी की तरह देवा के लंड को चुसती जाती है गलप्प गलप्प।
हम्म उह्ह्ह गलप्प।



देवा;आहह आराम से माँ आह्ह्ह।
तेरी चूत भी इतनी नरम है रत्ना अहा हां अहा हां आह्ह आह आह आह आह आह्ह

रत्ना;हम्म गलप्प गलप्प
उह्ह्ह गलप्प।

न देवा से बर्दाश्त हो रहा था और न रत्ना से मगर दोनों अपने अपने वादे के आगे मजबूर थे।

रत्ना को महसूस होता है की देवा का पानी छुटने वाला है वो थोड़ा पानी अपने मुँह में गिरने देती है और बाकी का अपने ब्रैस्ट पर।

जब देवा का लंड अपनी बौछार कर चूका होता है तो रत्ना देवा की ऑखों में ऑखें डाल कर दोनों ब्रैस्ट पर गिरी पानी को वही उन पर मल देती है।



और चुपचाप उठ कर अपने रूम में चली जाती है।

देवा;उसे जाता देखता रह जाता है।

थोड़ी देर बाद देवा नहा कर घर से बाहर निकल जाता है
और रत्ना अपने रूम में आईने के सामने बैठी खुद पर और देवा के झूठ पर मुस्कुराने लगती है।
वो जानती थी की देवा ने उसे झूठ बोल कर
जान बूझ कर उससे लंड चुसवाया है।
मगर शायद रत्ना भी यही चाहती थी।

उसे सामने मंगलसूत्र दिखाई देता है।
वो उसे अपने गले में डाल लेती है और खुद को आईने में देख शर्मा जाती है।

उधर देवा सीधा पंचायत पहुँचता है।

जहां पहले से हिम्मत और कुछ पंच मौजूद थे।
देवा के आने के बाद वो सभी अपनी अपनी बात एक एक करके पंचो के सामने रखते है।

थोड़ी देर बहस चलती है।
मगर हिम्मत को तो रात को ही पता चल गया था की उसका क्या होने वाला है।
आखीर सभी पंचो की सहमति से हिम्मत राव को फैसला सुना दिया जाता है।

हिम्मत राव को सरपंच पद से बर्ख़ास्त कर दिया जाता है
और उसे 15 दिन के लिए गांव निकाला भी कर दिया जाता है।

हिम्मत;इस फैसले से अंदर ही अंदर टूट भी जाता है और देवा के लिए उसके दिल में नफरत सारी हदें पार कर जाती है।

हिम्मत;हाथ जोड कर सभी पंचो से कहता है की
मै अपनी गलती के लिए शरमिंदा हूँ और आइंदा ऐसी गलती नहीं होंगी वादा करता हूँ।
वो ये कहकर वहां से बाहर जाने लगता है
मगर देवा को देख रुक जाता है और उसके सामने आकर देवा की ऑखों में ऑखें डाल कर दाँत पीसते हुए धीरे से कहता है।
15 दिन बाद जब मै वापस आऊँगा देवा।
याद रखना वो दिन तेरी ज़िन्दगी का आखरी दिन होगा।

देवा;मुझे उस दिन का बेसब्री से इंतज़ार रहेगा हिम्मत।
 

Top