Incest हाय रे ज़ालिम................

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रानी;बापू ये क्या कर रहे हो गोली चल जाएगी।
हिम्मत; अच्छा देखता हूँ क्या सच में गोली चलती भी है या नहीं बहुत दिन से किसी का शिकार नहीं किया मैने।
रानी;बापू मज़ाक़ छोड़ो सच में गोली चल जाएगी।
हिम्मत;एक मिनट हिलना मत रानी।
वो बन्दूक की नाल को रानी के सर की तरफ रख के ऊँगली ट्रीगर पर रख देता है।
रानी हिल भी नहीं पाती ज़रा ची चूक उसका भेजा उड़ा सकती थी।
उसे अपने बाप पर बिलकुल भरोसा नहीं था शराब के नशे में हिम्मत कुछ भी कर सकता था।
रुक्मणी;ऑंखें फाड़े कभी हिम्मत को तो कभी रानी के पसीने में तरबतर चेहरे को देखने लगती है।
रानी;बापु।
हिम्मत की ऊँगली ट्रीगर पर दब जाती है।
रुक्मणी;भागते हुए रूम में अंदर आ जाती है रानी
रानी।
गोली रानी की कनपट्टी के पास से होकर गुज़री थी उस गोली की गूंज से रानी सुन्न पड़ गई थी।
अपने सर के इतने क़रीब से गोली गुज़रने से रानी जैसे बेसुध सी हो गई थी।
और सामने बैठा हिम्मत राव खिलखिला कर हँस रहा था।
रुक्मणी;अपने पति को ज़हरीली नजरों से देखने लगती है।
हिम्मत; ये क्या देख रही है हाँ क्या देख रही है साली। मादरचोद की बच्ची ऑखें दिखाती है।
वो रुक्मणी के मुँह पर सटा सट थप्पड़ों की बरसात कर देता है। थप्पड़ों की आवाज़ से रानी को होश आता है
और वो रुक्मणी को हिम्मत के हाथों पिटता देख हिम्मत का हाथ पकड़ लेती है।
रानी; बस बापू क्यों गोबर पर तलवार मार रहे हो।
माँ कुछ नहीं कहती इसका मतलब ये नहीं की वो बेजान है।
जाओ यहाँ से हमे अपने हाल पर छोड दो।
हिम्मत;रानी और रुक्मणी को घूरता हुआ हवेली के बाहर निकल जाता है।
रानी;माँ चुप हो जाओ चुप हो जाओ माँ।
बापु पागल हो गये हैं देवा को बताना पड़ेगा वरना वो पता नहीं क्या कर बैठेंगे।
रुक्मणी का दिल भी धड़कने लगता है हिम्मत बन्दूक लेकर गांव में गया था।

उधर से देवा अपने खेत से काम करके अपने घर की तरफ लौट रहा था।
और इधर से हिम्मत अपने कार में शराब पीता हुआ उसी रास्ते पर आ रहा था।
अचानक दोनों एक दूसरे के आमने सामने आ जाते है।
चररररर चरर की आवाज़ के साथ हिम्मत ब्रेक लगा देता है।
देवा बस कार के नीचे आते आते ही बचता है।
देवा;हिम्मत की तरफ देखता है और बिना कुछ बोले सर झुकाये आगे बढ़ जाता है।
हिम्मत;कार से उतरता है और देवा के सामने आ जाता है।
क्यूं बे कुत्ते अभी कार के नीचे आ जाता तो....
देवा;माफ़ करना मालिक मैंने आपकी कार देखी नही।
हिम्मत;शराब के नशे में धुत्त था।
मालिक के बच्चे हरामी साले कहाँ देख के चल रहा था। आईन्दा मेरे सामने दिखाई भी दिया न तो....
इस में की सारी गोलिया तेरे भेजे में उतार दूँगा।
देवा;दोनों हाथ जोड के हिम्मत से माफ़ी माँगता है।
हिम्मत की आवाज़ सुनके आस पास के खेत में काम करने वाले भी वहां जमा हो जाते है।
इसलिए हिम्मत राव बात को आगे नहीं बढाता।
वो तो बस चाहता था की देवा कुछ उल्टा सीधा कहे या कुछ बोले के वही उसका काम तमाम कर दे....

मगर लोगों की मौजूदगी को देखते हुए हिम्मत अपने कार में बैठ के बिजली की तेजी से वहां से चला जाता है।
लोग हिम्मत को उसके जाने के बाद बुरा भला कहते है मगर देवा बिना कुछ कहे अपने घर की तरफ चल देता है।
हिम्मत;दिल ही दिल में सोचते हुए इस हरामी के लिए मुझे शहर ही जाना पडेगा।
अब बहुत हुआ। हाँ बहुत हुआ। वो कार शहर की तरफ मोड देता है।
जब देवा घर पहुँचता है तो ममता भागते हुए देवा से आके लिपट जाती है।
ममता;माँ देखो ना भैया आ गये है।
रत्ना;भी दौड़ते हुए देवा के क़रीब आ जाती है।
दोनो एक दूसरे की ऑखों में देखने लगते है।
मगर दोनों कुछ नहीं कहते।
रत्ना जैसे सारे गिले शिकवे भूलने को तैयार थी उसका बेटा देवा जो घर आ गया था।
ममता ;अब्ब यही खड़े रहोगे या अंदर भी चलोगे। आओ मैंने तुम्हारे लिए गरम गरम हलवा बनाई हूँ।
देवा;अपने रूम में चला जाता है और नहा धोके खाना खाने बैठ जाता है।
खाना खाते खाते भी सिर्फ ममता बड़ बड करती है। देवा और रत्ना चुप चाप खाना खाते है।
मगर रत्ना बार बार चोर नज़रों से देवा को देखती रहती है।
रत्ना खाना ख़तम करके अपने रूम में चलि जाती है।
ममता भी खाने के प्लेटें साफ़ करने बैठ जाती है।

देवा ममता को देखता हुआ रत्ना के रूम में चला जाता है
देवा; माँ...
रत्ना; उस वक़्त आइने के सामने अपने बाल संवार रही थी देवा के मुँह से माँ सुनके वो मुड के देखती है।
और भागते हुए देवा की छाती से जाके लिपट जाती है।
रत्ना;क्यूँ चला गया था तू मुझे छोड के।
इतना बड़ा हो गया है तू की अपनी माँ से नाराज़ होके चला गया कितनी परेशान थी मै। तुझे पता है।


देवा;रत्ना को अपनी बाहों में समेट लेता है।
नही माँ मै तुमसे नाराज़ नहीं था।
बस उस वक़्त पता नहीं क्या हो गया था । मुझे घर आने को दिल नहीं कर रहा था अब आ गया हूँ ना । अब कही नहीं जाऊँगा।
रत्ना;कभी मुझे छोड के मत जाना अरे सब कुछ तो तेरा है ये घर सारी ज़मीन जायदाद ममता मैं.....
रत्ना के मुँह से अचानक ही निकल जाता है मैं....
देवा और रत्ना की ऑखें टकराती है।
और देवा की पकड़ रत्ना की कमर पर थोड़े कस जाता है।
उन दोनों के होंठ एक दूसरे के इतने क़रीब थे की दोनों एक दूसरे की साँसें भी महसूस कर सकते थे।
देवा; धीरे से कहता है।
सब कुछ मेरा है माँ।

इससे पहले की रत्ना कुछ कहती ममता के क़दमों की आहट दोनों के कानो में आ जाती है और
रत्ना देवा से अलग होकर बाहर निकल जाता है।
देवा एक तरफ खुश था की उसकी माँ पहले जैसा बर्ताव उसके साथ कर रही है।
मगर दूसरी तरफ देवा को बहुत ज़्यादा उत्सुक्ता भी थी ये जानने की आखिर रत्ना के दिल में है क्या।
ममता ;भैया आपका बिस्तर लगा दी हूँ । आप आराम करो।
देवा;ममता का हाथ पकड़ के अपने पास खीच लेता है
तू नहीं चलेंगी।
ममता ;देवा के मुँह पर हाथ रखते हुए माँ सुन लेगी धीरे बोलो।
देवा;सुनने दे चल मेरे साथ।
ममता; नहीं तुम अभी जाओ मै रात में माँ के सोने के बाद आती हूँ।

देवा;जल्दी आजा।
देवा; अपने रूम में जाने लगता है तो रत्ना उसे आवाज़ दे के अपने पास बुला लेती है।
रत्ना;अरे बेटा वो जहाँ ममता के रिश्ते की बात चल रही है ना वहां कल तुझे जाना है।
उन लोगों के कई बार बुलावा भेज चुके है तुझे याद कर रहे थे । जा एक दो दिन के लिए मिल आ। देवकी से भी और उन लोगों के बारे में भी पता कर लेना।
देवा;ठीक है माँ मै कल सुबह चला जाऊँगा।
रत्ना;ठीक है।
रत्ना और ममता एक रूम में आस पास सोई हुई थी। दोनों को लेटे हुए एक घण्टा बीत चूका था।
ममता उठके रत्ना की तरफ देखती है और रत्ना को गहरी नींद में सोता देख चुपचाप उठके अपने भाई के रूम में चली जाती है।
ममता के रूम में घुसते ही रत्ना टक से अपनी ऑखें खोल देती है। शायद वो देखना चाहती थी की ममता जाती है या नहीं अपने भाई से मिलने
रत्ना भी चुपचाप उठके देवा के रूम की खिडके के पास जाके खड़ी हो जाती है।
अंदर देवा और ममता एक दूसरे से लिपटे हुए एक दूसरे के मुँह में मुँह डाले एक दूसरे को मसल रहे थे।
ममता; भैया कहाँ थे इतने दिनों से । देखो न मेरी चूत सुख गई है आपके रस के बिना।
देवा;मेरा भी मुर्झा सा गया है बहना तेरी चूत के बिना।
ममता; इसे तो मै अभी गरम कर देती हूँ।
वो नीचे बैठ के देवा का पजामा उतार देती है और अपने हाथ में देवा का लंड पकड़ के पहले उसे चुमती है
और फिर मुँह में लेकर उसे गीला कर देती हैं गलप्प गलप्प्प।
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देवा अपने बिस्तर पर लेट जाता है और ममता के कपडे भी निकाल के उसे पूरी नंगी कर देता है।
बाहर खड़ी रत्ना को अपने बेटी की हरक़तों पर यक़ीन नहीं होता मगर इस बार रत्ना की नज़र मे
ममता की चूत नहीं बल्कि देवा का वो मुसल लंड था। जिस पर से रत्ना की नज़र नहीं हट पा रही थी।
और ममता थी की बिना रुके देवा के लंड को मुँह में अंदर बाहर किये जा रही थी।
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गलप्प गलप्प गलप्प करके चूस रही थी चाट रही थी।
देवा की नज़र अचानक ही खिडकी की तरफ जाती है और वहां खड़ी रत्ना उसे दिख जाती है।
देवा;आहह तेरी माँ रत्ना को चोदूँ धीरे धीरे चूस
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ममता।
आह मेरा लौडा कैसा है ममता।
ममता;बहुत मीठा है भइया।
देवा;माँ को पसंद आएगा ऐ।
रत्ना की चूत से पहला पानी का कतरा निकल जाता है।
ममता; हाँ। माँ की चूत भी अभी जवान है गलप्प गलप्प।
ये तो हर किसी को पसंद आने जैसा है गलप्प गलप्प।
देवा; बस कर अब नहीं रुका जाता।
देवा ममता को लिटा देता है और उसकी चूत को सहलाने लगता है।

ममता; आहह क्या कर रहे हो भाई।
देवा; आज तो बहुत चिकनी लग रही है तेरी चूत ममता।।

ममता ;आपको ऐसे ही पसंद है ना भाई।
देवा; हाँ बस एक बार माँ की मिल जाए मुझे। फिर तुम दोनों माँ बेटी को रात भर नंगा करके चोदुँगा मैं।
ममता ;अभी बहन चोद लो माँ को बाद में पेल देना। आओं अंदर डाल दो भैया मेरी चूत में चींटियां रेंग रही हैं।

देवा;ममता को अपने ऊपर खीच लेता है।
आज तू मेरी सवारी कर चल चढ़ जा मेरे लंड पर।
ममता अपनी कमर उठाके अपने भाई के लौडे को अपनी चूत से मिलाती है और घच से
लंड पर धीरे धीरे बैठने लगती है जिससे लंड चूत में घुसता चला जाता है।
ममता; हाय मर गयी उन्हह।
देवा;चल चोद अपने भाई को आह्ह्ह्ह।
ममता; हाँ ऐसे न आहहह्ह्ह मेरी
आह माँ आह्ह्ह्ह्ह्ह।
ममता देवा के ऊपर सवार होके सटा सट उसके लंड को अपनी चूत की गहराइयों में लेने लगती है।

ये नज़ारा देख रत्ना का जिस्म इतना गरम हो जाता है जैसे अभी अभी वो भट्टी में से तप के आई हो।
रत्ना की चूत थी की पिघलते जा रही थी और पिघला हुआ गरम गरम पानी रत्ना के जांघो से होता हुआ नीचे गिर रहा था।
की तभी देवा और रत्ना की नज़र एक हो जाती है
और रत्ना मुँह पर हाथ रख के वहां से अपने रूम में भाग जाती है।



इधर शालु के घर पर सभी गहरी नींद में सो चुके थे।
सबसे पहले नीलम के बापु उसके पास नीलम कुछ दूरी पर शालु और उसके पास पप्पू सोया था।
जहां एक तरफ शालु की चूत उसे सोने नहीं दे रही थी वही पप्पू का लंड भी पायजामे के अंदर चीख चीख के माँ माँ बुला रहा था।
पप्पू अपनी एक टाँग शालु के जांघ पर रख देता है।
शालु गर्दन घुमा के पप्पू की तरफ देखती है।
पप्पू आगे सरकता है और शालु के पीछे से चिपक जाता है।
पप्पू का लंड शालु की गाण्ड के दरार में आगे पीछे होने लगता है।
देवा की लंड से मार खा चुकी शालु की गण्ड जग जाती है और शालु सिसकारियां भरने लगती है।
पप्पू अपने एक हाथ से शालु के ब्रैस्ट मसलने लगता है।
और धीरे से शालु के कान में कहता है।
माँ दूसरे रूम में चलो ना।
शालु;अहह तू पहले जा मै आती हूँ।

पप्पू;उठके दूसरे रूम में चला जाता है और वहां जाके अपने सारे कपडे उतार देता है और वो नंगा होके शालु का इंतज़ार करने लगता है।
कुछ देर बाद शालु भी वहां आ जाती है और दरवाज़ा बंद करके अपने कपडे पप्पू को देखते हुए निकाल देती है।
शालु पप्पू के ऊपर आके चिपक जाती है।
ले आ गई तेरी माँ ।बोल क्यों बुलाया है।


पप्पू;तुझे चोदना है माँ।
शालु;तो चोद ना । रोका किसने है दोनों माँ बेटे एक दुसरे से चिपक जाते है।
और शालु अपनी ज़ुबान पप्पू के मुँह में डालके उससे ज़ुबान चुसवाने लगती है।
पप्पू;का लंड शालु अपने हाथ में ले के उसे सहलाने लगती है।
पप्पू;आहह ज़्यादा मत हिला माँ झड जाऊँगा।
शालु;तेरा लंड मेरी चूत को ठन्डा नहीं कर पाएगा बेटा।
इसे देवा जैसा मरद चाहिए।
पप्पू;कर लुँगा माँ तुम बस देखते जाओ।
पप्पू;शालू की दोनों टाँगें खोल देता है और उसके पैरों के बीच जाके अपने लंड को शालु की चूत पर घीसने लगता है।
शालु; सुबह से बेचैन थी देवा ने रात भर उसे चोद के उसे पागल सा बना दिया था।
उपर से पप्पू बिना घुसाए ऊपर ऊपर रगड रहा था।
शालु;आहह हरामी घुसाता क्यों नही।
पप्पू;जल्दी से अपना लंड शालु की चूत में घूस्सा देता है
और उसके ऊपर लेट के लंड अंदर बाहर करने लगता है।।

शालू; आहह और अंदर घुसाता क्यों नही आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्।
पप्पू;ज़ोर ज़ोर से लंड को अपनी माँ की चूत के अंदर तक पेलने लगता है।
शालु;पीछे से ले मेरी। बेटा।
शालु कुतिया बन जाती है और पप्पू अपने लंड को हाथ में पकड़ के पीछे आ जाता है।
जैसे ही पप्पू शालु की चूत पर लंड लगाता है शालु उससे कहती है।
शालु;वहाँ नहीं गाण्ड में पेल दे बेटा।
और पप्पू अपना लंड पीछे से शालु की गाण्ड में पेल देता है।

शालु;आहह मेरी गाण्ड में ठीक से जाता है तेरा आहह मारते जा रे....और जोर जोर से अपनी माँ की गांड मार बेटा। पेल जोर जोर से मेरी गाँड में बहुत खुजली हो रही है बेटा आह्ह्ह्ह।
पप्पू;दोनों हाथों में अपनी माँ की कमर पकड़ के सटा सट पीछे से शालु की गाण्ड मारने लगता है और शालु भी कमर हिलाते हुए पप्पू का लंड गाण्ड में लेती चली जाती है।

ज्यादा देर भी नहीं गुज़रती की पप्पू के धक्के बढ़ जाते है और एक चीख़ के साथ पप्पू अपना माल शालु की गाण्ड में छोड़ने लगता है।

शालु;आहह हरामी तू किसी काम का नहीं है।
शालु;अपनी दोनों टाँगें खोल के लेट जाती है और पप्पू का सर पकड़ के अपनी चूत से लगा देती है।
मेरी चूत में अपनी ज़ुबान घूस्सा अब।
पप्पू;अपनी माँ के ग़ुस्से को शांत करने के लिए ऐसा ही करता है और शालु की चूत को और गाण्ड को अपनी जीभ से चाटने लगता है गलप्प गलप्प्पप्प।
शालु;आहह ऐसे ही मेरे लल्ला आहह।
चाट मेरी चूत को उसे तैयार कर देवा के लंड के लिये।
आह मेरी गाण्ड में भी तेरी ज़ुबान घूस्सा दे रे।
शालु;कमर उछालते हुए पप्पू की ज़ुबान का मज़्ज़ा लेने लगती है और फिर पप्पू के बालों को पकड़ के
उसे अपनी चूत पर दबाते हुए चीख़ पडती है आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।
एक तेज़ धार पप्पू के मुँह पर छूटने लगता है और शालु निढाल से पड़ जाती है।


उधर हिम्मत राव शहर में अपने खास आदमी से जाके मिलता है।
वो खास आदमी था।
विक्रांत
विक्रान्त एक पेशेवर कातिल था उसका काम लोगों को लूटना डकैती और खून करना था।
पूलिस की फाइल्स में विक्रांत के नाम पर कई गुनाह दर्ज थे।
और हिम्मत राव विक्रांत की मदद से रुक्मणी और देवा का काम तमाम करना चाहता था।
विक्रान्त हिम्मत से मिलता है।
विक्रान्त;कैसे हैं जागीरदार साहब।
हिम्मत;ठीक तुम कैसे हो।
विक्रान्त;दुआ है आपकी और कैसे आना हुआ आपका।
हिम्मत;किसी का काम करना था तुम्हारे हाथो।
विक्रान्त; हो जाएंगा। काम जो आप चाहे किमत जो मै चाहूँ।
हिम्मत;मंज़ूर है।
दोनो बातें करने बैठ जाते है और हिम्मत विक्रांत को सारी बात समझा देता है।
हिम्मत की बात ख़तम होने पर
विक्रान्त: कहता है आप फिकर ना करें जागिरदार सहाब
मै अगले हफ्ते आपके गांव आऊँगा आप मुझे उन दोनों के हुलिये बता देना समझ लो आपका सर दर्द हमेशा हमेशा के लिए खतम।
हिम्मत;विक्रांत को कुछ एडवांस पैसे दे कर वहां से चला जाता है।
हिम्मत और विक्रांत बहुत पुराने दोस्त थे। जब भी हिम्मत को किसी को अपने रास्ते से हटाना होता तो उसे विक्रांत याद आता।
हिम्मत बहुत खुश था की कुछ ही दिनों में देवा और रुक्मणी का काम हमेशा हमेशा के लिए ख़तम होने वाला है।
WOW MAST UPDATE
रत्ना भी चुपचाप उठके देवा के रूम की खिडके के पास जाके खड़ी हो जाती है।
अंदर देवा और ममता एक दूसरे से लिपटे हुए एक दूसरे के मुँह में मुँह डाले एक दूसरे को मसल रहे थे।
ममता; भैया कहाँ थे इतने दिनों से । देखो न मेरी चूत सुख गई है आपके रस के बिना।
देवा;मेरा भी मुर्झा सा गया है बहना तेरी चूत के बिना।
ममता; इसे तो मै अभी गरम कर देती हूँ।
वो नीचे बैठ के देवा का पजामा उतार देती है और अपने हाथ में देवा का लंड पकड़ के पहले उसे चुमती है
और फिर मुँह में लेकर उसे गीला कर देती हैं गलप्प गलप्प्प।देवा अपने बिस्तर पर लेट जाता है और ममता के कपडे भी निकाल के उसे पूरी नंगी कर देता है।
बाहर खड़ी रत्ना को अपने बेटी की हरक़तों पर यक़ीन नहीं होता मगर इस बार रत्ना की नज़र मे
ममता की चूत नहीं बल्कि देवा का वो मुसल लंड था। जिस पर से रत्ना की नज़र नहीं हट पा रही थी।
और ममता थी की बिना रुके देवा के लंड को मुँह में अंदर बाहर किये जा रही थी।गलप्प गलप्प गलप्प करके चूस रही थी चाट रही थी।
देवा की नज़र अचानक ही खिडकी की तरफ जाती है और वहां खड़ी रत्ना उसे दिख जाती है।
देवा;आहह तेरी माँ रत्ना को चोदूँ धीरे धीरे चूसममता।
आह मेरा लौडा कैसा है ममता।
ममता;बहुत मीठा है भइया।
देवा;माँ को पसंद आएगा ऐ।
रत्ना की चूत से पहला पानी का कतरा निकल जाता है।
ममता; हाँ। माँ की चूत भी अभी जवान है गलप्प गलप्प।
ये तो हर किसी को पसंद आने जैसा है गलप्प गलप्प।
देवा; बस कर अब नहीं रुका जाता।
देवा ममता को लिटा देता है और उसकी चूत को सहलाने लगता है।

ममता; आहह क्या कर रहे हो भाई।
देवा; आज तो बहुत चिकनी लग रही है तेरी चूत ममता।।

ममता ;आपको ऐसे ही पसंद है ना भाई।
देवा; हाँ बस एक बार माँ की मिल जाए मुझे। फिर तुम दोनों माँ बेटी को रात भर नंगा करके चोदुँगा मैं।
ममता ;अभी बहन चोद लो माँ को बाद में पेल देना। आओं अंदर डाल दो भैया मेरी चूत में चींटियां रेंग रही हैं।

देवा;ममता को अपने ऊपर खीच लेता है।
आज तू मेरी सवारी कर चल चढ़ जा मेरे लंड पर।
ममता अपनी कमर उठाके अपने भाई के लौडे को अपनी चूत से मिलाती है और घच से
लंड पर धीरे धीरे बैठने लगती है जिससे लंड चूत में घुसता चला जाता है।

ममता; हाय मर गयी उन्हह।
 
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उस वक़्त पप्पू के मुंह से पहले मर्तबा आवाज़ निकलती है आहह ज़ालिम मार देंगा क्या।

देवा;तू खुद मरवाने चला आया। ले अब आहह आहः

देवा;पप्पू को अपने नीचे पूरी तरह लिटा के दनादन अपने लंड को पप्पू की नाजुक गाण्ड में पेलने लगता है।



पप्पू; आहह तू बड़ा हरामी है देवा ज़रा सा रहम नहीं करता आहह माँ वो।

देवा;क्या करूँ जब तक मुझे गांव में कोई चूत नहीं मिल जाती । तब तक तेरे गाण्ड से काम चलाना पड़ेंगा आहः

वो पेलता रहा और पप्पू सहता रहा । इस गाण्ड मराई में जितना मजा देवा को आता था उससे कही ज़्यादा पप्पू को आता था। वो खुद अब देवा के लंड का गुलाम बन चूका था । उसे हर दूसरे दिन देवा के लंड के खवाब आते थे। इसी लिए वो नखरे करता हुआ किसी न किसी तरह बहाने ढूंढता था देवा के नीचे पीसने के लिए।

20 मिनट के बाद देवा अपना लावा पप्पू के गाण्ड में उंडेल देता है।

और कुछ देर बाद दोनों कपडे पहन के शादी में जाने के लिए निकल जाते है।

रास्ते में देवा को कुछ याद आता है तो वो पप्पु से कहता है।

देवा;पप्पु तू ऐसा कर । तू शादी में जा मै ज़रा जागिरदार के हवेली होके आता हूँ।

पप्पू; ठीक है।

और देवा हवेली के तरफ चल देता है ये पुछने के लिए की क्या आज छोटी मालकिन कार सीखने चलेंगी।

जब वो हवेली पहुंचता है तो बाहर बाँए गार्डन में उसे हिम्मत राव और उसकी पत्नी चाय पीते मिलते है वो उन्हें नमस्ते करता है और अपने आने की वजह बताता है।
WAH MAST POST
 
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अपडेट 6

रानी;अरे देवा तुम कब आये बैठो बैठो।

देवा;नहीं मालिकन मै बस ये पुछने आया था की आज दोपहर में आप कार सीखने चलेंगी या ....

रानी;हाँ बिलकुल अगर तुम चाहो तो हम अभी चलते है।

देवा;अभी नहीं मालिकिन आज मेरे पड़ोस में शादी है इसलिए मुझे वहां अभी जाना है दोपहर तक शादी में से आ जाऊँगा।

रानी;ठीक है ।

देवा;हिम्मत राव और रुक्मणी को नमस्ते कहके वहां से चल देता है।

जब वो शादी में पहुँचता है तो हैरान रह जाता है । हर तरफ खूबसूरत औरतें जवान लड़कियां उसे दिखाई देतीं है ये सभी नए नवेली खूबसूरत चेहरे बारात के साथ आये थे।

पप्पू;देवा के काँधे पे हाथ रखता है।
कहाँ खो गए देवा।

देवा;सपनों की नगरी से वापस दुनिया में लौटते हुए हाँ अरे पप्पू माँ कहाँ है।

पप्पू; मेरी या तेरी।

देवा;अबे मेरी माँ कहाँ है तूने कही देखा क्या।

पप्पू;हम्म शायद दुल्हन के पास होंगी मै रश्मि को बुलाता हूँ।
रश्मि अरे ओ रश्मि।

रश्मी;मुस्कुराते हुए उन दोनों के पास आती है।

रश्मी;क्या बात है क्यों बुलाया मुझे।

पप्पू;अरे वो रत्ना काकी को ज़रा बुला ला कहना देवा बाहर बुला रहा है।

रश्मी;देवा को घूरते हुए ही वहां से चली जाती है।

पप्पू;अब इसे क्या हुआ ।

देवा;पता नहीं शायद इसने कुछ तीखा खा लिया होगा।

कुछ देर बाद वहां रत्ना आ जाती है।
WOW NICE POST
 
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रत्ना;क्या बात है बेटा क्यों बुलाया।

देवा;अपनी जेब से कुछ पैसे निकाल के रत्ना के पास दे देता है। ये लो कुमारी को हमारे तरफ से भेंट दे देना।ये इस गांव का ये रिवाज था की सभी मेहमान दुल्हन को तोहफे ना देके पैसे देते थे जो आने वाले वक़्त में उस के काम आता।

रत्ना;चल तू अपने हाथों से दे दे।

देवा;रत्ना के पीछे पीछे घर के अंदर चला जाता है।

कुमारी दुल्हन के लाल कपड़ों में बहुत प्यारी लग रही थी वो एक भोली भाली शरीफ लड़की थी देवा उसके सर पर हाथ रख के उसके हाथ में वो पैसे दे देता है।

पास में बैठी हुई रश्मि उसे अभी भी घूर रही थी पर ये घूरना क़ातिलाना था जैसे किसी चीज़ का बदला लेना चाहती हो।।उसके पास बैठी शालु देवा को देख रत्ना से कहती है।

शालु;रत्ना अब तू भी देवा के लिए जल्दी से कोई लड़की देख ले लड़का जवान हो गया है।

रत्ना से पहले देवा बोलता है।
काकी आपको कैसे पता चला की मै जवान हो गया हूँ।।

ये सुन के वहां बैठे सभी लोग हंसने लगते है और शालु का चेहरा लाल हो जाता है । शादी के मौक़ों पे ऐसे छोटे मोटे हंसी मज़ाक आम बात थी।

शालु;उसे घुर के रह जाती है।

देवा मुस्कुरा देता है और कुछ देर बाद बाहर निकल जाता है।

शादी अपने रस्मो रिवाज के मुताबिक हो जाती है सभी लोग खाना खा चुके थे।
देवा;खाना खाने के बाद पप्पू से कहता है ।
चल पप्पू ज़रा खेतों से होके आते है।

पप्पू;ना बाबा तू जा मुझे बहुत काम है।

देवा;पप्पू के कमर पे ज़ोर से थप्पड मार के अकेला खेत की तरफ चल देता है।

रास्ते में उसे पदमा मिलती है वो उसे आवाज़ देती है पर देवा उसकी आवाज़ को नज़र अंदाज़ करते हुए सीधा अपने खेत की तरफ बढ़ने लगता है।

पदमा;तेज कदमों से उसके तरफ आ जाती है और उसका हाथ पकड़ लेती है उसकी साँसे तेज़ चलने से फूली हुई थी और जिसकी वजह से उसके मोटे मोटे सन्तरे भी ऊपर नीचे होने लगते है।
NICE UPDATE
 
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पदमा;कबसे तुझे आवाज़ दे रही हूँ तू सुनता भी नही।

देवा : क्या है कुछ काम था।

पदमा;मुझसे नाराज़ है मै जानती हूँ तेरे नाराज़गी सही है । बस किस्मत गांडु थी अपनी।

देवा;तुम्हारा क्या है काकी तुम तो मेरे खड़े लंड पे लात मार देती हो दर्द मुझे सहना पड़ता है इसलिए तुम मुझसे दूर रहो।

पदमा;उससे चिपकते हुए ऐसे कैसे दूर रहूँ मेरे गबरू जवान आज रात आ जाना घर पे खुश कर दूंगी तुझे।

देवा: मैं नहीं आने वाला वो तुम्हारा पियकड़ पति गालियां देता हुआ कभी भी आ सकता है।

पदमा;अरे बुधु वही तो बोलने के लिए तुझे आवाज़ दे रही थी । तेरे काका आज अपनी बहन के घर गए है और एक हफ्ते के बाद आयेंगे।

देवा की ऑखों में चमक आ जाती है और वो पदमा को कस के अपने से चिपका लेता है इसका मतलब एक हफ्ता तुझे जितना चाहुँ पेल सकता हूँ।

पदमा;आहह कुछ भी कर राजा। जल्दी से शाम ढले घर आ जाना न मुझसे रहा जा रहा है और ने मेरी चूत से।

देवा;देखूं ज़रा वो पदमा की साडी उठाके अपना हाथ उसके लहंगे के अंदर डाल देता है । पदमा अंदर कुछ नहीं पहनी थी उसकी चूत एकदम चिपचिपी थी और उसमें से ऐसे महसूस हो रहा था जैसे पानी रिस रहा हो।

पदमा;उई माँ यहाँ कहाँ कर रहा है छोड अभी रात में जी भर के करना।

देवा;वो गीली उँगलियाँ पदमा के मुंह में डालके उसे चुसने को कहता है।
पदमा;गलप्प गल्प चुसते हुए आहह ये तो खारा है मीठा तो तेरा पानी है रे।रात में आ जाना जल्दी से और ये कहके पदमा वहां से चल देती है।

दोपहर में देवा हवेली पहुँचता है रानी कार के पास उसका इंतज़ार कर रही थी।

रानी;बहुत देर कर दी देवा आने में।

देवा;हाँ वो कुछ काम निकल आया था।
देवा;कार में बैठ जाता है और रानी उसके पास थोड़ा सट के बैठ जाती है।
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देवा;रानी को कार के सभी पार्ट्स के मालूमात देता है कब गियर बदलना है कब ऑक्सीलेटर लेना है।

रानी;उसकी बातों पे कम और देवा के चेहरे पे ज़्यादा ध्यान दे रही थी। ये बात देवा ने भी महसुस किया पर बोला कुछ नही।

फ़िर देवा कार स्टार्ट करके उसे गांव के बाहर बने हुए सड़क की तरफ दौड़ा देता है ये सड़क शहर की तरफ जाती थी रास्ता एकदम सुनसान था ।

रानी;देवा को कार रोकने के लिए कहती है।

जब देवा कार रोकता है तो रानी कार में अपने सीट पे से देवा के गोद में आके बैठ जाती है।

देवा सकपका जाता है।
अरे मालकिन ये आप क्या कर रही है आप वहां बैठिए ।

रानी;ओफ़ हो देवा इतने बड़े हो गये हो और लड़कियॉं के तरह घबरा रहे हो । मै लड़की होके जब यहाँ बैठ सकती हूँ तो तुम्हें क्या ऐतराज़ है और वैसे भी मुझे जल्द से जल्द कार चलाना सीखना है चलो कार स्टार्ट करो मै चलाती हूँ। तुम बस ब्रेक संभालो ठीक है।

देवा;ठीक है मालकीन।देवा गांव की किसी भी लड़की को चोद लेता तो कुछ नहीं होता पर हिम्मत राव के लड़की पे गलत नज़र डालना मतलब गांव निकाला। क्योंकी हिम्मत राव न सिर्फ गांव का सरपंच था बल्कि उसकी पहुँच दूसरे गांव के सरपंच से भी थी ।

देवा; चाह के भी रानी को हाथ नहीं लगाना चाहता था।

पर रानी बार बार एक्सेलेटर तेज कर देती जिससे देवा को ब्रेक्स लगाने पडते और रानी देवा के छाती से टकरा जाती वो अपने कमर को देवा के लंड पे भी घिस रही थी।

आखीर देवा एक मरद था कब तक खुद को संभाल पाता धीरे धीरे उसके लंड में अकडन होने लगती है और वो रानी के कमर के बीच में धँस जाता है।

रानी;आहह चुभता है रे।

देवा;क्या हुआ मालकीन।

रानी; कुछ नहीं और वो जान बूझ के अपनी कमर को और ज़ोर से देवा के लंड पे रगडने लगती है जिससे देवा का लंड दबता चला जाता है और उसमें दर्द होने लगता है।
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देवा;दोनों हाथों से रानी की कमर पकड़ के उसे ऊपर उठाता है


रानी;आहह क्या कर रहे हो देवा ।

देवा;कुछ नहीं मालकिन आप तो अच्छी तरह कार चला रही है लगता है दो चार दिन में ही आप पूरी तरह सीख जाओंगी।

रानी;जब तक मै एकदम अच्छी तरह नहीं सिख लेती तब तक तुम रोज़ मुझे सिखाने आया करोगे समझे वरना मै बापु को बोल दूंगी ।

देवा;नहीं मालकिन जब तक आप चाहे मै आता रहूँगा।

रानी;फिर ठीक है ।
वो उसी तरह अपनी कमर लंड पे घिसते रही और कार सीखती रही तकरीबन २ घण्टे बाद देवा रानी से कहता है की मालकिन आज के लिए बहुत है घर चलते है।

रानी;मुस्कुराते हुए साइड में जाके बैठ जाती है और देवा कार चलाता हुआ हवेली पहुँच जाता है जब वो कार खड़ा करके अपने घर की तरफ बढ़ता है तो रानी उसे पीछे से आवाज़ देती है।

रानी;देवा कल जल्दी आ जाना।

देवा;जी मालकिन।

रानी;नाचते हुए अपने रूम में आ जाती है तभी उसे पीछे से हिम्मत राव अपनी बाँहों में कस लेता है।

हिम्मत राव;मेरी बिटिया रानी काम बना क्या। वो दोनों हाथों से रानी के नरम नरम चुचक मसलने लगता है।

रानी;आहह बापु आराम से न आहह सबर रखो सब ठीक होगा।

हिम्मत राव; सबर ही तो नहीं होता न गुड़िया उसके हाथ अब रानी के कपड़ों के अंदर तक चले गए थे और रानी के नंगे चुचकों को पूरी तरह मसल रहे थे।

की तभी किसी के कदमों की आवाज़ से दोनों बाप बेटी एक दूसरे से अलग हो जाते है।।
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शाम के 6 बज रहे थे। देवा अपने घर जाने के बजाये पदमा के घर आ जाता है।

पदमा;उसे देख लेती है और उसके चेहरे पे एक क़ातिलाना मुसकान आ जाती है।



देवा;घर में आने के बाद दरवाज़ा बंद कर देता है।

पदमा;दूध का गिलास लेके उसके पास आती है
ये लो देवा दूध पि लो।

देवा;तुम्हें कैसे पता की मैं आया हूँ।

पदमा;दोपहर से तुम्हारी राह देख रही हूँ आँखें दरवाज़े की तरफ ही जमी हुई थी मेरी।

देवा;खड़ा हो जाता है और अपना कुर्ता पैजामा निकाल के खुट्टे में टाँग देता है वो सिर्फ चड्डी में खड़ा था।

पदमा;उसे देखते हुए अपने साडी नीचे गिरा देती है और ब्लाउज निकाल देती है।



ब्रा में पदमा को देख देवा से रहा नहीं जाता और वो आगे बढ़ के पदमा को अपनी बाहों में जकड लेता है।

देवा;आहह काकी आज मिली हो तुम कसम से आज मेरे लंड को खा जाओ अपने सुराखों में कही गुमा दो। मेरी काकी आहह वो दोनों कड़क हाथों से पदमा के चुचकों को निचोड़ के रख देता है।

पदमा;अपना लंहगा नीचे गिरा देती है । हाँ मेरे राजा आज तेरी पदमा तुझे अपने चूत में कही छुपा लेंगी। आ जा।

देवा; पीछे से ब्रा के हुक खोल के पदमा के नरम नरम ब्रैस्ट मुंह में ले के चुस्ने लगता है गलप्प गलप्प।



नीचे देवा के हाथ पदमा के चूत के छेद के अंदर घुसना चाहते थे। वो दो उँगलियाँ एक साथ मिला के उसे पदमा के चिपचिपे चूत में घुसा देता है जिससे पदमा उछलने लगती है।

पदमा;आहह ज़ालिम आहह मत तड़पा एक बार चोद दे मुझे । फिर रात भर तरसाता रह उसके बाद आहः

देवा;पहले ज़रा मुंह तो मीठा कर ले काकी।

और देवा पदमा को अपने लंड के पास बैठा देता है।

पदमा तो बस लंड के प्यासी थी चाहे वो मुंह में जाये चूत में या गाण्ड में। वो देवा के लंड पे पहले थूकती है और फिर उसे बिना देरी किये अपने मुंह में ले लेती है गलप्प गल्प।
WOW AAJ PADMA KAKI BAJEGI DHANG SE
 
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पदमा के गीले थूक से भरा हुआ देवा का लंड बहुत जल्द अपने असली औक़ात में आ जाता है और उसके मोटी मोटी नसें तन जाती है।



पदमा; लंड मुंह से निकलने को तैयार नहीं थी और देवा लंड को चूत में ड़ालने के लिए तड़प रहा था वो पदमा को सीधा करके पलंग पे लिटा देता है और उसके ऊपर चढ जाता है।



वो आगे बढ़ते बढ़ते पदमा के पेट पे अपने कमर टीका देती है और अपने लंड को पदमा के मोटे मोटे चूचियों के बीच में लगा देता है।

देवा;पदमा ज़रा ज़ोर से पकड़ तेरे चुचे को।

पदमा;वैसे ही करती है और देवा अपने लंड को दोनों चूचियों के बीच घुसा देता है।


पदमा; जितना चुचे कसती देवा उतनी ज़ोर से लंड को दोनों के बीच रगड़ता।



पदमा;आहह देवा रे ज़ालिम आहह चोद न अपनी पदमा को रंडी के तरह बेरहमी से। आहह फाड़ दे रे मेरे चूत आहह मै कल चल भी न पाऊँ ऐसे रगड के चोद दे मुझे आहः।

देवा;पदमा के पैर खोल देता है और अपने लंड को उसके चूत के मुंह पे लगा के आहह एक ज़ोरदार झटका अंदर की तरफ मारता है । ये इतना ज़ोरदार धक्का था की पदमा रो पड़ती है जैसे पहली बार चूदाई हो। देवा का लंड था ही इतना मोटा जो चूत को चीर के रख देने वाला।

पदमा;आहह हरामी ने फाड़ दिया मेरी चूत तो आहः

देवा;तूने तो कहा की फाड़ दे देवा आहह देख कैसे फ़ाड़ता हूँ आहह और वो पदमा की बात को जैसे सच करने पे तुला हुआ था । सटा सट बिना रुके पदमा की चूत में लंड को आगे पीछे करने लगता है।



पदमा;आहह देवा तू क्या सच में मेरी चूत फाडना चाहता है जो इतनी बुरी तरह चोद रहा है आहह माँ।

देवा;पदमा बहुत तड़पाया है तूने मुझे कुछ तो वसूल करना पड़ेंगा न आहह और वैसे भी अभी तेरा एक सुराख़ बाकी है आहः।

पदमा;उई माँ मै वहां नहीं लुंगी तेरा।

देवा;कैसे नहीं लेगी छिनाल आहह घर तब तक नहीं जाऊँगा जब तक तेरे तीनो सुराख़ भर न दूँ अपने लंड के पानी से।
WOW MAST TEENO SURAKH BHAR DEGA DEVA APNE PANI SE
 
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अभी तो शाम हुई थी रात तो अभी बाकी थी।

देवा के लंड के झटको से पदमा की चुत इतनी चिकनी हो चुकी थी की हर झटके के साथ फच फच की आवाज़ आने लगी थी।

काफी देर तक देवा पदमा को चोदते रहता है पदमा पूरी तरह से थक जाती है।

पदमा;हाँफते हुए आहह बस थोड़ा आराम करने दे रे आह मार देगा क्या आहः

देवा;आहह दो चार ताक़तवर झटके अंदर की तरफ देता है और पदमा के ऊपर ढेर हो जाता है।

पदमा की चूत से दोनों के प्रेम रस नीचे बहने लगता है और पदमा की गाण्ड के सुराख़ को भी गीला करता चला जाता है।

पदमा;देवा के बाल सहलाते हुए।
बड़ा जानदार है रे तू मै तो समझी थी चार पाँच धक्कों में ही मूत देगा।

देवा;काकी बस इसे एक बार मुंह में ले के और तैयार कर दो फिर देखता हूँ कौन मुतता है।

पदमा भी बहुत चुदासी औरत थी । इस तरह की चुदाई उसने बहुत कम की थी वो थकने वालो में से नहीं थी।

पदमा;अच्छा बच्चू देखती हूँ कितना दम है तेरे लंड में बहुत बड़े बड़े बातें चोद रहा है ना । चल ला अभी इसे खड़ा कर देती हूँ।

और पदमा देवा के लंड को मुंह में भर के गलप्प गलप्प
चुसने लग जाती है।

2-3 मिनट बाद ही देवा का लंड धीरे धीरे टाइट होने लगता है।

पदमा और ज़ोर ज़ोर से उसे चुसती है देवा के लंड में उसके चूत की भी खुशबु आ रही थी जिसकी वजह से पदमा की चूत के दोनों होंठ लपलपा रहे थे।
देवा पदमा को घोड़ी बना देता है।

पदमा;रुक जा क्या कर रहा है ऊपर आ ना ।

देवा;काकी काम पीछे का है।

पदमा; नहीं नहीं देवा देख ऐसा मत कर। मैंने आज तक वहां नहीं ली रे बेटा मर जाएगी तेरी काकी।

देवा;कमर पे हलके हलके थप्पड मारते हुए मसल देता है । एक बार लेके देख काकी तू रोज़ लेने लगेगी।

पदमा;नहीं ना आहह आहह ।

देवा के थप्पड पदमा के चूतड़ पर अब कुछ ज़्यादा ज़ोर से पडने लगते है जिससे उसकी चूतड़ लाल हो जाती है।

उसे एक अजीब तरह की खुमारी छाने लगती है । अब वो देवा को मना तो नहीं कर रही थी। बस सिसकियाँ भर रही थी।
देवा;अपनी दो उँगलियाँ पदमा की चूत में डाल के अंदर बाहर करता है जिससे वो चिप चीपी हो जाती है । वो फ़ौरन उन्हें पीछे से धीरे धीरे पदमा के गाण्ड में घूसाने लगता है।

पदमा का मुंह खुलता चला जाता है और गाण्ड का सुराख़ भी।
आह मत कर आहह चूत में डाल दे रात भर खड़ा कर के मार चूत । मै कुछ नहीं बोलूँगी राजा पर गाण्ड में मत डाल आह।

देवा की उँगलियाँ अब ज़ोर ज़ोर से पदमा के गाण्ड में जाने लगती है जिससे उसकी गांड का सुराख़ खुलता चला जाता है।

पदमा वो उँगलियाँ तो किसी तरह बर्दाशत कर रही थी पर कुछ पलों बाद देवा बिना कोई चेतावनी दिए अपने लंड का सुपाडा पदमा के गाण्ड पे लगा देता है और उँगलियाँ बाहर खिंच के लंड अंदर की तरफ पेल देता है।

पदमा चीख पडती है । उसकी ऑखों में आंसू आ जाते है पर बेरहम देवा नहीं रुकता वो धीरे धीरे उसे और गहराई में घुसाता चला जाता है।

जब देवा पूरा लंड अंदर डाल के बाहर खिचता है तो उसके लंड पे खून लगा होता है।
देवा;फिर से उसे अंदर ठोक देता है । आहह वो धीरे धीरे पदमा की गाण्ड मारने लगता है वो जानता था पहले कोई भी चिल्लाता है उसके बाद जब गाण्ड खुल जाती है तो हर कोई और मारने के लिए कहता है।


पदमा का भी यही हाल था ज़ोर ज़ोर से चीखने वाली पदमा की आवाज़ में अब सिसकियाँ शामिल हो गई थी वो रोक भी नहीं रही थी बस कमर को और पीछे करके आहह आहह माँ हलके हलके सिसक रही थी।

देवा का हर झटका उसे आगे धकेलता वो फिर से कमर हिलाते हुए पीछे को हो जाती।

देवा अब अपनी स्पीड बढाने लगता है और कमर को दोनों हाथों में थाम के सटा सट लंड गाण्ड में घुसाता चला जाता है।आहह आहह पदमा तेरी चूत से ज़्यादा नरम तो तेरी गाण्ड है आहह बहुत मजा आ रहा है मेरी जान।

पदमा;ओह आह मार ले। आज मै सब कुछ तुझे दे चुकी हूँ राजा। अपनी पदमा को भूलना मत आहह नहीं रह पाऊँगी तेरे लंड के बिना आहः

देवा का लंड पदमा के गाण्ड में तूफ़ान मचाने लगता है।

35 मिनट के बाद देवा अपने लंड को बाहर खिंच लेता है उसका लंड पदमा के खून से लतपथ था वो जल्दी से अपने लंड को कपडे से साफ़ कर लेता है और अपने कपडे पहनने लगता है।

पदमा अभी भी उसी तरह बेसुध पड़ी हुई थी उस में जैसे जान ही नहीं थी उठके कुछ करने की।

देवा कपडे पहन के पदमा को सीधा करता है उसके होठो को चुमता है और अपने घर की तरफ चल देता है।
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पदमा का मुंह खुलता चला जाता है और गाण्ड का सुराख़ भी।
आह मत कर आहह चूत में डाल दे रात भर खड़ा कर के मार चूत । मै कुछ नहीं बोलूँगी राजा पर गाण्ड में मत डाल आह।

देवा की उँगलियाँ अब ज़ोर ज़ोर से पदमा के गाण्ड में जाने लगती है जिससे उसकी गांड का सुराख़ खुलता चला जाता है।

पदमा वो उँगलियाँ तो किसी तरह बर्दाशत कर रही थी पर कुछ पलों बाद देवा बिना कोई चेतावनी दिए अपने लंड का सुपाडा पदमा के गाण्ड पे लगा देता है और उँगलियाँ बाहर खिंच के लंड अंदर की तरफ पेल देता है।

पदमा चीख पडती है । उसकी ऑखों में आंसू आ जाते है पर बेरहम देवा नहीं रुकता वो धीरे धीरे उसे और गहराई में घुसाता चला जाता है।
 

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