Incest हाय रे ज़ालिम................

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रात के १० बज रहे थे।सभी गांव वाले सो चुके थे पर हवेली में हिम्मत राव और रानी जाग रहे थे।

रानी;अपने बिस्तर पे पड़ी कुछ पढ़ रही थी।



तभी कोई उसके रूम में आता है और दरवाज़ा बंद कर देता है।

रानी;सर उठाके जब सामने देखती है तो उसके चेहरे पे मुसकान आ जाती है वो सीधी होके बैठ जाती है।

सामने लुंगी में हिम्मत राव खड़ा था।

वो धीरे धीरे रानी के पास आता है और उसके पास लेट जाता है।

रानी;अपने बापू को देख मुस्कुरा रही थी।

हिम्मत राव';रानी को अपने ऊपर खिंच लेता है।

रानी;आहह बापू क्या करते हो माँ आ गई तो।

हिम्मत राव;पगली वो तो कब की सो चुकी है।
उसके दूध में हर रोज़ के तरह मैंने अफीम की गोली मिला दिया था वो तो सुबह ही उठेंगी अब।

रानी;हटो भी बापू।आज मुझे सोने दो बहुत थक गई हूँ मैं।

हिम्मत राव;अरे बिटिया थकान मिटाने के लिए तो आया हूँ तेरे पास।
तूझे पता है ना कस की चुदाई से जिस्म हल्का रहता है।
वो रानी के मोटे मोटे ब्रैस्ट मसलने लगता है।

रानी;उन्हह बापू कितने गंदे हो तुम छोड़ो मुझे नींद आ रही है रानी एक करवट लेके लेट जाती है।

उसकी नाइटी कमर के ऊपर सरक चुकी थी पर रानी उसे नीचे नहीं करती।

हिम्मत;राव;अपनी लुंगी निकाल देता है उसका लंड ज़्यादा बड़ा तो नहीं था पर चूत को खुश करने के क़ाबिल ज़रूर था वो रानी के पीछे लेट जाता है और अपने लंड को हाथ में पकड़ के रानी की गांड के दरार में घीसने लगता है।

रानी; उहं उहं आहह बापू आहह क्या करते हो आह।

हिम्मत राव; अपनी बेटी के ब्रैस्ट को मसलता हुआ अपने लंड को रानी के दोनों पैरों के बीच में घुसा के आगे पीछे करने लगता है जिससे उसका लंड रानी की चूत पे रगड खाने लगा था ।
WOW BAAP BETI KA KUKARM :sex: NICE UPDATE
 
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रानी;पलट के अपने बापू के ऑखों में देखने लगती है।
तूम लिए बिना नहीं मानोगे है न बापू।

हिम्मत राव; साली तेरी माँ भी ऐसी ही थी पहले पहले नखरे करती थी फिर अंदर ड़ालने के बाद कमर उछाल उछाल के लेती थी।

रानी; बेटी किसकी हूँ।
हिम्मत राव; तेरी माँ को चोद के पैदा किसने किया है।

दोनो के होंठ मिल जाते है।


रानी को लंड रोज चाहिए था पर रानी को नखरे करके लेने की आदत थी वो हिम्मत राव के कपडे उतार देती है और अपनी नाइटी को एक झटके में निकाल के फ़ेंक देती है।

हिम्मत राव;बिस्तर पे सीधा लेट जाता है।
बिटिया ज़रा चूस ना सुबह से दर्द कर रहा है ये ।

रानी;अपने बापू के लंड को हाथ में पकड़ के पहले नीचे से ऊपर तक चुमती है।
और फिर गलप्प गलप्प उसे मुंह में भर में भर कर चूसने लगती है।

हिम्मत राव;आहह छिनाल बिटिया है तू आहह कितनी बार कहा है तुझे धीरे कर आहह सुनती ही नहीं है आहः

रानी;हिम्मत राव के गण्ड में अपनी एक ऊँगली डाल के लंड चूसने लगती है वो इतने ज़ोर से लंड खिच के चुसती थी की हिम्मत राव की हिम्मत जवाब दे देती थी।

हिम्मत राव;तू ऐसे नहीं सुनेगी। इधर आआ आजा तेरी चूत को मारना पड़ेगा कस के तभी तू सुनती है कमिनी
और वो रानी को अपने ऊपर खेंच लेता है।



रानी;बापू आहह चोदो ना आहह बहुत खुजली हो रही है मेरी चूत के अंदर आहः

हिम्मत राव;रानी को नीचे करके उसके पैरों के बीच आ जाता है और लंड को सीधा रानी के चूत पे रख के अंदर धक्का मार देता है।
इधर रानी जोश में कमर ऊपर उठाके लंड लेने लगती है उधर हिम्मत राव के झटके तेज़ होने लगते है ।


रानी;जानती थी की वो ज़्यादा देर नहीं टिकने वाला
आह बापू इतनी जल्दी झडना मत आहह मुझे रात भर चोदो आहः


हिम्मत राव;हाँ बिटिया आहह वो रानी को नीचे मसलता हुआ अपने लंड को अंदर तक खोंपता जाता है और १०मिन के बाद अपने लंड को बाहर निकाल लेता है।

रानी;अपना मुंह खोल देती है और हिम्मत राव अपने लंड का पानी अपनी बेटी के मुंह में गिराने लगता है।आहः



हिम्मत राव;बिस्तर पे लेट जाता है और रानी अपने बापू के छाती पे सर रख देती है।

रानी;बापू आप माँ की भी लेते हो न।

हिम्मत राव;बिलकुल नहीं जबसे तेरे से कसम खाया हूँ उस दिन से उसे एक बार भी नहीं चोदा।

रानी;ये सुनके मुस्कुरा देती है और अपने बापू के होठो को चूम लेती है।

हिम्मत राव;बिटिया देवा तेरे प्यार में पड़ के हमारा काम करेंगा।

रानी;बापू एक बार देवा को मै पटा लूँ उसके बाद वो हर वो काम करेंगा जो मै उसे करने के लिए कहुंगी।

हिम्मत राव;बस तू उसे पटा ले और उसके बाद किसी तरह उसे तेरी माँ रुक्मणी को पटाके चोदने पर लगा दे। उसके बाद मै गांव वालो के साथ उन दोनों को रंगे हाथों पकड़ लुंगा और उन दोनों का गांव निकाला हो जायेगा।

रानी; बापू ये काम तो आप किसी से भी करवा सकते थे न फिर देवा ही क्यूं।

हिम्मत राव;उसके बाप ने भरे पंचायत के सामने मुझे थप्पड मारा था। उसी दिन मैंने कसम खाया था की उसके पूरे खानदान को ख़तम कर दूंगा।

जिस दिन तेरी माँ और देवा का परिवार इस गांव से निकाला जायेगा उसी दिन रास्ते में मै उन सभी को अपने बन्दूक से भून दूंगा और किसी कुँए में गाड दूंगा।

रानी: मैं तो उस चुड़ैल से पीछा छुडाना चाहती हूँ आप को भी वही मिली थी शादी करने के लिये।
WOW BAHUT KHATARNAAK PLAN BANAYA HUA HAI HIMMAT NE
 
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देवा; पुरे ताकत से पदमा की चूची मरोड़ देता है।
साली चूत में लेने का शौक है और मुंह में लेने को नाटक कर रही है। चल मुंह खोल सब होंगा तुझ से।

पदमा डरते ड़रते अपना मुंह खोलने लगती है और देवा लंड को पकड़ के उनके मुंह के पास ले आता है।

पदमा की ऑखें साफ़ बता रही थी की वो बहुत बुरी तरह डरी हुई थी।



देवा;आहह शाबाश। आखिर पदमा किसी तरह देवा के लंड को अपने मुंह में लेने में कामयाब हो जाती है।

पर न वो उसे चूस रही थी और न आगे पीछे कर रही थी अपनी मुंह में अटकाये देवा को देखे जा रही थी।



देवा;आहह अपने लंड को पहले मर्तबा किसी औरत के मुंह में ड़ालने में कामयाब हुआ था उसे इन सब में बहुत मजा आ रहा था।
आह साली देख क्या रही है चूस उसे आम कैसे चुसते है वैसे अंदर बाहर कर आहह ।

शाबाश आहह ऐसे ही आहह तेरा मुंह इतना नरम है तो चूत कितनी नरम होंगी काकी आहह्ह्ह्ह।

पदमा; लंड को बड़े प्यार से चूसने लगती है गलप्प गलप्प।
ज़िन्दगी का पहला अनुभव हर किसी को बहुत अच्छा लगता है। उसी तरह पदमा को भी देवा का लंड अपने मुंह में आते जाते बड़ा अच्छा लग रहा था । वो बड़े चाव से देवा के लंड को अपने मुंह के गहराइयों में लेने लगती है।

गलप्प गलप्प गलप्प्प गप्पल्लल्लल्लल्ल।




देवा;आहह काकी बस कर आहह्ह्ह्ह।
उसका लंड पूरी तरह खड़ा हो चुका था वो जब खड़ा होता था तो फिर बिना अंदर घुसे वो शांत नहीं होता था। देवा के लंड के मोटी मोटी नसें पूरे तरह तन चुकी थी।

वो लंड को पदमा के मुंह से निकाल लेता है और पदमा को अपनी छाती से चिपका के उसके मीठे मीठे होंठों को चुसते हुए पदमा के चूत में एक ऊँगली पेल देता है।
WOW MAST POST PADMA NE DEVA KE LUND KO CHUS HI LIYA
 
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पदमा एक हलके से चीख़ मारती है उई माँ।
और कितना तड़पाएंगा आहह चोद ना आहह्ह्ह्ह्ह्।

दोनो एक दूसरे के मुंह में मुंह डाले एक दूसरे को चूसने चाटने लगते है।

थूक से दोनों के चेहरे पूरी तरह भीग चुके थे पर जोश अपने पूरे उफान पे था अब अगर कोई उन्हें रोकता तो देवा उसे भी चोद देता।



पदमा अपनी टाँगें खोल देती है।
आहह ले आजा देवा देख कैसे काँप रही है तेरे लंड के डर से तेरी काकी की चूत।



देवा;अपने लंड पे थूक लगा के उसे थोड़ा और चिकना करने लगता है।

पदमा के चूत से निकलता पानी इस बात का सुबूत था की वो बहुत गरम हो चुकी है।


पदमा;अपने दोनों चूचियों को मरोड़ते हुए देवा को बुलाती है और देवा अपने पहले चूत चुदाई के ख़ुशी में पदमा की तरफ बढ़ता है वो पदमा के पैर ऊपर उठाके अपने लंड को उसकी गीली चूत के मुंह पे रखता है।

पहली बार में लंड फिसल के नीचे चला जाता है।

पदमा;लंड को अपने हाथ में पकड़ के उसे पहले चूत के दाने पे घिसती है और फिर चूत के मुंह पे लगा देती है।
आह ले घुसा दे अंदरर देवा।

देवा;एक टाँग पकड़ के अपने लंड को पदमा के चूत में जैसे ही घुसाता है।



पदमा के मुंह से एक दर्दनाक चीख़ निकलती है।
अभी देवा का लंड का सिर्फ सुपाडा ही अंदर गया था की बाहर से कार के हॉर्न की आवाज़ से दोनों चौंक जाते है।

पदमा ; उठ के खडी हो जाती है।
लगता है मालिक मालकिन आ गये देवा तू जल्दी से कपडे पहन और पीछे के दरवाज़े से बाहर निकल जा।
DEVA KE SATH DHOKHA HO GYA LUND ANDAR GYA NAHI OR CHHAPA PAD GYA :loudlaff:
 
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देवा;आहह तेरी माँ की मुझे चोदने दे वरना मेरा लंड अकड़ा हुआ रहेगा आहह देख ना।

पदमा;अपना लंहगा पहनते हुए पागल मत बन देवा। मालिक ने हमे इस तरह देख लिया तो मुसीबत आ जायेंगी। तू अभी जा मै तुझसे मिलने खेत में आती हूँ।

देवा;किसी तरह अपने कपडे पहन के पीछे के दरवाज़े से खेत की तरफ निकल जाता है।

पदमा;जिस कमरे में थी वो रानी का था पदमा अपनी साडी लपेट रही थी की तभी वहां रानी आ जाती है।

रानी;पदमा काकी आप और यहाँ और आप कर क्या रही थी।

पदमा;वो बिटिया मै वो मै तो हाँ वो मालकिन कपडे धो रही थी तो मेरे पूरे कपडे गीले हो गये थे तो उन्हें सुखाने यहाँ डाल दी थी बाहर डालती तो बिना कपड़ों के कैसे रहती।

रानी;बड़े बड़े ऑखें निकाल के पदमा को ऊपर से नीचे देखने लगती है पदमा का कहा हुआ झूठ उसके हलक के नीचे नहीं उतर रहा था।

पदमा;बाहर निकल जाती है और बचे हुए कपडे धोने बैठ जाती है।

उधर देवा किसी तरह अपने खेत में पहुँचता है।
लंड का तो बुरा हाल था वो नीचे बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था। देवा अपने खेत में बने झोपडे में चला जाता है और लंड को हाथ में लेके हिलाने लगता है।

पर पत्थर की तरह कड़क हाथ में जैसे जैसे वो लंड को हिलाता है वैसे वैसे उसे दर्द और होने लगता है
वो दिल में पदमा को गालीयां देने लगता है।
साली हरामज़ादी आहह चूत दिखा के खड़ा लंड हिलवा रही है आह।
उसे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे वो अपने लंड को किसी पत्थर पे रख के कूट रहा हो।
THAT'S REAL KLPD WOW MAST UPDATE
 
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अपडेट 5

देवा से दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था वो जितना लंड को हाथ में पकड़ के आगे पीछे करता उतना ही दर्द और बढ़ जाता।

वो सामने पड़ा हुआ कपडा उठा लेता है और उससे अपने लंड पे लपेट के हलके हलके सहलाने लगता है उसकी ऑखें बंद हो जाती है। उसे दर्द से थोड़ी राहत मिलती है पर पूरी तरह सन्तुष्टि नही।

देवा के खेत में सुबह शालु की लड़की रश्मि ने बकरियाँ चरने को छोड़ी थी वो उन्हें वापस ले जाने के लिए पहुँचती है।

रश्मी को झोंपडे में से देवा की दर्द भरी आवाज़ सुनाई देती है तो वो ड़रते ड़रते जब झोंपडे के दरवाज़े के पास पहुंचती है तो एक दम से दो कदम पीछे को हो जाती है उसी वक़्त देवा की ऑखें उससे मिल जाती है।

रश्मी;क्या हुआ क्यों इतना चिल्ला रहा है।

देवा;आहह रश्मि मेरी मदद कर।

रश्मी;घबराते हुए झोंपडे के अंदर घुस जाती है।
बोल तो सही हुआ क्या है और ये तू इस तरह क्यों बैठा है रश्मि का इशारा देवा के लंड की तरफ था जिसे उसने कपडे से छुपा रखा था।

देवा;पता नहीं रश्मि मेरे गुप्त अंग पे कीड़े ने काट लिया है बहुत दर्द हो रहा है। मै मर जाऊँगा तू कुछ कर ना।

रश्मी;उसके पास बैठ जाती है उसे बहुत डर भी लग रहा था और घबड़ाहट भी हो रही थी। वो देवा को इस हालत में देख भी नहीं पा रही थी और उसे छोड के जा भी नहीं सकती थी।

देवा तू बोल क्या करुं मै जिससे तेरा दर्द कम हो जाए।

देवा;अपने लंड पे लिपटा हुआ वो कपडे का टुकड़ा हटा देता है।
इसकी मालिश कर दे अपने हाथों से।

रश्मी;नहीं नहीं मै ऐसा कुछ नहीं करने वाली मै तेरी माँ को बुला लाऊँ।

देवा;वो जब तक आएंगी मै मर चुका होंऊँगा। तू भी चल जा मरने दे मुझे आहः।

रश्मी;बेचारी गांव की भोली भाली लड़की इतना बड़ा लंड देख के तो उसके होश उडे पड़े थे। ऊपर से देवा उसे उसकी मालिश करने को कह रहा था।
रश्मी किसी तरह देवा के पैरों के पास बैठ जाती है और काँपते हाथों से देवा के लंड को पहले पकड़ती है फिर छोड देती है फ़िर पकड़ती है फिर छोड देती है आखिर कर उसे देवा की चीखें नहीं सुनी जा रही थी वो मज़बूती से देवा के लंड को थाम लेती है।




देवा;चुप हो जाता है आहह इसे आगे पीछे कर रश्मि।

रश्मी;दोनों हाथों में देवा का लंड पकड़ के उसके चमड़े आगे पीछे करने लगती है।
पहले वो डर रही थी पर धीरे धीरे उसकी ऑखें देवा के लंड पे जम जाती है।


और वो बड़े प्यार से हलके हलके लंड को मुठियाने लगती है।रश्मि के मुलायम और कमसिन हाथों में देवा के लंड को बहुत सुकून मिल रहा था।

देवा की चीखें बंद हो चुकी थी उसे बड़ा अच्छा लग रहा था । उसके शातिर दिमाग की चाल काम कर गई थी

10 मिनट तक रश्मि बिना कुछ कहे देवा के लंड को सहलाते रहती है और फिर अचानक देवा के लंड से एक तेज़ धार सीधा रश्मि के चेहरे पे गिरने लगता है।



रश्मी की ऑंखें बंद हो जाती है और देवा वही धडाम से गिर जाता है उसके लंड का सारा पानी निकल चुका था जिस्म ढिला हो गया था और उसे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था।

पर रश्मि की हालत ख़राब थी उसे अब पता चल चूका था की देवा को क्या हुआ था वो उठ के खडी हो जाती है और देवा को एक लात मारती है।

रश्मी;हरामी तुझे दर्द कोई नहीं हो रहा था । तुझे मस्ती चढी थी जो तूने मेरे हाथों उतार ली। है ना बोल।

देवा;हँसता हुआ अपनी पेंट पहन लेता है और रश्मि को एक कपडा थमा देता है।
हाँ बिलकुल सही पहचाना तूने। ले चेहरा साफ कर ले अपना।

रश्मी;मुझे नहीं करना साफ़ अभी ऐसे ही तेरी माँ के पास जाती हूँ और उन्हें सब बताती हूँ।

देवा; जा बोल दे माँ को। मेरा क्या है तू मार खाएगी मेरे माँ के हाथ से भी और तेरी माँ से भी।

रश्मी;पैर पटकते हुए वहां से बकरियाँ हाँकते हुए अपने घर की तरफ चली जाती है।
WOW MAST CUMSHOT AKHIR DEVA KA PANI NIKAL GYA RASHMI KE HAATH SE
 
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रश्मी किसी तरह देवा के पैरों के पास बैठ जाती है और काँपते हाथों से देवा के लंड को पहले पकड़ती है फिर छोड देती है फ़िर पकड़ती है फिर छोड देती है आखिर कर उसे देवा की चीखें नहीं सुनी जा रही थी वो मज़बूती से देवा के लंड को थाम लेती है।



देवा;चुप हो जाता है आहह इसे आगे पीछे कर रश्मि।

रश्मी;दोनों हाथों में देवा का लंड पकड़ के उसके चमड़े आगे पीछे करने लगती है।
पहले वो डर रही थी पर धीरे धीरे उसकी ऑखें देवा के लंड पे जम जाती है।


और वो बड़े प्यार से हलके हलके लंड को मुठियाने लगती है।रश्मि के मुलायम और कमसिन हाथों में देवा के लंड को बहुत सुकून मिल रहा था।

देवा की चीखें बंद हो चुकी थी उसे बड़ा अच्छा लग रहा था । उसके शातिर दिमाग की चाल काम कर गई थी

10 मिनट तक रश्मि बिना कुछ कहे देवा के लंड को सहलाते रहती है और फिर अचानक देवा के लंड से एक तेज़ धार सीधा रश्मि के चेहरे पे गिरने लगता है।



रश्मी की ऑंखें बंद हो जाती है और देवा वही धडाम से गिर जाता है उसके लंड का सारा पानी निकल चुका था जिस्म ढिला हो गया था और उसे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था।

पर रश्मि की हालत ख़राब थी उसे अब पता चल चूका था की देवा को क्या हुआ था वो उठ के खडी हो जाती है और देवा को एक लात मारती है।

रश्मी;हरामी तुझे दर्द कोई नहीं हो रहा था । तुझे मस्ती चढी थी जो तूने मेरे हाथों उतार ली। है ना बोल।

देवा;हँसता हुआ अपनी पेंट पहन लेता है और रश्मि को एक कपडा थमा देता है।
हाँ बिलकुल सही पहचाना तूने। ले चेहरा साफ कर ले अपना।

रश्मी;मुझे नहीं करना साफ़ अभी ऐसे ही तेरी माँ के पास जाती हूँ और उन्हें सब बताती हूँ।

देवा; जा बोल दे माँ को। मेरा क्या है तू मार खाएगी मेरे माँ के हाथ से भी और तेरी माँ से भी।

रश्मी;पैर पटकते हुए वहां से बकरियाँ हाँकते हुए अपने घर की तरफ चली जाती है।
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देवा;हाथ मुंह धो के घर चला जाता है।

देवा की माँ रत्ना देवा का इंतज़ार कर रही थी । वो बहुत बेचैन हो जाती थी जब देवा वक़्त पे घर नहीं पहुँचता था।

रत्ना;देवा को देख घर के भीतर चली जाती है और उसके लिए खाना गरम करने लगती है।

देवा; हाथ मुंह धोके रसोई में आता है।
अरे माँ तुम्हे कैसे पता की मै आ गया हूँ।

रत्ना;माँ हूँ मै तेरे कदमों की आहट सुन लेती हूँ चल बैठ जल्दी से और खाना खा ले।

देवा;अपने माँ के गले में बाँहें डालके उसे अपने सिने से लगा लेता है। सच माँ तुम जैसे माँ किस्मत वालो को मिलती है।

रत्ना;बस बस खाना खा ठण्डा हो रहा है ।

देवा;एक नज़र रत्ना पे ड़ालता है और फिर खाना खाने बैठ जाता है।
ये माँ बेटे के बीच में रोज होता था देवा कभी कभी रत्ना को अपने से चिपका लेता और रत्ना भी उसे कुछ नहीं कहती। बस उसके आगे दोनों में से कोई कभी आगे नहीं बढा था।

खाना ख़तम करके देवा बाहर आँगन में बिस्तर पे लेट जाता है और थकान के कारण उसे फ़ौरन नींद लग जाती है।

सुबह जब देवा की आँख खुलती है तो उसे रत्ना और ममता सजे साँवरी दिखाई देती है।

देवा;क्या बात है माँ कहाँ जा रही हो।

ममता ; ओफ़ हो भैया आप्प को तो कुछ याद नहीं रहता मैंने कल आपको कहा था न की मेरी सहेली कुमारी की शादी है माँ और मै वही जा रहें है। तुम भी तैयार हो जाओ और जल्दी से वहां आ जाना।

ये कहते हुए दोनों कुमारी के घर निकल जाते है।

देवा का मूड आज बहुत अच्छा था। कल रश्मि ने मुठ जो मार दी थी।
वो उठ के बारामदे में बने बाथरूम में नहाने चला जाता है की तभी उसे दरवाज़े पे किसी की आवाज़ सुनाई देती है वो मुड के देखता है तो सामने पप्पू खड़ा था वो घर से तैयार होके आया था शादी में जाने के लिये।
WAH DEVA KI MAA BEHAN BHI MAST HAIN
 
LEGEND NEVER DIES................................
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अपडेट 68

रात ममता को जम कर चोदने के बाद देवा गहरी नींद में सोया हुआ था । सुबह के 8 बज रहे थे।
मगर आज देवा न तो सुबह जल्दी उठा था और न अपने खेत में गया था।
ममता ;अपनी माँ के पास जाके सुबह सुबह लेट गई थी।
रत्ना;सुबह का नाश्ता बनाकर देवा को उठाने के लिए उसके रूम में चली जाती है।
देवा उस वक़्त सिर्फ लुंगी में सोया हुआ था पास ही में उसकी चड्डी पड़ी हुई थी।
लूँगी में तम्बू बना हुआ लंड रत्ना को दावत दे रहा था।
रत्ना;देवा के काँधे को हिलाने लगती है।
उठ भी जा बेटा बहुत देर हो गई है।
देवा; सोने दो न माँ अभी अभी तो आँख लगी थी मेरी।
रत्ना;रात भर जागेगा तो सुबह आँख कैसे खुलेंगी तेरी। चल उठ जा।
देवा झटके से उठके बैठ जाता है और रात का वो रत्ना का खिडके से झाँकना उसे याद आ जाता है।
माँ तुम भी न। क्या वक़्त हुआ है अभी।
रत्ना;सूरज सर पर आ गया है और तुम यहाँ हो।
याद है ना अपने मामा के घर भी जाना है तुझे आज
देवा;हाँ याद है ना माँ।
वैसे माँ आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो इस साडी में।
तूम तो साडी पहनती ही नही।
रत्ना;बस बस मै ममता के लिए पूजा करने मंदिर गई थी इसलिए ये साडी पहन ली।
देवा;रत्ना का पल्लू पकड़ के उसे देखने लगता है।
बहुत खूबसूरत साडी है ये।
और अचानक पल्लू रत्ना की छाती से सरक जाता है।
रत्ना;उसे ठीक करने लगती है मगर उससे पहले देवा अपना हाथ सीधा रत्ना की ब्रैस्ट पर रख के उसे ज़ोर से मसल देता है।
रत्ना;आहह उन्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह।
एक सिसकी रत्ना के मुँह से निकल जाती है।
क्या कर रहा है रे
देवा;कुछ भी नहीं माँ।
रत्ना;देवा का हाथ नहीं हटाती बस मुँह से उसे रुकने के लिए कहती है। रात का नशा अब भी रत्ना की ऑखों में छाया हुआ था।
चुदाई तो ममता की हुई थी मगर चूत रत्ना की सुलग रही थी।
देवा;बहुत नरम है ये।
रत्ना; छोड दे हरामी मेरे हाथों की मार भूल गया तु।
देवा;नही भुला माँ।
वो रत्ना की गर्दन को चुमने लगता है।
रत्ना;बस कर रे । ममता समझ रखा है क्या मुझे।
देवा;ममता तो बड़े प्यार से देती है रात भर। तू तो देख चुकी है माँ।
बस एक बार मुझे ये चखने दे।
देवा रत्ना की साडी के ऊपर से उसकी सुलगती चूत पर हाथ रख देता है।

चूत पर हाथ पडते ही रत्ना बहक जाती है उसे ऐसे लगता है जैसे किसी ने तपते हुए रेत पर पानी के कुछ क़तरे डाल दिए हो।
रत्ना;नही छोड़ मुझे। मै तेरी बातों में नहीं आने वाली।
ये पाप मै नहीं करुँगी आह्ह्ह्ह।
देवा;माँ शहर से मै दो मंगलसुत्र लाने वाला हूँ।
एक ममता की शादी के लिए और एक तेरे लिये।
रत्ना; ये सुनके देवा को धक्का देके उससे अलग हो जाती है।
क्या बकवास कर रहा है तू होश में तो है।
देवा;लपक के रत्ना का हाथ पकड़ के उसे अपने बेड पर गिरा देता है और उसके ऊपर सवार हो जाता है।
रत्ना;देवा से छूटने की लाख कोशिश करती है मगर देवा की मज़बूत पकड़ से वो निकल नहीं पाती।
देवा;हाँ माँ मै तुम्हें अपनी पत्नी बनाना चाहता हूँ बापु की मौत के बाद तुम बिल्कुल अकेली रह गई हो।
मै तुम्हे अपनी पत्नी बनाकर रात दिन चोदना चाहता हूँ। अगर तुम अपनी मर्ज़ी से हाँ कहती हो तो ठीक है।
वरना मै ज़बर्दस्ती भी कर सकता हूँ मगर अपनी बात से पीछे नहीं हटूँगा। मै बोल देता हूँ।
रत्ना;मैंने तुझे पैदा ही क्यों किया हरामी।
देवा;मुझे पैदा करके तूने बहुत अच्छा किया माँ वरना इस प्यासी चूत का कौन ख्याल रखता।
देवा रत्ना की चूत को साडी के ऊपर से सहलाने लगता है और दूसरे हाथ से रत्ना के निप्पल्स को भी मरोडने लगता है।
रत्ना तडपने लगती है। एक तरफ आज देवा ने वो बात कहा था जो वो खवाब में भी नहीं सोच सकती थी।
वो हैरान थी की देवा में इतनी हिम्मत आई कहाँ से शायद क़सूर रत्ना का ही था।
देवा;आज दोपहर में मै मामा के यहां जा रहा हूँ वापस आने के बाद मुझे तुम्हारा जवाब चाहिए।
सोच लो मेरी पत्नी बनकर चुदवाना चाहती हो या कुछ और फैसला तुम पर छोडता हूँ।
देवा; रत्ना के लरज़ते होठो को चूम के उसके ऊपर से उठके बाहर चला जाता है।
और नहा धोकर अपने मामी देवकी के घर की तरफ अपना ट्रेक्टर बढा देता है।
रत्ना;हैरान परेशान से देवा की बात पर सोचने बैठ जाती है।
उधर जब हिम्मत राव को ये बात पता चलती है की देवा अपने मामा के यहाँ कुछ दिन के लिए गया है।
तो उसे हंसी आ जाती है देवा की किस्मत पर। मगर
अगले ही पल हिम्मत का शातिर दिमाग काम करता है और वो खुद से बात करने लगता है।
हिम्मत;देवा गया है अपने मम्मी के यहां । इसका मतलब रत्ना और उसकी बेटी घर में अकेली होगी।

अगर विक्रांत जल्दी आ जाये तो दोनों माँ बेटी का काम उनके घर में करवा दूंगा और देवा को रास्ते में ही।
खुद की बात पर मुस्कराता हुआ हिम्मत हुक्के के कश भरने लगता है।
देवा दोपहर तक अपने मामी देवकी के घर पहुँच जाता है।
देवा दरवाज़ा खटखटाता है।
दरवज़ा कौशल्या खोलती है।
कौशल्या;देवा तुम अचानक से आ गए। आओ अंदर आओ किसी के हाथ से संदेशा भिजवा देते। कैसे हो... बैठो ना।
देवा;हाँ वो ममता के रिश्ते की बात चल रही है तुम्हारे गांव में तो सोचा देख आता हूँ उन लोगों का रहन सहन।
कौशल्या;अरे बहुत अच्छा किया तुमने बहुत याद आ रही थी तुम्हारी।
देवा; सच्ची...... वो कौशल्या की बात पर उसे घुरने लगता है।
कौशल्या;शरमा जाती है अब ऐसे घूरो मत मुझे।
देवा;मामी और रामु कहाँ है कोई दिखाई नहीं दे रहा।
कौशल्या;अपनी नज़रें नीचे ज़मीन की तरफ रख के धीमी आवाज़ में उससे कहती है वो खेत में गए है पांच बजे से पहले नहीं आने वाले।
तूम हाथ मुंह धो लो। मै चाय बनाकर लाती हूँ।
कौशल्या;जैसे ही मुडती है देवा उसे पीछे से अपनी बाहों में जकड लेता है।
कौशल्या;आह अभी नहीं देवा।
देवा;मैंने तो कुछ किया भी नहीं भाभी।
कौशल्या;भाभी नहीं पत्नी हूँ मै तुम्हारी पतिदेव। ये जो मेरे कोख में पल रहा है ये तुम्हारा ही खून है।
देवा;बहुत याद आ रही थी तेरी भाभी मुझे। जो बात तेरी चूत में है वो कही नहीं दिखती मुझे।
कौशल्या;आहह चूत तो आपको देख कर ही खुश हो जाती है। मेरे सैया अब तुम आ गये हो। जी भर के ले लो मेरी। कोई नहीं रोकेंगा तुम्हें।
देवा; मुँह में ले जल्दी।
कौशल्या; हाँ...
वो नीचे बैठ जाती है और हक़ीकत बात यही थी की कौशल्या दिल से देवा को अपना पति मानती थी।
दुनिया की नज़र में रामु उसका पति था मगर असली ख़ुशी उसे देवा ने ही दिया था।
वो नीचे बैठ के देवा का पेंट उतार देती है और झट से अपने नाज़ुक हाथों में देवा का लंड पकड़ के उसे चुम लेती है।
कौशल्या; हाय्य्य ये मुआ मुझे बहुत तड़पाता है कहके देवा का लंड चूसने लगती है।गल्प गल्प गलप्पप्पप्प।

देवा; धीरे से मेरी भाभी।

कौशल्या;अब अगर दूबारा भाभी बोलोगे तो काट लुंगी इसे गलप्प गलप्प।
देवा;कौशल्या की कमीज की ज़िप पीछे से खोल देता है। और एक झटके में उससे जिस्म से अलग कर देता है।
कौशल्या अपनी सलवार का नाडा खोल देती है और सलवार नीचे गिर जाती है।
ममता की होने वाली सास जो देवकी के घर के सामने ही रहती थी। उसे देवकी के आँगन में ट्रेक्टर खड़ा दिखाई देता है।
और वो समझ जाती है की रत्ना के यहाँ से कोई आया हुआ है वो दौड़ते हुए देवकी के घर में चलि जाती है।
जैसे ही कोमल देवकी के घर के दरवाज़े पर पहुँचती है उसके पैर रुक जाते है अंदर से आने वाली सिसकियाँ उसे रुकने पर मजबूर कर देती है।
कोमल;दिल ही दिल में सोचने लगती है की अंदर क्या हो रहा है।
वो खिडकी के दरार में से झाँकने लगती है और अंदर का नज़ारा देख उसकी ऑंखें फटी की फटी रह जाती है।।
देवा के लंड को अपने मुँह में लिए और अपनी चूत को देवा के मुँह से चिपकाये कौशल्या सिसक रही थी।

कमल; हाय राम ये क्या देख रही हूँ मैं।
देवर अपनी भाभी के साथ।
मगर अगले ही पल कोमल को दुसरा झटका लगता है जब कौशल्या के हलक से देवा का लंड बाहर आता है।
तकरीबन कलाई के जितना मोटा और साँप के तरह फन वाला देवा का लंड देख कोमल के हाथ पैर काँपने लगते है।
कौशल्या;जल्दी करो जी माँ आती होगी।
देवा; कौशल्या को अपने नीचे लिटा के उसके ऊपर चढ़ जाता है।
कोमल सोच में पड़ जाती है की ये मोटा खुट्टा इस नरम ज़मीन में कैसे जायेगा।
मगर अगले ही पल उसे सारे सवालों के जवाब भी मिल जाते है जब देवा अपनी भाभी की नाज़ुक चूत में एक झटके में अपना लंड पेल देता है।
कौशल्या;माँ मर गई।
एक बार में मत घुसाया करो इसे।
जान ले लेता है आअह्हह्हह्हह।
देवा;मेरे रानी तेरी चूत में रुकता ही नही ए।
कौशल्या;रुकना भी मत अब आह्ह्ह्ह्ह।
बहुत सूखी है मेरी चूत। इसे ठण्डी कर दो जी।
कौशल्या;अपने दोनों पैरों को देवा की कमर से लपेट के कमर उछाल उछाल के देवा से चुदवाने लगती है।

और बाहर खड़ी कोमल की चूत ये देख पानी पानी हो जाती है।
वो जल्दी से वहां से निकल के अपने घर में सीधा बाथरूम में घुस जाती है।
और सलवार नीचे सरककर अपनी चूत को रगडने लगती है उसकी ऑखों के सामने वही देवा का मोटा तगड़ा लंड आ जाता है जो थोडी देर पहले कौशल्या की चूत को भंभोड रहा था।
एक चीख़ के साथ कोमल के चूत से पानी की धार बाहर बहने लगती है।
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देवा;बहुत याद आ रही थी तेरी भाभी मुझे। जो बात तेरी चूत में है वो कही नहीं दिखती मुझे।
कौशल्या;आहह चूत तो आपको देख कर ही खुश हो जाती है। मेरे सैया अब तुम आ गये हो। जी भर के ले लो मेरी। कोई नहीं रोकेंगा तुम्हें।
देवा; मुँह में ले जल्दी।
कौशल्या; हाँ...
वो नीचे बैठ जाती है और हक़ीकत बात यही थी की कौशल्या दिल से देवा को अपना पति मानती थी।
दुनिया की नज़र में रामु उसका पति था मगर असली ख़ुशी उसे देवा ने ही दिया था।
वो नीचे बैठ के देवा का पेंट उतार देती है और झट से अपने नाज़ुक हाथों में देवा का लंड पकड़ के उसे चुम लेती है।
कौशल्या; हाय्य्य ये मुआ मुझे बहुत तड़पाता है कहके देवा का लंड चूसने लगती है।गल्प गल्प गलप्पप्पप्प।

देवा; धीरे से मेरी भाभी।
कौशल्या;अब अगर दूबारा भाभी बोलोगे तो काट लुंगी इसे गलप्प गलप्प।
देवा;कौशल्या की कमीज की ज़िप पीछे से खोल देता है। और एक झटके में उससे जिस्म से अलग कर देता है।
कौशल्या अपनी सलवार का नाडा खोल देती है और सलवार नीचे गिर जाती है।
ममता की होने वाली सास जो देवकी के घर के सामने ही रहती थी। उसे देवकी के आँगन में ट्रेक्टर खड़ा दिखाई देता है।
और वो समझ जाती है की रत्ना के यहाँ से कोई आया हुआ है वो दौड़ते हुए देवकी के घर में चलि जाती है।
जैसे ही कोमल देवकी के घर के दरवाज़े पर पहुँचती है उसके पैर रुक जाते है अंदर से आने वाली सिसकियाँ उसे रुकने पर मजबूर कर देती है।
कोमल;दिल ही दिल में सोचने लगती है की अंदर क्या हो रहा है।

वो खिडकी के दरार में से झाँकने लगती है और अंदर का नज़ारा देख उसकी ऑंखें फटी की फटी रह जाती है
 

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