Incest हाय रे ज़ालिम................

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अपडेट 26

रात की कडी मेहनत के बाद देवा सुबह देर से जगता है।
रामु;सुबह सवेरे ही खेत में चला गया था।
देवकी;अपने चूत और गाण्ड के दर्द के वजह से अपने बिस्तर पे करवट बदल रही थी।
कौशल्या;किचन में सुबह के नाश्ते की तैयारी में लगी हुई थी की तभी देवा उसे पीछे से अपने बाँहों में जकड लेता है।

कौशल्या; आह्ह्ह माँ ओह्ह तुम हो मै तो डर ही गई थी।
उठ गए जनाब।

देवा;क्या बात है भाभी आज सुबह सुबह आपका चेहरा बड़ा खिला खिला लग रहा है क्या बात है।

कौशल्या के चेहरे पे शरम की लाली फ़ैल जाती है।
वो रात भर तो नहीं पर कुछ वक़्त अपने पति रामु के बाहों में ज़रूर थी और इसलिए कौशल्या का मूड काफी अच्छा था।
सब तुम्हारी वजह से भइया।

देवा बुरा सा मुंह बना लेता है।
भैया......अच्छा चलो मेरा इनाम निकालो

कौशल्या;कैसा इनाम।

देवा;अच्छा कल जो तुमने मुझे वादा की थी की अगर मैंने तुम्हे इस घर में वो मान सम्मान दिला दिया तो तुम मुझे मुंह माँगा इनाम दोगी।

कौशल्या;मुझे ऐसा कुछ याद नहीं है मैंने ऐसा कुछ कही थी क्या भइया।

देवा; अच्छा इसका मतलब आपने मुझसे झूठ कहा था। जाओ मै आपसे बात नहीं करता।

कौशल्या;अरे मै तो मज़ाक़ कर रही थी अच्छा बताओ क्या चाहिये तुम्हें।

देवा;पक्का सोच लो जो माँगूँगा देना होगा।

कौशल्या; मुस्कुराते हुए पक्का वादा।

देवा;फ़िलहाल तो आपको मुझे होठो पे चुमना पड़ेगा उसके बाद देखेंगे।

कौशल्या; क्या नहीं बिलकुल नही।

देवा; वादा किया है निभाना तो पड़ेगा।

कौशल्या ; देवा के पास आती है और उसके ऑखों पे अपने हाथ की हथेली रख के देवा के होठो को चुम लेती है।

बस अब ठीक है।

देवा;जी नहीं ऐसे नहीं ऐसे।
और देवा इस बार कौशल्या को अपने छाती से चिपका के उसके रसीले होठो को किसी आम की तरह मुंह में भर के चुसता चला जाता है और कौशल्या परकटे पंछी की तरह देवा की छाती पे मुक्के बरसाती जाती है।



पर कुछ देर बाद कौशल्या भी देवा का साथ देने लगती है। देवा अपने हाथ के पंजे से कौशल्या की नरम चूचि मसल देता है।

कौशल्या ;उई ए क्या करते हो ।

देवकी;अपने कमरे से।
बहु मेरी चाय कहाँ है।

कौशल्या ;देवा को पीछे धकलते हुए आई माँ जी।
वो तो चाये बनाना में लग जाती है और देवा देवकी के कमरे में चला जाता है।
बिस्तर पे लेटी हुए देवकी देवा को देख शरमा जाती है। जैसे कोई नई नवेली दुल्हन सुहागरात के बाद सुबह सुबह अपने पति को देख शरमाती है।

देवा रात की चुदाई के बाद बहुत ढीठ हो चुका था । अब उसे मामी भाभी इन सब रिश्तों के साथ छेड छाड़ करने में बहुत आनन्द आ रहा था। वो देवकी के पास जाके बैठ जाता है और अपना हाथ देवकी की जांघ पे रख देता है।
कैसे हो मामी।

देवकी; बड़ा ज़ालिम है रे तू। रात भर अपनी मामी पे ज़ुल्म करके पूछता है कैसी हो मामी। पूरा बदन दुःख रहा है ।

देवा; देवकी की जांघ पे रखा अपना हाथ आगे सरका के उसकी चूत पे रख देता है और देवकी के कुछ बोलने से पहले चूत को मसल देता है।

देवकी;आहह बेटा मत छू उसे। वो जग जाएँगी आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह।

देवा;देवकी को अपने बाँहों में कस लेता है और उसके गरदन को चुमते हुए धीरे से देवकी के कान में कहता है।


मामी आपकी चूत बहुत मस्त है दिल तो कर रहा है अभी आपको पूरा नंगा करके कस के चोद दुं।

देवकी; बेटा चूत तो मेरी भी यही चाह रही है पर अभी बहु घर में है ना आहह आह्ह्ह्ह।


देवा;तो क्या हुआ वो तो रामु के साथ आपको देख चुकी है न।

देवकी;हाँ इसी बात से तो मै परेशान हूँ बेटा कैसे नज़रें मिलाऊँ उससे समझ नहीं आता।

देवा;अगर मै ऐसा कुछ कर दूँ की तुम्हें अपनी बहु के सामने से शर्म महसूस न हो तो.....

देवकी;अपनी छाती से देवा के मुंह को चिपका देती है। फिर तो तेरी ये मामी तेरे गुलाम बन जाएगी। तू जो कहेंगा जहाँ कहेंगा वो मै करुँगी।देवा अपनी मामी को कुछ समझा देता है फिर.....

देवा; अपने मामी के होंठ को चुमने लगता है और उसी समय कौशल्या चाय का कप ले के देवकी के रूम में आती है।

देवा;अपने होंठ देवकी के होठो से निकाल लेता है और देवकी चाय पीने लगते है।
और चाय पीके कौशल्या से बोलके खेत में चली जाती है।

कौशल्या; ये सब क्या हो रहा था देवा।
देवा;कुछ नहीं मै तो बस मामी के गले मिल रहा था ।

कौशल्या अच्छा सब देखा मैंने बड़े आये गले मिलने वाले। हूं......
वो देवा को घुरने लगती है और उसी मदमस्त निगाहो से वो देवा के सामने रखा चाय का कप उठाते हुए वापस किचन में चली जाती है।


देवा; उठके कौशल्या के पीछे पीछे चला जाता है ।
भाभी भाभी क्या हुआ ।

कौशल्या ;कुछ नहीं मुझे काम करने दो।

देवा;मेरे अच्छी भाभी मेरी भोली भाभी मेरी सुन्दर भाभी इतना गुस्सा ठीक नहीं है चलो अब हँस भी दो।

कौशल्या;हंस पडती है अच्छा बाबा अब मुझे नहाने भी दोंगे या नहीं चलो हाथो मुझे नहाने जाना है। उसके बाद बहुत से काम है ।

देवा;आप नहाने जा रही हो ।

कौशल्या ; हाँ क्यूं।

देवा;मुझे भी नहाना है मै भी साथ चलता हूँ।

कौशल्या : नहीं पागल तो नहीं हो गये न तुम।

देवा; भूल गई जो मै कहुंगा वो तुम्हें मानना होगा। वादा किया है तुमने।

कौशल्या ;अपने सर पे हाथ मारके रह जाती है।

देखो देवा तुम नहाते वक़्त कोई शरारत तो नही करोगे ना।

देवा;करूँगा हाहा।हाहा।
मेरी मर्ज़ी चलो जल्दी चलो।

चूत तो कौशल्या की भी फड़फड़ा रही थी देवा के साथ नहाने के लिए ।

दोनो बाथरूम में घुस जाते है। कौशल्या ने अपने जिस्म पे एक पतली सी साडी बांध रखी थी जिसके निचे कुछ भी नहीं था और देवा सिर्फ पेंट में।

कौशल्या बाथरूम में एक कोने में बैठके नहाने लगती है और देवा उसे देखने लगता है।

कौशल्या;अब खड़े खड़े मेरा मुंह क्या देख रहे हो नहाना नहीं है क्या।

देवा;हाँ हाँ नहाना है।

कौशल्या अपने ऊपर के जिस्म पे साबुन लगाने लगती है और साथ ही अपने चेहरे पर भी साबुन लगाके मलने लगती है।

इधर देवा अपने पेंट में से अपना लंड निकाल के सिर्फ उसपे पानी डालके उसे साबुन लगा के धोने लगता है जैसे कोई मैदान ए जंग का सिपाही जंग पे जाने से पहले अपने तलवार साफ़ करता है।

कौशल्या जैसे ही चेहरे पे लगे साबुन को पानी से धोके देवा की तरफ देखती है उसकी साँस चलना बंद हो जाती है।
काला लम्बा मोटा वो ज़हरीले साँप की तरह दिखने वाला देवा का वो लंड जिसे वो हाथ में लेके बैठा था कौशल्या देखते ही रह जाती है।
अपनी ज़िन्दगी में उसने छोटे मोटे लंड तो देखे थी पर असली लंड उसे आज देखने को मिला था। वो कभी देवा को देखती फिर उसके लंड को देखती और अपने जिस्म पे पानी डालती जाती।

देवा;क्या हुआ भाभी।

कौशल्या;कुछ नहीं वो अपने पीठ देवा की तरफ करके अपने धड़कते दिल को सँभालने ही लगती है की देवा उसे पीछे से पकड़ लेता है।


देवा;कुछ चाहिए भाभी।

कौशल्या; हाँ ..नहीं छोड़ो न तुमने वादा किया था की.....
देवा का लंड कौशल्या की पतली सी साडी के ऊपर से ठीक उसके गाण्ड के सुराख़ के पास चुभने लगता है। जिससे कौशल्या के शरीर में अकडन होना शुरू हो जाती है।

देवा; कौशल्या को अपने जिस्म से कस के चिपका लेता है।

भाभी मुझे आपको करना है।

कौशल्या; ओह्ह्ह्ह करो न भैया रोका किसने है।

देवा;को यही सुनना था । वो अपने पेंट वही उतार के कौशल्या के जिस्म से साडी निकाल के उसे अपनी गोद में उठा लेता है और उसके होठो को चुमते हुए उसे उसके कमरे में ले आता है।

कौशल्या;कल रात रामु के साथ इस कमरे में चूदी थी वो चूदाई तो रामु से थी । पर हर धक्का उसे देवा की याद दिला देता था ।

देवा कौशल्या को लिटा के उसके मिठे मीठे नरम मखमली ब्रैस्ट को मुंह में लेके चुसने लगता है गलप्प भाभी। आपकी चूचियां कितनी नरम है गलप्प गलप्प्प।

कौशल्या; आहह तुम्हारे है भैया आहह पी लो सारा दूध अपनी बहन का आह्ह्ह्ह्ह।



देवा के हाथ नीचे कौशल्या की चूत पे रेंग रहे थे और मुंह उसके ब्रैस्ट को छोड़ने को तैयार नहीं था । जिसके वजह से कौशल्या की बुरी हालत थी। वो तो बस अपनी चूत में देवा का लंड लेना चाहती थी । पर देवा आज कौशल्या को पहले जी भर के पीना चाहता था उसके बाद उसे अपने लंड का पानी पीलाना चाहता था।

कौशल्या;भैया मुझे भी चाहिए।

देवा;क्या भाभी।

कौशल्या; ये।
उसका इशारा देवा के लंड की तरफ था। देवा बिना कुछ कहे कौशल्या को अपने लंड की तरफ खीच लेता है और कौशल्या देवा के खूबसूरत लंड को पहले कितनी ही देर देखती है और फिर उसे चुमते हुए अपने मुंह के अंदर ले लेती है गलप्प गलप्प।


कितनी ही देर वो देवा के लंड को नहीं छोड़ती और जब छोड़ती है तो देवा के लंड की नसे फूल के एकदम मोटी हो गई थी। खून से भरे हुए लंड की नसे देख कौशल्या की चूत डरने भी लगती है और चुदने के लिए चीखने भी लगती है।

देवा;कौशल्या को सीधा लिटा के उसके पैर खोल देता है और धीरे धीरे अपने लंड को कौशल्या की चूत में घुसाते जाता है।

कौशल्या; उईई माँ क्या है ये लंड है या कोई बांस है आह्ह्ह।


देवा;कम चिललाओगी धीरे से करुँगा ज़ोर से चिल्लाओगी उतने ज़ोर से चोदुँगा आह्ह्ह।

कौशल्या;अपने मुंह पे दोनों हाथ रख देती है जिससे उसकी आवाज़ न निकल सके पर देवा ने तो उससे मज़ाक़ किया था वो ऐसा खुंखार शिकारी था जो अपने शिकार को कभी अधूरा नहीं छोडता था । वो अपने लंड से कौशल्या की चूत को खोलता चला जाता है और कौशल्या कुछ देर बाद कुँवारी लड़की की तरह चीखने लगती है।

आह निकाल ले बाहर मर जाऊँगी मै आअह्हह्हह्हह।

देवा;बस थोडी देर भाभी आहह बस हो गया न आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।

कौशल्या रोने लगती है उसकी चूत से पानी की धार बहने लगती है कभी कभार चुदने वाली कौशल्या आज अपने ज़िन्दगी के सबसे सुखद और दर्दनाक दौर से गुज़र रही थी । एक तरफ चूत की आग उसे और और चुदने के लिए कह रही थी और एक तरफ लंड की मार उसे चुदने से रोक रही थी

देवा;अपने मज़बूत हाथों से कौशल्या के दोनों ब्रैस्ट को पकड़ के सटा सट अपना लंड उसकी चूत में घुसाए जा रहा था।



रोते रोते कौशल्या की आवाज़ अब सिसकारियों में बदल चुकी थी उसकी चूत ने देवा के लंड को अच्छी तरह अपना ली थी वो दोनों टांगों को और खोल देती है। जिससे देवा के लंड को अंदर जाने में आसानी हो।

देवा;आहह क्या बात है भाभी अब तो चिल्ला भी नहीं रही हो।

कौशल्या;प्यार करती हूँ तुमसे और प्यार करने वाले की हर चीज़ अच्छी लगती है दर्द भी आह्ह्ह्ह्ह।

देवा;अपनी भाभी के होठो को चुमता हुआ अपने लंड को चूत की गहराइयों में उतारता चला जाता है इस बात से अन्जान की देवकी दरवाज़े के पास खड़ी सब देख रही है।
WOW MAST UPDATE
वो ऐसा खुंखार शिकारी था जो अपने शिकार को कभी अधूरा नहीं छोडता था । वो अपने लंड से कौशल्या की चूत को खोलता चला जाता है और कौशल्या कुछ देर बाद कुँवारी लड़की की तरह चीखने लगती है।


आह निकाल ले बाहर मर जाऊँगी मै आअह्हह्हह्हह।

देवा;बस थोडी देर भाभी आहह बस हो गया न आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।

कौशल्या रोने लगती है उसकी चूत से पानी की धार बहने लगती है कभी कभार चुदने वाली कौशल्या आज अपने ज़िन्दगी के सबसे सुखद और दर्दनाक दौर से गुज़र रही थी । एक तरफ चूत की आग उसे और और चुदने के लिए कह रही थी और एक तरफ लंड की मार उसे चुदने से रोक रही थी
 
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अपडेट 27

देवा के झटकों से जहाँ कौशल्या थरथरा रही थी वही दरवाज़े पे खडी देवकी की चूत भी गीली हो चुकी थी।

कौशल्या ; आहह मर गई मै तो आज देवा.....

देवा;भाभी अभी तो आपका आखरी सुराख़ बाकी है।

कौशल्या ;नहीं कभी नहीं मर जाऊँगी मै । बस बस आहह देवा आह्ह्ह्ह्ह।

कुछ देर बाद देवा अपने अखिरी झटके कौशल्या की चूत में मारने लगता है और अचानक कौशल्या की चूत से ढेर सारा पानी बाहर बहने लगता है ये दोनों के पहले मिलाप का पहला पानी था।।

कौशल्या ;देवा के पेट सहलाते हुए अपने साँसें धीमे करने लगती है की उसे आभास होता है के कोई उन्हें देख रहा है जैसे ही वो दरवाज़े की तरफ देखती है उसके मुंह से एक चीख़ निकलती है माँ जी।

देवा;देवकी को देख कौशल्या के ऊपर से हट जाता है और दोनों जल्दी जल्दी अपने अपने कपडे तलाश करने लगते है।

कौशल्या के हाथ पैर थर थर काँप रहे थे। वो जानती थी अब उसकी सास पूरा घर सर पे उठा लेंगी ।

देवकी आगे बढ़ती है और धीरे धीरे कौशल्या के क़रीब पहुँच जाती है।

कौशल्या ;अभी भी नंगी ही खड़ी थी। माँ जी ये सब पता नहीं कैसे हो गया मुझे माफ़ कर दिजिये।
देवकी के कुछ कहने से पहले ही कौशल्या खुद बा खुद अपनी सफाई देने लगती है।वो देवकी से ऑखें भी नहीं मिला रही थी। देवा पास में खड़ा अपने कपडे पहन रहा था उसे तो पता था की देवकी क्या करेंगी पर एक बात से वो निश्चिंत था की अगर देवकी ने ज़्यादा हल्ला गुल्ला की तो वो उसके मुंह में अपना लंड डालके उसे चुप ज़रूर करवा देगा।

देवकी;मैंने तुमसे सफाई नहीं मांगी। कौशल्या इधर देखो मेरी तरफ।

कौशल्या डरते ड़रते देवकी की तरफ देखती है और उसी पल अचानक देवकी अपने होंठ कौशल्या के होठो पे रख के लगभग अपने मुंह को उसके मुंह में डाल देती है।
देवकी के इस तरह व्यवहार से जहाँ कौशल्या की ऑंखें फटी की फटी रह जाती है वही देवा भी हक्का बक्का सा उन दोनों को देखता रह जाता है।

जब देवकी कौशल्या के मुंह से रस पान करके अपने होंठ हटाती है तो कौशल्या के चेहरे पे जादू और चिंता के मिले जुले भाव नज़र आते है।

देवकी;अरे घबराते क्यों है कुछ नहीं कहूँगी तुझे मैं।
तेरे मुंह से अब भी इसके लंड के महक आ रही है
तेरी सास अब बदल गई है । कौशल्या तू किसी से भी मत डर जो दिल में आये खुले आम कर कोई तुझे कुछ नहीं कहने वाला।

देवा;देवकी को पीछे से पकड़ लेता है अरे वाह मामी एक ही रात में तुम इतनी बदल गई।

देवकी;सब तेरे और तेरे पानी के करिश्मा है बेटा।
सच कहूं तो जब मै रामु के साथ ये सब कर सकती हूँ तो अपनी बहु को तेरे साथ करने से क्यों रोकूं।

देवा; मामी मै कल जाने वाला हूँ मेरी एक इच्छा पूरी करोगी।।

देवकी;हाँ बोल न।

देवा; मैं तुम दोनों को एक साथ रामु के सामने चोदना चाहता हूँ।

कौशल्या ;हाय दैया ये क्या कह रहे हो देवा । दिमाग तो जगह पर है तुम्हारा।

देवकी;इस में गलत क्या है।तुने तो मेरी मन की बात के कह दिया देवा ।
मै तो हमेशा से अपने आगे और पीछे से लेना चाहती थी।

देवकी के मुंह से ऐसे बाते सुनके कौशल्या को शर्म भी आ रही थी और मजा भी ।
देवकी; मैं रामु को मना लुंगी तुम बस रात में उसे थोडी सी शराब पीला देना ।
नशे में वो कुछ भी कर सकता है और थकता भी नही।

देवा;दोनों औरतों को अपने से चिपका लेता है देवा ने बहुत कम वक़्त में इस घर का नक्शा ही बदल दिया था। एक दूसरे को गालियों के सिवा बात न करने वाले इस घर के सदस्य अब खुले आम चुदाई की बातें करने लगे थे।

देवा को बस इंतज़ार था रात का और रामु के मान जाने का।
आज दोनों सास बहु पहली बार एक साथ बाथरूम में नहाने चली जाती है दोनों की चूत की एक जैसी दशा बनी हुई थी पर उनकी चूत से रात के बारे में सोच सोच के रह रह के पानी रिस रहा था। वो दोनों नहा कम रही थी और एक दूसरे की चूत को ज़्यादा सहला रही थी।

देवकी;देख न बेटी क्या हाल किया है देवा ने इसका ।

कौशल्या ;अपनी सास की चुत को अपने उँगलियों से मलती हुई- माँ जी मेरा भी तो यही हाल है जब वो अंदर होता है तो दिल करता है बाहर निकाल दूँ और जब देवा पास नहीं होता तो मन करता है उसे चुदती रहूँ। कल वो चल जायेंगा तो कैसे रह पाएंगे हम माँ जी।

देवकी;अपनी बहु के मोटे मोटे निप्पल्स को अपने मुंह में भर के चुसने लगती है। आहह तू चिंता मत कर बहु मै कुछ दिन बाद तुझे वहां भेज दूंगी फिर तू अच्छे से चुदवा लेना देवा से और मै उसे बोल दूंगी की दो तीन हफ्ते में वो यहाँ आके हमारी प्यास बुझा दिया करे। आअह्हह्हह्हह।

कौशल्या ;अपनी दोनों उँगलियाँ अपने सास की चूत के अंदर तक डाल देती है और दोनों एक दूसरे को चुमते हुए झडने लगते है।एक दूसरे की चूत से बाल साफ़ करके जब वो दोनों नहा के बाहर निकलते है तो रामु को घर के अंदर अपने कमरे में बिस्तर पे लेटा हुआ पाते है।

देवकी जल्दी से उसके पास चले जाती है और कौशल्या देवा को बताने चली जाती है की रामु घर आ चुका है।

देवकी;पता नहीं रामु को कैसे मना लेती है पर कुछ देर बाद जब वो अपने कमरे के बाहर निकलता है तो उसका चेहरा चौदहवी के चाँद के तरह दमक रहा था वो हँस हँस के देवकी से बातें करने लगता है और कुछ देर बाद वहां देवा भी आ जाता है।

दोनो भाई एक दूसरे को देख पहले मुस्कुराते है उसके बाद गले मिलके बाहर चले जाते है।

कौशल्या ;उनके जाने के बाद देवकी से पूछ लेती है
माँ जी वो मान गये।

देवकी;अरे मानता कैसे नहीं ।

कौशल्या ;आपने उनसे क्या कहा।

देवकी;यही की अगर तुम चाहते हो की देवा अपनी माँ और तुम्हारे बापु से कुछ न कहे तो हमे उसे आज रात खुश करना होंगा वो समझदार है मेरी बात समझ गया।

कौशल्या ; ख़ुशी के मारे अपनी सास के गले लग जाती है।
उधर बाहर देवा और रामु गांव की गलियों में घुम रहे थे।

देवा;क्यूँ भाई आज पीने का मन नहीं है क्या।

रामु;नहीं देवा ।

असल में मुझे तुमसे बात करनी थी। मन बहुत भारी भारी हो रहा था। तुमसे बात करुँगा तो शायद कुछ सुकून मिले।

देवा;आओ यहाँ बैठ के बात करते है अब बोलो क्या बात है।

रामु;देवा तुम मेरे छोटे भाई जैसे हो।
तुमसे कुछ छुपा नहीं है तुम हमारे बारे में सब कुछ जान गए हो पर यार तुझसे नज़र मिलाने की मुझे हिम्मत नहीं हो रही है।

देवा;अरे भाई मेरे जो हुआ उसे भूल जा।
तूने मामी के साथ जो किया उस में तुम दोनों की ख़ुशी थी मैंने तुम्हें उस दिन इसलिए बुरा भला नहीं कहा की तुम अपने माँ के साथ ये सब कर रहे थे। बल्कि इसलिए तुम्हे चाँटा मारा था की तुम अपनी पत्नी पे बिलकुल ध्यान नहीं दे रहे थे।

जहाँ माँ के साथ सब कर सकते हो वही अपनी पत्नी को भी तो थोड़ा वक़्त दो। माँ के साथ करना तुम्हें अच्छा लगता है इस में तुम्हारा क्या दोष ये सब बातें हमारे बस में नहीं होती भाई ।
बस जो होने वाली बात होती है हो जाती है।

रामु;तो क्या कभी तेरा मन अपनी माँ के लिए बहका तो तू भी।

देवा;कुछ नहीं कहता।
पर रामु उसकी ख़ामोशी समझ जाता है और दोनों उठके शराब की दुकान में चले जाते है।

शराब के दो पैक पीने के बाद देवा रामु को ज़बर्दस्ती बाहर ले आता है कुछ नशा तो रामु पे चढ़ चुका था पर कुछ चढना बाकी था।

रामु;शराब के नशे में आज तूने मेरा मान हल्का कर दिया देवा।
आज मै बहुत खुश हूँ बोल तुझे क्या चाहिए मुझसे।

देवा;जो माँगूँगा देगा।

रामु; दूंगा बस तू बोल।

देवा;आज रात मेरे साथ अपनी माँ और पत्नी को चोदोगे।
रामु;देवा की तरफ देखता है और फिर खिलखिला के हंसने लगता है।
मै जानता था तू यही मांगेंगा चल तू भी क्या याद रखेंगा आ जा घर चलते है।

जब वो दोनों घर पहुँचते है तो कौशल्या और देवकी को कमरे में बिस्तर पे उन दोनों का इंतज़ार करता पाते है।

देवकी और कौशल्या ऑखों ऑखों में देवा से पूछते है और देवा आँख मार के उन्हें बता देता है।

रामु; सीधा अपनी माँ देवकी के पास आता है और उसे अपने से चिपका के उसके मोटे मोटे कमर को दबाने लगता है ।

देवकी;आहह बेटा सब देख रहे है।

रामु; इसलिए तो कर रहा हूँ आज की रात तुम दोनों देवा को खुश कर दो। मेरा भाई कल जाने वाला है उसे किसी चीज़ की कमी मत होने देना आज रात।
वो नशे में क्या क्या बोल रहा था उसे भी पता नहीं था पर इन सब बातों से देवकी के साथ साथ कौशल्या बहुत खुश दिखाई दे रही थी।

रामु;खड़ा था और देवकी बिस्तर पे बैठी हुई थी देवा देवकी के बगल में जाके बैठ जाता है।

रामु ; कौशल्या इधर आ।

कौशल्या ;रामु के पास जाती है और रामु उसे कपडे उतारने के लिए कहता है।
साथ ही खुद के भी कपडे उतार देता है।

रामु;चल अपने पति परमेश्वर का मुंह में ले के चुस।

उधर देवा भी देवकी को नंगा कर चुका था।

कौशल्या ;रामु का लंड मुंह में ले के चुसने लगती है और देवा देवकी को घोडी बनाके उसकी पीछे से चूत चाटने लगता है।



देवा;देवकी के चूत चाट चाट के लाल कर देता है और कौशल्या अपने पति के लंड को खड़ा कर देती है।

देवकी खडी हो जाती है और कौशल्या के मुंह से रामु का लंड निकाल लेती है ।
पहले वो कौशल्या के होठो को चुमती है उसके बाद रामु के लंड को मुंह में लेके हलक तक घुसा लेती है।

रामु;आहह माँ आराम आराम से।

कौशल्या देवा की तरफ देखती है जो देवकी और रामु को देख अपना लंड हाथ में ले के हिला रहा था । उसे देवा की बेबसी देखी नहीं जाती और वो उसके लंड को अपने नाज़ुक हथेली में ले के मसलते हुए मुंह में ले लेती है।
एक तरफ कौशल्या अपने देवर के लंड को चूस रही थी दूसरी तरफ देवकी अपने बेटे के लंड को।

दोनो लंड इतनी बुरी तरह तड़प रहे थे चूत के लिए मगर दोनों औरतों को उन पे बिलकुल तरस नहीं आ रहा था। आखिर कर देवा कौशल्या को उठाके बिस्तर पर ले जाता है और अपने लंड को उसकी चूत पे लगा के अंदर घूस्सा देता है।

देवकी;रामु का हाथ पकड़ के कौशल्या के बगल में लेट जाती है और रामु अपने लंड पे थूक लगा के अपनी माँ की चूत को अपने लंड से भर देता है



कौशल्या ;आहह देवा आहह आराम से । मेरी चूत की सुजन अभी तक उतरी नहीं आहह वो अपने सास का हाथ पकड़ लेती है तो पहले से थर थर कांप रही थी रामु अपने पूरी ताकत से उसे चोद रहा था।

देवकी;आहह देवा मेरा दुसरा सुराख़ भर दे बेटा आअह्हह्हह्हह।

देवा ; कौशल्या की तरफ देखता है और कौशल्या उसे अपने चूत से लंड निकालने की इजाज़त दे देती है।

रामु;का लंड देवकी की चूत में था ।
देवा;थोड़ा सा तेल उठाके देवकी की गाण्ड के भूरे छेद पे डाल देता है और बिना देवकी को कुछ कहे झट से अपना लंड का सुपाडा देवकी की गाण्ड में घूस्सा देता है।

देवकी;मर गई हरामी आहह क्या ठूँस दिया रे तूने पीछे से....

देवा;अभी तो कह रही थी मामी की दुसरे सुराख़ में डालो ले ऐसे न आह्ह्ह्ह्ह्।

वो कौशल्या की चूत से बीच चुदाई में लंड निकालने से थोड़ा ग़ुस्से में था इसलिए वो बेरहमों की तरह देवकी की गाण्ड मारने लगता है।



देवकी;'आहह आहह माँ ओ आहह नहीं न ऐसे नहीं आहह रामु बेटा तू तो थोड़ा धीरे कर ये देवा तो सुनता ही नहीं आह्ह्ह्ह्ह्।

रामु;आहह माँ आहह.....
वो नशे में था और उसी हालत में वो अपने लंड को देवकी की चूत की गहराई में पेलता चला जा रहा था।
सामने बैठी कौशल्या देवा के लंड को गाण्ड में जाता देख रही थी और उसका दिल भी ये सब करवाने के लिए उसे कह रहा था।

देवा;देवकी को खड़ा कर देता है पच की आवाज़ के साथ दोनों लंड देवकी की चूत और गाण्ड से निकल जाते है।
देवकी के कुछ बोलने से पहले ही देवा देवकी को अपने गोद में उठा लेता है और नीचे हाथ डालके अपना लंड उसकी चूत में घुसा देता है।
पीछे खड़ा रामु भी अपने लंड को देवकी की गाण्ड में पेलने लगता है देवकी दोनों के बीच पीसती चली जाती है।



देवकी;के दिल की मुराद पूरी हो जाती है और 15 मिनट के इस दमदार चुदाई से उसके साथ साथ रामु का भी पानी निकलने लगता है देवा उसे नीचे उतार देता है। दोनों माँ बेटे एक दूसरे को चुमते हुए बिस्तर पे लेट जाते है।

पर तब तक वो कौशल्या के बदन में ज्वालामुखी भड़क चुकी थीं। वो पागलो की तरह देवा के लंड पे टूट पड़ती है।

देवा;आहह भाभी ।

कौशल्या ;नहीं देवा भाई अब नहीं रोको मुझे । मै तुम्हें मना करती थी न पीछे से ड़ालने को ।अब मै खुद तुमसे कह रही हूँ जहाँ डालना है डालो बस मुझे ये दे दो आहह गलप्प गलप्प गलप्प।



कौशल्या ;भाई मुझे दे दो अंदर तक आहह गलप्प चोदो अपनी बहन को उसके पति और सास के सामने कस के गलप्प मै चुदना चाहती हूँ रात भर गलप्प गलप्प्प।

कौशल्या ;के मुंह से ऐसे बातें सुनके देवा का ढिला पड़ चुका लंड फिर से खड़ा होजाता है और वो कौशल्या को लिटा के रामु और देवकी के ऑखों में ऑखें डालके कौशल्या को चोदने लगता है आह्ह्ह्ह्ह्ह।

कौशल्या भी अपने पति को देखते हुए चिल्लाने लगती है भाई भाई चोदो न ज़ोर ज़ोर से अपने बहन को। हां हाँ भर दो अपनी बहन की चूत को अपने अमृत से आह्ह्ह।

देवा; कौशल्या की चूत से पानी निकलने तक उसे उसी तरह चोदता रहता है और जैसे ही कौशल्या की चूत से पानी बाहर बहने लगता है वो अपने लंड को बाहर खीच के कौशल्या की गाण्ड में दो उँगलियाँ डाल देता है।
कौशल्या ;माँ जी मेरी गाँड।

देवकी उसे देख मुस्कुराने लगती है और सामने पड़े हुए तेल की बोतल देवा को थमा देती है ।

देवा;तेल कौशल्या की गाण्ड में डाल देता है जिससे वो और चिपचिपी हो जाती है।
भाभी थोड़ा दर्द होंगा ।

कौशल्या ;मर भी जाऊँ तो रुकना मत डाल देना भाई।

देवा;अपने लंड को हाथ में पकड़ के धीरे धीरे कौशल्या की कुँवारी गाण्ड में ड़ालने लगता है पहले पहले लंड फिसलता चला जाता है फिर देवा कौशल्या के पैर दोनों तरफ खोल देता है और दूबारा कोशिश में सुपाडा गाण्ड की सुराख़ को खोल के अंदर चला जाता है।

कौशल्या ;के मुंह से चीख निकल जाती है।
पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अब देवा को रोकना नामुमकिन था। वो पहले धीरे धीरे उसके बाद सटा सट अपने लंड को कौशल्या की गाण्ड में उतारते चला जाता है।


और कौशल्या चीखती चिल्लाती अपने पति सास को आवाज़ देती गाण्ड मरवाती जाती है।

उस रात रामु तो सो जाता है पर देवा देवकी और कौशल्या को सोने नहीं देता। सुबह के 5 बजे तक वो दोनों को थोडी थोडी देर के बाद चोदता जाता है।

कौशल्या और देवकी की चूत और गाण्ड डबल रोटी की तरह फूल जाती है न उनसे चला जा रहा था और न बैठा।

सुबह के नाश्ते के बाद देवा अपनी मामी और भाभी को घर आने का निमंत्रण देते हुए अपने घर चला जाता है।

और पीछे छोड़ जाता है कौशल्या के पेट में अपने होने वाले बच्चे का बीज।
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कौशल्या ;अपनी सास की चुत को अपने उँगलियों से मलती हुई- माँ जी मेरा भी तो यही हाल है जब वो अंदर होता है तो दिल करता है बाहर निकाल दूँ और जब देवा पास नहीं होता तो मन करता है उसे चुदती रहूँ। कल वो चल जायेंगा तो कैसे रह पाएंगे हम माँ जी।

देवकी;अपनी बहु के मोटे मोटे निप्पल्स को अपने मुंह में भर के चुसने लगती है। आहह तू चिंता मत कर बहु मै कुछ दिन बाद तुझे वहां भेज दूंगी फिर तू अच्छे से चुदवा लेना देवा से और मै उसे बोल दूंगी की दो तीन हफ्ते में वो यहाँ आके हमारी प्यास बुझा दिया करे। आअह्हह्हह्हह।

कौशल्या ;अपनी दोनों उँगलियाँ अपने सास की चूत के अंदर तक डाल देती है और दोनों एक दूसरे को चुमते हुए झडने लगते है।
 
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देवा;अपने मामा के घर से अपने घर की तरफ चल देता है।
वो जब घर पहुँचता है तो ममता भागते हुए आके उसके गले से लिपट जाती है।ऐसा वो हमेशा करती थी जब भी देवा एक दो दिन के लिए शहर जाता था।
पर आज देवा को उसका इस तरह चिपकना बहुत अच्छा लग रहा था।

ममता ; बडी जल्दी आ गये भाई लगता है वहां की हवा रास आ गई थी आपको।

देवा;अपने बहन को अपने छाती से लगा के ज़मीन से थोड़ा ऊपर उठा लेता है।ममता के छोटे छोटे कड़क ब्रैस्ट देवा की छाती में धँस जाते है।
मैं तो वही रुकने वाला था पर तेरी इतनी याद आ रही थी इसलिए चला आया।

ममता;अपने भाई के गाल पे काट लेती है।
झूठे कहीं के ।
उसका दिल भी अपने भाई की छाती से अलग होने को नहीं कर रहा था।
इसलिए वो अपने दोनों बाहें देवा के गले में डाल देती है।

देवा;माँ कहाँ है।

मैंट;वो नूतन के साथ शालु काकी के यहाँ गई है।

देवा;हम्म।

ममता; हम्म क्या चलो मुझे घर में ले चलो आज आपके गोद में बैठने को दिल कर रहा है मेरा।

देवा; अच्छा पहले ठीक से तो उठाने दे।

ममता ; ठीक से उठा लो वरना मुझे चोट लग जाएगी।

देवा;चल आ जा।
देवा ममता की दोनों कमर के थोड़े निचे दोनों हाथों से उसे पकड़ के वैसे ही गोद में उठाये घर के अंदर ले चलता है।
बाहुत मोटी हो गई है तू ममता।

ममता ; फिर से देवा के गाल को काट लेती है।

देवा; तू बहुत शैतान हो गई है ठहर जा।
देवा ममता को बिस्तर पे पटक के उसे पेट में गुदगदी करने लगता है। जिससे ममता हँसते हुए इधर उधर हाथ पैर मारने लगती है । बचपन से जवानी तक यही होता आ रहा था । जब भी ममता देवा को सताती देवा उसे इतनी देर तक गुदगुदी करता जब तक ममता अपने कान पकड़ के माफ़ी नहीं माँग लेती।आज भी वही खेल खेला जा रहा था मगर आज देवा का नजरिया बदल चुका था। देवकी की गाण्ड की गर्मी और कौशल्या की चूत के ठण्डक से देवा का नजरिया आज अपनी बहन के लिए भी काफी हद तक बदल चुका था।

देवा;ममता को गुदगुदी करते करते उसके गाल को काट लेता है और काटते हुए अपने ज़ुबान भी उसके गाल पे फेर देता है।एक हलकी सी सिसक ममता के मुंह से निकलती है और उसके हाथ पैर हिलना बंद हो जाता है।वो कुछ पलों के लिए अपने भाई की ऑखों में देखने लगती है


देवा;सकपका जाता है और उठके अपने कमरे में चला जाता है।

थोड़ी देर बाद जब वो बाहर आता है तब तक रत्ना और नूतन भी घर आ जाते है।

देवा को देख रत्ना अपने ममता के आंचल में देवा को ले लेती है।

रत्ना;मुझे तो लगा था तुम अगले दिन ही आ जाओंगे पर तुम तो वही के हो गये।

देवा;की नज़रें रत्ना के मोटे मोटे सन्तरों पे अटक सी जाती है।

रत्ना;मैंने तुझसे कुछ कहा क्या हो गया है तुझे।

देवा;नहीं माँ हाँ क्या कहा तुमने।

रत्ना; हे भगवान कुछ नहीं तबियत तो ठीक है ना तेरी।

ममता; मुझे लगता है माँ भाई पे किसी भूत प्रेत का साया आ गया है जब से आये है अजीब सी हरकतें कर रहे है।

रत्ना;चल हट बदमाश कुछ नहीं हुआ मेरे देवा को।क्या हरकत किया इसने ।

ममता; देवा की तरफ देखती है।

और देवा ममता को घुरते हुए अपना मुंह बंद रखने के लिए कहता है।

देवा;क्या माँ तुम भी किस की बातों में आ रही हो।
नुतन तुम कैसी हो यहाँ मन तो लग रहा है ना तुम्हारा।

नुतन; हाँ भाई अच्छा लग रहा है।

ममता; कौन

नुतन का चेहरा शर्म से लाल हो जाता है और वो ममता को चुमटी काट लेती है।बचपन से जवानी तक यही होता आ रहा था । जब भी ममता देवा को सताती देवा उसे इतनी देर तक गुदगुदी करता जब तक ममता अपने कान पकड़ के माफ़ी नहीं माँग लेती।आज भी वही खेल खेला जा रहा था मगर आज देवा का नजरिया बदल चुका था। देवकी की गाण्ड की गर्मी और कौशल्या की चूत के ठण्डक से देवा का नजरिया आज अपनी बहन के लिए भी काफी हद तक बदल चुका था।

रत्ना;देवा बेटा जा तू हाथ मुंह धोले ये दोनों पगली है दिन भर ही ही हू हू हां हां करती रहती है । अब तू आ गया है ना । थोडा लगाम लगी रहेंगी इनके मुंह पर।


ममता ; माँ हम क्या घोड़ियाँ है जो लगाम लगी रहेगी।

देवा;ममता को सर पे चांटा मारता हुआ घर से बाहर निकल जाता है।

रत्ना;अरे कहाँ जा रहा है।

देवा;पप्पू के घर।

देवा;जब पप्पू के घर पहुँचता है तो उसे घर के ऑंगन में शालु और रश्मि बैठी मिलती है।जहां शालु के चेहरे पे देवा को देख चमक आ जाती है वही रश्मि बनावटी ग़ुस्सा दिखाने लगती है।

देवा;वही उन दोनों के पास बैठ के बातें करने लगता है
पर बात करते करते देवा की नज़र बार बार शालु के बड़े बड़े ख़रबूज़ों पे चली जाती है जिसे शालु के साथ साथ रश्मि भी भाँप लेती है।।

शालु;तो मुस्कुरा देती है मगर रश्मि दाँत पीसने लगती है।

देवा;काकी काका की तबियत अब कैसी है।

शालु;खुद जा के देख ले अंदर ही है नीलम भी वही होगी।

देवा;शालू को देख मुस्कुरा देता है और शालु से नज़रें बचा के रश्मि को आँख मारता हुआ घर के अंदर चला जाता है।

नीलम;अपने कमरे में उदास बैठे हुए थी देवा को देखते ही उसके चेहरे की रंगत ही बदल जाती है।

देवा;कैसी हो नीलम।

नीलम;ठीक हूँ आप कैसे हो।

देवा;नीलम को निचे से ऊपर तक देखने लगता है ।

नीलम;शरमा जाती है और अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा देती है।

देवा;उसे अपनी तरफ घुमा देता है।
इस चाँद को देखने के लिए आया हूँ और चाँद ऐसे बादल में चुप जायेगा तो कैसे चलेंगा।

नीलम;बस बस रहने दो। सब जानती हूँ मै एक बार भी मेरी याद नहीं आई होगी आपको।

देवा;जज़्बात से भरे लहजे में नीलम के चेहरे को अपने दोनों हाथों में थाम लेता है इधर देख मेरी ऑखों में। क्या तुझे लगता है मुझे तेरी याद नहीं आई होंगी।

नीलम; कांप के रह जाती है होंठ लरज के रह जाते है और दिल बस एक बात कहता है मुझे यक़ीन है तुम्हें मेरी याद ज़रूर आई होगी।

देवा;नीलम को अपने चौड़े मज़बूत छाती में समेट लेता है।

नीलम;आहह ।

देवा के दिल की धड़कन नीलम को अपने दिल में साफ़ सुनाई देने लगती है। दोनों की मोहब्बत को समझना बहुत मुश्किल था बिना कहे वो एक दूसरे के दिल की हालत समझ जाते थे।

उन्हें किसी के कदमों की आवाज़ सुनाई देती है देवा नीलम से अलग हो जाता है।

कमरे में रश्मि को आता देख नीलम अपने सर पे दुपट्टा डाल के शालु की तरफ चल देती है।


रश्मी;देवा के पास खडी हो जाती है।
बापु इस कमरे में नहीं उस कमरे में है।

देवा; मुझे पता है।

रश्मी; पता है तो तुम यहाँ क्या कर रहे हो।
और एक बात बताओ तुम माँ को और मुझे घूर क्यों रहे थे।

देवा; तुझे याद है ना मैंने क्या कसम खाई है तेरी शादी से पहले।।

रश्मी;बस बस बड़े आये कसम खाने वाले। सुरत देखी है अपनी ये मुंह और मसुर की दाल।हूह्ह्ह

देवा; रश्मि को पकड़ के ..साली बडी बडी बातें करने लगी है अभी सिर्फ तेरी बिसार हुई है ख़रीदी नही।

रश्मी;आहह छोड मुझे वरना मै चिल्लाऊँगी।

देवा;रश्मि को घुमा के पीछे से पकड़ लेता है और पकड़ के उसके दोनों ब्रैस्ट को बुरी तरह मसलने लगता है।



देवा;चिल्ला न चिल्लाती क्यों नहीं ।

रश्मी;छोड नही तो मै सच में माँ को बुलाऊँगी देवा फिर मत कहना।

देवा; मुझे पता है तू नहीं चिल्लाएँगी ।

रश्मी; आहह आहह मै शोर मचा दूंगी देवा आखिरी बार बोल देती हूँ।

देवा;मुझे पता है तू नहीं चिल्लायेगी। तुझे पता है क्यूँ
क्यूंकि साली तू बहुत चालु चीज़ है और ये बात सिर्फ मुझे पता है अगर तुझे चिल्लाना होता न तो कबका चिल्ला चुकी होती पर तू भी चाहती है। मै तुझे ऐसे ही मसलूँ तेरा रस निकालूँ। है ना बोल यही बात है न।


रश्मी;के निप्पल्स कड़क हो जाते है और साँस रुक रुक के चलने लगती है गला सुख जाने से उसकी आवाज़ भी ठीक तरह से नहीं बल्कि लडखडा के बाहर निकलने लगती है।
आह कमीना है तू। तुझे सब पता है ना देख अब मै क्या करती हूँ।

और रश्मि जैसे ही चिल्लाने के लिए मुंह खोलती है देवा अपने होंठ उसके मुंह पे लगा देता है और उसे बुरी तरह चुसने लगता है।

पहले पहल रश्मि थोड़े हाथ पैर देवा को मारती है मगर धीरे धीरे उसे भी देवा का नशा चढ़ने लगता है और उसके हाथ देवा को कस के जकड लेते है और रश्मि भी अपना मुंह खोल के देवा को रस पिलाती जाती है।


देवा;अपने दोनों हाथों से रश्मि के नाज़ुक सी कमर पकड़ लेता है और धीरे धीरे उसे दबाते हुए रश्मि को चुसता चला जाता है।।

जब रश्मि का दिल भर जाता है तो वो देवा को धक्का देके अपने से अलग कर देती है।

रश्मी;कमीने कही के दूबारा ऐसे हरकत मेरे साथ करने की सोचना भी मत।

देवा;रश्मि को देखता रह जाता है और रश्मि पैर पटकते हुए वहां से चली जाती है।

देवा;कुछ देर वहाँ खड़ा रहने के बाद अपने सर को झटक के काका से मिलने उनके कमरे की तरफ बढ़ जाता है ।

इधर ममता और नूतन एक कमरे में दरवाज़ा बंद करके खुसुर पुसुर बातें कर रही थी।

ममता; सच बता न तुझे कैसा लड़का चाहिए।

नुतन ; मुझे नहीं पता।

ममता; नूतन के निप्पल को कमीज के ऊपर से मरोड़ देती है।
बोलती है या नही।

नुतन;आहह बोलती हूँ बोलती हूँ पहले छोड़ो ना।

ममता ; हाँ बोल तुझे कैसा जीवन साथी चाहिए।

नुतन; ऐसा जो मुझे प्यार करे मेरी हर छोटी बडी ज़रुरत बिना कहे पूरी कर दे । जो मेरे माँ बापु को अपना माँ बापु समझे बस।

ममता; हमम।

नुतन; अब तुम मुझे बताओ तुम्हें कैसा चाहिए।

ममता; अपनी ऑखें बंद कर लेती है और अपने जीवन साथी की तस्वीर अपने दिमाग में बनाना लगती है और उसके ऑखों के सामने देवा का चेहरा आ जाता है।

वो घबरा के अपनी ऑखें खोल देती है।

नुतन;बोलो न कैसा।


ममता; मुझे नहीं पता कुछ और बात कर।

नुतन; इस बार खुद ममता के ब्रैस्ट को अपने हाथों से दबा देती है बोलती हो या नही।

ममता; आहह बोलती हूँ बाबा।
मुझे ना भाई जैसा लड़का चाहिए।

नुतन; हाय दैया देवा भाई जैसा।

ममता; हाँ भाई जैसा हट्टा कटा मज़बूत ताक़तवर मरद जो हमेशा मेरी रक्षा करे।

नुतन; ये सुनके ममता की ब्रैस्ट और ज़ोर से दबा देती है
ओर ममता नूतन को मारने बढ़ती है और इसी चक्कर में वो दोनों एक दूसरे में गुथमगुथा हो जाते है।

ममता की तेज़ धड़कने नूतन की जवान साँसों से मिल जाती है और दोनों एक दूसरे की ऑखों में देखने लगते है उनके होंठ एक दूसरे के बिलकुल क़रीब आ जाते है।के तभी बाहर से रत्ना की आवाज़ आती है।

रत्ना;अरे ममता कहाँ है ज़रा यहाँ आना रसोई में।

ममता; नूतन को देखते हुए आई माँ और वो उठके बाहर चली जाती है।

देवा;शालू के घर से निकल के गांव की गलियों में टहलता हुआ पदमा के घर की तरफ चला जाता है पदमा उसे घर के दरवाज़े पर चावल साफ़ करते देखाई देती है।

वो खुश होके उसके घर में चला जाता है पदमा भी चावल एक तरफ रख के देवा को घर के अंदर खीच लेती है और दरवाज़ा बंद कर देती है।

पदमा;इतने दिन कैसे लग गए मेरे राजा।

देवा;तेरी याद नहीं आ रही थी न पदमा वरना जल्दी चला आता।

पदमा;जानती हूँ तू मुझे क्यों याद करेगा। मगर मै बहुत खुश हूँ।

देवा;क्या बात है।

पदमा;ऐसे नहीं पहले मेरा मुंह मीठा करना पड़ेगा उसके बाद बताऊँगी।

देवा;पदमा को बिस्तर पे गिरा देता है और खुद क़मीज़ उतार के उसके ऊपर चढ़ जाता है दोनों ब्रैस्ट को दोनों हाथों में लेके मसलते हुए पूछता है।
अब बता न बात क्या है।



पदमा;ऐसे नहीं पहले मुझे किस करो कस के करो आह्ह।

देवा;तेरी माँ की।
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क्यूंकि साली तू बहुत चालु चीज़ है और ये बात सिर्फ मुझे पता है अगर तुझे चिल्लाना होता न तो कबका चिल्ला चुकी होती पर तू भी चाहती है। मै तुझे ऐसे ही मसलूँ तेरा रस निकालूँ। है ना बोल यही बात है न।

रश्मी;के निप्पल्स कड़क हो जाते है और साँस रुक रुक के चलने लगती है गला सुख जाने से उसकी आवाज़ भी ठीक तरह से नहीं बल्कि लडखडा के बाहर निकलने लगती है।
आह कमीना है तू। तुझे सब पता है ना देख अब मै क्या करती हूँ।
 
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देवा;देखो नीलम मै जानता हूँ की तुम भी जानती हो फिर क्यों तुम नहीं समझ रही की मै क्या चाहता हूँ ।

नीलम;देखो गोल मोल बातें मुझे समझ नहीं आती। साफ़ साफ़ कहो क्या कहना है तुम्हें।

देवा;नीलम का हाथ पकड़ के अपने हाथ में ले लेता है उसका हाथ नीलम के हाथ से भी ज़्यादा काँप रहा था।

नीलम;दिल में सोचने लगती है।
इतना बड़ा हट्ठा कट्टा है पर ज़रा सी दिल की बात इससे कही नहीं जाती।
अरे बोल भी दे वरना बाप बनने के बजाये कही मामा न बन जाए।

देवा;हाँ कुछ कहा तुमने।

नीलम;नहीं तो तुम कुछ बोलने वाले थे। बोलो।

देवा;हाँ वो मै ये कहना चाहता था।मतलब हूँ की तुम बाहर नहीं जाओगी।

नीलम; क्यों।

देवा;क्यों की मै चाहता हूँ।।

नीलम;ग़ुस्से से हाथ छोड़ो। हाथ छोडो मेरा
बाहर निकलो यहाँ से और आज के बाद मुझे अपनी सुरत मत दिखाना बुज़दिल कही के।

देवा के दिमाग में यही एक अलफ़ाज़ घुमने लगता है।
बुज़दिल बुज़दिल बुज़दिल।
और वो नीलम का हाथ पकड़ के उसे अपनी तरफ घुमाता है और एक हाथ उसके कमर में पीछे से डालके उसे अपनी छाती से चिपका लेता है।दोनो की ऑखें एक हो जाती है। दिल की धड़कने एक साथ एक आवाज़ में धड़कने लगती है सिर्फ दोनों के साँस की आवाज़ सुनाई दे रही थी।

नीलम के होंठ कांपने लगते है पिछले कई सालो से वो जो शब्द सुनना चाहती थी वो देवा के ज़ुबान पे देख उसका अंग अंग आज नाचने को कह रहा था ।

देवा;नीलम मै तुमसे बेपनाह प्यार करता हूँ और मै तुमसे ही शादी करूँगा किसी और से नही।तुम सिर्फ मेरे लिए जन्मी हो और मै इसलिए। ताकि तुम्हें हमेशा प्यार कर सकुं।।तुमहे मेरे मोहब्बत की कसम आज के बाद तुम किसी पराये मर्द के सामने नहीं जाओगी।

नीलम के कांपते होंठ देवा के लरज़ते होंठो को चूम लेते है।
बुधु कही के पहले नहीं बोल सकते थे।
मै भी तुमसे बहुत बहुत प्यार करती हूँ देवा। मै सिर्फ तुम्हारी हूँ सिर्फ तुम्हारी।
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दोनो एक दूसरे की बाहों में सीमट जाते है।
और बाहर खडी शालु के चेहरे पे मुसकान फ़ैल जाती है।

देवा कुछ देर बाद घर चला जाता है।

शालु;मेहमानो के सामने सिर्फ रश्मि को लाती है।
वो लोग नीलम को भी देखना चाहते थे पर शालु उनसे कहती है की वो अभी बहुत छोटी है और हमे अभी उसकी शादी नहीं करनी।

देवा;अपने घर में लेटा हुआ था उसे पता नहीं था की शालु के घर क्या हुआ है।

वो अपने सोच में खोया हुआ था की तभी शालु हाथ में खाने की प्लेट लिए घर के अंदर दाखिल होती है।

शालु;अरे देवा तू क्यों चला आया खाना भी नहीं खाया चल आ जा जल्दी से खाले।

देवा;भूख नहीं है काकी।

शालु;भूख कैसे नहीं है चुपचाप खा ले अरे हाँ मै तुझे एक बात तो बताना भूल ही गई उन लोगों को मेरी लड़की पसंद आ गई है।

देवा;का दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगता है कौन काकी।

शालु;मेरी सबसे खूबसूरत बेटी सबसे अच्छी तुझे तो पता है ना कौन।

देवा;थूक निगलते हुए कौन पसंद आ गई काकी बोलो न।

शालु;अरे देवा खाना ठण्डा हो रहा है चल आ जा न बाबा।

देवा;पहले बोलो कौन।

शालु;देवा के एकदम क़रीब जाके उसके ऑखों में झाँकते हुए। रश्मि।

देवा;चैन की साँस लेता है और शालु के चेहरे पे दबी दबी सी हंसी दिखाई देती है। काकी खाना लगाओ बड़े ज़ोरो की भूख लगी है । क्या तुम भी फ़ुज़ूल के बातें लेके बैठ गई।

शालु; अच्छा बेटा वाह।

देवा;काकी खाना मै एक शर्त पे खाऊंगा।

शालु;खाने में भी शर्त । अच्छा बोल क्या है।

देवा;खाना तुम मुझे खिलाओगी। वो भी मेरी गोद में बैठ के।
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शालु; हाय दैया ये तू क्या कह रहा है बदमाश। मै नहीं बैठने वाली तेरी गोद में। तू खुद खा ले ।

देवा;पालथी मार के बैठ जाता है पर खाने को हाथ भी नहीं लगता।

शालु;जानती थी ये बहुत ज़िद्दी है पर दिल तो उसका भी कह रहा था देवा की गोद में बैठने को वो मुस्कुराते हुए प्लेट उठाके देवा के गोद में जाके बैठ जाती है और देवा दोनों हाथों से शालु का पेट पकड़ लेता है।

शालु;मेरी भी एक शर्त है मै तभी तुझे खाना खिलाऊँगी अगर तू ये वादा करे की तू कोई बदमाशी नहीं करेंगा।

देवा'; ठीक है वादा।

शालु;देवा को खाना खिलाने लगती है।
कुछ ही देर बाद देवा शालु के पेट पे हाथ फेरने लगता है। नरम नरम सफेद पेट पे शालु को गुदगुदी होने लगती है।
वो कसमसाने लगती है । आहह तूने अपना वादा तोडा अब मै तुझे नहीं खिलाऊँगी।

देवा; काकी वादा होता ही है तोड़ने के लिए। खिलाओ अब नहीं करुँगा।

शालु;फिर से देवा को खिलाने लगती है। नरम मोटी मोटी शालु की कमर देवा के लंड पे टीकी हुई थी और नीचे से चुभता हुआ देवा का लंड शालु को अंदर ही अंदर मन्त्र मुग्ध करने लगता है। वो जानती थी की उसे क्या चूभ रहा है पर ये एहसास उसे बहुत दिनों बाद मिल रहा था।

देवा; काकी रोज़ ऐसे ही खिला दिया करो ना।

शालु; धत्त बेशरम।

देवा; जानता था एक बार वो शालु का भरोसा तोड़ चूका है अब अगर जल्द बाज़ी करेंगे तो ये माल भी हाथ से निकल जायेंगा और नीलम भी।

वो खाना खाके अपने खेतों में चला जाता है।

रात में वो पदमा के घर की तरफ जाता है पर उसे घर में पदमा नहीं मिलती। उसे लगता है की शायद वो हवेली गए होगी। वो लंड को हाथ से मसलता हुआ घर चला आता है।

जैसे ही वो घर के अंदर दाखिल होता है उसे आँगन में पदमा बैठी नज़र आती है।
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पदमा;कहाँ था तू। कबसे तेरे लिए यहाँ अकेली बैठी हूँ मुझे पता चला की तेरी माँ और बहन गांव गए है तो चली आई। क्यों ठीक किया न।

देवा;पदमा को अपने गोद में उठाके चुमने लगता है।
ये तुमने बहुत अच्छा किया काकी । आज तो तुझे ऐसे रगडूंगा की कल तू चल भी न पायेगी।। वो पदमा को गोद में उठाके घर के अंदर ले जाता है।

पदमा;नीचे बैठ के देवा की पेंट खोल देती है और उसके लंड को बाहर निकाल लेती है।

देवा;आराम से काकी अभी पूरी रात पडी है। सब तेरा ही तो है।

पदमा: मैं क्या करूँ देवा चूत पे राज नहीं चलता मेरा।गल्पप गलप्प।

देवा अपनी शर्ट उतारने लगता है की तभी उसे बाहर के दरवाज़े पे किसी की दस्तक सुनाई देती है वो झट से पेंट पहनके दरवाज़ा खोलने चला जाता है और पदमा बाथरूम में छुप जाती है।

दरवज़ा खोलते ही देवा की जान में जान आती है वो और कोई नहीं बल्कि पप्पू था जो खाना लेके आया था।देवा उसका हाथ पकड़ के अंदर खीच लेता है।

पप्पू;अरे क्या हुआ देवा।

देवा;बड़े अच्छे समय पे आया है पदमा आई हुई है । मैंने तुझे बताया था न साली बहुत गरम लग रही है एक काम करते है आज रात दोनों मिलके उसकी लेते है। बोल क्या बोलता है।

पप्पू;पर वो मैंने। कही उसने माँ को बता दी तो।

देवा;अब्बे गांडु कुछ नहीं होगा तू बस चल मेरे साथ और देवा उसे लेके कमरे के अंदर चला जाता है।

देवा; काकी बाहर आ जाओ । ये मेरा दोस्त आया है पप्पु।
पदमा; बाहरर आती है अरे पप्पू तू है।

देवा; पदमा को अपने पास खींच लेता है ।
काकी आज की रात हम तीनो के नाम। खूब जमेंगे रंग जब मिलके चुदाई करेंगे तीन यार। आप मै और पप्पु।

पदमा;हंसने लगती है अरे ज़ालिम तू अकेला ही तो जान निकाल देता है।आज तेरा दोस्त भी है। पता नहीं मेरा क्या होंगा आज।
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देवा खुद के कपडे उतारने लगता है । पदमा तो तैयार ही थी नंगी होने को। पप्पू भी ड़रते ड़रते नंगा हो जाता है । जैसे ही पदमा पप्पु के लंड को देखती है एक हलकी सी हँसी उसके मुंह से निकल जाती है।

देवा; पदमा को नीचे बैठा देता है और पदमा झट से देवा और पप्पू के लंड को हाथ में लेके चुमने लगती है।



पप्पू;आहह आराम से । वो बिलकुल बच्चों जैसे चिल्लाने लगता है । उसने कई बार देवा का लंड चूसा था पर आज पहली बार कोई उसके लंड को चूस रहा था। उसके गाण्ड का सुराख़ खुल बंद खुल बंद होने लगता है आहह काकी जी।

देवा;अपने लंड को पदमा के हलक में उतारने लगता है और पदमा भी पप्पू के लंड से ज़्यादा देवा के लंड को चुसने लगती है गलप्प। गलप्प.... आह्ह्ह्ह गप्प्प।

कुछ देर में ही देवा चोदने के लिए तैयार हो जाता है।

पर पप्पू का लंड अभी भी खड़ा नहीं हुआ था।

देवा;पदमा को बिस्तर पे लिटा देता है और उसकी कमर हाथ में पकड़ के अपने लंड की तरफ कर लेता है।
काकी पप्पू का लंड खड़ा कर दे फिर देख तेरी चूत और गाण्ड की होली।

पदमा;आहह ये खड़ा नहीं होगा ।

देवा;होगा कैसे नहीं तू चूस तो सही आह्ह्ह्ह्ह्।
ये कहकर देवा अपने लंड को एक ही झटके में पदमा की चूत में पेल देता है।
पदमा; आहह बोल के नहीं डाल सकता माँ एक झटके में घूस्सा देता है आहह गलप्प गलप्प।



पदमा;पप्पू के लंड को चुसने लगती है और देवा अपने लंड को पदमा की चूत में अंदर बाहर करने लगता है।

पदमा; आहह देवा आज सुजा दे मेरी चूत आहह बहुत अच्छा चोद रहा है तू आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्।फाड़ दे मेरी चूत को आअह्हह्हह्हह।

पप्पू का लंड भी खड़ा हो जाता है और देवा अपना लंड निकाल के पप्पू को पदमा की चूत में लंड ड़ालने के लिए कहता है । पप्पू का छोटा लंड बड़ी आसानी से पदमा की चूत में चला जाता है।
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काकी पप्पू का लंड खड़ा कर दे फिर देख तेरी चूत और गाण्ड की होली।

पदमा;आहह ये खड़ा नहीं होगा ।

देवा;होगा कैसे नहीं तू चूस तो सही आह्ह्ह्ह्ह्।
ये कहकर देवा अपने लंड को एक ही झटके में पदमा की चूत में पेल देता है।
पदमा; आहह बोल के नहीं डाल सकता माँ एक झटके में घूस्सा देता है आहह गलप्प गलप्प।



पदमा;पप्पू के लंड को चुसने लगती है और देवा अपने लंड को पदमा की चूत में अंदर बाहर करने लगता है।
 
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पदमा को लगता है की देवा गाण्ड में डालेगा। पर वो भी अपना लंड चूत में ही ड़ालने लगता है।
देवा का लंड पप्पू के लंड को घिसता हुआ पदमा की चूत में जाने लगता है।

पदमा ऑखें फाड़े देवा को देखने लगती है । आहह मार डालेगा क्या रे आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ।



देवा इतनी जल्दी नहीं पदमा। अभी तो कई बार तुझे चोदना है आज।
ले साली बडी चुदक्कड़ है ना तेरी चूत आआआहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्।

पप्पू और देवा दोनों एक साथ अपना लंड पदमा की चूत में बारी बारी से आगे पीछे करने लगते है।

देवा;झुक के एक ऊँगली पप्पू के गाण्ड में भी डाल देता है।

पप्पू; आहह देवा को ललचाये नज़रों से देखते हुए पदमा को चोदने लगता है आह्ह्ह्ह्ह।

पदमा; आह्ह्ह्ह्ह् माँ ये मुझे दोनों सुराखों में चाहिए देवा आह्ह्ह्ह्ह।

देवा;तू बोल साली तुझे कैसे चाहिए। मै हूँ न तेरा असली मरद पप्पू तू नीचे हो जा। मै इसे पीछे से लेता हूँ।

पप्पू;नीचे लेट जाता है और पदमा उसके ऊपर लेट के लंड चूत में लेती है और उसी वक़्त देवा पीछे से अपना लंड पदमा की गाण्ड में पेल देता है आह्ह्ह्ह
मरआआआआआआ गईईईईईईई रेईईईईईई।

पदमा;आहह हाँ ऐसे ही आहह मेरे देवा आहह चोदो मुझे आह्ह्ह्ह्हह।

देवा;सटा सट अपने लंड को पदमा की गाण्ड में घुस्सा घुसा के उसकी गांड चोदने लगता है और नीचे से पप्पू ऑखें बंद किये देवा को अपने गाण्ड में महसूस करते हुए पदमा की चूत मारने लगता है। 15 मिनट देवा एक रफ़्तार में पदमा की गाण्ड मारते रहता है और फिर वो अपना लंड पदमा की चूत से बाहर निकाल लेता है और बिस्तर पे लेट जाता है।
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पप्पू तो काफी पहले अपना लंड पदमा की चूत से निकाल चूका था।

जैसे ही देवा बिस्तर पे लेटता है पदमा से पहले पप्पू उसके लंड को मुंह में ले के चुसने लगता है गलप्प गलप्प्प।गलप्प्प।


पदमा देवा से अपनी चूत चटवाते हुए ये नज़ारा देखने लगती है । उसे पता चल गया था की पप्पू गांडु है।

पदमा देवा के लंड को मुठी में लेके हिलाने लगती है और फिर उसे पप्पू के मुंह में डाल के उसे चूसने को कहती है।

कुछ देर बाद जब देवा का लंड फिर से खड़ा हो जाता है तो पदमा देवा से कहती है की वो पप्पू का लंड अपने गाण्ड में लेगी।

देवा कुछ नहीं कहता । जैसे ही पप्पू पदमा की गाण्ड में अपना लंड घुसाता है देवा को पदमा की बात समझ में आ जाती है और वो पप्पू के गाण्ड पे दो तीन थप्पड मार के अपने लंड को पप्पू के गाण्ड में घूस्सा देता है।

पप्पू;आहह देवा बहुत अच्छा आहह लग रहा है रे । तू तो काकी के चक्कर में मुझे भूल गई गया आहह्ह्ह्ह।



पदमा के गाण्ड में पप्पू का लंड और पप्पू के गाण्ड में देवा का । रात भर कभी देवा पप्पू की गाँड मारता तो कभी पदमा की कस के चोदता रहता जब तक वो दोनों हलकान नहीं हो गए ।

रात इसी तरह गुज़रती रही और पदमा की चूत और गांड और पप्पू की गाण्ड देवा के लंड से जूझते रहे।
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पदमा देवा के लंड को मुठी में लेके हिलाने लगती है और फिर उसे पप्पू के मुंह में डाल के उसे चूसने को कहती है।

कुछ देर बाद जब देवा का लंड फिर से खड़ा हो जाता है तो पदमा देवा से कहती है की वो पप्पू का लंड अपने गाण्ड में लेगी।

देवा कुछ नहीं कहता । जैसे ही पप्पू पदमा की गाण्ड में अपना लंड घुसाता है देवा को पदमा की बात समझ में आ जाती है और वो पप्पू के गाण्ड पे दो तीन थप्पड मार के अपने लंड को पप्पू के गाण्ड में घूस्सा देता है।

पप्पू;आहह देवा बहुत अच्छा आहह लग रहा है रे । तू तो काकी के चक्कर में मुझे भूल गई गया आहह्ह्ह्ह।



पदमा के गाण्ड में पप्पू का लंड और पप्पू के गाण्ड में देवा का । रात भर कभी देवा पप्पू की गाँड मारता तो कभी पदमा की कस के चोदता रहता जब तक वो दोनों हलकान नहीं हो गए ।
 

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