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WOW MAST UPDATEअपडेट 19
पप्पू तो कुछ देर बाद गाण्ड पे हाथ रख अपने घर चला जाता है पर पदमा आधी रात तक देवा से चुदती रहती है।सुरज निकलने के कुछ ही देर पहले वो अपने घर चली जाती है।
देवा इतना थक चूका था की वो उसी हालत में सो जाता है।
सुबह के ९ बज चुके थे। पर देवा की आँख अभी तक नहीं खुली थी।
उसे किसी के ज़ोर ज़ोर हँसने की आवाज़ सुनाई देती है वो ऑखें मलता हुआ जब सामने देखता है तो शालु की बेटी रश्मि हाथ में नाश्ते की प्लेट लिए खडी थी । उसकी ऑखें देवा के लंड पे ही जमी हुई थी।
देवा खुद को देखता है और जल्दी से पास पड़े हुए चादर उठा के लपेट लेता है।
देवा: तूम कब आई।
रश्मी; मुंह पे हाथ रखे किसी तरह बोलती है।
मै तो कबसे आई हूँ।
देवा;मुझे उठा नहीं सकती थी।
रश्मी;उठाई थी पर शायद रात में पदमा काकी आई थी यहाँ।
इसीलिए तुम इतने देर तक सोते पड़े थे। क्यों सही कह रही हूँ न मैं।
देवा;नहीं नहीं वो भला यहाँ क्यों आयेंगी।
रश्मी; अच्छा तो फिर ये पायल किसके है । मुझे तुम्हारे बिस्तर के पास पड़े हुए मिले।
देवा; सकपका जाता है और रश्मि के हाथ से पायल लेते वक़्त उसके हाथ से चादर फिसल जाता है।
रश्मी की हँसी ग़ायब हो जाती है।
जब सामने जवान हट्टा कट्टा मरद वो भी पूरा नंगा खड़ा हो तो कौन सी कुँवारी की चूत में पानी नहीं आएगा।
देवा;क्या देख रही है ।
रश्मी;मुंह फेर लेती है और नाश्ते की प्लेट सामने टूल पे रख देती है।
माँ ने कहा है देवा को नाश्ता कराने के बाद प्लेट लेती आना।
तूम जल्दी से खा लो मुझे घर भी जाना है।
WONDERFUL UPDATEदेवा; पीछे से रश्मि की कमर पकड़ के अपने लंड से चिपका लेता है।
रश्मी; आहह छोड़ मुझे । क्या करता है।
देवा;रश्मि के कानो को चुमने लगता है।
मैने सुना है कल जो लड़का तुझे देखने आया था उसे तू पसंद आ गई है।
रश्मी; हाँ तो।
देवा; यानि बायना तो तेरा हो गया है बस खरीदी बाक़ी है ।
रश्मी;देख तेरी बातें आहह मुझे समझ नहीं आती। छोड़ दे मुझे घर जाना है।
देवा;चली जाना इतनी जल्दी क्या है । वैसे भी तेरा जिस्म तुझे जाने के लिए नहीं कह रहा।
रश्मी;आह माँ तुझे इन सब बातों के अलावा और कुछ नहीं सूझता क्या।
देवा;रश्मि को अपनी तरफ घुमा लेता है और उसके गुलाबी होठो को चुमते हुए उसकी कमर को शलवार के ऊपर से मसलने लगता है।
रश्मी; गुं गुं आहह छोड कमिने मै तेरी नियत अच्छी तरह जानती हूँ । पर याद रख मै तेरे हाथ नहीं आने वाली।
देवा;अच्छा इतना विश्वास है तुझे खुद पे तो देख तेरी शादी से पहले अगर मैंने तेरी नहीं लिया तो मै कभी शादी नहीं करूँगा।
रश्मी;एक बार फिर से देवा के लंड पे ज़ोर से हाथ मार के वहां से भाग जाती है।
देवा;आहह सालीईईईई।
नाश्ता करके देवा खेत में चला जाता है उसने सोच लिया था की वो अब हवेली नहीं जायेगा।
खेत में फसल तैयार खडी थी।
उसका पूरा दिन खेत में काम करते हुए गुज़ार जाता है।
रात में खेत में चोरी न हो इसलिए वो वहाँ खेत में बने झोंपडे में सो जाता है।
इधर रानी की चूत और दिमाग आग उगल रहे थे। सुबह से वो देवा का इंतज़ार कर रही थी। पर वो नहीं आया था।
NICE POSTसुबह देवा जल्दी उठ जाता है और उसने जो मज़दूर फसल की कटाई के लिए बुलाये थे। वो भी आ चुके थे।
सुबह के 6 बजे से शम के 5 बजे तक फसल की कटाई हो जाती है।
ओर देवा खेत में एक रख वाली रख के वापस घर आ जाता है। उसका पूरा जिस्म दर्द से टूट रहा था जब वो घर पहुँचता है तो शालु और नीलम उसे घर में उसका इंतज़ार करते हुए मिलती है।
शालु; अरे देवा बहुत थके थके लग रहे हो मैंने जो खाना भेजवाया थी तुमने खाया था की नही।
देवा;हाँ काकी खा लिया था। वो घर में नहाने चला जाता है और कुछ देर बाद कुर्ता पैजामा पहनके बाहर आँगन में आके शालु और नीलम के पास बैठ जाता है।
नीलम;चोर नज़रों से देवा को देख मुस्कुरा रही थी
शालु की नज़र दोनों पे थी पर वो अपनी बातों से ये जाहिर नहीं कर रही थी ।
शालु;देवा को खाना लगा देती है और हाथ का पंखा उड़ाते हुए उसके पास बैठ जाती है।
नीलम;देवा के कमरे में जाके उसके पूरे कमरे की साफ़ सफाई करने लगती है।
रत्ना के मायके जाने से पूरा घर उथल पूथल हो चुका था।
नीलम हर एक चीज़ को अपनी जगह पे रखती है।
शालु; अच्छा मै चलती हूँ नीलम के बापु को दवाये भी देनी है। अरे हाँ वो कल वैध जी के यहाँ जाके दवाये लेते आना।
देवा; अच्छा काकी मै ले आऊंगा।
नीलाम: मैं भी चलते हूँ माँ।
शालु; तू देवा के खाना खाने के बाद प्लेट लेती आना।
देवा;नीलम की तरफ देखता है उसके चेहरे से पता चल रहा था की वो बहुत घबराई हुए है पर कही न कही वो भी कुछ पल देवा के साथ अकेले में बिताना चाहती थी।
MAST UPDATEशालु के चले जाने के बाद देवा हाथ धोके चारपाई पे बैठ जाता है।
दोनो चुप थे। न नीलम कुछ बोल पा रही थी और न देवा।
कुछ देर बाद देवा चुप्पी तोड़ता है।
तूने अच्छा किया जो मेहमानो के सामने नहीं गई वरना....
नीलम;हँसते हुए वरना....
देवा; वरना मेरे घर में रौशनी होते होते रह जाती।
नीलम;तुम बड़े वैसे हो।
देवा; कैसे।
नीलम; बहुत बूरे हो और नीलम शरमा के अपने दोनों हाथ अपने चेहरे पे रख देती है।
देवा उसके हाथ चेहरे से हटाता है दोनों की नज़रें एक हो जाती है।
देवा;नीलम तू नहीं जानती। मै तुझसे कितना प्यार करता हूँ।
नीलम;कितना प्यार करते हो।
देवा; तेरे लिए मै अपनी जान भी दे सकता हूँ।
नीलम;घबराके अपना हाथ देवा के मुंह पे रख देती है।
कभी भूल के भी मरने की बात मत करना मै तुम्हारे साथ ज़िन्दगी जीना चाहती हूँ।
देवा;नीलम के हाथ चूम लेता है और उसे अपने बाँहों में समेट लेता है।
देवा;जब भी किसी औरत या लड़की को अपने छाती से लगाता था तो उसका दिल उसे चोदने को करता था पर नीलम के मामले में उसके जज़्बात बहुत अलग थे। नीलम उसकी ज़िन्दगी बन चुकी थी और वो नीलम को एक पत्नी की तरह देखता था।
कुछ देर बातें करने के बाद नीलम बर्तन लेके घर चली जाती है और देवा वही सो जाता है।
NICE UPDATE पदमा की चूत और गाण्ड देवा ने इस कदर सुजा दिया था की वो अगले दो चार दिन और उसके पास नहीं फ़टकने वाली थीना पप्पू उसे मिलने आया था न पदमा। पदमा की चूत और गाण्ड देवा ने इस कदर सुजा दिया था की वो अगले दो चार दिन और उसके पास नहीं फ़टकने वाली थी।।
सुबह १० बजे देवा अपने खेतों की तरफ जाने लगता है के उसी वक़्त एक तेज़ रफ़्तार कार उसके पीछे से आती है और उसके पास आके रुक जाती है।
वो कार रानी चला रही थी। देवा रानी को देख थोड़ा घबरा जाता है।
रानी;कार का डोर खोल देती है।
अंदर बैठो।
देवा;मुझे खेत में बहुत काम है मालकिन।
रानी;चिल्लाते हुए मैंने कहा... कार में बैठो।
देवा चुप चाप कार में बैठ जाता है।
रानी फुल स्पीड में कार दौड़ा देती है और कार सीधा हवेली जाके रुकती है।
वो देवा का हाथ पकड़ के उसे अपने रूम में ले जाती है और दरवाज़ा बंद कर देती है।
देवा;मालकिन मुझे जाने दो मुझे काम है।
रानी; चटाकक्क्क्क्क्क से एक थप्पड देवा के गाल पे जड़ देती है।
क्या समझते हो तुम खुद को। एक मामूली से नौकर हो तुम हमारे और इतना घमण्ड है तुम्हें खुद पे। नीचे बैठो।
देवा; नौकर की तरह नीचे बैठ जाता है थप्पड उसके गाल पे नहीं दिल पे पडा था। अंदर ही अंदर उसका खून खौल रहा था पर वो रानी और हिम्मत राव की बहुत इज़्ज़त करता था इसलिए चुप था।
रानी देवा की गरदन पे हाथ रख देती है।
दो कौडी के नौकर अब जैसा मै तुमसे कहूँगी तुम वैसे ही करोगे समझे ।
देवा;मालकिन आप चाहें तो मेरी खाल खीच लिजीये पर मै कोई गलत काम नहीं करुँगा आपके साथ।
रानी हंसने लगती है । मुझे पता था तुम यही कहोंगे
और मुझे ये भी पता है की तुम कुछ कर भी नहीं सकते
नपुन्सक हो तुम। पता नहीं कौन से गंदी नाली के कीड़े ने पैदा किया है तुम्हें।
तुम्हारा बाप भी ऐसा ही होगा नपुंसक.... जैसे तुम हो।
देवा; खुद की चमडी उतर जाने पे उफ़ तक नहीं करता पर आज रानी ने उसके बाप को वो कही थी जो अगर हिम्मत राव भी कहता तो देवा उसे भी नहीं छोड़ता।
WOW EROTIC UPDATE रानी का मुंह पकडे देवा अपने लंड को रानी की चूत में ऐसे घुसाता है जैसे कोई तेज़ चाक़ू से मक्खन काट रहा हो।देवा रानी के बाल पकड़ के उसे झुका देता है और एक हाथ उसके हलक में डाल के उसकी ज़ुबान पकड़ लेता है।
साली मेरे बापु को गाली देती है। तू समझती क्या है खुद को.... लंड चाहिए न तुझे मेरा। देख आज तुझे ऐसे चोदुँगा की तू कभी किसी से भी नहीं चुदाएगी।
रानी;आहह छोड कमिने तू क्या मुझे चोदेगा। उसके लिए मर्दांनगी चाहिए। तू मरद है की नही।
देवा का दिमाग अब उसके बस में नहीं था वो देखते ही देखते रानी के सारे कपडे फाड़ देता है और उसे बाल से पकड़ के बिस्तर पे पटक देता है।
रानी;अरे जा अपनी माँ का दूध पी ।
देवा; दूध वो तो आज तो खुद देखेगी किसके दूध में कितना दम है मुंह खोल साली।
रानी मुंह नहीं खोलती।
देवा;उसकी गर्दन ज़ोर से दबा देता है जिससे रानी का मुंह खुल जाता है और देवा अपने लंड को रानी के हलक तक उतार देता है।
सटा सट वो अपने लंड को पोर्न फिल्मों की तरह रानी के मुंह में घूसाने लगता है।
रानी के मुंह से थूक और राल बहने लगती है। वो साँस नहीं ले पाती न कुछ बोल पाती है।
देवा;रानी को पीठ के बल लिटा देता है। नाज़ुक से रानी देवा के मज़बूत हाथों में कांच की गुड़िया की तरह खेल रही थी वो देवा को गालियां देना चाहती थी पर देवा उसे अब किसी चीज़ के लिए मौका नहीं देता।
देवा;बहुत नाज़ है न तुझे खुद पर देख एक गांव वाले की मर्दांनगी देख अब।
रानी का मुंह पकडे देवा अपने लंड को रानी की चूत में ऐसे घुसाता है जैसे कोई तेज़ चाक़ू से मक्खन काट रहा हो।
WOW MAST UPDATEरानी आज तक सिर्फ हिम्मत राव का छोटा लंड खाई थी पर आज उसका सामना देवा के हथोड़े से हुआ था १०० सुनार की तो १ लोहार की।
रानी की चुत जगह जगह से चीरती चली जाती है और बारीक बारीक खून वाली नसे फ़टने से उसकी चूत से खून बहने लगता है।
रानी;आहह मुझे माफ़ कर दे आहह अब नहीं कहूँगी तुझे कुछ । आहह माँ बापु मुझे बचा लो आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्।
देवा पुरी तरह पसीने में नहा चूका था पर ग़ुस्सा था की कम होने का नाम नहीं ले रहा था वो बिजली की तेज रफ़्तार से रानी को चोदे जा रहा था और रानी अपनी फटे चूत को और चिरता देख चिल्लाये जा रही थी।
देवा;अभी तो कुछ भी नहीं हुआ मालकिन मर्दांनगी देखनी है ना तुझे। देख......
रानी जो सोच भी नहीं सकती देवा वो कर बैठता है। वो रानी के दोनों टाँगे चीर देता है जिससे उसकी गाण्ड का सुराख़ पूरी तरह खुल जाता है।
देवा;दोनों हाथों से कमर को पकड़।
रानी;आहह नहीं आहह मुझे माफ़ कर दे देवा मुझे माफ़ कर दे प्लीज्जज्जज्ज।
देवा; साली नहीं सुनेगी तो जान से मार दुंगा।
पकड़ दोनों हाथों से ।
रानी;इतने दर्द के मारे काँपने लगती है और ना चाहते हुए भी उसे कमर पकड़नी पडती है।
देवा;अपने लंड पे थूक लगा के सट से रानी का दुसरा सुराख़ भी खोलता चला जाता है वह अपना लंड पूरी बेदर्दी से रानी की गांड में घुसा दिया था।
रानी; आहह माँ देवा मै तेरे हाथ जोड़ती हूँ पैर पडती हूँ मुझे छोड दे मै मर जाऊँगी रे ज़ालिम।
देवा; मालकिन दूध का दम देख लो पहले। फिर छोड दूंगा आहह्ह्ह्ह।
WOWरानी की आवाज़ बाहर तक न जा सके इसलिए देवा उसकी गर्दन को पकड़ के उसकी गाण्ड मारने लगता है १५ मिनट लगातार एक पोजीशन में रानी की गाण्ड मारने से रानी बेहोश होने लगती है । उसने कभी अपनी गाण्ड नहीं मरवाई थी । आज उसे खुद पे अफ़सोस हो रहा था और हिम्मत राव पे ग़ुस्सा भी आ रहा था की उसने अपने काम के लिए किस ज़ालिम को चुना था।
देवा;क्यूँ मालकिन अब पता चल रहा है न मरद किसे कहते है आह्ह्ह।
रानी; माँ वो चिखते हुए मुतने लगती
है। आह्ह्ह देवा तुझे अपनी माँ की कसम मुझे और दर्द मत दे । आहह तरस खा मुझ पे एक गाली की सजा इतनी आहह मत दे रे।![]()
कुछ देर चूत में लंड डालके चोदने के बाद देवा अपना सारा पानी रानी की चूत में निकाल देता है और वहीँ लेट के साँसे ठीक करने लगता है।
रानी;अपनी चूत को देखती है खून और चिप चिपा पानी उसकी चूत और गांड से बाहर ज़मीन पे गिरने लगता है।
देवा कुछ देर बाद कपडे पहन के वहां से चला जाता है।
पर रानी के दिल दिमाग और चूत पे वो ऐसे छाप छोड जाता है जो आने वाले वक़्त में बहुत अहम साबित होगी।
WOW MAST AND LONG UPDATEअपडेट 20
रानी; लंगड़ाते हुए बिस्तर से खडी होती है आज पहली बार लंड खाने के बाद उसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था। वो नहाने चली जाती है और जब नहा के बाहर निकलती है तो हिम्मत राव उसे बैडरूम में बिस्तर पे बैठा मिलता है।
रानी;अरे बाप्पू तुम कब आए।
हिम्मत राव; रानी के क़रीब आता है और उसे ऊपर से निचे तक देखने लगता है।
लगता है मछली चारा निगल गई।
रानी;मुस्कुराते हुए हाँ बाप्पु।
पर ज़ालिम ने वो दर्द दिया है के चला भी नही जा रहा।
हिम्मत राव;रानी के जिस्म पे लिपटी टॉवल निकाल देता है और नीचे बैठ के रानी की चूत देखने लगता है।
ये क्या ये तो जगह जगह से चीर गई है और सूज भी गई है
वो हाथ लगा के चूत को देखता है।
रानी;आहह बाप्पू अभी मत छुओ बहुत जलन हो रही है
कुछ मत करो मुझे सोने दो।
हिम्मत राव;अपने मुंह में का थूक उसकी चूत पे लगा देता है ।
चल आराम कर और हाँ कल वो तेरे जनम दिन पे ज़रूर आएंगा मैंने पदमा से कह दिया है देवा को भी साथ ले आने के लिये।
अब बस अपना जादू उसपे कल ऐसे चला की वो तेरे इशारों पे नाचने लगे।
रानी;कुछ नहीं कहती और चुप चाप लेट जाती है।
देवा;को बहुत अफ़सोस हो रहा था की उसने ग़ुस्से में आके ये क्या अनर्थ कर दिया।
वो रानी से माफ़ी माँगने का सोच लेता है और खेत में चला जाता है।
वो रानी से मिलके उसे माफ़ी भी माँगना चाहता था पर अब् उसका दिल रानी का सोच सोच के डर भी रहा था पता नहीं वो रानी का सामना कैसे कर पायेगा।
दिन शाम में बदला और शाम रात में देवा वैध जी के घर जाने की बात भी भूल गया उसे रह रह के बस रानी और उसके साथ हुई घटना याद आ रही थी।
दिल में डर भी था कही हिम्मत राव उसे बन्दूक से उड़ा न दे।
रात में पदमा उसे मिलती है।
उसका दिल देवा के साथ रात गुजारने का था पर देवा का लंड तो ऐसे खामोश बैठा हुआ था जैसे मर गया हो।
देवा;पदमा को थकान का बहाना बनाके खेतों में सोने चला जाता है।
पदमा उसे हिम्मत राव का फरमान सुना गए थी।
रात बस ऑखों ऑखों में गुज़र जाती है।
सुबह का सूरज देवा के ज़िन्दगी में किसी अमावस के रात की तरह आया था।
वो धड़कते दिल के साथ पदमा के साथ हवेली जाता है।
हवेली में बाहर सन्नाटा पसरा हुआ था देवा का दिल और ज़ोर से धड़कने लगता है।
पर जैसे ही वो दोनों अंदर जाते है।
शोर गुल और हंगामे की आवाज़ चारो तरफ सुनाई देने लगती है।
सामने रानी अपनी तमाम खुबसुरती के साथ देवा का इंतज़ार करते खडी थी।
हिम्मत रव और उसके कुछ दोस्त उनके बीवियाँ उनके बीच रानी के कुछ सहेलियां भी वहां मौजूद थी
पर रानी सब को छोड के सीधा देवा के पास आती है।
देवा रानी से आँख नहीं मिला रहा था । वो झिझकते हुए रानी को देखता है।
जनम दिन बहुत बहुत मुबारक हो मालकिन।
रानी उसके इतनी क़रीब आ जाती है की रानी की साँस की आवाज़ भी देवा को सुनाये दे रही थी।
अब मै तुम्हारी मालकिन नहीं रही देवा तुम्हारी दासी बन गई हूँ।
देवा;फटी फटी नज़रों से रानी को देखने लगता है।
हिम्मत राव वहां उनके पास आता है।
अरे देवा तुम आ गये। भाई बहुत देर कर दी तुमने। ये हमारी रानी बिटिया ज़िद कर बैठी थी की जिसके वजह से उसे नई कार मिली है वो उसके आने के बाद ही सबका मुंह मीठा करवाएंगी।
अब तुम आ गये हो तो शायद हम कुछ खा पी सके।
रानी; बापू आप भी न । देवा है ही इतना खास की कोई भी उसके लिए इंतज़ार कर बैठे। क्यों देवा।
देवा;झुकी झुकी नज़रों से । पता नहीं मलकिन।
कुछ देर बाद खाने पीने का दौड़ शुरू होता है ।
देवा एक तरफ बैठा सब को हँसते बोलते देख रहा था।
रुक्मणी काफी देर से देवा को ही देख रही थी।
वो उसके पास आती है रुक्मणी को देख देवा खड़ा हो जाता है
रुक्मणी;अरे बैठो बैठो देवा।
कैसे हो भाई एक शिकायत है हमे तुमसे।
तूम तो बस रानी और अपने काम में ऐसे खोये रहते हो की हमे देखते भी नही।
देवा;नहीं नहीं मालकिन आपको कुछ काम था मुझसे।
रुक्मणी;क्या मै सिर्फ काम के वक़्त तुमसे बात कर सकती हूँ।
बात ये है की मै तुम्हें शुक्रिया कहना चाहती थी । उस दिन जो तुमने मेरी जान बचाई थी।
देवा;मालकिन आप कई बार मुझे शुक्रिया कह चुकी है
शायद आप भूल गई और मैंने तो सिर्फ अपना फ़र्ज़ निभाया था और कुछ नही।
रुक्मणी;दिल में हाँ तुमने तो अपना फ़र्ज़ निभा लिया और बदले में मेरा दिल चुरा लिया।
दोनो हँस हँस के बातें करने लगते है।
दूर खड़े हिम्मत राव और रानी की नज़रें इन दोनों पे ही टीकी हुई थी।
हिम्मत राव;लगता है तुम्हें ज़्यादा मेंहनत नहीं करनी पडेगी बेटी।
हमारा काँटा लगता है खुद निकलना चाहता है हमारी ज़िन्दगी से।
रानी;मुझे भी यही लगता है बापु।
दो तीन घंटे बाद सारा हंगमा ख़तम हो जाता है और रानी देवा को अपने साथ कमरे में कुछ बात करने के बहाने से ले जाती है।
देवा;चुप चाप एक तरफ रूम में खड़ा हुआ था।
उसे पता था रानी उस पे ग़ुस्सा होंगी हो सकता है वो चिल्लाना भी शुरू कर दे ।
रानी देवा के क़रीब आती है और अचानक उसके गले लगके उसे चुमना शुरू कर देती है।
देवा देवा मेरे देवा मै तुम्हारा शुक्रिया कैसे अदा करू तुमने मेरा दिल मुझसे छीन लिया है देवा मुझे तुमने ये क्या कर दिया है।
मुझे हमेशा के लिए अपना बना लो मेरे देवा।
देवा;मालकिन होश में आइये कल जो हुआ वो बहुत बुरा हुआ। मै आपसे माफ़ी माँगना चाहता हूँ।
रानी;अरे बुधू माफ़ी किस बात की जिससे प्यार करते है ना। उसके साथ ये सब कर सकते है तुमने कुछ गलत नहीं किया। उल्टा मुझे तुमसे माफ़ी माँगनी है। मैंने कल ग़ुस्से में पता नहीं तुम्हें क्या कुछ कहा था।
अच्छा ये बताओ मेरे लिए क्या तोहफ़ा लाये हो।
देवा;वो मै क्या चाहिए आपको।
रानी; जो माँगूँगी दोगे।
देवा;जी दूँगा।
रानी;आज रात पीछे के दरवाज़े से हवेली में आ जाना और सीधा मेरे कमरे में आ जाना। मै दरवाज़ा खुला रखुंगी।
तब मै तुमसे तोहफ़ा माँगूगी और तुम्हें देना होगा।
देवा ऐसा फँसा था की उसे भागने का कोई दरवाज़ा दिखाई नहीं दे रहा था । वो हाँ कर देता है और कुछ देर बाद हवेली से चला जाता है।
दिन भर उसे बस एक बात सताती है की आखिर रानी उससे क्या माँगेंगी।
उसका किसी चीज़ में दिल नहीं लगता वो शालु के घर खाना खाने जाता है और चुप चाप खाना खाके वापस अपने घर लौट आता है उसके इस रवैये से सभी को हैरानी भी होती है ।
रात का अँधेरा घिर जाता है । गांव में सन्नाटा छा जाता है सभी अपने अपने बीवीयों के लहंगे में सो जाते है और देवा हवेली की तरफ चल पड़ता है । वो पीछे के दरवाज़े से हवेली के अंदर चला जाता है और दबे पांव रानी के कमरे में दाखिल हो जाता है।
जैसे ही वो कमरे के अंदर पहुँचता है रानी पीछे से दरवाज़ा बंद कर देती है और देवा से चिपक जाती है।
रानी;मुझे पता था तुम ज़रूर आओगे।
देवा;मालकिन बोलिये क्या चाहिए आपको।
रानी;तुम तुम्हारा जिस्म तुम्हारा प्यार तुम्हारा साथ हमेशा के लिए मुझे चाहिए देवा ।
देवा;नहीं नहीं मालकिन आप जोश में आके ये सब कह रही है।
रानी;देवा का लंड पेंट के ऊपर से सहलाने लगती है।
इधर देखो मेरे ऑखों में।
कल तुमने जो किया वो तुम्हें अच्छा लगा सच सच बताओ।
देवा;मालकिन वो।
रानी;सच बोलो।
देवा;हाँ मालकिन।
रानी; मैं तुम्हें अच्छी लगने लगी हूँ ना।
देवा;हाँ मालकिन पर।
रानी;मेरा जिस्म तुम्हें कैसा लगता है।
देवा;आप आईने की तरह साफ़ हो दूध की तरह गोरी हो आपका जिस्म संगमरमर की तरह है मालकिन।
रानी;देवा मै तुमसे प्यार करती हूँ सच्चा प्यार मै चाहती हूँ तुम भी मुझे प्यार करो बाप्पू की चिंता मत करो । गांव वालो से मत डरो बस मेरे बन के रहो। ये राज़ हम दोनों तक रहेगा बस तुम मुझसे दिन रात प्यार करो देवा।
देवा का लंड रानी के सहलाने से खड़ा हो चुका था। उसके दिल का डर भी रानी ने लगभग ख़तम कर दी थी।
सच बात तो ये थी की देवा भी रानी की मदमस्त जवानी और साफ़ खूबसूरत जिस्म को देख उसका दिवाना सा हो गया था।पहली बार उसने बिना बाल वाली चूत देखा था और हर नए चीज़ इंसान को अपनी तरफ खिचती है देवा का भी कुछ ऐसा ही हाल था।
दोनो के होंठ एक दूसरे से चिपक जाते है।
रानी;गलप्प देवा ये कपडे अब जिस्म पे बोझ से लग रहें है उतार दो न इन्हें।
वो देवा के कपडे उतारने लगती है और देवा रानी के।
रानी;देवा के जवान लंड को देख दिल ही दिल में खुश हो जाती है । भले ही उसे देवा से प्यार न हो पर वो देवा के लंड की दिवानी तो उसी दिन बन गई थी जिस दिन कार में उसने देवा के लंड को पहली बार हिलाई थी।
उसके होठो से राल टपकने लगती है और वो निचे बैठके देवा के लंड को चुमते हुए चाटने लगती है गलप्प गलप्प गलप्प्प।
देवा;आहह मालकिन धीरे धीरे आह वरना पानी न निकल जाये मेंरा।
रानी;निकलने दो मै फिर से खड़ा कर दूंगी आज की रात ये मेरे और मेरी चूत के लिए है गलप्प गलप्प।
लंड तो देवा का बहुत पहले खड़ा हो चुका था। वो रानी को और चुसने नहीं देता और उसे अपनी गोद में उठाके चुमते हुए बिस्तर पे लिटा देता है।
देवा;रानी कल इस चूत पे बहुत ज़ुल्म किया है मैंने आज इसे मरहम लगाके ठीक कर दूंगा गलप्प गलप्प।
रानी; हाँ ठीक कर दो आहह मेरे देवा तुम्हारे लंड की तरह तुम्हारी ज़ुबान भी आहह कमाल की है।चाटो मेरे राजा आह्ह्ह।
देवा चूत को अंदर बाहर से चाटने लगता है जिस तरह रानी को देवा का लंड पसंद आ गया था उसी तरह देवा को भी रानी की चिकनी चूत भा गई थी। वो चूत को अंदर तक ज़ुबान डालके चाटने लगता है गलप्प गलप्प्प।
रानी;आहह मेरा पानी निकल जायेंगा आहह रुक जा आह्ह्ह्ह्ह्ह।
देवा को कुछ सुनाई नहीं दे रहा था वो बस रानी की चूत को खा जाना चाहता था।
रानी;रुक जाओ देवा आहह पहले मेरी चूत में एक बार डालके चोदो। मुझे उसके बाद रात भर चाटते रहना आहह बहुत खुजली हो रही है अंदर तक आह्ह्ह्ह्ह।
देवा;रानी के होठो को चुम के उसे भी चूत के पानी का स्वाद चखा देता है और अपने लंड को रानी की चूत पे टीका के रानी से पूछता है।
रानी : डाल दुं अंदर.
रानी;आहह पूछते क्यों हो अबसे मेरे जिस्म पे सिर्फ तुम्हारा अधिकार है डाल दो आह्ह्ह्ह्ह्ह।
रानी का बस इतना बोलना था की देवा का लंड सनसनाते हुए रानी की चूत में घुसता चला जाता है।
आज देवा रानी को हलके हलके धक्के मार रहा था कल की तरह नही।
रानी; चूत के अंदर एक एक इंच पे देवा को महसूस कर सकती थी लंड तो उसने बहुत बार खाए थे पर असली लंड का मज़ा उसे देवा से मिला था।
रानी;आहह तू बड़ा वो है देवा कल जानवर की तरह चोद रहा था । आज इतने धीमे धीमे क्यों कर रहा है रे ज़ोर से मार ना।
देवा;रानी आह्ह्ह।
कल ऐसे चाहिए न तुझे । आहह इतने ज़ोर से क्या इससे भी ऐसे ज़ोर से वो धीरे धीरे अपने रफ़्तार बढा बढा के रानी को चोदते हुए पुछने लगता है और रानी हाँ हाँ चिल्लाती चली जाती है।
देवा;रानी को अपने ऊपर ले लेता है और नीचे से अपना लंड उसके चूत में घुसा के अंदर तक बच्चेदानी को टक्कर मारते हुए उसे चोदने लगता है।
रानी की चूत अंदर तक खुल जाती है और आज पहली बार उसे अपने जिस्म में बच्चेदानी होने का एहसास भी होने लगता है।
आह ये लंड है या हथोड़ा आहह माँ ।
देवा;तुझे ऐसे ही चाहिए न रानी आहहह्ह्ह्ह।
वो अब रानी को मालकिन कहके नहीं बल्कि रानी कहके बुलाने लगता है।
देवा समझ बैठा था की रानी उसके लंड की दिवानी हो गई है जैसे पदमा और वैध की बहुए है।
उसे इस सब में बहुत मजा भी आ रहा था ।
पर वो नहीं जानता था की रानी अपने पीछे पीछे तूफान भी ले के आ रही है।
वो रानी की चूत के नशे में उसे सुबह तक चोदता रहा। उसने रानी की चूत के साथ साथ गाण्ड को भी काफी हद तक खोल दिया था।
दोनो एक दूसरे के बाँहों में लेटे हुए आने वाले वक़्त की बातें कर रहे थे।
देवा;रानी तेरे बाप्पू को ये बात अगर पता चल गई तो वो तो मुझे जान से मार देंगे।
रानी; बापू के बन्दूक के सामने मै आ जाऊँगी
मेरे बापू तुम्हें कुछ नहीं करेंगे पर .....
देवा;पर क्या रानी।
रानी;तुम तो जानते हो मेरी माँ ....
वो मेरी सगी माँ नहीं है सौतेली माँ है वो मुझसे नफरत करती है।
अगर उन्हें पता चल गया तो वो सारे गांव वालो को बता देगी और हम सब की क़ितनी बदनामी होंगी तुम्हें गांव छोड के जाना भी पड़ सकता है।
देवा;नहीं नहीं मै अपना घर खेत छोड के कही नहीं जाना चाहता।
रानी; माँ बहुत ख़राब औरत है देवा। वो मुझपे बदचलन का इलज़ाम लगाके कही कुंवे में न ढकेल दे ।
इस सब का बस एक उपाए है।
जीससे गांव वालों तक ये बात नहीं पहुँच सकेंगी
देवा;वो क्या।
रानी; तुम मेरी माँ के दिल में जगह बना लो।
उनके बहुत क़रीबी हो जाओ।
फिर अगर कभी उन्हें हमारे बारे में पता चल भी गया तो वो किसी को कुछ नहीं कहने वाली।
देवा;हाँ बात तो सही है।
पर मुझे उनसे बहुत डर लगता है।
रानी;मर्द होके ड़रते हो मैंने तो सुनी थी की तुम किसी से भी नहीं ड़रते अरे अगर तुम मेरे लिए इतना भी नहीं कर सकते तो जान से मार दो मुझे।
देवा;नहीं नहीं रानी। मै मालकिन के दिल में जगह बनाऊँगा।
रानी;ना सिर्फ जगह बल्कि तुम्हें उनके साथ वो सब भी करना पड़ेंगा जो हम करते है।
देवा;क्या नहीं नही.....
रानी; बुधू बस एक बार वो अपना मुंह न खोल सके। तुम्हारे जैसे जवान के लिए ये कौंन सी बडी बात है अरे जब तुम मुझ जैसे कुँवारे को अपने लंड की गुलाम बना सकते हो तो माँ तो तुम्हारे सामने कुछ भी नही।
देवा;कुछ देर बाद रानी की बात मान लेता है।
रानी देवा को चुमने लगती है।
कुछ देर बाद वो पीछे के दरवाज़े से देवा को घर भेज देती है और दिल ही दिल में अपनी जीत की खुशियाँ मनाने लगती है।
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सुबह देवा जल्दी उठ जाता है । उसे शहर जाना था अपने गन्ने की फसल को बेचने वो सुबह से खेत में लगा हुआ था मज़दूरो की मदद से वो ट्रेक्टर में गन्ने रखवा देता है।
वो बस शहर की तरफ निकलने ही वाला था की हवेली का एक नौकर जो हिम्मत राव के खेतों में काम करता था देवा के पास आता है।
और देवा को संदेश देता है की हिम्मत राव ने उसे अभी हवेली बुलाया है।
देवा; ट्रेक्टर लेके हवेली चला जाता है।
और ट्रेक्टर हवेली के बाहर खड़ा करके अंदर जाता है। सामने उसे हिम्मत राव रुक्मणी और रानी से बातें करते हुए दिखाई देते है वो सभी को नमस्ते करता है और रानी को देख उसके चेहरे पे हलकी सी मुस्कान आ जाती है।
रानी;अरे बैठो देवा।
देवा;मालिक आपने मुझे बुलाया कुछ काम था।
हिम्मत राव; हाँ वो रुक्मणी को शहर जाना है अगर तुम्हें कोई काम नहीं होगा तो कार ले के चले जाओ।
देवा;मालिक मै शहर ही जा रहा था गन्ने बेचने।
रानी; ये तो अच्छी बात है माँ को भी ले जाओ जब तक माँ को डॉक्टर देखे तुम गन्ने बेच लेना और आते हुए माँ को दवाख़ाने से भी लेते आना।
रुक्मणी;उसे तकलीफ हो जाएंगी।
हिम्मत राव;क्या कहतो हो देवा तुम्हें कुछ दिक्कत तो नहीं है न।
देवा;मालिक मुझे क्या दिकत हो सकती है पर मै तो ट्रेक्टर ले आया हूँ । मालकिन कहाँ उस में बैठेंगी।
हिम्मत राव;रुक्मणी की तरफ देखता है और फिर देवा की तरफ।
तूम रुको रुक्मणी अभी आती है कपडे बदल के और उसे कोई दिक्कत नहीं ट्रेक्टर में बैठने में क्यों रुक्मणी।
रुक्मणी;मुस्कुराते हुए नहीं मै अभी आती हूँ।
वो अंदर कपडे बदलने चली जाती है और देवा वही हिम्मत राव के पैरों के पास निचे ज़मीन पे बैठ जाता है। कुछ देर बाद रुक्मणी गुलाबी कलर की साडी पहनके बाहर आती है।
किसी स्वर्ग की अप्सरा की तरह अपने रंगों में लिपटी हुई रुक्मणी बहुत खूबसूरत लग रही थी।
देवा;एक उचटती सी निगाह रुक्मणी पे ड़ालता है और ट्रेक्टर की तरफ चल देता है पीछे पीछे रुक्मणी भी चली आती है।
दोनो ट्रेक्टर में बैठके शहर की तरफ निकल जाते है
उनके निकलने के बाद हिम्मत राव और रानी अपनी रास लीला शुरू करने रानी के रूम में घुस जाते है।
रुक्मणी;अपने साडी ठीक करते हुए
क्या बात है देवा इतने चुप क्यों बैठे हो क्या मेरा साथ आना तुम्हें अच्छा नहीं लगा।
देवा;अरे नहीं नहीं मालकिन मै कुछ और सोच रहा था।
रुक्मणी;हम्म मुझे भी बताओ क्या सोच रहे थे।
देवा; मैं सोच रहा था की जल्दी से गन्ने बेच बाच के मां के गांव चला जाऊँ।
माँ को वापस भी लाना है और पता नहीं मां की तबियत कैसी है।
रुक्मणी;क्या हुआ मां को तुम्हारी......
देवा ने ठीक नहर के ऊपर इतनी ज़ोर से ब्रेक मारा की रुक्मणी गिरते गिरते बचती है।
समने से मदमस्त हाथियों की एक टोली गुज़र रही थी
ये हाथी जब बेकाबू हो जाते थे तो सामने के हर एक चीज़ को तहस नहस कर देते थे।
देवा;ट्रेक्टर बंद कर देता है और ख़ामोशी से हथियों के जाने के प्रतीक्षा करता है।
पर गन्ने की खुशबु हथियों को १०० मील से भी आ जाती है ।
देवा का ट्रेक्टर तो गन्नो से भरा पड़ा था।
एक बड़ा सा हाथी देवा की तरफ बढ़ता है और चिंघाड़ता हुआ अपने सूंढ़ और दांत ट्रेक्टर पे मारता है।
रुक्मणी और देवा बुरी तरह घबरा जाते है और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगते है।
उनकी आवाज़ से गांव वाला तो कोई नहीं आता बल्कि बाकि के हाथी भी उस हाथी का साथ देने वहां आ जाते है।
देवा और रुक्मणी तीन तरफ से हथियों से घिर जाते है। रुक्मणी घबराके देवा से चिपक जाती है उसकी साडी कहाँ थी ब्लाउज कहाँ उसे कुछ होश नहीं था बस डर था तो हथियों से जो किसी भी वक़्त बड़े बड़े दाँत इन दोनों के बदन में घूस्सा के दोनों का काम तमाम कर सकते थे।
देवा;रुक्मणि का हाथ पकड़ लेता है।
मालकिन हमें नहर में कुदना होगा।
रुक्मणी;नहीं मुझे तैरना नहीं आता।
देवा;मुझपे भरोसा रखो जल्दी से कूदो वरना ये हमें मार देंगे।
रुक्मणी;ऑंखें बंद कर देती है और देवा रुक्मणी को अपनी गोद में उठाके नहर में कुद जाता है।
नहर में गिरते ही देवा हाथ पैर मारने लगता है और रुक्मणी को पकड़ के किनारे की तरफ तैरने लगता है।
रुक्मणी; बुरी तरह काँप रही थी उसका जिस्म ठण्डा हो चुका था और वो देवा से किसी बच्चे की तरह चिपकी हुई थी।
जैसे तैसे देवा उसे किनारे पे ले आता है।
रुक्मणी का ब्लाउज उसके गोरी गोरी ब्रैस्ट से चिपक जाता है अंदर ब्रा न होने के कारण साफ़ सफेद मोटे मोटे थन देवा को साफ़ दिखाई दे रहे थे।
डर के मारे रुक्मणी के होंठ थर थर काँप रहे थे।
एक पल के किये तो देवा का मन किया की उन काँपते गुलाबी होठो को चुम ले।
देवा;मालकिन आँखें खोलो।
रुक्मणी;वो चले गए ना।
देवा;हाँ मालकिन वो यहाँ नहीं है डरो मत कुछ नहीं होगा।
रुक्मणी;अपनी ऑखें खोलती है और अगले ही पल दूबारा बंद करके देवा से बुरी तरह चिपक जाती है।
गीली साडी और उसपे नाज़ुक बदन दोनों के जिस्म गीले थे।
देवा;के हाथ खुद बखुद रुक्मणी के कमर पे चले जाते है और वो उन नरम नरम कमर को दोनों हाथों में दबोच लेता है। रुक्मणी;ऑखें खोल के देवा की ऑंखों में देखती है और फिर दूबारा बंद करके देवा के छाती में सर छुपा लेती है।
रुक्मणी;आहह देवा मेरी जान बचाने के लिए मै तुम्हारा शुक्रिया कैसे अदा करूँ।
देवा के हाथ धीरे धीरे रुक्मणी के कमर पे अभी भी घूम रहे थे।
मलकिन मै आपको पहले भी कह चुका हूँ आपकी जान मेरे लिए अपनी जान से भी ज़्यादा क़ीमती है।
रुक्मणी; ये सुनके देवा के जांघ में अपनी जांघ दबाने लगती है जिससे देवा का लंड रुक्मणी के ठीक चूत के ऊपर रगड जाता है।
रुक्मणी; आहह ऐसा क्यों देवा।
देवा;अपना हाथ रुक्मणी के गरदन पे घुमाते हुए उसका सर ऊपर की तरफ करता है।रुक्मणी की ऑखें अभी भी बंद थी और होंठ थोड़े खुले हुए थे। साँस धीमी मगर गहरी चल रही थी।
देवा;उसके कान को चुमता है और धीरे से उसे कुछ कहना चाहता है की तभी....
देवा के कान में हथियों की आवाज़ सुनाई देती है वो अभी भी उसके ट्रेक्टर के पास खड़े थे। देवा रुक्मणी को छोड़ के नहर पे बनी पुलिया की तरफ देखता है जिसपे वो ट्रेक्टर खड़ा था। कुछ गांव वाले भी वहां पहुँच चुके थे और इतने सारे लोगों की आवाज़ से वो हाथी वहां से भाग जाते है।
रुक्मणी;कुछ देर बाद ट्रेक्टर के पास पहुंचती है।
उसकी ऑखें लाल हो चुकी थी ।
वो चुप चाप ट्रेक्टर में बैठ जाती है और देवा भी रुक्मणी से कुछ कहे बिना शहर की तरफ ट्रेक्टर चला देता है।।
शहर में देवा रुक्मणी को दवाखाने में छोड मन्डी में गन्ने नीलाम करने चला जाता है।
और कुछ घण्टो के बाद खाली ट्रेक्टर ले के वापस दवाख़ाने आ जाता है। रुक्मणी;उसका इंतज़ार कर रही थी। वापसी का सफ़र ख़ामोशी में कट जाता है दोनों के दिल एक दूसरे से बातें कर रहे थे पर होंठ खामोश थे।
जहां रुक्मणी के दिल के जज़्बात देवा को ले के बदल चुके थे
वही देवा भी रुक्मणी की तरफ काफी झुकाव महसूस कर रहा था ।
मोहब्बत तो वो नीलम से करता था पर आज जब रुक्मणी उसकी बाहों में थी तो उसे ऐसा लगा जैसे वो नीलम है।
हवस के बजाये रुक्मणी के लिए उसके दिल में प्यार जग चुका था।
वो खुद को समझाता मनाता गालियां देता किसी तरह हवेली पहुँचता है।
जैसे ही उसकी नज़र रानी पे पडती है वो ट्रेक्टर ले के अपने घर की तरफ निकल जाता है।
रह रह के रानी से किया हुआ वादा सताने लगता है।
वो रुक्मणी को बिना ज़्यादा मेंहनत किये अपने नीचे सुला सकता था पर ना जाने क्यों उसका दिल इस चीज़ के लिए उसे इजाज़त नहीं दे रहा था । वो रुक्मणी को धोखा देने की सोच के ही काँप उठता था।
अपनी यादों में खोया वो घर जा ही रहा था की रास्ते में उसे शालु मिलती है और वो उसे वैध जी के यहाँ जाने की याद दिलाती है।
देवा बिना घर गये ट्रेक्टर वैध जी के घर की तरफ घुमा देता है।
वैध के घर का दरवाज़ा खुला हुआ था इसलिए देवा सीधा घर के अंदर चला जाता है घर एकदम खाली था। देवा सोचता है शायद किरण या वैध पिछवाडे होंगे वो जैसे ही उठके बाहर जाता है किरण अपना बदन टॉवल से पोछते हुए बाथरूम से बाहर निकलती है।
किरण देवा को देख चौंक भी जाती है और खुश भी हो जाती है।
तूम कब आए।
देवा;बस अभी आया मुझे कोई बाहर दिखाई नहीं दिया तो अंदर चला आया। वैध जी से काका की दवायें लेनी थी।
किरण;बाप्पू घर पे तो थे। पता नहीं कहाँ चले गये।
वो अपने टॉवल अपने बदन से अलग करके सर पे बांध देती है।
यहाँ आओ। देवा जब किरण के क़रीब पहुँचता है तो लंड तो उसका सुबह से चिल्ला रहा था चूत के लिए और अब सामने किरण ऐसे चूत और चूचियों के दर्शन करा रही थी की पुछो मत।
किरण;देवा के कान को पकड़ के खीचती है और उसके कान में कहती है।
चोदेगा नही।
देवा;मुस्कुरा देता है।
साली तेरा ससुर आ गया तो।
किरण;तू डरता भी है मुझे आज पता चला।
देवा;डरता तो मै किसी के बाप से भी नहीं हूँ।
चल जो होगा देखा जायेगा।
वह किरण को गोद में उठा लेता है।
और अपने कपडे निकाल के किरण को बुरी तरह मसलने लगता है।
किरण;आहह देवा पता नहीं क्या बात है तुझ में दिल तेरे बिना लगता ही नहीं आह्ह्ह्ह्ह्।
देवा अपने लंड को किरण की चूत पे घीसने लगता है।
किरण;अरे रुक जा ज़रा पहले मुंह से तो गीला करने दो मुझे।
वो निचे बैठ के देवा के लंड को मुंह में ले के चुसने लगती है गलप्प गलप्प गप्पप्प।
गलप्प।
आह बहुत मीठा है रे ये आह्ह्ह्ह्ह् गलप्प गप्प्प।
देवा; किरण के मुँह के अंदर झटके मारने लगता है उसकी ऑखें बंद थी और दिल में रुक्मणी की सुबह की गीली साडी वाले छवि। वो सटा सट अपने लंड को किरण के मुंह में ऐसे पेलने लगता है जैसे रुक्मणी को चोद रहा हो।
किरण; गुं गुं गुं आहह आराम से चूत नहीं है वो आह्ह्ह गलप्प गलप्प्प।
देवा;चल आजा और देवा किरण को अपने लंड पे खीच लेता है।
किरण;आहह धीरे बाबा ।
वो अपनी दोनों टाँगें देवा की कमर के पास लटका के निचे ऊपर हो के लंड चूत के अंदर तक लेने लगती है
आह रोज़ चुदुँगी मै तो अब आहह तुझसे आह्ह्ह्ह्ह् मेरे देवा आआह्ह्ह।
देवा;साली बहुत गरम है तेरी चूत कही मेरा लंड न जला दे आह्ह्ह्ह्ह।
किरण; नहीं जलने दूंगी आहह अपना नुकसान कैसे करुँगी मै आह्ह्ह्ह्ह्हह माँ।
वो अपने धुन में मगन थे की तभी वहां वैध आ जाता है और किरण को देवा के लंड पे कूदता देख उसके तन बदन में आग लग जाती है। बैध जी; ये क्या हो रहा है किरण।
किरण के साथ साथ देवा भी घबराके वैध की तरफ देखती है।
किरण; लंड पर से उठना चाहती है पर देवा उसे उठने नहीं देता।
और अपना लंड उसकी चूत में पेलते रहता है।
देवा;वैध जी देख नहीं रहे तुम्हारी बहु को चोद रहा हूँ।
बैध जी: मैं अभी सारे गांव वालो को बुलाकर बताता हूँ।
देवा; हाँ जा मै भी तेरे और तेरी बहु के बारे में सबको बोलूँगा और किरण सबके सामने पूरे गांव वालो को कहेंगी की तू इसका रोज़ बलात्कार करता है।
क्यूं बोलेंगी ना किरण।
करण; हाँ बोलूँगी आहह ।
बैध जी;के पैर जम जाते है।
देवा; चुप चाप यहाँ बैठ जा और हमें हमारा काम करने दे ।
अगर तूने अपना मुंह खोला तो इस लंड से तेरी गाण्ड चीर दूंगा बैठ जा चुप चाप।
बैध जी;अपनी इज़्ज़त बचाने के डर से वही बैठ जाते है।
और सामने देवा किरण को अपने ऊपर लेके वैध जी को देखाते हुए किरण के चूत में दना दन लंड पेलने लगता है।
किरण; आहह ऐसे ही ज़ोर से आहह मुझे ऐसे लंड चाहिये देवा । आहह चोद मुझे अपने ससुर के सामने आह्ह।
किरण की चूत बहुत जोश में आ चुकी थी। ससुर का डर दिल से निकल जाने से वो खुल के देवा के लंड को अपनी चूत में ले सकती थी।
अपने ससुर के सामने बाहर वाले से चुदना। ये सोच सोच के किरण की चूत से पानी की धार बहने लगती है। दोनो पसीने में तर बतर हो चुके थे। पर दोनों एक दूसरे से अलग नहीं होना चाहते थे।
सामने बैठा वैध अपने लंड को धोती के ऊपर से सहलाने लगता है।
और देवा किरण को अपने निचे झुका के लंड को उसकी बच्चेदानी तक डालके चोदने लगता है ।
किरण;आहह माँ आहह चोदो न आह्ह्ह्ह्ह्ह।
मेरी चूत आहह रोज़ चोदने आ जाया करो देवा आअह्हह्हह्हह।
देवा :पूरी ताकत से लंड को किरण की चूत के जड में पहुंचा के कुछ देर बाद उस्की चूत को अपने पानी से भर देता है और खड़ा होके वैध के सामने किरण को गोद में ले के चुमने लगता है।
कुछ देर दोनों के होंठ एक दूसरे से अलग नहीं होते और जब होते है तो किरण की ज़ुबान देवा के लंड पे झुक जाती है और अपनी चूत और देवा के लंड के पानी को चाट चाट देवा के लंड को साफ़ करने लगती है।
थोड़ी देर बाद देवा तो कपडे पहनके घर दवायें लेके चला जाता है।
पर किरण को एक काम और करना पडता है। उसे वैध जी के लंड को हिला हिला के ठण्डा करना पडता है।
वैध जी;आहह हिला बिटिया आह्ह्ह मुंह में लेके चुस ना।
किरण;नहीं अब इस मुंह में सिर्फ देवा का लंड जायेगा। और किसी का नही।