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wow niceरत्ना;क्या बात है बेटा क्यों बुलाया।
देवा;अपनी जेब से कुछ पैसे निकाल के रत्ना के पास दे देता है। ये लो कुमारी को हमारे तरफ से भेंट दे देना।ये इस गांव का ये रिवाज था की सभी मेहमान दुल्हन को तोहफे ना देके पैसे देते थे जो आने वाले वक़्त में उस के काम आता।
रत्ना;चल तू अपने हाथों से दे दे।
देवा;रत्ना के पीछे पीछे घर के अंदर चला जाता है।
कुमारी दुल्हन के लाल कपड़ों में बहुत प्यारी लग रही थी वो एक भोली भाली शरीफ लड़की थी देवा उसके सर पर हाथ रख के उसके हाथ में वो पैसे दे देता है।
पास में बैठी हुई रश्मि उसे अभी भी घूर रही थी पर ये घूरना क़ातिलाना था जैसे किसी चीज़ का बदला लेना चाहती हो।।उसके पास बैठी शालु देवा को देख रत्ना से कहती है।
शालु;रत्ना अब तू भी देवा के लिए जल्दी से कोई लड़की देख ले लड़का जवान हो गया है।
रत्ना से पहले देवा बोलता है।
काकी आपको कैसे पता चला की मै जवान हो गया हूँ।।
ये सुन के वहां बैठे सभी लोग हंसने लगते है और शालु का चेहरा लाल हो जाता है । शादी के मौक़ों पे ऐसे छोटे मोटे हंसी मज़ाक आम बात थी।
शालु;उसे घुर के रह जाती है।
देवा मुस्कुरा देता है और कुछ देर बाद बाहर निकल जाता है।
शादी अपने रस्मो रिवाज के मुताबिक हो जाती है सभी लोग खाना खा चुके थे।
देवा;खाना खाने के बाद पप्पू से कहता है ।
चल पप्पू ज़रा खेतों से होके आते है।
पप्पू;ना बाबा तू जा मुझे बहुत काम है।
देवा;पप्पू के कमर पे ज़ोर से थप्पड मार के अकेला खेत की तरफ चल देता है।
रास्ते में उसे पदमा मिलती है वो उसे आवाज़ देती है पर देवा उसकी आवाज़ को नज़र अंदाज़ करते हुए सीधा अपने खेत की तरफ बढ़ने लगता है।
पदमा;तेज कदमों से उसके तरफ आ जाती है और उसका हाथ पकड़ लेती है उसकी साँसे तेज़ चलने से फूली हुई थी और जिसकी वजह से उसके मोटे मोटे सन्तरे भी ऊपर नीचे होने लगते है।
wow aaj raat padma ki dhajiyan uda dega devaपदमा;कबसे तुझे आवाज़ दे रही हूँ तू सुनता भी नही।
देवा : क्या है कुछ काम था।
पदमा;मुझसे नाराज़ है मै जानती हूँ तेरे नाराज़गी सही है । बस किस्मत गांडु थी अपनी।
देवा;तुम्हारा क्या है काकी तुम तो मेरे खड़े लंड पे लात मार देती हो दर्द मुझे सहना पड़ता है इसलिए तुम मुझसे दूर रहो।
पदमा;उससे चिपकते हुए ऐसे कैसे दूर रहूँ मेरे गबरू जवान आज रात आ जाना घर पे खुश कर दूंगी तुझे।
देवा: मैं नहीं आने वाला वो तुम्हारा पियकड़ पति गालियां देता हुआ कभी भी आ सकता है।
पदमा;अरे बुधु वही तो बोलने के लिए तुझे आवाज़ दे रही थी । तेरे काका आज अपनी बहन के घर गए है और एक हफ्ते के बाद आयेंगे।
देवा की ऑखों में चमक आ जाती है और वो पदमा को कस के अपने से चिपका लेता है इसका मतलब एक हफ्ता तुझे जितना चाहुँ पेल सकता हूँ।
पदमा;आहह कुछ भी कर राजा। जल्दी से शाम ढले घर आ जाना न मुझसे रहा जा रहा है और ने मेरी चूत से।
देवा;देखूं ज़रा वो पदमा की साडी उठाके अपना हाथ उसके लहंगे के अंदर डाल देता है । पदमा अंदर कुछ नहीं पहनी थी उसकी चूत एकदम चिपचिपी थी और उसमें से ऐसे महसूस हो रहा था जैसे पानी रिस रहा हो।
पदमा;उई माँ यहाँ कहाँ कर रहा है छोड अभी रात में जी भर के करना।
देवा;वो गीली उँगलियाँ पदमा के मुंह में डालके उसे चुसने को कहता है।
पदमा;गलप्प गल्प चुसते हुए आहह ये तो खारा है मीठा तो तेरा पानी है रे।रात में आ जाना जल्दी से और ये कहके पदमा वहां से चल देती है।
दोपहर में देवा हवेली पहुँचता है रानी कार के पास उसका इंतज़ार कर रही थी।
रानी;बहुत देर कर दी देवा आने में।
देवा;हाँ वो कुछ काम निकल आया था।
देवा;कार में बैठ जाता है और रानी उसके पास थोड़ा सट के बैठ जाती है।
wow yahan to rani bhi deva se apni chut fadwana chati haiदेवा;रानी को कार के सभी पार्ट्स के मालूमात देता है कब गियर बदलना है कब ऑक्सीलेटर लेना है।
रानी;उसकी बातों पे कम और देवा के चेहरे पे ज़्यादा ध्यान दे रही थी। ये बात देवा ने भी महसुस किया पर बोला कुछ नही।
फ़िर देवा कार स्टार्ट करके उसे गांव के बाहर बने हुए सड़क की तरफ दौड़ा देता है ये सड़क शहर की तरफ जाती थी रास्ता एकदम सुनसान था ।
रानी;देवा को कार रोकने के लिए कहती है।
जब देवा कार रोकता है तो रानी कार में अपने सीट पे से देवा के गोद में आके बैठ जाती है।
देवा सकपका जाता है।
अरे मालकिन ये आप क्या कर रही है आप वहां बैठिए ।
रानी;ओफ़ हो देवा इतने बड़े हो गये हो और लड़कियॉं के तरह घबरा रहे हो । मै लड़की होके जब यहाँ बैठ सकती हूँ तो तुम्हें क्या ऐतराज़ है और वैसे भी मुझे जल्द से जल्द कार चलाना सीखना है चलो कार स्टार्ट करो मै चलाती हूँ। तुम बस ब्रेक संभालो ठीक है।
देवा;ठीक है मालकीन।देवा गांव की किसी भी लड़की को चोद लेता तो कुछ नहीं होता पर हिम्मत राव के लड़की पे गलत नज़र डालना मतलब गांव निकाला। क्योंकी हिम्मत राव न सिर्फ गांव का सरपंच था बल्कि उसकी पहुँच दूसरे गांव के सरपंच से भी थी ।
देवा; चाह के भी रानी को हाथ नहीं लगाना चाहता था।
पर रानी बार बार एक्सेलेटर तेज कर देती जिससे देवा को ब्रेक्स लगाने पडते और रानी देवा के छाती से टकरा जाती वो अपने कमर को देवा के लंड पे भी घिस रही थी।
आखीर देवा एक मरद था कब तक खुद को संभाल पाता धीरे धीरे उसके लंड में अकडन होने लगती है और वो रानी के कमर के बीच में धँस जाता है।
रानी;आहह चुभता है रे।
देवा;क्या हुआ मालकीन।
रानी; कुछ नहीं और वो जान बूझ के अपनी कमर को और ज़ोर से देवा के लंड पे रगडने लगती है जिससे देवा का लंड दबता चला जाता है और उसमें दर्द होने लगता है।
wow ab baap beti ke karname bhi dekhne ko milengeदेवा;दोनों हाथों से रानी की कमर पकड़ के उसे ऊपर उठाता है
रानी;आहह क्या कर रहे हो देवा ।
देवा;कुछ नहीं मालकिन आप तो अच्छी तरह कार चला रही है लगता है दो चार दिन में ही आप पूरी तरह सीख जाओंगी।
रानी;जब तक मै एकदम अच्छी तरह नहीं सिख लेती तब तक तुम रोज़ मुझे सिखाने आया करोगे समझे वरना मै बापु को बोल दूंगी ।
देवा;नहीं मालकिन जब तक आप चाहे मै आता रहूँगा।
रानी;फिर ठीक है ।
वो उसी तरह अपनी कमर लंड पे घिसते रही और कार सीखती रही तकरीबन २ घण्टे बाद देवा रानी से कहता है की मालकिन आज के लिए बहुत है घर चलते है।
रानी;मुस्कुराते हुए साइड में जाके बैठ जाती है और देवा कार चलाता हुआ हवेली पहुँच जाता है जब वो कार खड़ा करके अपने घर की तरफ बढ़ता है तो रानी उसे पीछे से आवाज़ देती है।
रानी;देवा कल जल्दी आ जाना।
देवा;जी मालकिन।
रानी;नाचते हुए अपने रूम में आ जाती है तभी उसे पीछे से हिम्मत राव अपनी बाँहों में कस लेता है।
हिम्मत राव;मेरी बिटिया रानी काम बना क्या। वो दोनों हाथों से रानी के नरम नरम चुचक मसलने लगता है।
रानी;आहह बापु आराम से न आहह सबर रखो सब ठीक होगा।
हिम्मत राव; सबर ही तो नहीं होता न गुड़िया उसके हाथ अब रानी के कपड़ों के अंदर तक चले गए थे और रानी के नंगे चुचकों को पूरी तरह मसल रहे थे।
की तभी किसी के कदमों की आवाज़ से दोनों बाप बेटी एक दूसरे से अलग हो जाते है।।
wow padma ki lund chusaiशाम के 6 बज रहे थे। देवा अपने घर जाने के बजाये पदमा के घर आ जाता है।
पदमा;उसे देख लेती है और उसके चेहरे पे एक क़ातिलाना मुसकान आ जाती है।
देवा;घर में आने के बाद दरवाज़ा बंद कर देता है।
पदमा;दूध का गिलास लेके उसके पास आती है
ये लो देवा दूध पि लो।
देवा;तुम्हें कैसे पता की मैं आया हूँ।
पदमा;दोपहर से तुम्हारी राह देख रही हूँ आँखें दरवाज़े की तरफ ही जमी हुई थी मेरी।
देवा;खड़ा हो जाता है और अपना कुर्ता पैजामा निकाल के खुट्टे में टाँग देता है वो सिर्फ चड्डी में खड़ा था।
पदमा;उसे देखते हुए अपने साडी नीचे गिरा देती है और ब्लाउज निकाल देती है।
ब्रा में पदमा को देख देवा से रहा नहीं जाता और वो आगे बढ़ के पदमा को अपनी बाहों में जकड लेता है।
देवा;आहह काकी आज मिली हो तुम कसम से आज मेरे लंड को खा जाओ अपने सुराखों में कही गुमा दो। मेरी काकी आहह वो दोनों कड़क हाथों से पदमा के चुचकों को निचोड़ के रख देता है।
पदमा;अपना लंहगा नीचे गिरा देती है । हाँ मेरे राजा आज तेरी पदमा तुझे अपने चूत में कही छुपा लेंगी। आ जा।
देवा; पीछे से ब्रा के हुक खोल के पदमा के नरम नरम ब्रैस्ट मुंह में ले के चुस्ने लगता है गलप्प गलप्प।
नीचे देवा के हाथ पदमा के चूत के छेद के अंदर घुसना चाहते थे। वो दो उँगलियाँ एक साथ मिला के उसे पदमा के चिपचिपे चूत में घुसा देता है जिससे पदमा उछलने लगती है।
पदमा;आहह ज़ालिम आहह मत तड़पा एक बार चोद दे मुझे । फिर रात भर तरसाता रह उसके बाद आहः
देवा;पहले ज़रा मुंह तो मीठा कर ले काकी।
और देवा पदमा को अपने लंड के पास बैठा देता है।
पदमा तो बस लंड के प्यासी थी चाहे वो मुंह में जाये चूत में या गाण्ड में। वो देवा के लंड पे पहले थूकती है और फिर उसे बिना देरी किये अपने मुंह में ले लेती है गलप्प गल्प।
wow padma ki chut deva ne chithde chithde kar daliपदमा के गीले थूक से भरा हुआ देवा का लंड बहुत जल्द अपने असली औक़ात में आ जाता है और उसके मोटी मोटी नसें तन जाती है।
पदमा; लंड मुंह से निकलने को तैयार नहीं थी और देवा लंड को चूत में ड़ालने के लिए तड़प रहा था वो पदमा को सीधा करके पलंग पे लिटा देता है और उसके ऊपर चढ जाता है।
वो आगे बढ़ते बढ़ते पदमा के पेट पे अपने कमर टीका देती है और अपने लंड को पदमा के मोटे मोटे चूचियों के बीच में लगा देता है।
देवा;पदमा ज़रा ज़ोर से पकड़ तेरे चुचे को।
पदमा;वैसे ही करती है और देवा अपने लंड को दोनों चूचियों के बीच घुसा देता है।
पदमा; जितना चुचे कसती देवा उतनी ज़ोर से लंड को दोनों के बीच रगड़ता।
पदमा;आहह देवा रे ज़ालिम आहह चोद न अपनी पदमा को रंडी के तरह बेरहमी से। आहह फाड़ दे रे मेरे चूत आहह मै कल चल भी न पाऊँ ऐसे रगड के चोद दे मुझे आहः।
देवा;पदमा के पैर खोल देता है और अपने लंड को उसके चूत के मुंह पे लगा के आहह एक ज़ोरदार झटका अंदर की तरफ मारता है । ये इतना ज़ोरदार धक्का था की पदमा रो पड़ती है जैसे पहली बार चूदाई हो। देवा का लंड था ही इतना मोटा जो चूत को चीर के रख देने वाला।
पदमा;आहह हरामी ने फाड़ दिया मेरी चूत तो आहः
देवा;तूने तो कहा की फाड़ दे देवा आहह देख कैसे फ़ाड़ता हूँ आहह और वो पदमा की बात को जैसे सच करने पे तुला हुआ था । सटा सट बिना रुके पदमा की चूत में लंड को आगे पीछे करने लगता है।
पदमा;आहह देवा तू क्या सच में मेरी चूत फाडना चाहता है जो इतनी बुरी तरह चोद रहा है आहह माँ।
देवा;पदमा बहुत तड़पाया है तूने मुझे कुछ तो वसूल करना पड़ेंगा न आहह और वैसे भी अभी तेरा एक सुराख़ बाकी है आहः।
पदमा;उई माँ मै वहां नहीं लुंगी तेरा।
देवा;कैसे नहीं लेगी छिनाल आहह घर तब तक नहीं जाऊँगा जब तक तेरे तीनो सुराख़ भर न दूँ अपने लंड के पानी से।
WOW VERY HOT UPDATEअपडेट 26
रात की कडी मेहनत के बाद देवा सुबह देर से जगता है।
रामु;सुबह सवेरे ही खेत में चला गया था।
देवकी;अपने चूत और गाण्ड के दर्द के वजह से अपने बिस्तर पे करवट बदल रही थी।
कौशल्या;किचन में सुबह के नाश्ते की तैयारी में लगी हुई थी की तभी देवा उसे पीछे से अपने बाँहों में जकड लेता है।
कौशल्या; आह्ह्ह माँ ओह्ह तुम हो मै तो डर ही गई थी।
उठ गए जनाब।
देवा;क्या बात है भाभी आज सुबह सुबह आपका चेहरा बड़ा खिला खिला लग रहा है क्या बात है।
कौशल्या के चेहरे पे शरम की लाली फ़ैल जाती है।
वो रात भर तो नहीं पर कुछ वक़्त अपने पति रामु के बाहों में ज़रूर थी और इसलिए कौशल्या का मूड काफी अच्छा था।
सब तुम्हारी वजह से भइया।
देवा बुरा सा मुंह बना लेता है।
भैया......अच्छा चलो मेरा इनाम निकालो
कौशल्या;कैसा इनाम।
देवा;अच्छा कल जो तुमने मुझे वादा की थी की अगर मैंने तुम्हे इस घर में वो मान सम्मान दिला दिया तो तुम मुझे मुंह माँगा इनाम दोगी।
कौशल्या;मुझे ऐसा कुछ याद नहीं है मैंने ऐसा कुछ कही थी क्या भइया।
देवा; अच्छा इसका मतलब आपने मुझसे झूठ कहा था। जाओ मै आपसे बात नहीं करता।
कौशल्या;अरे मै तो मज़ाक़ कर रही थी अच्छा बताओ क्या चाहिये तुम्हें।
देवा;पक्का सोच लो जो माँगूँगा देना होगा।
कौशल्या; मुस्कुराते हुए पक्का वादा।
देवा;फ़िलहाल तो आपको मुझे होठो पे चुमना पड़ेगा उसके बाद देखेंगे।
कौशल्या; क्या नहीं बिलकुल नही।
देवा; वादा किया है निभाना तो पड़ेगा।
कौशल्या ; देवा के पास आती है और उसके ऑखों पे अपने हाथ की हथेली रख के देवा के होठो को चुम लेती है।
बस अब ठीक है।
देवा;जी नहीं ऐसे नहीं ऐसे।
और देवा इस बार कौशल्या को अपने छाती से चिपका के उसके रसीले होठो को किसी आम की तरह मुंह में भर के चुसता चला जाता है और कौशल्या परकटे पंछी की तरह देवा की छाती पे मुक्के बरसाती जाती है।
पर कुछ देर बाद कौशल्या भी देवा का साथ देने लगती है। देवा अपने हाथ के पंजे से कौशल्या की नरम चूचि मसल देता है।
कौशल्या ;उई ए क्या करते हो ।
देवकी;अपने कमरे से।
बहु मेरी चाय कहाँ है।
कौशल्या ;देवा को पीछे धकलते हुए आई माँ जी।
वो तो चाये बनाना में लग जाती है और देवा देवकी के कमरे में चला जाता है।
बिस्तर पे लेटी हुए देवकी देवा को देख शरमा जाती है। जैसे कोई नई नवेली दुल्हन सुहागरात के बाद सुबह सुबह अपने पति को देख शरमाती है।
देवा रात की चुदाई के बाद बहुत ढीठ हो चुका था । अब उसे मामी भाभी इन सब रिश्तों के साथ छेड छाड़ करने में बहुत आनन्द आ रहा था। वो देवकी के पास जाके बैठ जाता है और अपना हाथ देवकी की जांघ पे रख देता है।
कैसे हो मामी।
देवकी; बड़ा ज़ालिम है रे तू। रात भर अपनी मामी पे ज़ुल्म करके पूछता है कैसी हो मामी। पूरा बदन दुःख रहा है ।
देवा; देवकी की जांघ पे रखा अपना हाथ आगे सरका के उसकी चूत पे रख देता है और देवकी के कुछ बोलने से पहले चूत को मसल देता है।
देवकी;आहह बेटा मत छू उसे। वो जग जाएँगी आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह।
देवा;देवकी को अपने बाँहों में कस लेता है और उसके गरदन को चुमते हुए धीरे से देवकी के कान में कहता है।
मामी आपकी चूत बहुत मस्त है दिल तो कर रहा है अभी आपको पूरा नंगा करके कस के चोद दुं।
देवकी; बेटा चूत तो मेरी भी यही चाह रही है पर अभी बहु घर में है ना आहह आह्ह्ह्ह।
देवा;तो क्या हुआ वो तो रामु के साथ आपको देख चुकी है न।
देवकी;हाँ इसी बात से तो मै परेशान हूँ बेटा कैसे नज़रें मिलाऊँ उससे समझ नहीं आता।
देवा;अगर मै ऐसा कुछ कर दूँ की तुम्हें अपनी बहु के सामने से शर्म महसूस न हो तो.....
देवकी;अपनी छाती से देवा के मुंह को चिपका देती है। फिर तो तेरी ये मामी तेरे गुलाम बन जाएगी। तू जो कहेंगा जहाँ कहेंगा वो मै करुँगी।देवा अपनी मामी को कुछ समझा देता है फिर.....
देवा; अपने मामी के होंठ को चुमने लगता है और उसी समय कौशल्या चाय का कप ले के देवकी के रूम में आती है।
देवा;अपने होंठ देवकी के होठो से निकाल लेता है और देवकी चाय पीने लगते है।
और चाय पीके कौशल्या से बोलके खेत में चली जाती है।
कौशल्या; ये सब क्या हो रहा था देवा।
देवा;कुछ नहीं मै तो बस मामी के गले मिल रहा था ।
कौशल्या अच्छा सब देखा मैंने बड़े आये गले मिलने वाले। हूं......
वो देवा को घुरने लगती है और उसी मदमस्त निगाहो से वो देवा के सामने रखा चाय का कप उठाते हुए वापस किचन में चली जाती है।
देवा; उठके कौशल्या के पीछे पीछे चला जाता है ।
भाभी भाभी क्या हुआ ।
कौशल्या ;कुछ नहीं मुझे काम करने दो।
देवा;मेरे अच्छी भाभी मेरी भोली भाभी मेरी सुन्दर भाभी इतना गुस्सा ठीक नहीं है चलो अब हँस भी दो।
कौशल्या;हंस पडती है अच्छा बाबा अब मुझे नहाने भी दोंगे या नहीं चलो हाथो मुझे नहाने जाना है। उसके बाद बहुत से काम है ।
देवा;आप नहाने जा रही हो ।
कौशल्या ; हाँ क्यूं।
देवा;मुझे भी नहाना है मै भी साथ चलता हूँ।
कौशल्या : नहीं पागल तो नहीं हो गये न तुम।
देवा; भूल गई जो मै कहुंगा वो तुम्हें मानना होगा। वादा किया है तुमने।
कौशल्या ;अपने सर पे हाथ मारके रह जाती है।
देखो देवा तुम नहाते वक़्त कोई शरारत तो नही करोगे ना।
देवा;करूँगा हाहा।हाहा।
मेरी मर्ज़ी चलो जल्दी चलो।
चूत तो कौशल्या की भी फड़फड़ा रही थी देवा के साथ नहाने के लिए ।
दोनो बाथरूम में घुस जाते है। कौशल्या ने अपने जिस्म पे एक पतली सी साडी बांध रखी थी जिसके निचे कुछ भी नहीं था और देवा सिर्फ पेंट में।
कौशल्या बाथरूम में एक कोने में बैठके नहाने लगती है और देवा उसे देखने लगता है।
कौशल्या;अब खड़े खड़े मेरा मुंह क्या देख रहे हो नहाना नहीं है क्या।
देवा;हाँ हाँ नहाना है।
कौशल्या अपने ऊपर के जिस्म पे साबुन लगाने लगती है और साथ ही अपने चेहरे पर भी साबुन लगाके मलने लगती है।
इधर देवा अपने पेंट में से अपना लंड निकाल के सिर्फ उसपे पानी डालके उसे साबुन लगा के धोने लगता है जैसे कोई मैदान ए जंग का सिपाही जंग पे जाने से पहले अपने तलवार साफ़ करता है।
कौशल्या जैसे ही चेहरे पे लगे साबुन को पानी से धोके देवा की तरफ देखती है उसकी साँस चलना बंद हो जाती है।
काला लम्बा मोटा वो ज़हरीले साँप की तरह दिखने वाला देवा का वो लंड जिसे वो हाथ में लेके बैठा था कौशल्या देखते ही रह जाती है।
अपनी ज़िन्दगी में उसने छोटे मोटे लंड तो देखे थी पर असली लंड उसे आज देखने को मिला था। वो कभी देवा को देखती फिर उसके लंड को देखती और अपने जिस्म पे पानी डालती जाती।
देवा;क्या हुआ भाभी।
कौशल्या;कुछ नहीं वो अपने पीठ देवा की तरफ करके अपने धड़कते दिल को सँभालने ही लगती है की देवा उसे पीछे से पकड़ लेता है।
देवा;कुछ चाहिए भाभी।
कौशल्या; हाँ ..नहीं छोड़ो न तुमने वादा किया था की.....
देवा का लंड कौशल्या की पतली सी साडी के ऊपर से ठीक उसके गाण्ड के सुराख़ के पास चुभने लगता है। जिससे कौशल्या के शरीर में अकडन होना शुरू हो जाती है।
देवा; कौशल्या को अपने जिस्म से कस के चिपका लेता है।
भाभी मुझे आपको करना है।
कौशल्या; ओह्ह्ह्ह करो न भैया रोका किसने है।
देवा;को यही सुनना था । वो अपने पेंट वही उतार के कौशल्या के जिस्म से साडी निकाल के उसे अपनी गोद में उठा लेता है और उसके होठो को चुमते हुए उसे उसके कमरे में ले आता है।
कौशल्या;कल रात रामु के साथ इस कमरे में चूदी थी वो चूदाई तो रामु से थी । पर हर धक्का उसे देवा की याद दिला देता था ।
देवा कौशल्या को लिटा के उसके मिठे मीठे नरम मखमली ब्रैस्ट को मुंह में लेके चुसने लगता है गलप्प भाभी। आपकी चूचियां कितनी नरम है गलप्प गलप्प्प।
कौशल्या; आहह तुम्हारे है भैया आहह पी लो सारा दूध अपनी बहन का आह्ह्ह्ह्ह।
देवा के हाथ नीचे कौशल्या की चूत पे रेंग रहे थे और मुंह उसके ब्रैस्ट को छोड़ने को तैयार नहीं था । जिसके वजह से कौशल्या की बुरी हालत थी। वो तो बस अपनी चूत में देवा का लंड लेना चाहती थी । पर देवा आज कौशल्या को पहले जी भर के पीना चाहता था उसके बाद उसे अपने लंड का पानी पीलाना चाहता था।
कौशल्या;भैया मुझे भी चाहिए।
देवा;क्या भाभी।
कौशल्या; ये।
उसका इशारा देवा के लंड की तरफ था। देवा बिना कुछ कहे कौशल्या को अपने लंड की तरफ खीच लेता है और कौशल्या देवा के खूबसूरत लंड को पहले कितनी ही देर देखती है और फिर उसे चुमते हुए अपने मुंह के अंदर ले लेती है गलप्प गलप्प।
कितनी ही देर वो देवा के लंड को नहीं छोड़ती और जब छोड़ती है तो देवा के लंड की नसे फूल के एकदम मोटी हो गई थी। खून से भरे हुए लंड की नसे देख कौशल्या की चूत डरने भी लगती है और चुदने के लिए चीखने भी लगती है।
देवा;कौशल्या को सीधा लिटा के उसके पैर खोल देता है और धीरे धीरे अपने लंड को कौशल्या की चूत में घुसाते जाता है।
कौशल्या; उईई माँ क्या है ये लंड है या कोई बांस है आह्ह्ह।
देवा;कम चिललाओगी धीरे से करुँगा ज़ोर से चिल्लाओगी उतने ज़ोर से चोदुँगा आह्ह्ह।
कौशल्या;अपने मुंह पे दोनों हाथ रख देती है जिससे उसकी आवाज़ न निकल सके पर देवा ने तो उससे मज़ाक़ किया था वो ऐसा खुंखार शिकारी था जो अपने शिकार को कभी अधूरा नहीं छोडता था । वो अपने लंड से कौशल्या की चूत को खोलता चला जाता है और कौशल्या कुछ देर बाद कुँवारी लड़की की तरह चीखने लगती है।
आह निकाल ले बाहर मर जाऊँगी मै आअह्हह्हह्हह।
देवा;बस थोडी देर भाभी आहह बस हो गया न आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।
कौशल्या रोने लगती है उसकी चूत से पानी की धार बहने लगती है कभी कभार चुदने वाली कौशल्या आज अपने ज़िन्दगी के सबसे सुखद और दर्दनाक दौर से गुज़र रही थी । एक तरफ चूत की आग उसे और और चुदने के लिए कह रही थी और एक तरफ लंड की मार उसे चुदने से रोक रही थी
देवा;अपने मज़बूत हाथों से कौशल्या के दोनों ब्रैस्ट को पकड़ के सटा सट अपना लंड उसकी चूत में घुसाए जा रहा था।
रोते रोते कौशल्या की आवाज़ अब सिसकारियों में बदल चुकी थी उसकी चूत ने देवा के लंड को अच्छी तरह अपना ली थी वो दोनों टांगों को और खोल देती है। जिससे देवा के लंड को अंदर जाने में आसानी हो।
देवा;आहह क्या बात है भाभी अब तो चिल्ला भी नहीं रही हो।
कौशल्या;प्यार करती हूँ तुमसे और प्यार करने वाले की हर चीज़ अच्छी लगती है दर्द भी आह्ह्ह्ह्ह।
देवा;अपनी भाभी के होठो को चुमता हुआ अपने लंड को चूत की गहराइयों में उतारता चला जाता है इस बात से अन्जान की देवकी दरवाज़े के पास खड़ी सब देख रही है।
THANKS FOR YOUR VALUABLE COMMENTSNICE START
THANKS FOR YOUR VALUABLE COMMENTSBAHUT UMDA INTRO HAI