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AKHIR DEVA NE CHUT & GAND PE VIJAY PRAPT KAR HI LIअपडेट 7
अभी तो शाम हुई थी रात तो अभी बाकी थी।
देवा के लंड के झटको से पदमा की चुत इतनी चिकनी हो चुकी थी की हर झटके के साथ फच फच की आवाज़ आने लगी थी।
काफी देर तक देवा पदमा को चोदते रहता है पदमा पूरी तरह से थक जाती है।
पदमा;हाँफते हुए आहह बस थोड़ा आराम करने दे रे आह मार देगा क्या आहः
देवा;आहह दो चार ताक़तवर झटके अंदर की तरफ देता है और पदमा के ऊपर ढेर हो जाता है।
पदमा की चूत से दोनों के प्रेम रस नीचे बहने लगता है और पदमा की गाण्ड के सुराख़ को भी गीला करता चला जाता है।
पदमा;देवा के बाल सहलाते हुए।
बड़ा जानदार है रे तू मै तो समझी थी चार पाँच धक्कों में ही मूत देगा।
देवा;काकी बस इसे एक बार मुंह में ले के और तैयार कर दो फिर देखता हूँ कौन मुतता है।
पदमा भी बहुत चुदासी औरत थी । इस तरह की चुदाई उसने बहुत कम की थी वो थकने वालो में से नहीं थी।
पदमा;अच्छा बच्चू देखती हूँ कितना दम है तेरे लंड में बहुत बड़े बड़े बातें चोद रहा है ना । चल ला अभी इसे खड़ा कर देती हूँ।
और पदमा देवा के लंड को मुंह में भर के गलप्प गलप्प
चुसने लग जाती है।
2-3 मिनट बाद ही देवा का लंड धीरे धीरे टाइट होने लगता है।
पदमा और ज़ोर ज़ोर से उसे चुसती है देवा के लंड में उसके चूत की भी खुशबु आ रही थी जिसकी वजह से पदमा की चूत के दोनों होंठ लपलपा रहे थे।
देवा पदमा को घोड़ी बना देता है।
पदमा;रुक जा क्या कर रहा है ऊपर आ ना ।
देवा;काकी काम पीछे का है।
पदमा; नहीं नहीं देवा देख ऐसा मत कर। मैंने आज तक वहां नहीं ली रे बेटा मर जाएगी तेरी काकी।
देवा;कमर पे हलके हलके थप्पड मारते हुए मसल देता है । एक बार लेके देख काकी तू रोज़ लेने लगेगी।
पदमा;नहीं ना आहह आहह ।
देवा के थप्पड पदमा के चूतड़ पर अब कुछ ज़्यादा ज़ोर से पडने लगते है जिससे उसकी चूतड़ लाल हो जाती है।
उसे एक अजीब तरह की खुमारी छाने लगती है । अब वो देवा को मना तो नहीं कर रही थी। बस सिसकियाँ भर रही थी।
देवा;अपनी दो उँगलियाँ पदमा की चूत में डाल के अंदर बाहर करता है जिससे वो चिप चीपी हो जाती है । वो फ़ौरन उन्हें पीछे से धीरे धीरे पदमा के गाण्ड में घूसाने लगता है।
पदमा का मुंह खुलता चला जाता है और गाण्ड का सुराख़ भी।
आह मत कर आहह चूत में डाल दे रात भर खड़ा कर के मार चूत । मै कुछ नहीं बोलूँगी राजा पर गाण्ड में मत डाल आह।
देवा की उँगलियाँ अब ज़ोर ज़ोर से पदमा के गाण्ड में जाने लगती है जिससे उसकी गांड का सुराख़ खुलता चला जाता है।
पदमा वो उँगलियाँ तो किसी तरह बर्दाशत कर रही थी पर कुछ पलों बाद देवा बिना कोई चेतावनी दिए अपने लंड का सुपाडा पदमा के गाण्ड पे लगा देता है और उँगलियाँ बाहर खिंच के लंड अंदर की तरफ पेल देता है।
पदमा चीख पडती है । उसकी ऑखों में आंसू आ जाते है पर बेरहम देवा नहीं रुकता वो धीरे धीरे उसे और गहराई में घुसाता चला जाता है।
जब देवा पूरा लंड अंदर डाल के बाहर खिचता है तो उसके लंड पे खून लगा होता है।
देवा;फिर से उसे अंदर ठोक देता है । आहह वो धीरे धीरे पदमा की गाण्ड मारने लगता है वो जानता था पहले कोई भी चिल्लाता है उसके बाद जब गाण्ड खुल जाती है तो हर कोई और मारने के लिए कहता है।
पदमा का भी यही हाल था ज़ोर ज़ोर से चीखने वाली पदमा की आवाज़ में अब सिसकियाँ शामिल हो गई थी वो रोक भी नहीं रही थी बस कमर को और पीछे करके आहह आहह माँ हलके हलके सिसक रही थी।
देवा का हर झटका उसे आगे धकेलता वो फिर से कमर हिलाते हुए पीछे को हो जाती।
देवा अब अपनी स्पीड बढाने लगता है और कमर को दोनों हाथों में थाम के सटा सट लंड गाण्ड में घुसाता चला जाता है।आहह आहह पदमा तेरी चूत से ज़्यादा नरम तो तेरी गाण्ड है आहह बहुत मजा आ रहा है मेरी जान।
पदमा;ओह आह मार ले। आज मै सब कुछ तुझे दे चुकी हूँ राजा। अपनी पदमा को भूलना मत आहह नहीं रह पाऊँगी तेरे लंड के बिना आहः
देवा का लंड पदमा के गाण्ड में तूफ़ान मचाने लगता है।
35 मिनट के बाद देवा अपने लंड को बाहर खिंच लेता है उसका लंड पदमा के खून से लतपथ था वो जल्दी से अपने लंड को कपडे से साफ़ कर लेता है और अपने कपडे पहनने लगता है।
पदमा अभी भी उसी तरह बेसुध पड़ी हुई थी उस में जैसे जान ही नहीं थी उठके कुछ करने की।
देवा कपडे पहन के पदमा को सीधा करता है उसके होठो को चुमता है और अपने घर की तरफ चल देता है।
WOW ONE ANOTHER INCESTरात के १० बज रहे थे।सभी गांव वाले सो चुके थे पर हवेली में हिम्मत राव और रानी जाग रहे थे।
रानी;अपने बिस्तर पे पड़ी कुछ पढ़ रही थी।
तभी कोई उसके रूम में आता है और दरवाज़ा बंद कर देता है।
रानी;सर उठाके जब सामने देखती है तो उसके चेहरे पे मुसकान आ जाती है वो सीधी होके बैठ जाती है।
सामने लुंगी में हिम्मत राव खड़ा था।
वो धीरे धीरे रानी के पास आता है और उसके पास लेट जाता है।
रानी;अपने बापू को देख मुस्कुरा रही थी।
हिम्मत राव';रानी को अपने ऊपर खिंच लेता है।
रानी;आहह बापू क्या करते हो माँ आ गई तो।
हिम्मत राव;पगली वो तो कब की सो चुकी है।
उसके दूध में हर रोज़ के तरह मैंने अफीम की गोली मिला दिया था वो तो सुबह ही उठेंगी अब।
रानी;हटो भी बापू।आज मुझे सोने दो बहुत थक गई हूँ मैं।
हिम्मत राव;अरे बिटिया थकान मिटाने के लिए तो आया हूँ तेरे पास।
तूझे पता है ना कस की चुदाई से जिस्म हल्का रहता है।
वो रानी के मोटे मोटे ब्रैस्ट मसलने लगता है।
रानी;उन्हह बापू कितने गंदे हो तुम छोड़ो मुझे नींद आ रही है रानी एक करवट लेके लेट जाती है।
उसकी नाइटी कमर के ऊपर सरक चुकी थी पर रानी उसे नीचे नहीं करती।
हिम्मत;राव;अपनी लुंगी निकाल देता है उसका लंड ज़्यादा बड़ा तो नहीं था पर चूत को खुश करने के क़ाबिल ज़रूर था वो रानी के पीछे लेट जाता है और अपने लंड को हाथ में पकड़ के रानी की गांड के दरार में घीसने लगता है।
रानी; उहं उहं आहह बापू आहह क्या करते हो आह।
हिम्मत राव; अपनी बेटी के ब्रैस्ट को मसलता हुआ अपने लंड को रानी के दोनों पैरों के बीच में घुसा के आगे पीछे करने लगता है जिससे उसका लंड रानी की चूत पे रगड खाने लगा था ।
OMG GEHRI CHAL MAST UPDATEरानी;पलट के अपने बापू के ऑखों में देखने लगती है।
तूम लिए बिना नहीं मानोगे है न बापू।
हिम्मत राव; साली तेरी माँ भी ऐसी ही थी पहले पहले नखरे करती थी फिर अंदर ड़ालने के बाद कमर उछाल उछाल के लेती थी।
रानी; बेटी किसकी हूँ।
हिम्मत राव; तेरी माँ को चोद के पैदा किसने किया है।
दोनो के होंठ मिल जाते है।
रानी को लंड रोज चाहिए था पर रानी को नखरे करके लेने की आदत थी वो हिम्मत राव के कपडे उतार देती है और अपनी नाइटी को एक झटके में निकाल के फ़ेंक देती है।
हिम्मत राव;बिस्तर पे सीधा लेट जाता है।
बिटिया ज़रा चूस ना सुबह से दर्द कर रहा है ये ।
रानी;अपने बापू के लंड को हाथ में पकड़ के पहले नीचे से ऊपर तक चुमती है।
और फिर गलप्प गलप्प उसे मुंह में भर में भर कर चूसने लगती है।
हिम्मत राव;आहह छिनाल बिटिया है तू आहह कितनी बार कहा है तुझे धीरे कर आहह सुनती ही नहीं है आहः
रानी;हिम्मत राव के गण्ड में अपनी एक ऊँगली डाल के लंड चूसने लगती है वो इतने ज़ोर से लंड खिच के चुसती थी की हिम्मत राव की हिम्मत जवाब दे देती थी।
हिम्मत राव;तू ऐसे नहीं सुनेगी। इधर आआ आजा तेरी चूत को मारना पड़ेगा कस के तभी तू सुनती है कमिनी
और वो रानी को अपने ऊपर खेंच लेता है।
रानी;बापू आहह चोदो ना आहह बहुत खुजली हो रही है मेरी चूत के अंदर आहः
हिम्मत राव;रानी को नीचे करके उसके पैरों के बीच आ जाता है और लंड को सीधा रानी के चूत पे रख के अंदर धक्का मार देता है।
इधर रानी जोश में कमर ऊपर उठाके लंड लेने लगती है उधर हिम्मत राव के झटके तेज़ होने लगते है ।
रानी;जानती थी की वो ज़्यादा देर नहीं टिकने वाला
आह बापू इतनी जल्दी झडना मत आहह मुझे रात भर चोदो आहः
हिम्मत राव;हाँ बिटिया आहह वो रानी को नीचे मसलता हुआ अपने लंड को अंदर तक खोंपता जाता है और १०मिन के बाद अपने लंड को बाहर निकाल लेता है।
रानी;अपना मुंह खोल देती है और हिम्मत राव अपने लंड का पानी अपनी बेटी के मुंह में गिराने लगता है।आहः
हिम्मत राव;बिस्तर पे लेट जाता है और रानी अपने बापू के छाती पे सर रख देती है।
रानी;बापू आप माँ की भी लेते हो न।
हिम्मत राव;बिलकुल नहीं जबसे तेरे से कसम खाया हूँ उस दिन से उसे एक बार भी नहीं चोदा।
रानी;ये सुनके मुस्कुरा देती है और अपने बापू के होठो को चूम लेती है।
हिम्मत राव;बिटिया देवा तेरे प्यार में पड़ के हमारा काम करेंगा।
रानी;बापू एक बार देवा को मै पटा लूँ उसके बाद वो हर वो काम करेंगा जो मै उसे करने के लिए कहुंगी।
हिम्मत राव;बस तू उसे पटा ले और उसके बाद किसी तरह उसे तेरी माँ रुक्मणी को पटाके चोदने पर लगा दे। उसके बाद मै गांव वालो के साथ उन दोनों को रंगे हाथों पकड़ लुंगा और उन दोनों का गांव निकाला हो जायेगा।
रानी; बापू ये काम तो आप किसी से भी करवा सकते थे न फिर देवा ही क्यूं।
हिम्मत राव;उसके बाप ने भरे पंचायत के सामने मुझे थप्पड मारा था। उसी दिन मैंने कसम खाया था की उसके पूरे खानदान को ख़तम कर दूंगा।
जिस दिन तेरी माँ और देवा का परिवार इस गांव से निकाला जायेगा उसी दिन रास्ते में मै उन सभी को अपने बन्दूक से भून दूंगा और किसी कुँए में गाड दूंगा।
रानी: मैं तो उस चुड़ैल से पीछा छुडाना चाहती हूँ आप को भी वही मिली थी शादी करने के लिये।
WOW NICE INCEST UPDATEहिम्मत राव;रानी बेटी वो दहेज़ में अपने साथ 100 एकड़ ज़मीन और 1 करोड़ के गहने लेके आई थी। सोने के अंडे देने वाली मुर्गी है तेरी सौतेली माँ। मैने सिर्फ उससे पैसों के लिए शादी किया था।वो अचानक मर गई तो सारा इलज़ाम मुझपे आयेंगा और हम दोनों को हवालात की सैर करनी पड़ सकती है।
उसे बदचलन साबित करके गांव निकाला कर देंगे और लोग समझेंगे उन दोनों ने शर्म के मारे आत्मा हत्या कर ली समझी मेरी रानी।।
रानी;अपने बापू को चुमती चली जाती है । वो पगली अपने बापू को अपना सब कुछ दे चुकी थी पर वो ये नहीं जानती थी की हिम्मत राव कितना कमीना इंसान है। वो इस मुकाम तक ऐसे ही नहीं पहुंचा एक मामूली चपरासी का बेटा आज जागिरदार ऐसे ही नहीं बन गया। उसने कितने लोगों के लाशों पे पैर रख के यहाँ पहुंचा था ये सिर्फ हिम्मत राव जानता था।
रानी और हिम्मत राव के बीच ये सब आज से 3 साल पहले शुरू हुआ था।
जब रानी की सगी माँ उसे छोड के हमेशा हमेशा के लिए चली गई थी ।
रानी की माँ के मरने के 6 महिने बाद हिम्मत राव ने दूसरी शादी कर लिया रुक्मणी से।
रुक्मणी; एक बहुत बड़े घर से ताल्लूक रखती थी अपने माँ बाप की एकलौती सन्तान थी। रुक्मणी के माँ बाप के पास जो कुछ था उन्होने रुक्मणी को शादी के दिन दे दिया और दोनों तीर्थ यात्रा पर निकल गए उसके बाद से रुक्मणी के माँ बाप की कोई खबर नहीं आई। कहते है वो भी इस दुनिया में नहीं रहे।
रुक्मणी जिस दिन से हवेली में आई थी उस दिन से रानी की आँख का कांटा बनी हुई थी हालाँकि रुक्मणी ने कभी भी रानी को अपने सौतेली बेटी के तरह नहीं देखी।
उस वक़्त रानी जवानी के दहलीज़ पे कदम रख चुकी थी।
हिम्मत राव;रुक्मणी के साथ बेहद खुश था एक रात जब वो रुक्मणी को नंगी करके अपने कमरे में चोद रहा था तो उसने देखा की खिडकी में से कोई उसे देख रहा है वो और कोई नहीं बल्कि रानी थी।
दूसरे दिन वो रानी के रूम में गया रानी बहुत डर गई थी। उसे लगने लगा था की हिम्मत राव पता नहीं उसे क्या कहेगा पर हिम्मत राव ने कुछ कहा नहीं बल्कि कुछ ऐसा किया जिससे रानी का अंग अंग सिहर उठा।
हिम्मत राव; ने रानी को बिस्तर पे पटक के उसके मुंह में अपना लंड डाल के उसे खूब चुसवाया।
WOW MAST POSTउस दिन रानी ने लंड तो चूस लिया मगर हिम्मत राव को अपनी चूत नहीं दी।
उसने हिम्मत राव के सामने एक शर्त रखी की वो एक शर्त पे उसे सब कुछ देंगी की अगर वो रुक्मणी को चोदना छोड़ दे और उसे घर से अपनी ज़िन्दगी से हमेशा हमेशा के लिए निकाल दे।
हिम्मत राव मान गया । उसके पीछे भी उसका शैतानी दिमाग कुछ सोच चूका था जिससे रानी अन्जान थी।।उसी दिन हिम्मत राव को अपनी बेटी की कुँवारी चूत मिल गई ।
रानी की कुंवारी चूत को जी भर के चोदा उसने। उसके बाद से तो रानी उसके लिए घर की मुर्गी के समान हो गई थी जिसे रोज दिन हो या रात को रानी के खूबसूरत जिस्म 2 चोदता रहता था।रानी अब उसकी बेटी कम बीबी ज्यादा बन गई थी। और फिर हिम्मतराव ने एक प्लान बनाया जिससे रुक्मणी को भी अपने रास्ते से हटा दिया जाए और देवा के खानदान से बदला लेने का सुनहरा मौका भी मिल जाये।
पिछले 2 साल से रानी शहर में पढ़ रही थी बीच बीच में हिम्मत राव शहर जाके उसके ले लेता पर अब जब रानी हमेशा के लिए गांव आ चुकी है तो हिम्मत राव और रानी मिलके अपने अपने दुश्मनो को ख़तम करने की कसम खा चुके है।
WOW MAST UPDATEअपडेट 28
देवा;अपने मामा के घर से अपने घर की तरफ चल देता है।
वो जब घर पहुँचता है तो ममता भागते हुए आके उसके गले से लिपट जाती है।ऐसा वो हमेशा करती थी जब भी देवा एक दो दिन के लिए शहर जाता था।
पर आज देवा को उसका इस तरह चिपकना बहुत अच्छा लग रहा था।
ममता ; बडी जल्दी आ गये भाई लगता है वहां की हवा रास आ गई थी आपको।
देवा;अपने बहन को अपने छाती से लगा के ज़मीन से थोड़ा ऊपर उठा लेता है।ममता के छोटे छोटे कड़क ब्रैस्ट देवा की छाती में धँस जाते है।
मैं तो वही रुकने वाला था पर तेरी इतनी याद आ रही थी इसलिए चला आया।
ममता;अपने भाई के गाल पे काट लेती है।
झूठे कहीं के ।
उसका दिल भी अपने भाई की छाती से अलग होने को नहीं कर रहा था।
इसलिए वो अपने दोनों बाहें देवा के गले में डाल देती है।
देवा;माँ कहाँ है।
मैंट;वो नूतन के साथ शालु काकी के यहाँ गई है।
देवा;हम्म।
ममता; हम्म क्या चलो मुझे घर में ले चलो आज आपके गोद में बैठने को दिल कर रहा है मेरा।
देवा; अच्छा पहले ठीक से तो उठाने दे।
ममता ; ठीक से उठा लो वरना मुझे चोट लग जाएगी।
देवा;चल आ जा।
देवा ममता की दोनों कमर के थोड़े निचे दोनों हाथों से उसे पकड़ के वैसे ही गोद में उठाये घर के अंदर ले चलता है।
बाहुत मोटी हो गई है तू ममता।
ममता ; फिर से देवा के गाल को काट लेती है।
देवा; तू बहुत शैतान हो गई है ठहर जा।
देवा ममता को बिस्तर पे पटक के उसे पेट में गुदगदी करने लगता है। जिससे ममता हँसते हुए इधर उधर हाथ पैर मारने लगती है । बचपन से जवानी तक यही होता आ रहा था । जब भी ममता देवा को सताती देवा उसे इतनी देर तक गुदगुदी करता जब तक ममता अपने कान पकड़ के माफ़ी नहीं माँग लेती।आज भी वही खेल खेला जा रहा था मगर आज देवा का नजरिया बदल चुका था। देवकी की गाण्ड की गर्मी और कौशल्या की चूत के ठण्डक से देवा का नजरिया आज अपनी बहन के लिए भी काफी हद तक बदल चुका था।
देवा;ममता को गुदगुदी करते करते उसके गाल को काट लेता है और काटते हुए अपने ज़ुबान भी उसके गाल पे फेर देता है।एक हलकी सी सिसक ममता के मुंह से निकलती है और उसके हाथ पैर हिलना बंद हो जाता है।वो कुछ पलों के लिए अपने भाई की ऑखों में देखने लगती है
देवा;सकपका जाता है और उठके अपने कमरे में चला जाता है।
थोड़ी देर बाद जब वो बाहर आता है तब तक रत्ना और नूतन भी घर आ जाते है।
देवा को देख रत्ना अपने ममता के आंचल में देवा को ले लेती है।
रत्ना;मुझे तो लगा था तुम अगले दिन ही आ जाओंगे पर तुम तो वही के हो गये।
देवा;की नज़रें रत्ना के मोटे मोटे सन्तरों पे अटक सी जाती है।
रत्ना;मैंने तुझसे कुछ कहा क्या हो गया है तुझे।
देवा;नहीं माँ हाँ क्या कहा तुमने।
रत्ना; हे भगवान कुछ नहीं तबियत तो ठीक है ना तेरी।
ममता; मुझे लगता है माँ भाई पे किसी भूत प्रेत का साया आ गया है जब से आये है अजीब सी हरकतें कर रहे है।
रत्ना;चल हट बदमाश कुछ नहीं हुआ मेरे देवा को।क्या हरकत किया इसने ।
ममता; देवा की तरफ देखती है।
और देवा ममता को घुरते हुए अपना मुंह बंद रखने के लिए कहता है।
देवा;क्या माँ तुम भी किस की बातों में आ रही हो।
नुतन तुम कैसी हो यहाँ मन तो लग रहा है ना तुम्हारा।
नुतन; हाँ भाई अच्छा लग रहा है।
ममता; कौन
नुतन का चेहरा शर्म से लाल हो जाता है और वो ममता को चुमटी काट लेती है।बचपन से जवानी तक यही होता आ रहा था । जब भी ममता देवा को सताती देवा उसे इतनी देर तक गुदगुदी करता जब तक ममता अपने कान पकड़ के माफ़ी नहीं माँग लेती।आज भी वही खेल खेला जा रहा था मगर आज देवा का नजरिया बदल चुका था। देवकी की गाण्ड की गर्मी और कौशल्या की चूत के ठण्डक से देवा का नजरिया आज अपनी बहन के लिए भी काफी हद तक बदल चुका था।
रत्ना;देवा बेटा जा तू हाथ मुंह धोले ये दोनों पगली है दिन भर ही ही हू हू हां हां करती रहती है । अब तू आ गया है ना । थोडा लगाम लगी रहेंगी इनके मुंह पर।
ममता ; माँ हम क्या घोड़ियाँ है जो लगाम लगी रहेगी।
देवा;ममता को सर पे चांटा मारता हुआ घर से बाहर निकल जाता है।
रत्ना;अरे कहाँ जा रहा है।
देवा;पप्पू के घर।
देवा;जब पप्पू के घर पहुँचता है तो उसे घर के ऑंगन में शालु और रश्मि बैठी मिलती है।जहां शालु के चेहरे पे देवा को देख चमक आ जाती है वही रश्मि बनावटी ग़ुस्सा दिखाने लगती है।
देवा;वही उन दोनों के पास बैठ के बातें करने लगता है
पर बात करते करते देवा की नज़र बार बार शालु के बड़े बड़े ख़रबूज़ों पे चली जाती है जिसे शालु के साथ साथ रश्मि भी भाँप लेती है।।
शालु;तो मुस्कुरा देती है मगर रश्मि दाँत पीसने लगती है।
देवा;काकी काका की तबियत अब कैसी है।
शालु;खुद जा के देख ले अंदर ही है नीलम भी वही होगी।
देवा;शालू को देख मुस्कुरा देता है और शालु से नज़रें बचा के रश्मि को आँख मारता हुआ घर के अंदर चला जाता है।
नीलम;अपने कमरे में उदास बैठे हुए थी देवा को देखते ही उसके चेहरे की रंगत ही बदल जाती है।
देवा;कैसी हो नीलम।
नीलम;ठीक हूँ आप कैसे हो।
देवा;नीलम को निचे से ऊपर तक देखने लगता है ।
नीलम;शरमा जाती है और अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा देती है।
देवा;उसे अपनी तरफ घुमा देता है।
इस चाँद को देखने के लिए आया हूँ और चाँद ऐसे बादल में चुप जायेगा तो कैसे चलेंगा।
नीलम;बस बस रहने दो। सब जानती हूँ मै एक बार भी मेरी याद नहीं आई होगी आपको।
देवा;जज़्बात से भरे लहजे में नीलम के चेहरे को अपने दोनों हाथों में थाम लेता है इधर देख मेरी ऑखों में। क्या तुझे लगता है मुझे तेरी याद नहीं आई होंगी।
नीलम; कांप के रह जाती है होंठ लरज के रह जाते है और दिल बस एक बात कहता है मुझे यक़ीन है तुम्हें मेरी याद ज़रूर आई होगी।
देवा;नीलम को अपने चौड़े मज़बूत छाती में समेट लेता है।
नीलम;आहह ।
देवा के दिल की धड़कन नीलम को अपने दिल में साफ़ सुनाई देने लगती है। दोनों की मोहब्बत को समझना बहुत मुश्किल था बिना कहे वो एक दूसरे के दिल की हालत समझ जाते थे।
उन्हें किसी के कदमों की आवाज़ सुनाई देती है देवा नीलम से अलग हो जाता है।
कमरे में रश्मि को आता देख नीलम अपने सर पे दुपट्टा डाल के शालु की तरफ चल देती है।
रश्मी;देवा के पास खडी हो जाती है।
बापु इस कमरे में नहीं उस कमरे में है।
देवा; मुझे पता है।
रश्मी; पता है तो तुम यहाँ क्या कर रहे हो।
और एक बात बताओ तुम माँ को और मुझे घूर क्यों रहे थे।
देवा; तुझे याद है ना मैंने क्या कसम खाई है तेरी शादी से पहले।।
रश्मी;बस बस बड़े आये कसम खाने वाले। सुरत देखी है अपनी ये मुंह और मसुर की दाल।हूह्ह्ह
देवा; रश्मि को पकड़ के ..साली बडी बडी बातें करने लगी है अभी सिर्फ तेरी बिसार हुई है ख़रीदी नही।
रश्मी;आहह छोड मुझे वरना मै चिल्लाऊँगी।
देवा;रश्मि को घुमा के पीछे से पकड़ लेता है और पकड़ के उसके दोनों ब्रैस्ट को बुरी तरह मसलने लगता है।
देवा;चिल्ला न चिल्लाती क्यों नहीं ।
रश्मी;छोड नही तो मै सच में माँ को बुलाऊँगी देवा फिर मत कहना।
देवा; मुझे पता है तू नहीं चिल्लाएँगी ।
रश्मी; आहह आहह मै शोर मचा दूंगी देवा आखिरी बार बोल देती हूँ।
देवा;मुझे पता है तू नहीं चिल्लायेगी। तुझे पता है क्यूँ
क्यूंकि साली तू बहुत चालु चीज़ है और ये बात सिर्फ मुझे पता है अगर तुझे चिल्लाना होता न तो कबका चिल्ला चुकी होती पर तू भी चाहती है। मै तुझे ऐसे ही मसलूँ तेरा रस निकालूँ। है ना बोल यही बात है न।
रश्मी;के निप्पल्स कड़क हो जाते है और साँस रुक रुक के चलने लगती है गला सुख जाने से उसकी आवाज़ भी ठीक तरह से नहीं बल्कि लडखडा के बाहर निकलने लगती है।
आह कमीना है तू। तुझे सब पता है ना देख अब मै क्या करती हूँ।
और रश्मि जैसे ही चिल्लाने के लिए मुंह खोलती है देवा अपने होंठ उसके मुंह पे लगा देता है और उसे बुरी तरह चुसने लगता है।
पहले पहल रश्मि थोड़े हाथ पैर देवा को मारती है मगर धीरे धीरे उसे भी देवा का नशा चढ़ने लगता है और उसके हाथ देवा को कस के जकड लेते है और रश्मि भी अपना मुंह खोल के देवा को रस पिलाती जाती है।
देवा;अपने दोनों हाथों से रश्मि के नाज़ुक सी कमर पकड़ लेता है और धीरे धीरे उसे दबाते हुए रश्मि को चुसता चला जाता है।।
जब रश्मि का दिल भर जाता है तो वो देवा को धक्का देके अपने से अलग कर देती है।
रश्मी;कमीने कही के दूबारा ऐसे हरकत मेरे साथ करने की सोचना भी मत।
देवा;रश्मि को देखता रह जाता है और रश्मि पैर पटकते हुए वहां से चली जाती है।
देवा;कुछ देर वहाँ खड़ा रहने के बाद अपने सर को झटक के काका से मिलने उनके कमरे की तरफ बढ़ जाता है ।
इधर ममता और नूतन एक कमरे में दरवाज़ा बंद करके खुसुर पुसुर बातें कर रही थी।
ममता; सच बता न तुझे कैसा लड़का चाहिए।
नुतन ; मुझे नहीं पता।
ममता; नूतन के निप्पल को कमीज के ऊपर से मरोड़ देती है।
बोलती है या नही।
नुतन;आहह बोलती हूँ बोलती हूँ पहले छोड़ो ना।
ममता ; हाँ बोल तुझे कैसा जीवन साथी चाहिए।
नुतन; ऐसा जो मुझे प्यार करे मेरी हर छोटी बडी ज़रुरत बिना कहे पूरी कर दे । जो मेरे माँ बापु को अपना माँ बापु समझे बस।
ममता; हमम।
नुतन; अब तुम मुझे बताओ तुम्हें कैसा चाहिए।
ममता; अपनी ऑखें बंद कर लेती है और अपने जीवन साथी की तस्वीर अपने दिमाग में बनाना लगती है और उसके ऑखों के सामने देवा का चेहरा आ जाता है।
वो घबरा के अपनी ऑखें खोल देती है।
नुतन;बोलो न कैसा।
ममता; मुझे नहीं पता कुछ और बात कर।
नुतन; इस बार खुद ममता के ब्रैस्ट को अपने हाथों से दबा देती है बोलती हो या नही।
ममता; आहह बोलती हूँ बाबा।
मुझे ना भाई जैसा लड़का चाहिए।
नुतन; हाय दैया देवा भाई जैसा।
ममता; हाँ भाई जैसा हट्टा कटा मज़बूत ताक़तवर मरद जो हमेशा मेरी रक्षा करे।
नुतन; ये सुनके ममता की ब्रैस्ट और ज़ोर से दबा देती है
ओर ममता नूतन को मारने बढ़ती है और इसी चक्कर में वो दोनों एक दूसरे में गुथमगुथा हो जाते है।
ममता की तेज़ धड़कने नूतन की जवान साँसों से मिल जाती है और दोनों एक दूसरे की ऑखों में देखने लगते है उनके होंठ एक दूसरे के बिलकुल क़रीब आ जाते है।के तभी बाहर से रत्ना की आवाज़ आती है।
रत्ना;अरे ममता कहाँ है ज़रा यहाँ आना रसोई में।
ममता; नूतन को देखते हुए आई माँ और वो उठके बाहर चली जाती है।
देवा;शालू के घर से निकल के गांव की गलियों में टहलता हुआ पदमा के घर की तरफ चला जाता है पदमा उसे घर के दरवाज़े पर चावल साफ़ करते देखाई देती है।
वो खुश होके उसके घर में चला जाता है पदमा भी चावल एक तरफ रख के देवा को घर के अंदर खीच लेती है और दरवाज़ा बंद कर देती है।
पदमा;इतने दिन कैसे लग गए मेरे राजा।
देवा;तेरी याद नहीं आ रही थी न पदमा वरना जल्दी चला आता।
पदमा;जानती हूँ तू मुझे क्यों याद करेगा। मगर मै बहुत खुश हूँ।
देवा;क्या बात है।
पदमा;ऐसे नहीं पहले मेरा मुंह मीठा करना पड़ेगा उसके बाद बताऊँगी।
देवा;पदमा को बिस्तर पे गिरा देता है और खुद क़मीज़ उतार के उसके ऊपर चढ़ जाता है दोनों ब्रैस्ट को दोनों हाथों में लेके मसलते हुए पूछता है।
अब बता न बात क्या है।
पदमा;ऐसे नहीं पहले मुझे किस करो कस के करो आह्ह।
देवा;तेरी माँ की।
WOW MAST POSTअपडेट 29
इससे पहले देवा पदमा की साडी खोलता बाहर से पदमा के शराबी पति की गलियों की आवाज़ सुनाई देती है।
देवा;झट से पदमा के ऊपर से हट जाता है ।
ये हरामी कब आया।
पदमा;कल ही आया है तू पीछे के दरवाज़े से चला जा। अरे हाँ छोटी मालकिन तुझे याद कर रही थी ।
जा के मिल लेना और शाम ढले यहाँ आ जाना मै इसे पैसे देके शराब पीने भीजवा दूँगी।।
देवा;तूने बात तो बताया ही नही।
पदमा :रात में अब जा भी जल्दी।
देवा;पीछे के दरवाज़े से निकल जाता है और हवेली की तरफ चल देता है।
हवेली में हमेशा की तरह सन्नाटा पसरा हुआ था ।
देवा;सीधा हवेली के अंदर चला जाता है वो रुक्मणी के कमरे के सामने से होता हुआ रानी के कमरे की तरफ जा रहा था की तभी उसे रुक्मणी के कमरे से अजीब सी आवाज़ सुनाई देती है ।
ओ झाँक के अंदर देखता है तो
सामने बिस्तर पे रुक्मणी लेटी हुई सिसक रही थी।
देवा को देख वो अपनी साडी ठीक करके बैठ जाती है।
अरे देवा तू कब आया और तुम्हारी मामा के यहाँ सब कैसे है।
देवा;वहां तो सब ठीक है बडी मालकिन।
मगर आपकी तबियत कुछ ठीक नहीं लग रही।
क्या हुआ।
रुक्मणी;बस थोड़ा कमर में दर्द है लगता है कोई नस खीच गई है।
देवा;अरे तो इस में कौंन सी बडी बात है मै तेल से नस उतार देता हूँ।
रुक्मणी;तुझे नस उतरनी आती है।
देवा;बहुत अच्छी तरह आप लेट जाओ । मै अभी उतार देता हूँ।
रुक्मणी;पहले तू दरवाज़ा बंद कर दे।
देवा;क्यूँ मालकिन।
रुक्मणी;जैसा कहती हूँ वैसे कर।
देवा;जैसे ही दरवाज़ा बंद करके मुडता है रुक्मणी पेट के बल लेट चुकी थी वो हाथ के इशारे से देवा को दर्द वाली जागह बताती है।
देवा;हाथ में तेल लगा के उसी जगह मालिश करने लगता है।
नरम मुलायम त्वचा(स्किन)को छूते ही उसके दिल में हलचल सी होने लगती है।
जब से वो देवकी और काशी को चोद के आया था। उसका दिल हर औरत को देख ऐसे ही कर रहा था फिर वो उसके माँ रत्ना या बहन ममता ही क्यों न हो।
कुछ देर मालिश के बाद देव हलके से और फिर ज़ोर से एक जगह दबा देता है।
रुक्मणी;के मुंह से चीख़ निकल जाती है और चीख के साथ ही उसकी कमर का दर्द भी ग़ायब हो जाता है।
देवा;अब बताओ दर्द हो रहा है क्या।
रुक्मणी;अरे वाह देवा तू तो सच में कमाल का है पता नहीं और क्या क्या कारनामे तू कर सकता है मेरा दर्द तो एकदम ग़ायब हो गया रे।
देवा;सच मालकिन अब कभी भी किसी भी चीज़ की ज़रुरत पड़े कोई भी दर्द हो मुझे बुला देना मै झट से दूर कर दूंगा।
रुक्मणी;तू दिल का दर्द भी दूर कर सकता है।
देवा;क्या।
रुक्मणी;कुछ नहीं चल मुझे उठाके बिस्तर पे डाल दे।
देवा एक हाथ रुक्मणी के गरदन के निचे और दुसरा हाथ कमर के निचे ड़ालने के बजाये सीधा कमर को ही पकड़ लेता है नरम गदराये हुए कमर जैसे ही देवा के कड़क मज़बूत हाथों में आते है रुक्मणी के मुंह से एक आहह सी सिसकारी निकल जाती है और वो देवा को मदमस्त निगाहों से देखने लगती है।
देवा;उसे जैसे ही बिस्तर पे ड़ालने के लिए झुकता है। उसका पैर फिसल जाता है और वो सीधा रुक्मणी को लेके बिस्तर पे गिर जाता है देवा का शरीर पूरा का पूरा रुक्मणी के ऊपर आ जाता है ।
रुक्मणी;की चूचि देवा की छाती के निचे दब जाती है। और जांघ से जांघ घिस जाते है।
बस कुछ ही देर के लिए ये होता है मगर रुक्मणी की चूत पे छोटी छोटी शबनम की बुँदे जमा हो जाती है।
देवा;माफ़ी मांग के उसके कमरे से बाहर तो चला जाता है पर लंड तो उसका भी थोड़ा टाइट हो चुका था।
पीछे से कोई उसके काँधे पे हाथ रखता है और वो रुक्मणी के ख्यालों से बाहर निकल के पीछे पलट के देखता है तो उसे सामने रानी खडी मिलती है।
वो उसका हाथ पकड़ के उसे अपने कमरे में ले जाती है।
रानी;क्या कर रहा था माँ के कमरे में कबसे खडी सुन रही हूँ तुम दोनों की बातें पहले मुझसे मिलने नहीं आ सकते थे।
देवा;मैं तो तुमसे ही मिलने आया था पर बडी मालकिन के कमर में मोच आ गई थी इसलिए पहले वहां चला गया।
रानी;बड़ा आया मोच सुधारने वाला ।
क्या ज़रुरत थी । देख देवा जितना मै कहूं उतना ही कर समझा न । ज़्यादा होशियारी दीखाना मत वरना तू जानता है मै क्या करुँगी।
देवा;पर मैंने किया क्या।
वो बेचारा नहीं जानता था की उसने गलती से शेरनी के दूम पे पैर रख दिया है और शेरनी भी घायल।
रानी;अब खड़ा खड़ा मेरा मुंह क्या देख रहा है
गले से नहीं लगेगा।
देवा;के चेहरे पे हलकी सी मुसकान आ जाती है और वो रानी को अपने सीने से लगा देता है।
रानी;तू नहीं जानता देवा मैंने तुझे कितना याद किया। एक एक पल तेरे बिना गुज़ारना मुश्किल हो रहा था मेरे लिए । मै तुझसे बहुत प्यार करती हूँ देवा। नहीं देख सकती किसी को भी तेरे साथ।
देवा;रानी मुझे भी तो बहुत याद आई तेरी।
वो रानी की कमर पकड़ के दबाने लगता है।
रानी;आहह आज नहीं मुझे महीना शुरू हुआ है।
ये कहते हुए वो देवा के होठो को चुमने लगती है और निचे बैठ के देवा का पेंट निचे उतार देती है।
हथ में आते ही देवा का लंड जैसे एकदम से खड़ा होने लगता है ।
रानी;बिना देर किये उसे चुमते हुए अपने मुंह में ले के चुसने लगती है गलप्प गलपप।
देवा;आहह ऐसा मत करा वरना आहह मुझसे बर्दाश्त नहीं होंगा आह्ह्ह्ह्ह्ह।
रानी;मुझसे भी नहीं होता गलप्प पर क्या करुं देवा बस आज के दिन की बात है गलप्प गलपप।
पदमा;आहह देवा हमारे बच्चे को ताकत की ज़रुरत है मुझे जम के चोद। सारा पानी मेरी चूत में निकाल दे आह्ह्ह्ह।
देवा;पदमा को लिटा के उसकी चूत को चाटने लगता है गलप्प गलप्प।
इसमें से निकलेगा न हमारा बच्चा पदमा गलप्प गलप्प।
पदमा;हाँ इसमें से आहह काट मत ना रे।
देवा;के चूत चाटने से पदमा निहाल हो जाती है । पसीने से उसका पूरा जिस्म भीग जाता है उसे भी लंड चाहिए था । देवा का लंड था ही ऐसा एक बार किसी को मिल जाए वो उसकी दिवानी हो जाती थी।।
देवा;पदमा की चूत को चाटता हुआ ऊपर पेट पे आता है और पदमा की नाभि में ज़ुबान डालके उसे चाटने लगता है ।
पदमा को एक नया अनुभव होने लगता है वो अपनी ऑंखें बंद करके देवा को उसकी मनमानी करने देता है।
देवा; धीरे धीरे ऊपर की तरफ बढ़ता चला जाता है और निप्पल्स को मुंह में भर के चुसते हुए दूसरे चूचि को मसलने लगता है गलप्प गलप्प।
आज मै तेरे बदन को हर जगह चूमूँगा मेरी पदमा गलप्प।
पदमा;आहह जो करना है करो न तुमने मुझे वो ख़ुशी दी है जो कोई नहीं दे पाया अहह उई माँ।
देवा;को पदमा की पसीने की खुशबु बहुत आकर्षित करती थी वो पदमा के दोनों हाथ ऊपर उठाके उसके बगल(आर्मपिटस)में मुंह डालके उसे चाटने लगता है।
गलप्प गलप्प्प।
पदमा;पागल सी हो जाती है और देवा को अपने से अलग करके उसके लंड पे टूट पडती है।
देवा का लंड पदमा के हाथ में आ जाता है आज इस लंड पे बहुत ज़ुलम हुए थे।
पदमा; आहह इसने मुझे माँ बनाया है मै इसे बहुत प्यार करती हूँ और करती रहूँगी गलप्प गलप्प।
देवा;अपने लंड को रानी के मुंह में आगे पीछे करने लगती है पर आज शायद देवा के लंड की किस्मत ख़राब थी । हिम्मत राव की कार की आवाज़ सुनाई देने से देवा की गाण्ड फट जाती है। रानी के रोकने के बाद भी वो अपनी पेंट पहन के पीछे के दरवाज़े से बाहर निकल जाता है।
रानी;अपने मुंह को पोंछने लगती है की तभी हिम्मत राव अंदर आता है।
रानी;क्या बापू थोडी देर से नहीं आ सकते थे।
हिम्मत राव;क्यूँ बिटिया क्या हुआ।
रानी; अरे देवा आया था बस मुंह मीठा करने ही वाली थी की तुम आ गए। डर के मारे भाग गया मुआ।
हिम्मत राव;कोई बात नहीं ।
पर एक बात बता वो तेरे मुठी में तो आ गया है न।
रानी;इतराते हुए हाँ बापु लगभग आ गया है बस कुछ दिन और रुक जाओ उसके बाद ।
दोनो बाप बेटी एक दूसरे को चिपक के चुमने लगते है।
देवा;अपने खेत में चला जाता है।कुछ देर खेत में काम करने के बाद वो झोंपडे में सो जाता है।
और शाम ढले वापस पदमा के घर पे चला जाता है।
पदमा उसी का इंतज़ार कर रही थी। देवा को आता देख वो झट से दरवाज़ा खोल के उसे अंदर खीच लेती है और दरवाज़ा बंद कर देती है।
कब से आ रहा था ।
देवा; मैं वो खेत में सो गया था अब बोलो क्या बात थी।
पदमा; शरमा के देवा के सीने से लग जाती है और धीरे से उसके कान में कहती है।
तू हमारे बच्चे का बाप बनने वाला है।
देवा;सच। वो पदमा को अपने गोद में उठा लेता है उसे ये तो पता था की उसके लंड में बहुत ताकत है वो काफी देर तक औरत को चोद भी सकता है पर आज उसे ये भी पता चल गया था की वो बच्चा भी पैदा कर सकता है।
वो ख़ुशी के मारे पदमा की साडी खोल देता है और एक झटके में अपने कपडे भी निकल फेंकता है।
दोनो के होंठ एक दूसरे से चिपक जाते है।
देवा;आहह इसे बाद में चूस लेना पहले मुझे चोदने दे वरना कोई हरामी फिर से आ जाएंगा आह्ह्ह्ह।
पदमा;कोई नहीं आने वाला गलप्प गलप्प।
देवा को डर था के कोई आ ना जाये वो पदमा के मुंह से लंड निकाल के उसे लिटा देता है और अपना लंड उसकी चुत पे घिसता हुआ अंदर डालके उसे चोदने लगता है।
पदमा;आहह देवा चोद मुझे बहुत याद आ रही थी इस चूत को तेरे लंड की आहह चोद मेरे बालम आह्ह्ह्ह।
देवा;एक बार किसी के चूत में लंड डाल दे तो उसे बोलने की ज़रुरत नहीं पडती वो अपने काम में लग जाता है । वो दोनों हाथों से पदमा की चूचि पकड़ के अपने लंड को जीतना अंदर हो सके उतना अंदर डालके पदमा को चोदने लगता है।
पदमा;कमर उछाल उछाल के देवा का साथ देने लगती है।
देवा का लंड सीधा पदमा की बच्चेदानी से टक्कर मार रहा था जिससे पदमा की रोंगटे खड़े हो रहे थे। उसे अपने बच्चेदानी में उसके और देवा के बच्चे के होने का एहसास होने लगता है और वो देवा को अपने ऊपर खीच के अपनी ताकत से निचे से कमर उछालने लगती है और कुछ देर बाद चीखते हुए झड जाती है उसकी चूत तो पानी छोड देती है पर देवा अभी तक नहीं झडा था वो अपने लंड को बाहर निकाल लेता है।
पदमा;क्या हुआ निकाल क्यों लिया।
देवा;गांड में।
पदमा;मुस्कुरा देती है।
पहले एक वादा कर की तू मुझे आख़िरी महीने तक चोदेगा। मै चाहती हूँ मेरी गाण्ड में तेरा लंड हो और बच्चा मेरी चूत से निकले आहह मर गई रे।
देवा;ये सुनके अपने लंड को पदमा की गाण्ड में उतार देता है।
जैसा तू कहेगी वैसे ही होगा आह्ह्ह्ह्ह।
देवा का लंड पदमा की गाण्ड को भी नहीं छोडता वो उसकी गाण्ड के सुराख़ को अंदर तक खोल देता है। पदमा चीखती रहती है और देवा अपने लंड को घुसाता रहता है।
तकरीबन १५ से २० मिनट बाद देवा अपने लंड को बाहर निकाल के वापस पदमा की चूत में डाल देता है और दोनों एक साथ झरने लगते है।
पानी निकालने के बाद देवा अपना लंड बाहर निकाल लेता है उसका लंड अभी भी खड़ा था।
पदमा;ये खड़ा कैसे है।
देवा;मुझे पेशाब आई है।
पदमा मुंह खोल देती है और देवा हँसता हुआ अपना पेशाब पदमाँ के मुंह में करने लगता है।
देवा कपडे पहनके पदमा से कल मिलने का वादा करके अपने घर चला जाता है और घर पहुँच के जल्दी से खाना खाके बिस्तर पे ढेर हो जाता है।
रत्ना को अब थोड़ा थोड़ा शक होने लगा था। देवा ज़्यादतर घर से बाहर रहने लगा था और बहुत थका थका सा दिखाई देने लगा था।
वो दिल में कुछ सोच लेती है और देवा के पास वाली बिस्तर पे लेट जाती है।
उधर नूतन और ममता एक कमरे में एक दूसरे के आस पास लेटी ही थी दोनों की ऑखों से नींद ग़ायब थी।
ममता; एक बात बता नूतन तुझे किसी ने चुमा है।
नुतन ;नहीं कभी नही।
तुम्हे दीदी।
ममता; नहीं पता नहीं कैसा लगता होगा।
नुतन;हाँ पता नही।
ममता; नूतन की कमीज को उठाके देखने लगती है।
नुतन; आहह क्या करती हो दीदी ऐसा मत करो ना।
ममता; एक पल के लिए नूतन की ऑखों में देखती है
क्या मै तुझे चूमुं।
नुतन की साँस फूल जाती है सुबह से ये दोनों एक दूसरे से तब से ऑखें चुरा रही थी जब से ममता नूतन की चूचि मसल के उसके ऊपर आई थी।
दोनों की चुत की आग भी जवान थी और जोश भी
नुतन ; आँखें बंद कर लेती है और ममता के नाज़ुक होंठ नूतन के कोमल होठो से चिपक जाते है।
WOW LESBO SEXअपडेट 30
नुतन और ममता का ये ज़िन्दगी का पहला किस था।
नुतन; घबराके अपने होंठ ममता से अलग कर लेती है।
ये आप क्या कर रही हैं दीदी।
ममता; कुछ भी तो नही।
वो फिर से नूतन के गरदन पे हाथ फेरने लगती है।
नुतन; ऐसा मत करो न मुझे गुदगुदी होती है दीदी।
ममता; क्यूँ तू नहीं चाहती की मै तुझे यहाँ और यहाँ और यहाँ भी चूमुं।
ममता नूतन के होठो पे चूचि पे और पेट पे हाथ रख के उससे पूछती है।
नुतन खामोश हो जाती है।उसकी चुप्पी में ही उसकी हाँ छुपी हुई थी।
दोनो जवान थी कुंवारी थी और अपने जिस्म में कभी कभी होने वाली हलचल से परेशान भी थी।
ममता अपनी ज़ुबान नूतन के गरदन पे फेरती है
और नूतन अपनी ऑंखें बंद कर लेती है आह्ह्ह्ह।
ममता; धीरे धीरे नूतन के शरीर से एक एक कपडा निकालने लगती है।
जैसे जैसे नूतन के जिस्म से कपडे निकलते जाते है वैसे वैसे ममता के जिस्म के रौंगटे खड़े होते जाते है।
थोड़ी देर बाद जब नूतन अपने ऑखें खोल के देखती है तो सामने ममता सिर्फ पेंटी में उसके पास बैठी हुई थी।
नुतन फिर से अपनी ऑंखें बंद कर लेती है।
उसकी साँसे तेज़ चल रही थी जिससे उसके छोटे छोटे मगर नरम ब्रैस्ट ऊपर निचे होने लगते है।
ममता नूतन के कान की लॉ अपने मुंह में ले के चुसती है गलप्प गलप्प।
नुतन के होंठ अब भी बंद थे ।
ममता अपनी एक ऊँगली नूतन के मुंह में डाल देती है जिसे नूतन धीरे धीरे चुसने लगती है।
थोड़ी देर बाद ममता अपनी दो और उँगलियाँ नूतन के मुंह में डाल देती है ।
इस बार ममता की उँगलियाँ नूतन के हलक तक पहुँच चुकी थी जिससे नूतन की राल(सलीवा)मुंह के बाहर आने लगता है।
जीसे ममता अपनी ज़ुबान से चाटने लगती है।
ममता के दोनों हाथ नूतन के नरम मुलायम ब्रैस्ट को अपने क़ैद में ले लेते है और देखते ही देखते ममता नूतन के आधे से ज़्यादा ब्रैस्ट को अपने मुंह में ले के चुस्ने लगती है गलप्प गलप्प।
नुतन की ऑखें खुल जाती है और वो ज़ोर ज़ोर से साँसें लेने लगती है आहह दीदी आहह दबाओ इसे आहह ज़ोर से आहह दीदी मेरी अच्छी दीदी खीचो अपने मुंह में आह्ह्हहह माँ।
ममता; थोडी थोडी देर के बाद नूतन के निप्पल्स को काटने लगती है जिससे नूतन की कुंवारी चूत के होंठ भी लपलपा जाते है।
वो अपने दोनों हाथों से ममता का सर पकड़ के अपने सीने पे दबाती है ये अनुभव उसे इससे पहले कभी नहीं मिला था ।
नूतन और ममता आज सेक्स की परिभाषा सीख रही थी।
ममता; घीरे धीरे निचे बढ़ती जाती है और नूतन की चूत पे जा के ममता के होंठ रुक जाते है।
ममता; अपनी दो उँगलियों से नूतन की चूत को खोलके देखती है अंदर का पर्दा अभी तक सही सलामत था। ममता उसे तोडना नहीं चाहती थी । वो अपने ज़ुबान को नूतन के दाने (क्लाइटोरिस) के पास घुमाने लगती है जिससे नूतन चीख़ पडती है।
ममता झट से अपनी ज़ुबान हटा लेती है।
अगर तू चिल्लायेगी तो माँ और भाई उठ जायेंगे।
नुतन;अपने दोनों हाथ को अपने मुंह पे रख देती है और ममता मुस्कुराते हुए दूबारा अपनी ज़ुबान को नूतन की चूत पे घुमाने लगती है।
नुतन के मुंह से दबी दबी गुं गुं की आवाज़ निकल रही थी । वो चिखना चाहती थी चिल्लाना चाहती थी वो उस वक़्त अपनी चूत में ममता की ज़ुबान नहीं बल्कि जवान मोटा लंड लेना चाहती थी।।
थोड़ी ही देर बाद नूतन का जिस्म झटके खाने लगता है और ममता का पूरा चेहरा नूतन की चूत के पानी से भीग जाता है।
नुतां;आहह दीदी मुझे भी चखना है मेरा पानी ।
ममता; नूतन को मुंह खोलने के लिए कहती है और अपने मुंह में जमा नूतन का खारा खारा पानी नूतन के मुंह में छोडने लगती है।
नुतन अपना ही पानी पीने के बाद बहुत गरम हो चुकी थी वो ममता को बिस्तर पे लिटा देती है और उसके दोनों पैर खोले अपनी जीभ को उसकी चूत पे रख देती है।
ममता; नूतन की चुत चाट चाट के पहले से गीली हुई पड़ी थी । उसकी चूत से पानी रिस रिस के बाहर बह रहा था जिसे नूतन बड़े प्यार से चुमते हुए चाटने लगती है।
ममता; आहह नूतन मुझे पीछे से चाट मेरी कमर को चाट मुझे बहुत पसंद है आहह की कोई मुझे पीछे से चाटे।
वो मुड जाती है और नूतन अपनी बडी दीदी के हुकूम का पालन करते हुए अपने जीभ को ममता की चूत से होते हुए गाण्ड के सुराख़ में घूसाने लगती है।
नुतन की ज़ुबान ममता की गाण्ड के सुराख़ को कुरेदने लगती है।
ममता तड़प उठती है आह्ह्ह्ह्ह्ह।
मुझे कोई चोदता क्यों नहीं आहह मुझे अपनी चूत और गाण्ड में लंड चाहिए नूतन । आहह मुझे अभी चाहिए आहह ऐसे ही चाट मुझे आहह डाल दे अंदर आह्ह्ह्ह।
नुतन अपनी चूत को घिसती है और गीली उँगलियाँ बिना ममता को बताये उसके गाण्ड में डाल देती है। दो उँगलियाँ बिना किसी चेतावनी के जब ममता के गाण्ड में घुसती है तो एक पल के लिए उसकी सांस बंद हो जाती है और जिस्म कड़क हो जाता है।
ममता; आहह ये क्या किया तूने आहह अब निकाल मत अंदर बाहर करती जा आहह आहह माँ भाई।
दोनो की ऑंखें बंद हो जाती है और दोनों की ऑखों के सामने देवा का चेहरा आ जाता है। दोनों की चूत किसी भी वक़्त पानी छोड सकती थी। वो इतने जोश में थी की उन्हें कुछ भी होश नहीं था की वो क्या बड़बड़ा रही है। कुछ ही देर बाद दोनों की चूत से लावा फूट पडता है और दोनों एक दूसरे के पानी से नहा लेती है।।
दोनो एक दूसरे को देख शरमाने भी लगती है और मुस्कुराने भी।।
नुतन अपना सर ममता की छाती पे रख देती है और ममता उसे अपने ऊपर ले के उसके होठो को चुमने लगती है।
रात कैसे गुज़री उन्हें कुछ पता नहीं सुबह वो दोनों काफी देर तक सोती रहीं।।
जब रत्ना ममता के कमरे का दरवाज़ा खटखटाने लगती है तब उन दोनों की आँख खुलती है।
इधर देवा नाश्ता करके खेत में चला जाता है।
जब वो दोपहर में घर वापस आता है तो ममता उसे बताती है की माँ शालु काकी के यहाँ गई है।
सुबह से ममता और नूतन का जिस्म खिला खिला दिख रहा था। वो दोनों बात बात पे चिडीयों के तरह चहक रही थी।।ममता की कम मगर नूतन के नज़र अब बहुत बदल चुकी थी उसकी नज़रें देवा के जिस्म से हटने को तैयार नहीं थी।।
ये बात देवा भी महसूस करता है।
वो दोनों को घूरता हुआ शालु के घर चला जाता है।
जब वो शालु के घर के दरवाज़े के पास पहुँचता है तो उसके पैर वही के वहीं रुक जाते है अंदर उसकी माँ और शालु उसके बारे में बातें कर रही थी।।
शालु;तुम बिना मतलब के परेशान हो रही हो रत्ना।
रत्ना; क्या करुं शालु जब जवान बेटा दिन दिन भर घर से बाहर रहे और रात को थका मान्दा घर आये तो कौंन सी माँ परेशान नहीं होंगी।
शालु;अरे रत्ना वो जवान हो गया है अगर तुम्हें इतनी ही चिंता है उसकी तो शादी क्यों नहीं करवा देती उसकी।
रत्ना;पहले ममता का घर बस जाये उसके बाद देवा की भी शादी करवा दुँगी।
शालु;हम्म वैसे देवा रोज़ घर कब आता है।
रत्ना;कोई वक़्त नहीं उसका कभी भी आता है और आने के बाद खाना खाके सो जाता है पता नहीं बाहर क्या करता फिरता है।।
शालु;वही जो हम नहीं कर पाते।
रत्ना;चल हट बेशरम कही की । इस उम्र में भी तुझे मस्ती सुझती है।
शालु;वैसे तेरा बेटा है बड़ा मस्त ।
रातना;ख़बरदार जो मेरे बेटे पे डोरे डाली तो।
शालु;हंसने लगती है ।
चल ये बता कैसे कट रही हैं रत्ना।
रत्ना;इधर उधर देखने लगती है।
शालु;कोई नहीं है घर में बोल ना।
रत्ना;क्या बताऊँ शालु दिन तो किसी तरह कट भी जाता है मगर रात काटे नहीं कटती। जबसे देवा के बापु गुज़रे है तबसे ज़िन्दगी जहन्नुम बन गई है बस मसलती रहती हूँ।।
तेरा क्या हाल है।
शालु;वही जो तेरा है रश्मि के बापु तो अब किसी काम के रहे नहीं पता नहीं हमारी किस्मत में क्या लिखा है।।
देवा के कानों तक ये बात पहुँच जाती है और वो जान जाता है के ये दोनों औरतें इस वक़्त बहुत परेशान है वो दिल ही दिल में शालु के साथ साथ रत्ना की भी परेशानी दूर करने की ठान लेता है।
कुछ देर बाद देवा खाँसते हुए शालु के घर के अंदर दाखिल होता है उसे देख दोनों चुप हो जाती है।
शालु;अरे अच्छा हुआ देवा तू आ गया वैध जी से तेरे काका के लिए दवायें लानी है मुझे भी हल्का सा बुखार लग रहा है मै भी वैध जी को दिखा देती हूँ।
देवा;रत्ना की तरफ देखता है।
रातना;हाँ हाँ मगर देवा बेटा वैध जी के यहाँ से आने के बाद सीधा घर आ जाना। मैं अब चलती हूँ शालु । घर में बहुत काम है।
शालु;हाँ ठीक है ।
शालु;रत्ना के जाने के बाद में दरवाज़ा बंद कर देती है।
देवा तुम यहाँ बैठो मै अभी साडी बदलके आती हूँ।
देवा;ये भी तो अच्छी है काकी।
शालु;अरे बाबा बस अभी आई।
शालु पास के कमरे में चली जाती है उस कमरे का दरवाज़ा बंद नहीं था जिससे देवा को साफ़ साफ़ वो दिखाई देती है।
शालु;अपनी साडी खोलने लगती है और इधर देवा के लंड में तनाव आने लगता है।
जैसे ही शालु अपनी साडी निकाल के बिस्तर पे रखती है देवा का लंड पूरी तरह खड़ा हो जाता है।
बडे बड़े सुडौल ब्रैस्ट देख देवा को वो दिन याद आ जाता है । जब उसने जाने अनजाने में शालु के होठो को चुम लिया था आज भी शालु कयामत ढाने को तैयार थी।
शालु;आइने में देख अपना ब्लाउज खोल देती है।
गुलाबी कलर की ब्रा में शालु के मोटे मोटे ब्रैस्ट समां भी नहीं रहे थे।
देवा का मन करता है अभी के अभी अंदर जाके उन दोनों को निचोड निचोड के पीता जाये । मगर वो खुद को किसी तरह क़ाबू में करता है।
शालु वो ब्रा भी निकाल देती है बस उसी वक़्त देवा की ऑंखें फटी की फटी रह जाती है उसने इतने गोरे गोरे और बड़े बड़े ब्रैस्ट और गुलाबी निप्पल्स कभी नहीं देखा था।
शालु;एक ब्लैक कलर की ब्रा उठाके पहन लेती है और उसपे ग्रीन कलर का ब्लाउज।
वो फिर से आइने में खुद को देखते हुए ग्रीन कलर की साडी पहनने लगती है।
हरी साडी में देवा को ऐसे महसूस होता है जैसे शालु उसे हरी झण्डी दिखा रही हो ।
देवा का लंड उसके पेंट में जम के फौलाद हो चुका था।
शालु;अपना एक हाथ ब्लाउज के अंदर डालती है और अपने एक ब्रैस्ट को बाहर निकाल के उसे दूबारा अंदर डालके एडजस्ट करती है।
शालु;देवा को आवाज़ लगाती है।
देवा;अपने लंड को किसी तरह इधर उधर एडजस्ट करता हुआ शालु के कमरे में चला जाता है।
हाँ काकी बोलो।
शालु; बेटा वो ज़रा पायल मेरे पैर में डाल देगा मुझसे नहीं पहनी जाती। उसका मुंह बहुत छोटा है।
देवा;पास पड़ी हुई पायल उठाके निचे बैठ जाता है।
और शालू अपनी साडी ऊपर कर देती है।
देवा;काँपते हाथों से शालु के पैर में पायल पहनाने लगता है।
शालु;अरे यहाँ डरोगे तो वहां क्या करोगे।
देवा;क्या।
शालु;कुछ नहीं हो गया चल अब देर हो रही है।
और देवा शालु के पीछे पीछे उसके मोटे मोटे कमर को हिलता देख बाहर निकल जाता है।