Incest हाय रे ज़ालिम................

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देवा ट्रेक्टर शुरू करता है और शालु देवा का हाथ पकड़ के उछल के उसके पास आके बैठ जाती है।

शालु;अब चलेगा भी या ऐसे ही बैठा रहेगा।
देवा को अपनी तरफ घूरता देख शालु उससे कह बैठती है।

देवा मुस्कराता हुआ वैध जी के घर की तरफ चल देता है
वैसे काकी तुम्हें आने की ज़रूरत क्या थी मै तुम्हारे और काका के लिए वैध जी से दवायें ले आता।

शालु;क्यूँ मेरे चलने से तुझे कोई तकलीफ हो जाएगी वहाँ।

देवा;अरे नहीं नहीं मै तो वैसे ही.....
आज बहुत सुन्दर लग रही हो काकी कही वैध जी को दिल का दौरा न पड़ जाये तुम्हें देख के।

शालु;देवा के पीठ पे मुक्का मार देती है ।
बदमाश कही का तुझे इन सब बातों के सिवा दुसरा कुछ सूझता भी है या नही।

देवा; ये लो मैंने ऐसा क्या कह दिया ।

शालु; चल चुपचाप ट्रेक्टर चला।
शालु दिल में सोचने लगती है सब जानती हूँ बेटा तेरी नियत को मैं।
पर क्या करुं रे तूने मुझे मजबूर कर दिया ना नीलम से प्यार करके।
मूई नीलम को भी यही मुस्टंडा मिला था प्यार करने के लिये।।

शालु की चूत तो कब से पनिया गई थी देवा के नाम से ।
मगर वो जानती थी की देवा और नीलम एक दूसरे को प्यार करते है।
और अगर उनकी शादी या मंगनी (इंगेजमेंट)से पहले उसने देवा के साथ कुछ किया और ये बात रत्ना या गांव वाले किसी को भी पता चली तो कही उसकी बेटी का बसता बसाता घर न बिखर जाए।
चुत की आग को वो अपने बेटी की मोहब्बत पे कुछ वक़्त के लिए क़ुर्बान कर देती है।।

देवा;अरे कहाँ खोई हो काकी कही सो तो नहीं गई।
ये लो वैध जी का घर भी आ गया।

शालु और देवा ;वैध जी के घर के अंदर चले जाते है।


बैध जी;कुछ जड़ी बूटियां कूट रहे थे और उनके पास उनकी बहु किरण हाथ बटां रही थी।।

देवा;को देख जहाँ वैध की गाण्ड फट जाती है वही किरण की चूत के दोनों होंठ जो काफी दिनों से चिपके हुए थे खुल जाते है।।

शालु और देवा उन्हें नमस्ते करते हुए एक चारपाये पे बैठ जाते है और उनके आने का कारण वैध जी को बताते है।।

बैध;शालू की नॉब्स(वैन)देखता है और एक तरह से उसका चेकअप करने लगता है।

देवा और किरण की नज़रें एक दूसरे से हट नहीं रही थी।।

किरण;बार बार अपने होठो पे ज़ुबाँ फेर फेर के देवा को उकसा रही थी।

बैध जी;घबड़ाने की कोई बात नहीं है मामूली सा बुखार है।
आप बैठिये मै कुछ दवायें बना देता हूँ आपके और आपके पति के लिए भी।।

शालु और देवा बैठ जाते है।

किरण;रसोई में से दो गिलास पानी भर के लाती है और एक गिलास देवा को देती है और दुसरा शालु को।

शालु; ये आपकी बहु है ना वैध जी।

बैध जी;हाँ मेरी बहु है।

देवा;वैध जी मुझे शौचालय(टॉयलेट) जाना है।

क़िरण;आप मेरे साथ आइये । मै आपको ले चलती हूँ।

और किरण देवा को अपने साथ घर के पीछे बने टॉयलेट में ले जाती है।

टॉयलेट में घुसते ही किरण भूखी शेरनी की तरह देवा पे टूट पडती है।

किरण;कहाँ था इतने दिनों से..... गलप्प गलप्प.... मेरी याद नहीं आती तुझे.... गलप्प।


वो देवा के चेहरे को होठो को चुमते जा रही थी और कुछ देर बाद वो निचे बैठ जाती है और देवा के पेंट खोल के उसका लंड बाहर खीच लेती है।

देवा;आहह आराम से ।

किरण;चल तुझे मुतना है ना जल्दी से मूत।

देवा;मैंने तो बहाना बनाया था मुझे पेशाब नहीं करना।

किरण;गलप्प इसे देखने के लिए तो तड़प गई थी मै गलप्प गलप्प।



किरण;के हाथ में देवा का लंड फनफनाने लगता है और वो बिना देरी किये उसे मुंह में लेके खड़ा करने लगती है गलप्प गलप्प आह्ह्ह्ह गलप्प।

जलदी से मुझे चोद दे देवा कही कोई यहाँ आ ना जाये जल्दी करना गलप्प गलप्प।
वो इतने ज़ोर ज़ोर से देवा के लंड को चुसने लगती है की कुछ ही पलो में देवा उसे चोदने के लिए तैयार हो जाता है।

किरण;अपनी सलवार उतार देती है और झुक के देवा को पुकारती है।



किरण;चल जल्दी करना आ जा पीछे से कस के चोद दे रे मुझे आह्हह्हह्हह्हह।
आह माँ चुस मत न मेरी चूत वैसे भी बहुत गीली हो चुकी है । तुझे देख के आहह अब मत तड़पा देख कोई आ न जाए।।



पर देवा तो किरण की रसीली चूत को चाटने लग जाता है।

देवा;गलप्प गलप्प देख भी लिया तो क्या होंगा किरण गलप्प।

किरण;तुझे जितना कह रही हूँ उतना क्यों नहीं सुनता है देवा आअह्हह्हह्हह।

देवा;खड़ा होजाता है और अपने लंड को पीछे से किरण के चूत पे लगा के दोनों कमर पकड़ के धक्का देकर लंड अंदर घुसा के सटा सट सटा सट किरण को चोदने लगता है ।

किरण;आहह ऐसे ही आहह रोज़ आया करना मेरे पास। आहह देख न कैसे मेरी चूत सुखी सुखी सी हो गई थी आह्ह्ह्ह्ह्।

तेरे लंड के मार से ही सुनती है ये। मेरा तो एक बात नहीं मानती आहह माँ कुट के रख दे रे आह्ह्ह्ह्ह्ह।

देवा;अहह साली थोड़ा कम मुंह खोल आहह मेरी होने वाली सास न आ जाये आहह्ह्ह्हह्ह।

किरण;तू तो बड़ा आहह कमीना है उसे क्यों नहीं चोद देता आह्ह्ह्ह्ह्ह।
ज़िन्दगी भर तेरी गुलाम बनके रहेगी वो भी। आहह उसे भी इस मोटे लंड से एक बार पेल दे देवा आहह्ह्ह्ह
रह नहीं पायेगी वो एक पल भी माँ वू आहह तेरी बिना आहः।

देवा के चोदने की स्पीड से ही किरण के मुंह से ये लफ़्ज़ बाहर निकल रहे थे। दोनों के पास वक़्त बहुत कम था।

वो दोनों कुछ देर इस तरह एक दूसरे को नोचते खरोंचते चुदाई करते जाते है और उनके पानी छोड़ने से पहले बाहर खड़ी शालु की चूत पानी छोड देती है।

शालु;देवा को ढूँढ़ते ढूँढ़ते यहाँ तक आ गई थी उसके कदम टॉयलेट के बाहर इन दोनों की आवाज़ सुनके थम जाती है ऊपर से किरण की बातें बार बार शालु के कानों में गूँजने लगती है।

की एक बार उसे भी अपने लंड से चोद दे गुलाम बनके रहेगी वो तेरी।

उन दोनों के बाहर निकलने से पहले शालु अपनी जगह जाके बैठ जाती है।।

कुछ देर बाद देवा शालु के पास जाके बैठ जाता है उसकी साँस अभी भी फूली हुई थी। वैध उसे देख समझ जाता है की ये क्या करके आया है।
पर वो बेचारा कुछ बोल भी नहीं सकता था।

शालु और देवा थोड़े देर बाद वैध जी से दवायें लेके वापस घर की तरफ चल देते है।

वापसी में शालु चुप चाप बैठी हुई थी

देवा;शालू के पेट पे चुमटी काट लेता है।

शालु; उईई माँ
क्या करता है ।

देवा;मुझे लगा तुम सो गई कही गिर ना जाओ इसलिए जगा दिया।

शालु;इस तरह बेशरम।

देवा;इस में बेशर्म वाली कौन सी बात है।

शालु;क्या करने गया था तू वैध की बहु के साथ सब पता है मुझे।

देख देवा तेरी माँ सही सोचती है तेरे चालचलन ठीक नहीं लगती मुझे भी । ऐसे ही हरकतें करता रहा न तो कोई भी लड़की वाला तुझे अपने लड़की नहीं देगा।

ज़िन्दगी भर कुँवारा ही रहना पडेगा।

देवा;तुम हो ना।

शालु;क्या मतलब वो सकपका जाती है।

देवा;मेरा मतलब है तुम देख लेना मेरे लिए लड़की।।

शालु;बहुत गन्दा है रे तू देवा।
पता नहीं मेरा बेटा तेरे साथ रह रह के कही वो भी तो नही।

देवा;तुम्हें तो सब पता है ना की पप्पू कैसा है।

शालु की ऑखों के सामने वो मंज़र घुम जाता है जब पहली मर्तबा उसने पप्पू को और देवा को बिना कपडो के देखी थी और देवा जानवर के तरह पप्पू की नाज़ुक गाण्ड मार रहा था।।

उस दिन कुछ पल के लिए शालु और देवा के नज़रें भी मिली थी।

शालु;मुस्कुरा देती है।
चल कब सुधरेगा।

देवा;जब तुम मुझे दोगी।

शालु;क्या।

देवा;जब तुम मुझे ढूढ़ के दोगी लड़की शादी के लिये।

शालु;देवा की ऐसी बाते खूब समझती थी वो दूसरी तरफ मुंह करके मुस्कुरा देती है।।

घर पहुँच कर शालु बिस्तर पे ढेर हो जाती है और देवा उसके पैरों के पास बैठ जाता है।

देवा;कहो तो दबा दूँ ।

शालु;उससे अपने टाँग मारते हुए पीछे ढकेल देती है। कोई ज़रूरत नही।

देवा;क्या काकी दर्द कर रहे होंगे न।

शालु;मैंने कहा न नहीं मतलब नही।

रश्मी;क्या बात है माँ क्या दर्द कर रहे है।
रश्मी भी वहां आ जाती है।

शालु;अरे बेटी मेरे पैर दर्द कर रहे थे। वही देवा दबाने का बोल रहा था।।तु जा जाके खाना बना।

रश्मी;देवा मेरे पैर भी बहुत दर्द कर रहे है।

देवा;तेरी गरदन दर्द नहीं कर रही क्या।

शालु और रश्मि दोनों हंसने लगते है।

देवा;ललचाई नज़रों से फिर से शालु को देखने लगता है और शालु थोड़ा बिस्तर पे लेट के देवा को अपने गदराई हुई जवानी दिखाते हुए घर जाने के लिए कहती है।




देवा;उससे घूरता हुआ अपने होठो पे ज़ुबान फेरता हुआ घर चला जाता है।

जब वो घर का दरवाज़ा खट खटाता है तो हैरान रह जाता है सामने जो औरत खड़ी थी वो उसकी माँ बिलकुल नज़र नहीं आ रही थी।



रत्ना ने नूतन के नाइटी पहन रखी थी।

देवा; ये क्या पहन रखा है माँ।

रत्ना;देख ना बेटा ये नूतन ने मुझे रात में पहनने के लिए दी है कैसी लग रही है।

देवा;रत्ना के आधे लटकते हुए ख़रबूज़ों को देख मचल जाता है।
ठीक है माँ पर तुम इसे सिर्फ रात में सोते वक़्त पहना करो।

रत्ना;अपने सीने के पास नाइटी को एडजस्ट करते हुए ठीक है बेटा।
चल तू हाथ मुंह धो ले मै खाना लगा देती हूँ।।

देवा;ममता और नूतन कहाँ है।

रत्ना;अपने कमरे में होंगी।

देवा ;अपने कमरे में जाने लगता है तभी उसे ममता के कमरे में नूतन बिस्तर पे बैठी दिखाई देती है।

वो साडी पहन के देख रही थी रत्ना की।।

देवा;दरवाज़े की आड़ में खड़ा हो जाता है।

नुतन;अपने आप को देखती है और फिर अचानक पहना हुआ ब्लाउज निकाल देती है।

जैसे ही वो ब्लाउज निकालती है।

देवा की पीठ पे ममता हाथ रख देती है जिससे देवा हड़बड़ा के कमरे के अंदर चला जाता है और उसकी और ममता की ऑखों के सामने ऊपर से पूरी नंगी नूतन आ जाती है।

नुतन ; झट से पास में पड़ी हुई साडी अपने आप पे लपेट लेती है मगर वो पारदर्शी साडी उसकी चूचि को ठीक तरह से छूपाने में नाक़ाम थी।

देवा;जल्दी से वहां से निकल के अपने कमरे में चला जाता है।
और दोनों लड़कियां एक दूसरे को देख हँस पडती है।

ममता ; आगे बढ़ती है और नूतन की चूचि के एक निप्पल्स को अपने मुंह में लेके काट देती है।

नुतन ;आहह माँ आ जाएगी तेरी दीदी।

ममता अपना मुंह हटा देती है ।
बेशरम कही की मेरे भाई को देखती है।
और फिर से दोनों हंसने लगती है।
WOW MAST CHUDAI UPDATE
देवा;अहह साली थोड़ा कम मुंह खोल आहह मेरी होने वाली सास न आ जाये आहह्ह्ह्हह्ह।

किरण;तू तो बड़ा आहह कमीना है उसे क्यों नहीं चोद देता आह्ह्ह्ह्ह्ह।
ज़िन्दगी भर तेरी गुलाम बनके रहेगी वो भी। आहह उसे भी इस मोटे लंड से एक बार पेल दे देवा आहह्ह्ह्ह
रह नहीं पायेगी वो एक पल भी माँ वू आहह तेरी बिना आहः।

देवा के चोदने की स्पीड से ही किरण के मुंह से ये लफ़्ज़ बाहर निकल रहे थे। दोनों के पास वक़्त बहुत कम था।

वो दोनों कुछ देर इस तरह एक दूसरे को नोचते खरोंचते चुदाई करते जाते है और उनके पानी छोड़ने से पहले बाहर खड़ी शालु की चूत पानी छोड देती है।

शालु;देवा को ढूँढ़ते ढूँढ़ते यहाँ तक आ गई थी उसके कदम टॉयलेट के बाहर इन दोनों की आवाज़ सुनके थम जाती है ऊपर से किरण की बातें बार बार शालु के कानों में गूँजने लगती है।

की एक बार उसे भी अपने लंड से चोद दे गुलाम बनके रहेगी वो तेरी।

उन दोनों के बाहर निकलने से पहले शालु अपनी जगह जाके बैठ जाती है।।
 
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सुबह के 8 बज चुके थे पर देवा था की उठने का नाम नहीं ले रहा था। वो हमेशा सुबह 6 बजे उठके खेत में चला जाता था ।

रत्ना;उसे पिछले 10 मिनट से उठा रही थी पर वो था की हूँ हाँ करता और फिर से सो जाता।

कुछ देर बाद वो अपनी ऑंखें खोलता है तो रत्ना को अपने बिलकुल क़रीब पाता है।

रत्ना;चरस गांजा तो नहीं पीके आया था कल तू। कब से उठा रही हूँ उठता भी नहीं पदमा आई है उठके देख ले क्या कहना है उसे।

पदमा;का नाम सुनके देवा झट से बिस्तर छोड़ देता है और बरामदे में आ जाता है।
पदमा;चारपाई पे बैठी हुए उसका इंतज़ार कर रही थी।
देवा से नज़रे मिलते ही उसकी नज़रो में एक शर्म की लहर दौड जाती है।

देवा;काकी इतनी सुबह सुबह कैसे कुछ काम था क्या।

पदमा;अपनी नज़रे नीचे रख के कहती है।
देवा तुम्हें जागिरदार साहब ने बुलाया है । कहा है देवा को अपने साथ हवेली ले के जाना तुम्हे बडी मालकिन को शहर ले जाना होगा ।

देवा;क्यूं।

पदमा;अरे मालकिन शहर के किसी डॉक्टर साहब से अपना इलाज करवाती है वही ले जाना है।चल जल्दी तैयार हो जा।

रत्ना; बीच में बोल पडती है।
कोई और भी तो जा सकता है ना । देवा ही क्यूं।

पदमा;अब ये मै क्या जानू रतना भाभी। जैसा मालिक ने कहा मैंने कह दिया।

देवा;काकी तुम बैठो मै अभी आता हूँ।

देवा;घर के अंदर चला जाता है कुछ देर बाद वो नहा धो के नाश्ता करने बैठ जाता है।

रत्ना;उसके पास बैठी हुई थी । पता नहीं ये हवेली हमारा पीछा कब छोड़ेगी।
WOW NICE POST
 
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देवा;अरे माँ क्यों फिकर कर रही हो । वैसे भी मै शहर जाने वाला था। अच्छा हुआ एक काम में दो काम हो जाएंगे।

रत्ना; वो तो ठीक है बेटा पर।

ममता;के कानो तक बात पहुँच चुकी थी की देवा शहर जा रहा है वो देवा के पास आके बैठ जाती है। उसे देख रत्ना अपनी बात अधूरी छोड देती है।

ममता; भाई आप शहर जा रहे हो ना तो मेरे लिए क्या लाओगे वहां से।

देवा;क्या चाहिए तुझे।

ममता ; मुझे दो अच्छी सी शलवार कमीज चाहिए और चूडियां और चप्पल भी ।

देवा;मुस्कराता हुआ और कुछ। माँ तुम्हारे लिए क्या लाऊँ।

रत्ना;बस तू घर जल्दी आ जाना मुझे कुछ नहीं चाहिए।

देवा;रत्ना और ममता से मिलके पदमा के साथ हवेली की तरफ चल देता है।

रास्ते में पदमा लँगड़ा के चल रही थी देवा उसे देखकर दिल ही दिल में हंसने लगता है।

देवा;क्या हुआ काकी ऐसे क्यों चल रही हो।

पदमा;उसे घुर के देखने लगती है।

देवा;बोलो न काकी क्या हुआ।

पदमा;कल रात एक कीड़ा मेरे गाण्ड में घुस गया था। बहुत ज़ोर से काटा पूरा सुजा के रख दिया मेरे।
इसीलिए ऐसे चल रही हूँ बस खुश।

देवा;बहुत बड़ा कीड़ा होंगा काकी ये कहते हुए देवा ज़ोर ज़ोर से हंसने लगता है।

पदमा की गाण्ड बुरी तरह सूज गई थी उससे न बैठा जा रहा था और न चला जा रहा था। किसी तरह वो दोनों हवेली पहुँच जाते है।

पदमा;देवा को कहती है की रानी बिटिया से मिल आओ उसे भी शहर से कुछ चीज़ें मँगवानी है।

देवा;रानी के कमरे में चला जाता है वो बिस्तर पे बैठी देवा का ही इंतज़ार कर रही थी।

देवा;को देख वो झट से खड़े हो जाती है और कमरे का दरवाज़ा बंद कर देती है।

देवा;अरे मालकिन आप दरवाज़ा क्यों बंद कर रही है।

रानी;कुछ नहीं कहती और देवा के क़रीब आ जाती है।

देवा;दो कदम पीछे हट जाता है।

रानी;बिस्तर पर बैठ जाती है।देवा यहाँ आके बैठो न मेरे पास।

देवा;नहीं मालकिन मै यही ठीक हूँ।

रानी;तुम आते हो या मै बापू को आवाज़ दुं।

देवा;किसलिये मालकिन।

रानी; मैं बापू से कहूँगी की तुम मेरी कोई बात नहीं सुनते फिर वो तुम्हे खूब डाटेंगे।
NICE UPDATE
 
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देवा; चुपचाप बिस्तर के एक किनारे जाके बैठ जाता है उसके नज़रें नीचे थी वो हिम्मत रव से बहुत डरता था वो क्या गांव का हर इंसान हिम्मत रव से डरता था।

रानी;इधर देखो न मेरे तरफ।



देवा; नज़रें उठाके रानी की तरफ देखता है और फिर नज़रें झुका देता है।

रानी;उसके और पास आ जाती है और देवा का हाथ अपने हाथ में ले लेती है।

देवा;हाथ छुड़ाने की कोशिश करता है पर रानी मज़बूती से उसे पकडे रहती है।
मालकिन हाथ छोडो कोई आ जाएगा।

रानी;तुम तो बिलकुल लड़कियों जैसे हो एकदम डरपोक। अरे कुछ नहीं होंगा कोई आ भी गया तो क्या मै सब सँभाल लुंगी।

देवा;आपने मुझे क्यों बुलाया था।

रानी;ऐसे ही तुम्हारी बहुत याद आ रही थी मुझे । जानते हो जब से तुम्हे देखी हूँ तब से मेरे ऑंखों में सिर्फ तुम बस गए हो। सोते हुए तुम ही दिखते हो खाना खाती हूँ तो तुम्हारा चेहरा सामने आ जाता है। न दिन को चैन है ना रातो को करार है। नस नस में एक दर्द का शुमार है पता नहीं मुझे क्या हो गया है देव।

देवा;के हाथों में पसीना आने लगता है हाथ थर थर काँपने लगते है वो उठ के खड़ा हो जाता है।

रानी;उसके इतने पास आके खडी हो जाती है की रानी की साँसें देवा को अपने छाती पे महसूस होने लगती है।

देवा;बुरी तरह डर गया था रानी की बातों से। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था की वो रानी को क्या कहे।

रानी;बताओ न देवा मुझे क्या हुआ है।

देवा;मुझे मुझे नहीं पता मालकिन आप ऐसी बातें मत करो।

रानी: मैं जानती हूँ मुझे क्या हुआ है।

देवा;क्या क्या हुआ है आपको।

रानी;मुझे तुमसे प्यार हो गया है देवा ।
WOW RANI KO BHI DEVA HI CHAHIYE MAST UPDATE
 
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देवा;का चेहरा पसीने से पूरी तरह भीग जाता है । हाथ पैर ठन्डे पड़ जाते है पदमा को जानवर की तरह चोदने वाला ये हटा कट्टा मरद आज एक लड़की की बातों से भिगी बिल्ली बना खड़ा था।

हकीकत ये थी की देवा जानता था की इस सब का अन्जाम क्या होंगा अगर वो रानी के साथ कुछ करेगा और पकड़ा जायेगा तो उसका इस गांव में जीना मुश्किल हो जाएंगा और सबसे बडी बात हिम्मत राव उसे अपनी बन्दूक से भून के रख दूँगा।

देवा;मालकिन आप कैसे बात कर रही है आप मालकिन है और मै आपका नौकर हूँ।।आपको मुझसे पता नहीं क्या हो गया है पर मै आपको सिर्फ अपनी मालकिन समझता हूँ और कुछ नही।

रानी; अच्छा एक बात बताओ तुम्हें मै कैसी लगती हूँ।सच सच बताना।

देवा;आप बहुत खूबसूरत है।

रानी: हम्म तुम्हें मेरे होंठ कैसे लगते है।

देवा;कुछ नहीं कहता।

रानी;उसके होठो के पास अपने होंठ लाती है।
अब बताओ कैसे लगते है तुम्हें मेरे होंठ।



देवा; अच्छे हैं मालकिन।

रानी;चूमो इन्हें।

देवा;की आँखें फटी की फटी रह जाती है।मूँह से बस एक शब्द निकलता है।
क्या?

रानी; चूमते हो के नही।

देवा;नहीं मालकिन आप इस वक़्त होश में नहीं है मुझे जाने दो। बडी मालकिन मेरा इंतज़ार कर रही होंगी।

रानी ; चूमते हो या बुलाओ बापु को।

देवा;ये सुनते ही अपने होंठ रानी के होंठों से लगा देता है बाकी का काम रानी करने लगती है वो अपने जुबान को देवा के मुंह में घुसा के उसके जुबान को चुसने लगती है।
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देवा;की ऑखें बंद हो जाती है साँस धीमे हो जाते है और हाथ पैर कोई हरकत नहीं करता।

कुछ देर बाद जब रानी अपने होंठ देवा के होठो से अलग कर देती है।
उसके होंठ गीले हो चुके थे।

देवा;मुझे जाने दो छोटी मालकिन।

रानी;आगे बढ़ के अपनी ब्रा के ऊपर पहने हुए वो पतली सी टी शर्ट उतारने लगती है।

देवा;उसे ऐसा करता देख बुरी तरह डर जाता है।



रानी; टी शर्ट निकाल के फ़ेंक देती है और देवा के सीने से चिपक जाती है।

मै तुझसे बहुत प्यार करती हूँ देवा। मुझे अपनी बना लो मुझे अपना बना लो।

देवा;रानी के बाजू पकड़ के उसे पीछे धकेलता है ।
आप पागल हो गई है मालकिन। मै आपसे प्यार नहीं करता मुझे ये सब ठीक नहीं लगता।

रानी;उसका हाथ पकड़ के अपने गोरे गोरे ब्रैस्ट पे रख देती है। देख देवा मेरे दिल की धड़कनो में सिर्फ तू बस गया है । अब अगर तू मुझे नहीं मिला तो मै ज़हर खा लूँगी मर जाऊँगी मैं।

देवा;नहीं नहीं मालकिन आप ऐसा मत कहो।
पर सच बात तो यही है की मै आपसे प्यार नहीं करता और जब दो लोगों में से एक इंसान प्यार नहीं करता तो उसे एक तरफा प्यार कहते है ।
अगर आप ज़ोर ज़बर्दस्ती का प्यार चाहती हैं तो ये ठीक बात नहीं है मालकिन।

रानी;ठीक है आज मै कसम खाती हूँ तेरे दिल में भी मेरे लिए प्यार जगा के रहूंग़ी।उसके बाद तू मुझे अपनाये या ठुकरा दे तेरी मरजी।
पर एक शर्त है मेरी।

देवा;कैसी शर्त।
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रानी;जो मै कहूं जैसे मै कहूं तुझे करना होंगा अगर तूने इन्कार किया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होंगा।

ये तुरुप का पता था जिसे सही वक़्त पे रानी ने इस्तेमाल की थी देवा उस के जाल में फँस जाता है।

देवा;ठीक है मालकिन । आपका हर हुकुम मै मानुंगा।

रानी:देखते है।
चल इसे दबा।

देवा;नही।

रानी;अभी तूने क्या कहा जो मै तुझसे कहूँगी तू वो करेंगा। चल दबा मेरे चूचि को।

देवा; धीरे धीरे रानी के ब्रैस्ट मसलने लगता है।

रानी;माँ का दूध नहीं पिया लगता तूने बचपन में । आजा मै तुझे पिलाती हूँ।
ये कहते हुए परी अपने ब्रा को ऊपर खींच के देवा का मुंह अपने ब्रैस्ट पे लगा देती है।
चूस मेरे राजा आहह चूस ले आहः

देवा;बिना कुछ कहे बिना कुछ पूछे परी के ब्रैस्ट को चुसने लगता है गलप्प गल्प।



अचानक देवा के अंदर कुछ होता है और वो रानी से अलग हो जाता है और जल्दी से दरवाज़ा खोल के बाहर निकल जाता है।

रानी;के चेहरे पे एक कातिलाना मुसकान आ जाती है।
वो दिल में सोचते है आज नहीं तो कल देवा मेरे मुठी में ज़रूर होगा।

देवा;जैसे ही रूम से बाहर निकलता है वो पदमा से टकरा जाता है।

पदमा;अरे आराम से कहाँ से भागा चला आ रहा है। चल बडी मालकिन तेरा कब से कार में इंतज़ार कर रही है और ये तू काँप क्यों रहा है।

देवा;अपने गमछे से पसीना पोछते हुए कुछ नही बोलता
और वो कार की तरफ बढ़ जाता है जहाँ रुक्मणी उसका इंतज़ार कर रही थी।

कार में बैठने के बाद वो थोड़ा अच्छा महसूस करता है वरना वहां रूम में तो उसकी साँस घुटने लगी थी।

रुक्मणी;उसकी तरफ मुस्कुराते हुए देखती है।
तूम ठीक तो हो ना देवा।

देवा; जी मालकिन मै ठीक हूँ।
चले।

रुक्मणी;चलो।

और देवा कार शहर के रास्ते पे दौड़ा देता है।
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देवा;के जाते ही रानी मुस्कुराते हुए अपने कमरे की तरफ जाने लगती है की तभी उसकी नज़र आँगन में बैठी पदमा पर पडती है।
वो पदमा को आवाज़ देती है।

पदमा;हाँ बिटिया क्या बात है।

रानी;काकी मेरी पीठ और कमर में बहुत दर्द है ज़रा तेल से मालिश कर दो ना।

पदमा;मै तेल गरम करके तुम्हारे कमरे में लाती हूँ ।

रानी;अपने रूम में चली जाती है। रात की चुदाई से उसका पूरा बदन अकड गया था। जब औरत कस के लेती है तो उसे न अकडन होती है और न दर्द होता है ।
पर हिम्मत राव में अब वो बात नहीं रही थी की औरत की चूत सुजा दे वो तो बस रण्डियों को चोद चोद के ढिला हो चुका था।

कुछ देर बाद पदमा तेल ले के रानी के कमरे में आ जाती है।
बिटिया तुम बिस्तर पर पेट के बाल लेट जाओ मै मालिश कर देती हूं।

रानी;नहीं काकी बिस्तर ख़राब हो जाएगा। मुझे पूरे बदन की मालिश करवानी है ऐसा करते है यहाँ टॉवल बिछा देते है ।

और रानी;एक टॉवल नीचे बिछा देती है और अपने सारे कपडे निकाल देती है।

पदमा;पहली मर्तबा रानी को इस तरह देख रही थी। उसकी आँखें रानी के जिस्म से हट नहीं रही थी । रानी थी ही इतनी खूबसूरत । गोल गोल भरे भरे ब्रैस्ट साफ़ चिकनी चूत।

रानी;काकी तुम तो ऐसे मुझे देख रही हो जैसे ये सारा सामान तुम्हारे पास नहीं है।हेहेहेहेहेहेह

पदमा;शरमा जाती है।
नही बिटिया कैसे बात कर रही हो चलो तुम लेट जा ना।

रानी;लेट जाती है और पदमा उसके सारे शरीर पे तेल डाल देती है पहले गर्दन के और उसके बाद नीचे ब्रैस्ट के पास जैसे ही पदमा के हाथ पहुँचते है रानी की ब्रैस्ट और निप्पल्स दोनों फुलने लगते है।
WOW NICE MASSAGE SHOW START
 
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रानी;काकी तुम्हारे हाथ में तो जादू है ज़रा अच्छे से मालिश करो न दबा के । आह।

पदमा;समझ जाती है की रानी क्या चाहती है
वो दिल ही दिल में मुस्कुराते हुए धीरे धीरे पेट के फिर जांघों की तरफ बढ़ती है।



रानी;अपनी आँखें बंद कर लेती है ।
क्योंकी पदमा के हाथ अब रानी के जांघ के अंदरुनी भाग तक पहुँच चुके थे।

जैसे जैसे पदमा के हाथ आगे बढ़ते है वैसे वैसे रानी अपने पैर खोलती चली जाती है।



रानी;आहह काकी क्या कर रही हो आहह ।

पदमा; बिटिया यहाँ दर्द हो रहा है न।

रानी; काकी नहीं ना आह्ह्ह्ह्ह्।

पदमा;के हाथ रानी की चूत और गाण्ड को बुरी तरह मसल रहे थे।
असल बात तो ये थी की जहाँ रानी का जिस्म कम चुदाई से अकड़ गया था वहीँ पदमा की चूत सुज गई थी देवा के ज़ालिम लंड से।
और जब चूत वाली किसी चूत की मालिश करती है तो बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता है।


पदमा;एक बात कहूं बिटिया।

रानी;आहह हाँ बोलो न काकी।

पदमा;तेरी चूत बहुत सूजी हुई लग रही है।

रानी;पता नहीं काकी वो तो हमेशा ऐसे ही रहती है आह।

पदमा;को अचानक पता नहीं क्या हो जाता है और वो अपनी दो उँगलियाँ रानी की चूत में घुसा देती है।

चूत की आग से परेशान रानी जब अपनी चूत में पदमा की उँगलियाँ महसूस करती है तो उसके ऊपर की साँस ऊपर और नीचे की साँस नीचे रह जाती है वो पदमा को रोकना चाहती थी पर रोक नहीं पाती और पदमा धीरे धीरे अपनी उँगलियाँ अंदर बाहर करती रहती है।
WOW MASSAGE CONTINUE
 
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रानी;आहह काकी और ज़ोर से आहह ज़ोर से अंदर आहः

पदमा;रानी को सीधी लेटने को कहती है और रानी जैसे ही करवट बदलती है ।
पदमा;उसके दोनों पैर हवा में उठा देती है।

पैरों का उठना था की पदमा की नाज़ुक नाज़ुक उँगलियाँ फिर से रानी की चूत के अंदर तक चली जाती है।



रानी;चिल्लाने लगती है।आहह घूसा दे काकी आहह निकलने दे सारा पानी आहह क्या कर दिया है तूने काकी आह।

पदमा;की ऑंखें भी बंद हो जाती है।उसके ऑंखों के सामने रात का मंज़र आ जाता है। जब देवा उसे उल्टा करके सटा सट उसकी गाण्ड मार रहा था।

दोनो अपने अपने खयालो में खो जाती है।

रानी;की चूत से पानी की एक तेज़ धार बाहर निकल पडती है।

क़ितने दिनों के बाद आज रानी की चूत से असली जवाला मुखी फटा था ।

कितनी ही देर वो ऐसे ही पड़ी रहती है।

पदमा;वहां से जा चुकी थी क्युंकी उसकी चूत भी जवाब दे चुकी थी।

वो कपडे बदलने के लिए अपने घर चली जाती है।

इधर देवा कार डॉ साहब के क्लिनिक के पास रोक देता है ।
पुरे रास्ते दोनों चुपचाप न रुक्मणी ने कुछ कहा और न देवा ने कोई बात किया।

वो दोनों क्लिनिक के अंदर पहुँचते है।क्लिनिक में एक चेयर के ऊपर एक लड़का बैठा हुआ था वो रुक्मणी को पहचानता था वो फ़ौरन बोल पड़ता है।
की डॉक्टरनी अपनी पति के साथ दूसरे गांव गई हुई हैं।वो 2 दिन बाद आयेंगे।

ये डॉ हिम्मत राव की पालतू कुतिया थी जिसे हर महिने हिम्मत राव हड्डी डाल दिया करता था जिसका काम सिर्फ इतना था की रुक्मणी को ये यक़ीन दिलाना की वो अभी माँ नहीं बन सकती और अगर वो अभी माँ बनती है तो उसके और बच्चे की जान को खतरा रहेगा।

पिछले 3 साल से यही हो रहा था।
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