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WOW MAST ACTION WALA UPDATEरुक्मणी;देवा के तरफ देखती है।
चलो देवा हम बाद में आ जाएंगे।
देवा;मालकिन बुरा न मानो तो एक बात कहूँ।
रुक्मणी;हाँ बोलो।
देवा;यहाँ एक और अच्छी औरतों की डॉ है अगर आप चाहें तो हम उनके यहाँ चलते है।
रुक्मणी;कुछ सोचती है।
नही मेरा इलाज पिछले 3 साल से यहाँ शुरू है दूसरे डॉ के पास जाना ठीक नहीं होंगा।
चलो वापस गांव चलते है।
देवा; मालकिन मुझे मेरी बहन के लिए कुछ कपडे खरीदने थे अगर आप कहें तो मैं........
रुक्मणी;अरे क्यों नहीं तुमने पहले क्यों नहीं कहा। चलो हम मार्किट चलते है तुम्हारे साथ साथ मै भी अपने लिए कुछ खरीद लुंगा।
और दोनों कपडा बाजार चले जाते है।
देवा;ममता और रत्ना के लिए कपडे ख़रीदने में लग जाता है और रुक्मणी दूसरे दूकान में अपने लिए कपडे देखने लगती है।
रुक्मणी;ने सोने चांदी के गहने पहने हुई थी। उसके गहनो पर एक चोर की नज़र पड़ चुकी थी वो काफी देर से रुक्मणी के पीछे पीछे था।
उसके साथ 2 और बदमाश भी थे जो देवा पे नज़र रखे हुए थे।
अचानक उन में से एक बदमाश जेब में से चाक़ू निकाल के रुक्मणी के गले पे रख देता है।
अचानक हुए इस हमले से रुक्मणी बुरी तरह चौंक जाती है।
वो बदमाश रुक्मणी से कहता है।
चूपचाप अपने सारे गहने निकाल के मुझे दे दे । वरना ये तेरे गर्दन पे घुमा दूँगा।
रुक्मणी;की ऑखों में आंसू आ जाते है उसके गरदन पे चाक़ू के धार और गहरी हो रही थी उसे फैसला जल्द से जल्द लेना था। देवा उसे कहीं दिखाई नहीं दे रहा था।
वो चिल्ला भी नहीं सकती थी उसे ये डर था की कही ये उसकी गर्दन न काट दे।
तभी उस चोर के दोनों साथी भागते हुए उसके पास आते है।
उनकी हालत साफ़ बता रही थी के वो बुरी तरह पीट के आये है।
वो दोनों अपने साथी को कुछ बताने ही वाले थे की
धड़ाम से एक ज़ोर की आवाज़ आती है और वो चाक़ू पकड़ा हुआ छोड के ज़मीन पे गिर जाता है।
रुक्मणी;पलट के पीछे देखती है तो सामने देवा खड़ा था। उसके हाथ में लोहे की रॉड थी जिसे उसने उन दोनों के खूब पीटाई की थी।
वो दोनों अपने साथी को खून में लथपथ देख फ़ौरन वहां से भाग जाते है।
WAH MAST STORY NAMEहाय रे ज़ालिम................
![]()
MAST INTRO KYA BAAT PADMA KUCHH JYADA SEXY NAHI LAG RAHIIntroduction
ये कहानी है भारत के एक छोटे से गाँव अम्बेटकली की।एक छोटा मगर बेहद खूबसूरत गांव में रहता है ।
देवा![]()
२० साल का ये गबरू जवान।।अपने १० एकड के खेत में खूब दिल लगा के मेहनत करता है । उसे न शराब का शौक है न चरस गांजे का।
बचपन से उसे कसरत और कुश्ती का बहुत शौक रहा है पर सबसे ज़्यादा चाह है उसे चूत की हालाँकि अभी तक उसे ये मिला नहीं है।।
देवा।अपनी माँ रत्ना और छोटी बहन ममता के साथ रहता है।
बाप का साया देवा के सर से पांच साल पहले ही उठ गया था।
रत्ना![]()
एक गदराई हुई ४० साल की खूबसूरत औरत जो पिछले 5 साल से अपनी चूत की आग अपनी उँगलियों से तो कभी बैगन मूली से शांत करते आ रही है।।पति तो उसका रहा नहीं और बाहर वालो को वो देना नहीं चाहती।।
अपने बेटे देवा को खेती बाड़ी में हाथ बटाने वाली रत्ना बहुत हँसमुख है पर उसकी हँसी के पीछे के दर्द को कोई नहीं समझता उसका अपना बेटा देवा भी नही।
ममता![]()
देवा की खूबसूरत बहन।
एक 18 साल की चंचल खुबसुरत कुँवारी लड़की है जो अपना समय दिन भर अपने सहेलीयों के साथ बातें करने में गुजारती है उन बातों में सिर्फ सेक्स की बाते होती है।।जल्द से जल्द लंड लेने की उसकी चाह ने उसके दोनों आमो को वक़्त से पहले ही पका दिया है।
देवा का एक दोस्त है।।
पप्पु![]()
18 साल के पप्पू को बचपन में बैल ने ऐसा लात मारा की उसके पप्पू में हिलने डुलने की ताकत नहीं रही।जीस्म तो अपनी उम्र के हिसाब से बढ़ता गया पर औज़ार छोटा का छोटा रह गया।
पप्पू की माँ
शालु![]()
एक गरम खून वाली 38 साल की औरत है।जिसका पति तो है पर किसी काम का नहीं। चोदता तो है पर ठीक से नहीं । दिन रात नशे में पड़ा रहने वाला शालु का पति जब घर आता है तो पहले गाली देता है और फिर दो चार धक्के उसके बाद सारी रात शालू अपनी चूत मसलती रहती है या ऊँगली से अपने आप को शांत करती है।
शालु की दो और बेटियां है।
एक रश्मि![]()
उमर 18 साल अपनी माँ की तरह मदमस्त रहने वाली लड़की।
दूसरी बेटी
नीलम![]()
एक खामोश तबियत वाली। अपनी दुनिया में जीने वाली लड़की को जब भी कोई देखता है यही कहता है ये साली शालु के पति की नहीं हो सकती।
इसी गांव में एक जागिरदार की हवेली है।जिसमें रहते है।
सेठ हिम्मत राव![]()
हिम्मत राव इस गांव के जमींदार है उसकी गांव में बहुत चलती है। वो गांव में जो चाहे वो कर सकता है। सभी गांव वाले हिम्मत राव से डरते है। हिम्मत राव ने कुछ गुंडे भी पाल रखे है और उसके पास बंदूके भी है।
उनकी पत्नी - रुक्मणि![]()
रंग तो इसका जानदार है पर चूत बड़ी नमकीन है।।
ये सेठ हिम्मत राव की दूसरी पत्नी है पहली वाली इस दुनिया में नहीं रही।
रुक्मणी के शादी को 3 साल हो चुके है पर अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ है।
सेठ हिम्मत राव को पहली वीवी से एक बेटी है।
रानी-उम्र 19 साल है पर नखरे और अदायें किसी तरह भी 19 वाली के नहीं लगते।घर के लोग इसे परी भी बुलाते है यानि इसका घर का नाम परी भी है। बाप के पैसों को पानी की तरह बहाना इसका शौक है।।घमन्डी नकचढी जो कहना है इसे कह सकते है। बस एक ही चीज़ इस में अच्छी है वो छुपी है बेचारी की जांघों के बीच में।![]()
इस हवेली में एक नौकरानी काम करती है।
पदमा![]()
रुक्मणी की जायज़ और नाजायज़ हर काम पदमा ही करती है।
और भी लोग है इस गांव में धीरे धीरे वो सभी आपके सामने आयेंगे।
WOW MAST SASUR BAHU KA UPDATEअपडेट 14
सुबह ७ बजे।
रत्ना सुबह सुबह ऑगन साफ़ कर रही थी और ममता अभी अभी नहाके बाथरूम से निकली थी और सुबह के धूप में अपने लम्बे घने बाल सुखा रही थी।
उसके जिस्म पे टॉवल लिपटी हुई थी।
रत्ना;अरे ममता ज़रा अपने भैया को जागा दे पता नहीं कहाँ रहने लगा है ये लड़का इतनी देर हो गई अभी तक नहीं उठा। जा तो ज़रा....
ममता ; कमर हिलाते हुए देवा के कमरे में चले जाती है।
भाई उठो सुबह हो गई उठो न भैया।
वो देवा का कन्धा हिला हिला के उसे जगाने की नाकाम कोशिश करने लगती है।
पर देवा टस से मस नहीं होता उसपे तो रात की खुमारी छाई थी।
लंड पायजामे में खड़ा हुआ था और सामने खड़ी ममता के चेहरे की तरफ निशाना लिए हुये था।
ममता की नज़र जैसे ही देवा के लंड पे पडती है उसका मुंह खुला का खुला रह जाता है।
वो सोचने लगती है ये पायजामे के अंदर से इतना ख़ौफ़नाक लग रहा है तो बाप रे बाप.....
वो एक बार फिर से देवा को जगाने के लिए उसकी छाती पे हाथ रखती है और जैसे ही वो अपना नाज़ुक हाथ देवा के घुंगराले बाल वाली छाती पे रखती है।
देवा नींद में उसका हाथ पकड़ के उसे अपने ऊपर खीच लेता है उसे तो खवाब में शालु की बेटी रश्मि नज़र आ रही थी।
ममता के मुंह से यही निकलता है माँ।
देवा;पुरी ताकत से ममता को अपने बाहों में समेट लेता है।
ममत को आज पहली बार किसी ने इस तरह पकड़ा था भले ही वो उसका सगा भाई था पर एक मरद का एहसाह उसे अंदर तक रौंगटे खड़े करने के लिए काफी था।
वो धीमी आवाज़ में कहती है।
भाई उठ जाओ न मै हूँ ममता।
देवा आँखें खोलता है और ममता को इस तरह अपने से चिपका देख फ़ौरन उसे अपने ऊपर हटा देता है।
देवा- तू यहाँ क्या कर रही है।
ममता; वो मै मै वो .....अरे माँ ने तुम्हे उठाने के लिए कहा है और तुम हो की पता नहीं कैसे कैसे खवाब देखते हो मुझे भी वो चुप हो जाती है।
देवा;उसे कुछ बोलने ही वाला था की रत्ना भागते हुए कमरे के अंदर आती है।
रत्ना;देवा जल्दी उठ तेरे दोस्त पप्पू के बापु की तबियत बहुत ख़राब है पप्पू तुझे लेने आया है चल जल्दी कर।
देवा;झट से बिस्तर छोड देता है और मुंह हाथ धोके पप्पू के साथ उसके घर चला जाता है।
शालु का शराबी पति रात में शराब के नशे में एक गढे में गिर गया था जिसके वजह से उसे काफी मार भी लगा था सर से खून बहने से वो थोड़े थोड़े देर बाद होश में आता और फिर से बेहोश हो जाता।
पास में नीलम और रश्मि बैठी रो रही थी।
शालु; किसी तरह खुद को संभाले हुए थी।
देवा;ज़्यादा पढ़ा लिखा नहीं था पर उसे पता था की इस वक़्त शालु के पति को वैध की ज़रुरत है।
वो शालु से कहता है हमे वैध जी को यहाँ लाना होगा।
पप्पू;देवा को साथ चलने के लिए कहता है पर शालु उसे घर रुक के बापू का ख्याल रखने को कहती है और खुद देवा के साथ ट्रेक्टर में बैठ के वैध के घर चली जाती है।
वैध का घर कुछ किलोमीटर दूर था।
देवा;तूफ़ान के रफ़्तार से वैध के घर पहुँच जाता है।
वो दरवाज़ा खटखटाता है पर अंदर से कोई आवाज़ कोई हलचल सुनायई नहीं देती।
वैध एक ६० साल का आदमी था उसका एक बेटा था जो फ़ौज में था पत्नी उसकी इस दुनिया में थी नहीं अपनी बहु के साथ वो यहाँ रहता था।
वैध की बहु किरण एक 30 साल की औरत थी देवा ने उसे आज तक कभी देखा नहीं था।
जब शालु और देवा को वैध और उसकी बहु कही नज़र नहीं आते तो देवा शालु को एक जगह बैठाके घर के पिछवाडे जाके देखता है।
वैध के घर के पीछे एक छोटी सी झोपडी बनी हुई थी।
जहां वैध के मवेशी।(एनिमल) बँधे हुए थे।
देवा;को कुछ खुश फुश की आवाज़ सुनाई देती है।
वो चुपचाप उस झोंपडे के खिडकी के पास चला जाता है ये सोच के की हो सकता है यहाँ कोई मिल जाए।
पर वो जैसे ही खिडकी के पास पहुंचता है एकदम हैरत में पड़ जाता है।
अंदर का नज़ारा दिल दहला देने वाला था।
वैध हरी किशन अपनी जवान बहु किरण के साथ एक दम नंगा उस झोपडे में खड़ा था।
किरण;अपने ससुर हरी किशन के छोटे से लंड को हाथ में लेके हिला रही थी दोनों के होंठ एक दूसरे से चिपके हुए थे।
देवा;कुछ बोलने की हालत में नहीं था उसे अपने ऑखों पे यक़ीन नहीं हो रहा था की भला एक ३० साल की औरत एक ६० साल के बूढ़े के लंड को हाथ में ले के ऐसे क्यों खड़ी है और वो कोई और नहीं बल्कि किरण का ससुर था।
किरण;बापू ये तो खड़ा ही नहीं हो रहा।
हरि किशन;बहु मुंह में ले के चूस शायद कुछ हो जाए।
किरण;नहीं नहीं सुबह सुबह ये सब मुझसे नहीं होंगा।
कितने लोगों का इलाज करते हो अपने इसका इलाज क्यों नहीं करते एक तो बेटे को फ़ौज में भेज दिया है आपने । मेरी तो कोई परवाह ही नहीं है ना आपको और आपके बेटे को।
हरि किशन;अरे बहु दिल छोटा मत कर । गोपाल अगले महिने कुछ दिनों के लिए तो आ ही रहा है न।
किरण;तब तक मै क्या करूँ।
हरि किशन;मैं तेरी सहला देता हूँ तू कहे तो चाट लूँ।
तभी देवा बोल पड़ता है।
देवा;वैध जी पहले मेरे साथ घर चलिये।