Incest हाय रे ज़ालिम................

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हाय रे ज़ालिम................
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:congrats: FOR NEW STORY
 
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Introduction
ये कहानी है भारत के एक छोटे से गाँव अम्बेटकली की।एक छोटा मगर बेहद खूबसूरत गांव में रहता है ।

देवा
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२० साल का ये गबरू जवान।।अपने १० एकड के खेत में खूब दिल लगा के मेहनत करता है । उसे न शराब का शौक है न चरस गांजे का।
बचपन से उसे कसरत और कुश्ती का बहुत शौक रहा है पर सबसे ज़्यादा चाह है उसे चूत की हालाँकि अभी तक उसे ये मिला नहीं है।।
देवा।अपनी माँ रत्ना और छोटी बहन ममता के साथ रहता है।
बाप का साया देवा के सर से पांच साल पहले ही उठ गया था।



रत्ना
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एक गदराई हुई ४० साल की खूबसूरत औरत जो पिछले 5 साल से अपनी चूत की आग अपनी उँगलियों से तो कभी बैगन मूली से शांत करते आ रही है।।पति तो उसका रहा नहीं और बाहर वालो को वो देना नहीं चाहती।।

अपने बेटे देवा को खेती बाड़ी में हाथ बटाने वाली रत्ना बहुत हँसमुख है पर उसकी हँसी के पीछे के दर्द को कोई नहीं समझता उसका अपना बेटा देवा भी नही।

ममता
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देवा की खूबसूरत बहन।
एक 18 साल की चंचल खुबसुरत कुँवारी लड़की है जो अपना समय दिन भर अपने सहेलीयों के साथ बातें करने में गुजारती है उन बातों में सिर्फ सेक्स की बाते होती है।।जल्द से जल्द लंड लेने की उसकी चाह ने उसके दोनों आमो को वक़्त से पहले ही पका दिया है।

देवा का एक दोस्त है।।


पप्पु
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18 साल के पप्पू को बचपन में बैल ने ऐसा लात मारा की उसके पप्पू में हिलने डुलने की ताकत नहीं रही।जीस्म तो अपनी उम्र के हिसाब से बढ़ता गया पर औज़ार छोटा का छोटा रह गया।

पप्पू की माँ

शालु
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एक गरम खून वाली 38 साल की औरत है।जिसका पति तो है पर किसी काम का नहीं। चोदता तो है पर ठीक से नहीं । दिन रात नशे में पड़ा रहने वाला शालु का पति जब घर आता है तो पहले गाली देता है और फिर दो चार धक्के उसके बाद सारी रात शालू अपनी चूत मसलती रहती है या ऊँगली से अपने आप को शांत करती है।

शालु की दो और बेटियां है।
एक रश्मि
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उमर 18 साल अपनी माँ की तरह मदमस्त रहने वाली लड़की।



दूसरी बेटी
नीलम
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एक खामोश तबियत वाली। अपनी दुनिया में जीने वाली लड़की को जब भी कोई देखता है यही कहता है ये साली शालु के पति की नहीं हो सकती।

इसी गांव में एक जागिरदार की हवेली है।जिसमें रहते है।

सेठ हिम्मत राव
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हिम्मत राव इस गांव के जमींदार है उसकी गांव में बहुत चलती है। वो गांव में जो चाहे वो कर सकता है। सभी गांव वाले हिम्मत राव से डरते है। हिम्मत राव ने कुछ गुंडे भी पाल रखे है और उसके पास बंदूके भी है।




उनकी पत्नी - रुक्मणि
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रंग तो इसका जानदार है पर चूत बड़ी नमकीन है।।
ये सेठ हिम्मत राव की दूसरी पत्नी है पहली वाली इस दुनिया में नहीं रही।
रुक्मणी के शादी को 3 साल हो चुके है पर अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ है।

सेठ हिम्मत राव को पहली वीवी से एक बेटी है।

रानी-
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उम्र 19 साल है पर नखरे और अदायें किसी तरह भी 19 वाली के नहीं लगते।घर के लोग इसे परी भी बुलाते है यानि इसका घर का नाम परी भी है। बाप के पैसों को पानी की तरह बहाना इसका शौक है।।घमन्डी नकचढी जो कहना है इसे कह सकते है। बस एक ही चीज़ इस में अच्छी है वो छुपी है बेचारी की जांघों के बीच में।




इस हवेली में एक नौकरानी काम करती है।

पदमा
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रुक्मणी की जायज़ और नाजायज़ हर काम पदमा ही करती है।

और भी लोग है इस गांव में धीरे धीरे वो सभी आपके सामने आयेंगे।
MAST CASTING DEAR
 
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अपडेट 1


देवा;अपने खेत में अपने दोस्त पप्पू के साथ बैठा हुआ था।
सामने पप्पू की कुछ बकरियाँ और बैल चारा खा रहे थे।

आज देवा का मूड कुछ उदास सा था।

पप्पू;क्या बात है देवा बड़ा गुमसुम सा बैठा है।

देवा;अरे यार साली ये भी कोई ज़िन्दगी है सुबह खेत में जाओ दिन भर काम करो और रात को खाना खाके सो जाओ।
इससे अच्छा तो मै कोई बकरा होता कम से कम दिन रात किसी न किसी की बकरी को ले रहा होता।

ओ देख सामने तेरा बकरा कैसे बकरी के ऊपर चढ के घूस्सा रहा है।

पप्पू;उदास मत हो देवा हर कुत्ते का टाइम आता है
अपना भी आयेंगा।

देवा;ये बात सुनके खिलखिलाके हंसने लगता हैं।
साले तू बहुत बड़ा गांडु है।
चल ये बता वो हिम्मत राव की लौंडिया कैसी है।
सुना है कल ही शहर से पढ़ के गांव आई है।
बचपन में देखा था उसे साली बडी चिकनी दिखती थी।
एक दो बार तो छुपा छुपी के खेल में मैंने उसे कस के निचोड़ा था।

पता नहीं उसे याद भी होंगा की नही।

पप्पू;माल तो एक से एक है गांव में पर साली कोई भाव नहीं देती।

देवा;दिल ही दिल में ।
तेरी माँ कम गदराया हुआ माल है क्या।
साली एक बार दे दे बस तो मजा आ जाए।

देवा;वैसे तू क्या करेंगा किसी लड़की को पटा के।
साले तेरा तो इतना छोटा है की किनारे से घुम के वापस आ जाए।

पप्पू;अपना चेहरा इधर उधर घुमाने लगता है।
मुझे जाना है वरना माँ ढूँढ़ते ढूँढ़ते यहाँ तक आ जाएगी।

देवा;पप्पू;के कमर पे हाथ फेरने लगता है।
आज बड़ा दिल कर रहा है पप्पु।
MAST START
 
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पप्पू घबरा जाता है उसे पता था देवा का इशारा किस तरफ है।
नही देवा दो दिन पहले तूने बड़ा दर्द दिया है मुझे अभी तक दुःखता है।

देवा;पप्पू को अपनी तरफ खिचता है।
साले नाटक तो ऐसे कर रहा है जैसे तेरी माँ की चूत मांग रहा हूँ।
चल जल्दी कर वरना कोई आ जायेंगा।

पप्पू का दिल ज़ोर से धड़कने लगता है।
पिछले 1 साल पहले शुरू हुआ ये खेल अब देवा के लिए आये दिन की बात थी।
लौंडिया तो कोई हाथ नहीं चढती थी तो पप्पू से ही काम चलाना पड़ता था।

वैसे पप्पू था भी बिलकुल लड़की जैसा।
नाजुक नाज़ुक हाथ पैर पतली सी कमर गोरा चिट्टा जिस्म।

देवा की नज़र तो पप्पू की दोनों बहनो और उसकी माँ शालु पे टिकी हुई थी पर वो सबसे पहले पप्पू को अपनी ऊँगली पे नचाना चाहता था । वो जानता था ये एक बार उसके चंगुल में फँस गया तो वो सब भी नीचे एक दिन आ जाएंगी।

देवा को तो शौक चेरी का था पर अभी तक कोई उसके नीचे आके नहीं पीसी थी।
इससे लिए पप्पू का पो पो बजाता रहता था।

पप्पू की माँ शालु अपने बेटे को ढूँढ़ती ढूँढ़ती देवा के खेत तक आ पहुंची थी । वो बस पप्पु को आवाज़ देने वाली थी की उसे सामने देवा पप्पू के कमर पे हाथ फेरता हुआ और उसे अपने गोद में बैठा के उसके गाल को अपने दाँतो से काटता हुआ नज़र आता है वो वही रुक के सामने का नज़ारा देखने लगती है।

देवा;पप्पू को अपने गोद में बैठा के उसके पेंट के बटनों को खोल के अपना एक हाथ उसके कमर पे रख के हलके हलके उसके नरम कमर को दबा रहा था।

और पप्पू देवा से चिपक के ठण्डी ठण्डी साँसे ले रहा था।

पप्पू;आह जाने देना देवा । कोई देख लेगा आह।

देवा देखने दे कुछ नहीं होता मेरे खेत में कोई नहीं आता।

पप्पू;पर देवा मुझे बहुत दर्द होता है तेरा कितना बड़ा है।

देवा; साले लेते वक़्त तो गाण्ड ऐसे हिलाता है जैसे और जम के लेना है तुझे चल आजा ऊपर।

और देवा वही एक चादर पे लेट जाता है।
:loudlaff: PAPPU TO GAY LAG RAHA HAI
 
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पप्पू;पहले खुद के और फिर देवा के सारे कपडे निकाल देता है।

देवा;चल जल्दी कर।

पप्पू;देवा के लंड को हाथ में ले के सहलाने लगता है।
धीरे धीरे देवा का लंड खड़ा होने लगता है।

पप्पु की गाण्ड आवाज़ दे रही थी। वो भी अपना मुंह खोल देता है और देवा का लंड पप्पू के मुंह में घुस जाता है और पप्पू देवा का लंड चूसने लगता है।
गलप्प गलप्प.....




देवा अपना सर जोश में इधर उधर करने लगता है की तभी उसकी नज़र शालु पे पड़ती है जो पेड़ के पीछे छुपी ये सब देख रही थी।

देवा की गाण्ड फ़टी की फ़टी रह जाती है पर अगले ही पल उसे एहसास होता है की शालु का एक हाथ उसके चूत पे है और वो ऑंखें फाड़े पप्पू को नहीं बल्कि देवा के लंड को देख रही है जो पूरी तरह तन के 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा हो गया था।

पप्पू का पूरा मुंह भी देवा के लंड को अपने मुंह में नहीं ले पा रहा था। वो बार बार साँस लेने के लिए उसे बाहर निकाल लेता और हर बार शालु देवा के पूरे लंड का दीदार अच्छे से कर लेती।

देवा;आह बस कर साले आह।

पप्पू पे कोई असर नहीं होता वो तो बस देवा के लंड में खो चुका था।
गलप्प गलप्प गलप्प।

देवा थोड़ी ज़ोर से बोलता है।
अब्बे तेरी माँ को चोदूँ पप्पू छोड़ दे वरना दोनों माँ बेटे को एक साथ चोदुँगा आह।

ये आवाज़ शालु के कानो तक पहुँच जाती है और उसकी उँगलियों का दबाव चूत के और अंदर तक होने लगता है

देवा खड़ा हो जाता है और साथ में पप्पू भी।
MAST HOMOSEXUAL PAPU KI MAA BHI DEKH DEKH KAR MAST HO RAHI HAI
 
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देवा; चल झुक जा।

पप्पू;आराम आराम से करना देवा तू तो एक ही बारे में खुट्टा गाड देता है।

देवा; अच्छा अच्छा बातें बंद कर।
और देवा ये कहते हुए अपने लंड को पप्पू के कमर पे मारने लगता है।

पप्पू;आह माँ।
सिसकारियां उसके मुंह से निकलती और शालु के कानो तक पहुँच जाती।

देवा;अपने लंड पे थूक लगा के धीरे धीरे लंड को पप्पू की गाण्ड में घूसाने लगता है । आह आह थोड़ा पैर चौड़े कर गांडु आह।
जैसे जैसे लन्ड पप्पू की गांड में घुस रहा है पप्पू चिल्लाने लगता है।फिर एक झटके में देवा अपना पूरा लंड पप्पू के गांड में पेल देता है।

पप्पू; आह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हाय्य्य्य माँ मै मर जाऊँगा । आह देवा निकाल ले अह्ह्ह्हह मै हाथ से हिला देता हूँ इसे आहः।

देवा कहाँ सुनने वाला था वो तो बस अपने आँखों में शालु के गदराये हुए गाँड को सोच सोच के सटा सट लंड पप्पू के गाण्ड में पेले जा रहा था।

पप्पू की हालत ऐसी थी के कोई भी तरस खाके उसे छोड दे । पर देवा बेरहम मरद था पप्पू जानता था की जब तक देवा का पानी नहीं निकलेगा वो रुकने वाला नहीं है।

और सबसे खतरनाक बात ये थी ये देवा का पानी 20-30 मिनट तक नहीं निकलता था।



धक्कों की बरसात पीछे से शुरू थी और पप्पू की चीखें तेज़ और तेज़ होते जा रही थी।

शालु;अपनी चूत को रगडते हुए थक चुकी थी पर देवा था की पसीने में तर बतर होने के बावजूद भी बाहर निकालने को तैयार नहीं था।

20 मिनट के बाद देवा अपने लंड को बाहर निकाल लेता है और उसका पानी पप्पू के कमर पे गिरने लगता है और कुछ देर बाद पानी से गिला लंड पप्पू के कमर पे घीसने लगता है।

शालु तेजी से अपने घर की तरफ चल देती है
WOW STORY KI FIRST CHUDAI :sex2:
 
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रात ममता को जम कर चोदने के बाद देवा गहरी नींद में सोया हुआ था । सुबह के 8 बज रहे थे।
मगर आज देवा न तो सुबह जल्दी उठा था और न अपने खेत में गया था।
ममता ;अपनी माँ के पास जाके सुबह सुबह लेट गई थी।
रत्ना;सुबह का नाश्ता बनाकर देवा को उठाने के लिए उसके रूम में चली जाती है।
देवा उस वक़्त सिर्फ लुंगी में सोया हुआ था पास ही में उसकी चड्डी पड़ी हुई थी।
लूँगी में तम्बू बना हुआ लंड रत्ना को दावत दे रहा था।
रत्ना;देवा के काँधे को हिलाने लगती है।
उठ भी जा बेटा बहुत देर हो गई है।
देवा; सोने दो न माँ अभी अभी तो आँख लगी थी मेरी।
रत्ना;रात भर जागेगा तो सुबह आँख कैसे खुलेंगी तेरी। चल उठ जा।
देवा झटके से उठके बैठ जाता है और रात का वो रत्ना का खिडके से झाँकना उसे याद आ जाता है।
माँ तुम भी न। क्या वक़्त हुआ है अभी।
रत्ना;सूरज सर पर आ गया है और तुम यहाँ हो।
याद है ना अपने मामा के घर भी जाना है तुझे आज
देवा;हाँ याद है ना माँ।
वैसे माँ आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो इस साडी में।
तूम तो साडी पहनती ही नही।
रत्ना;बस बस मै ममता के लिए पूजा करने मंदिर गई थी इसलिए ये साडी पहन ली।
देवा;रत्ना का पल्लू पकड़ के उसे देखने लगता है।
बहुत खूबसूरत साडी है ये।
और अचानक पल्लू रत्ना की छाती से सरक जाता है।
रत्ना;उसे ठीक करने लगती है मगर उससे पहले देवा अपना हाथ सीधा रत्ना की ब्रैस्ट पर रख के उसे ज़ोर से मसल देता है।
रत्ना;आहह उन्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह।
एक सिसकी रत्ना के मुँह से निकल जाती है।
क्या कर रहा है रे
देवा;कुछ भी नहीं माँ।
रत्ना;देवा का हाथ नहीं हटाती बस मुँह से उसे रुकने के लिए कहती है। रात का नशा अब भी रत्ना की ऑखों में छाया हुआ था।
चुदाई तो ममता की हुई थी मगर चूत रत्ना की सुलग रही थी।
देवा;बहुत नरम है ये।
रत्ना; छोड दे हरामी मेरे हाथों की मार भूल गया तु।
देवा;नही भुला माँ।
वो रत्ना की गर्दन को चुमने लगता है।
रत्ना;बस कर रे । ममता समझ रखा है क्या मुझे।
देवा;ममता तो बड़े प्यार से देती है रात भर। तू तो देख चुकी है माँ।
बस एक बार मुझे ये चखने दे।
देवा रत्ना की साडी के ऊपर से उसकी सुलगती चूत पर हाथ रख देता है।

चूत पर हाथ पडते ही रत्ना बहक जाती है उसे ऐसे लगता है जैसे किसी ने तपते हुए रेत पर पानी के कुछ क़तरे डाल दिए हो।
रत्ना;नही छोड़ मुझे। मै तेरी बातों में नहीं आने वाली।
ये पाप मै नहीं करुँगी आह्ह्ह्ह।
देवा;माँ शहर से मै दो मंगलसुत्र लाने वाला हूँ।
एक ममता की शादी के लिए और एक तेरे लिये।
रत्ना; ये सुनके देवा को धक्का देके उससे अलग हो जाती है।
क्या बकवास कर रहा है तू होश में तो है।
देवा;लपक के रत्ना का हाथ पकड़ के उसे अपने बेड पर गिरा देता है और उसके ऊपर सवार हो जाता है।
रत्ना;देवा से छूटने की लाख कोशिश करती है मगर देवा की मज़बूत पकड़ से वो निकल नहीं पाती।
देवा;हाँ माँ मै तुम्हें अपनी पत्नी बनाना चाहता हूँ बापु की मौत के बाद तुम बिल्कुल अकेली रह गई हो।
मै तुम्हे अपनी पत्नी बनाकर रात दिन चोदना चाहता हूँ। अगर तुम अपनी मर्ज़ी से हाँ कहती हो तो ठीक है।
वरना मै ज़बर्दस्ती भी कर सकता हूँ मगर अपनी बात से पीछे नहीं हटूँगा। मै बोल देता हूँ।
रत्ना;मैंने तुझे पैदा ही क्यों किया हरामी।
देवा;मुझे पैदा करके तूने बहुत अच्छा किया माँ वरना इस प्यासी चूत का कौन ख्याल रखता।
देवा रत्ना की चूत को साडी के ऊपर से सहलाने लगता है और दूसरे हाथ से रत्ना के निप्पल्स को भी मरोडने लगता है।
रत्ना तडपने लगती है। एक तरफ आज देवा ने वो बात कहा था जो वो खवाब में भी नहीं सोच सकती थी।
वो हैरान थी की देवा में इतनी हिम्मत आई कहाँ से शायद क़सूर रत्ना का ही था।
देवा;आज दोपहर में मै मामा के यहां जा रहा हूँ वापस आने के बाद मुझे तुम्हारा जवाब चाहिए।
सोच लो मेरी पत्नी बनकर चुदवाना चाहती हो या कुछ और फैसला तुम पर छोडता हूँ।
देवा; रत्ना के लरज़ते होठो को चूम के उसके ऊपर से उठके बाहर चला जाता है।
और नहा धोकर अपने मामी देवकी के घर की तरफ अपना ट्रेक्टर बढा देता है।
रत्ना;हैरान परेशान से देवा की बात पर सोचने बैठ जाती है।
उधर जब हिम्मत राव को ये बात पता चलती है की देवा अपने मामा के यहाँ कुछ दिन के लिए गया है।
तो उसे हंसी आ जाती है देवा की किस्मत पर। मगर
अगले ही पल हिम्मत का शातिर दिमाग काम करता है और वो खुद से बात करने लगता है।
हिम्मत;देवा गया है अपने मम्मी के यहां । इसका मतलब रत्ना और उसकी बेटी घर में अकेली होगी।

अगर विक्रांत जल्दी आ जाये तो दोनों माँ बेटी का काम उनके घर में करवा दूंगा और देवा को रास्ते में ही।
खुद की बात पर मुस्कराता हुआ हिम्मत हुक्के के कश भरने लगता है।
देवा दोपहर तक अपने मामी देवकी के घर पहुँच जाता है।
देवा दरवाज़ा खटखटाता है।
दरवज़ा कौशल्या खोलती है।
कौशल्या;देवा तुम अचानक से आ गए। आओ अंदर आओ किसी के हाथ से संदेशा भिजवा देते। कैसे हो... बैठो ना।
देवा;हाँ वो ममता के रिश्ते की बात चल रही है तुम्हारे गांव में तो सोचा देख आता हूँ उन लोगों का रहन सहन।
कौशल्या;अरे बहुत अच्छा किया तुमने बहुत याद आ रही थी तुम्हारी।
देवा; सच्ची...... वो कौशल्या की बात पर उसे घुरने लगता है।
कौशल्या;शरमा जाती है अब ऐसे घूरो मत मुझे।
देवा;मामी और रामु कहाँ है कोई दिखाई नहीं दे रहा।
कौशल्या;अपनी नज़रें नीचे ज़मीन की तरफ रख के धीमी आवाज़ में उससे कहती है वो खेत में गए है पांच बजे से पहले नहीं आने वाले।
तूम हाथ मुंह धो लो। मै चाय बनाकर लाती हूँ।
कौशल्या;जैसे ही मुडती है देवा उसे पीछे से अपनी बाहों में जकड लेता है।
कौशल्या;आह अभी नहीं देवा।
देवा;मैंने तो कुछ किया भी नहीं भाभी।
कौशल्या;भाभी नहीं पत्नी हूँ मै तुम्हारी पतिदेव। ये जो मेरे कोख में पल रहा है ये तुम्हारा ही खून है।
देवा;बहुत याद आ रही थी तेरी भाभी मुझे। जो बात तेरी चूत में है वो कही नहीं दिखती मुझे।
कौशल्या;आहह चूत तो आपको देख कर ही खुश हो जाती है। मेरे सैया अब तुम आ गये हो। जी भर के ले लो मेरी। कोई नहीं रोकेंगा तुम्हें।
देवा; मुँह में ले जल्दी।
कौशल्या; हाँ...
वो नीचे बैठ जाती है और हक़ीकत बात यही थी की कौशल्या दिल से देवा को अपना पति मानती थी।
दुनिया की नज़र में रामु उसका पति था मगर असली ख़ुशी उसे देवा ने ही दिया था।
वो नीचे बैठ के देवा का पेंट उतार देती है और झट से अपने नाज़ुक हाथों में देवा का लंड पकड़ के उसे चुम लेती है।
कौशल्या; हाय्य्य ये मुआ मुझे बहुत तड़पाता है कहके देवा का लंड चूसने लगती है।गल्प गल्प गलप्पप्पप्प।

देवा; धीरे से मेरी भाभी।

कौशल्या;अब अगर दूबारा भाभी बोलोगे तो काट लुंगी इसे गलप्प गलप्प।
देवा;कौशल्या की कमीज की ज़िप पीछे से खोल देता है। और एक झटके में उससे जिस्म से अलग कर देता है।
कौशल्या अपनी सलवार का नाडा खोल देती है और सलवार नीचे गिर जाती है।
ममता की होने वाली सास जो देवकी के घर के सामने ही रहती थी। उसे देवकी के आँगन में ट्रेक्टर खड़ा दिखाई देता है।
और वो समझ जाती है की रत्ना के यहाँ से कोई आया हुआ है वो दौड़ते हुए देवकी के घर में चलि जाती है।
जैसे ही कोमल देवकी के घर के दरवाज़े पर पहुँचती है उसके पैर रुक जाते है अंदर से आने वाली सिसकियाँ उसे रुकने पर मजबूर कर देती है।
कोमल;दिल ही दिल में सोचने लगती है की अंदर क्या हो रहा है।
वो खिडकी के दरार में से झाँकने लगती है और अंदर का नज़ारा देख उसकी ऑंखें फटी की फटी रह जाती है।।
देवा के लंड को अपने मुँह में लिए और अपनी चूत को देवा के मुँह से चिपकाये कौशल्या सिसक रही थी।

कमल; हाय राम ये क्या देख रही हूँ मैं।
देवर अपनी भाभी के साथ।
मगर अगले ही पल कोमल को दुसरा झटका लगता है जब कौशल्या के हलक से देवा का लंड बाहर आता है।
तकरीबन कलाई के जितना मोटा और साँप के तरह फन वाला देवा का लंड देख कोमल के हाथ पैर काँपने लगते है।
कौशल्या;जल्दी करो जी माँ आती होगी।
देवा; कौशल्या को अपने नीचे लिटा के उसके ऊपर चढ़ जाता है।
कोमल सोच में पड़ जाती है की ये मोटा खुट्टा इस नरम ज़मीन में कैसे जायेगा।
मगर अगले ही पल उसे सारे सवालों के जवाब भी मिल जाते है जब देवा अपनी भाभी की नाज़ुक चूत में एक झटके में अपना लंड पेल देता है।
कौशल्या;माँ मर गई।
एक बार में मत घुसाया करो इसे।
जान ले लेता है आअह्हह्हह्हह।
देवा;मेरे रानी तेरी चूत में रुकता ही नही ए।
कौशल्या;रुकना भी मत अब आह्ह्ह्ह्ह।
बहुत सूखी है मेरी चूत। इसे ठण्डी कर दो जी।
कौशल्या;अपने दोनों पैरों को देवा की कमर से लपेट के कमर उछाल उछाल के देवा से चुदवाने लगती है।

और बाहर खड़ी कोमल की चूत ये देख पानी पानी हो जाती है।
वो जल्दी से वहां से निकल के अपने घर में सीधा बाथरूम में घुस जाती है।
और सलवार नीचे सरककर अपनी चूत को रगडने लगती है उसकी ऑखों के सामने वही देवा का मोटा तगड़ा लंड आ जाता है जो थोडी देर पहले कौशल्या की चूत को भंभोड रहा था।
एक चीख़ के साथ कोमल के चूत से पानी की धार बाहर बहने लगती है।
 

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