Incest हाय रे ज़ालिम................

Well-known member
2,067
4,950
143


Res
 
Last edited:
Member
380
240
43
पप्पू;पहले खुद के और फिर देवा के सारे कपडे निकाल देता है।

देवा;चल जल्दी कर।

पप्पू;देवा के लंड को हाथ में ले के सहलाने लगता है।
धीरे धीरे देवा का लंड खड़ा होने लगता है।

पप्पु की गाण्ड आवाज़ दे रही थी। वो भी अपना मुंह खोल देता है और देवा का लंड पप्पू के मुंह में घुस जाता है और पप्पू देवा का लंड चूसने लगता है।
गलप्प गलप्प.....




देवा अपना सर जोश में इधर उधर करने लगता है की तभी उसकी नज़र शालु पे पड़ती है जो पेड़ के पीछे छुपी ये सब देख रही थी।

देवा की गाण्ड फ़टी की फ़टी रह जाती है पर अगले ही पल उसे एहसास होता है की शालु का एक हाथ उसके चूत पे है और वो ऑंखें फाड़े पप्पू को नहीं बल्कि देवा के लंड को देख रही है जो पूरी तरह तन के 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा हो गया था।

पप्पू का पूरा मुंह भी देवा के लंड को अपने मुंह में नहीं ले पा रहा था। वो बार बार साँस लेने के लिए उसे बाहर निकाल लेता और हर बार शालु देवा के पूरे लंड का दीदार अच्छे से कर लेती।

देवा;आह बस कर साले आह।

पप्पू पे कोई असर नहीं होता वो तो बस देवा के लंड में खो चुका था।
गलप्प गलप्प गलप्प।

देवा थोड़ी ज़ोर से बोलता है।
अब्बे तेरी माँ को चोदूँ पप्पू छोड़ दे वरना दोनों माँ बेटे को एक साथ चोदुँगा आह।

ये आवाज़ शालु के कानो तक पहुँच जाती है और उसकी उँगलियों का दबाव चूत के और अंदर तक होने लगता है

देवा खड़ा हो जाता है और साथ में पप्पू भी।
PAPPU TO CHUSNE MEIN BHI NIPUN HAI
 
Member
380
240
43
देवा; चल झुक जा।

पप्पू;आराम आराम से करना देवा तू तो एक ही बारे में खुट्टा गाड देता है।

देवा; अच्छा अच्छा बातें बंद कर।
और देवा ये कहते हुए अपने लंड को पप्पू के कमर पे मारने लगता है।

पप्पू;आह माँ।
सिसकारियां उसके मुंह से निकलती और शालु के कानो तक पहुँच जाती।

देवा;अपने लंड पे थूक लगा के धीरे धीरे लंड को पप्पू की गाण्ड में घूसाने लगता है । आह आह थोड़ा पैर चौड़े कर गांडु आह।
जैसे जैसे लन्ड पप्पू की गांड में घुस रहा है पप्पू चिल्लाने लगता है।फिर एक झटके में देवा अपना पूरा लंड पप्पू के गांड में पेल देता है।

पप्पू; आह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हाय्य्य्य माँ मै मर जाऊँगा । आह देवा निकाल ले अह्ह्ह्हह मै हाथ से हिला देता हूँ इसे आहः।

देवा कहाँ सुनने वाला था वो तो बस अपने आँखों में शालु के गदराये हुए गाँड को सोच सोच के सटा सट लंड पप्पू के गाण्ड में पेले जा रहा था।

पप्पू की हालत ऐसी थी के कोई भी तरस खाके उसे छोड दे । पर देवा बेरहम मरद था पप्पू जानता था की जब तक देवा का पानी नहीं निकलेगा वो रुकने वाला नहीं है।

और सबसे खतरनाक बात ये थी ये देवा का पानी 20-30 मिनट तक नहीं निकलता था।



धक्कों की बरसात पीछे से शुरू थी और पप्पू की चीखें तेज़ और तेज़ होते जा रही थी।

शालु;अपनी चूत को रगडते हुए थक चुकी थी पर देवा था की पसीने में तर बतर होने के बावजूद भी बाहर निकालने को तैयार नहीं था।

20 मिनट के बाद देवा अपने लंड को बाहर निकाल लेता है और उसका पानी पप्पू के कमर पे गिरने लगता है और कुछ देर बाद पानी से गिला लंड पप्पू के कमर पे घीसने लगता है।

शालु तेजी से अपने घर की तरफ चल देती है
OMG PAPPU KI MUMMY BHI GARAM HO KE GHAR GAI
 
Well-known member
2,067
4,950
143
porn-gif-magazine-svetlanapornblog.gif
 
Well-known member
2,067
4,950
143
अपडेट 72


रश्मी की आवाज़ सुनके पप्पू और शालु घबरा कर उसकी तरफ देखते है।
रश्मी;माँ क्या कर रही हो तुम।
शालु;बेटी वो मै यहाँ पानी देने आई थी।
मै नीलम को देख कर आती हूँ।
वो झट से वहां से बाहर निकल जाती है।
रश्मी; और तुम भइया माँ के साथ।
पप्पू; अब बस भी कर बड़ी सती सावित्री के जैसी बातें कर रही है।
मेरा ख़ास काम बनने वाला था क्या ज़रूरत थी अंदर आने की।
रश्मी;बेशरम तुम जानते भी हो क्या कह रहे हो।
पप्पू;रश्मि का हाथ पकड़ के उसे अपने पास खीच लेता है।
हाँ जानता हूँ मै क्या कह रहा हूँ और क्या करने जा रहा था।
माँ को चोदने जा रहा था मेरी बहना।
रश्मी;नीचे से ऊपर तक पप्पू को देखने लगती है।
पर भैया माँ इस सब के लिए राजी कैसे हो गई।
पप्पू;सब देवा का किया धरा है उसी ने माँ को ऐसे बना दिया है।
माँ मुझसे चुदती है मगर याद देवा को करती है।
देखा न माँ के मुँह में कैसा उछल रहा था मेरा लंड।
रश्मी;मुस्कुराते हुए पप्पू का लंड पकड़ लेती है।
ये माँ की सवारी भी करता है।
पप्पू;हाँ रश्मि बहुत चुदकड़ है माँ।
तू नहीं जानती एक साथ दोनों तरफ से चाहिए उसे।
रश्मी;देवा भी न। पहले मुझे जवान किया और अब मेरी माँ को।
रश्मी अपनी नाज़ुक हाथों में पप्पू का चप्पु लेकर सहलाने लगती है।
पप्पू; आह्ह।
रश्मी माँ तो चली गई अब तेरे भैया का ख्याल कौन रखेंगा।
रश्मी;भैया का ख्याल मै रखुंगी।
पप्पू;तो रख न। मेरी बहना।
रश्मी;पप्पू के लंड की तरफ झुकती चली जाती है।
गलप्प गलप्प।
पप्पू भइया।
बहुत याद आती थी मुझे घर की गलप्प गल्लपप
पप्पू;मुझे भी तेरी बहुत याद आती थी रश्मि
आह धीरे मेरी बहना आह्ह्ह्हह।

पप्पू;रश्मि की सलवार का नाडा खोल देता है।
और पेंटी के साथ सलवार भी कमर से निकाल देता है।
रश्मी के मुँह में पप्पू का छोटा सा लंड आगे पीछे होने लगता है और इधर पप्पू की उंगलिया अपनी बहन की चूत में हलचल मचाने लगती है।
जैसे जैसे पप्पू की ऊँगली रश्मि की चूत में आगे पीछे
जाती है रश्मि के मुँह में पप्पू के लंड की पकड़ बढ़ती जाती है।
पप्पू;मेरी बहन आह्ह्ह। लगता है तेरा पति तुझे ठीक से नहीं करता आह्ह्ह्ह।
रश्मी;करता है भाई मगर बहुत जल्दी हार मान जाता है।
गलप्प उस में वो बात कहाँ जो देवा में और तुम में है। गलप्प गलप्प
आज तक उसके करने से मै वैसी गीली नहीं हो पाई जैसे तुम्हारे और देवा के करने से हो जाती हूँ गलपप गलप्प्प।
पप्पू;बस अब रुक जा वरना तेरे मुँह में मेरा माल निकल जाएगा।
पप्पू;रश्मि को लिटा देता है और उसके ऊपर के कपडे भी निकाल कर निप्पल्स को मुँह में लेकर चुसने लगता है गलप्प गलप्पप्प।
रश्मी की चूत पर पप्पू अपना लंड घीसने लगता है और निप्पल चुस्ने से उसके तन बदन में जो आग बढ़ रही थी पप्पू को डर था की वो उसे पूरी तरह बुझा पाएगा भी या नही।
वो निप्पल्स को चुसते हुए फिर से अपनी दो उंगलियाँ रश्मि की चूत में डाल देता है।
रश्मी;आहह हरामी हाथ कहाँ डाल रहा है वहां लंड है ना तेरे पास उसे मेरी चूत में डाल न आहह।

कहते है शादी के बाद लड़की भाई से भी बड़ी हो जाती है यही हाल रश्मि का भी था। अपने भाई के सामने सर न उठाने वाली रश्मि आज उसे खुलेआम गालिया दे रही थी और हैरत की बात तो ये थी की पप्पू को भी उसके मुँह से गालिया पसंद आ रही थी।
देवा जब भी पप्पू की गाण्ड मारा करता था। वो उसे गंदी गंदी गालिया दिया करता था। आज जब रश्मि उसे गालिया देती है तो पप्पू के सोये गाण्ड में से आवाज़ से आती है और देवा का वो कोहराम मचा देने वाला लंड उसे फिर से याद आ जाता है।।

पप्पू;हाँ छिनाल जानता हूँ तुझे लंड चाहिए ले अभी ड़ालता हूँ तेरे ओखली में।
वो रश्मि की दोनों टाँगें चौडी करके उसके बीच में आ जाता है और अपने लंड को रश्मी की चूत पर टीका कर सट से अंदर घूस्सा देता है।

जहां इससे पहले सबल घूस्सा हो वहां सुई की चुभन से क्या होने वाला था।
देवा ने अपने लंड से रश्मि की चूत को वहां तक खोल दिया था।
पप्पू की लूल्ली का उस पर कोई असर नहीं हो रहा था।
रश्मी;आहह भैया तुम्हारी लूल्ली में दम नहीं है पता नही।
नुतन का क्या होगा उसे भी देवा के नीचे सुला देना ।
पप्पू;साली छिनाल बहुत मस्ती चढ़ी है ना तुझे। तो ले......
शायद पप्पू की मर्दांनगी को ठेस पहुंची थी वो रश्मि के मुँह में मुँह डाल कर अपनी कमर को घचा घच घचा घच आगे पीछे करते हुए रश्मि को चोदता चला जाता है।
रश्मी;अपनी चूत की आग में जलती हुई ससुराल से मायके आई थी इस उम्मीद में की वो अपने प्यारे देवा से दिन रात कमर उछाल उछाल के छुदवाएंगी मगर
यहाँ आकर उसे पता चला की देवा गांव गया है। उस दिन से वो तड़प रही थी आज अपने भाई के लंड में वो खो जाना चाहती थी ।

अपना रस कस अपना सब कुछ बहा देना चाहती थी मगर ऐसा नहीं होता जिस गाण्ड को लंड की आदत लगी हो उसके लंड में औरत की चूत को शांत करने की ताकत नहीं रहती और पप्पु अपनी बहन की चूत में पानी छोडता हुआ हाँफने लगता है।
रश्मी;तिलमिला जाती है।
वो पप्पू के नीचे से निकल जाती है और खड़ी होकर अपने कपडे पहनने लगती है।
कुत्ते कमिने देवा से गाण्ड मरवा के भी तुझ में ताकत नहीं आई।
हरामी कही का। आगे से मुझे हाथ भी लगाने का सोचा न तो जान से मार दुंगी।
वो पैर पटकते हुए वहां से चली जाती है।
और पप्पू अपने मुरझाये हुए लंड को देख सोच में पड़ जाता है की नूतन का क्या होगा।

उधर गांव में देवा कोमल के घर में अपने बिस्तर पर लेटा हुआ था।
मगर उसे नींद नहीं आ रही थी।आगे रूम से उसे कोमल और उसके पति की आवाज़ें उसे सोने नहीं दे रही थी।
दरवज़ा पूरी तरह बंद नहीं था। देवा उठके दरवाज़े के पास चला जाता है।
अंदर कोमल पूरी तरह नंगी होकर अपने पति के लंड पर सवारी कर रही थी।
कोमल का चेहरा दरवाज़े की तरफ था और वो आवाज़ें निकाल निकाल के सटा सट अपने पति के लंड पर ऊपर नीचे हो रही थी।
देवा;कोमल के बदन का तो दिवाना उसी दिन हो गया था जिस दिन उसने पहली बार उसे देखा था।
कोमल;अपना सर उठा कर दरवाज़े की तरफ देखती है। उसे जैसे कोई फ़र्क़ नहीं पडा की उसके सामने देवा खड़ा था।
बल्कि वो और चीखने लगती है।
कोमल; आहह मारो जी धक्के तुम्हारे लंड में अब वो बात नहीं रही जो मुझे मुता दे आह्ह्ह।
कोमल का पति ; साली छिनाल तू भी पहले वाली कोमल कहा रही तुझे तो हर दिन लंड चाहिए। खेत में काम करू या तुझे चोदता रहूँ।
कोमल;उन्हह उन्हह आह्ह्ह्ह।
बातें बनाओ बस तुम तो। छोटे छोटे लौंडे तुमसे अच्छा चोद लेते है।
कोमल का पति शायद और नहीं रोक पाता और वो कोमल की चूत के अंदर ही पानी निकाल देता है वो पानी रिसता हुआ कोमल की झांटो पर से बहता हुआ नीचे गिरने लगता है।
कोमल उस पानी को अपने हाथ पर लेती है और देवा की ऑखों में ऑखें डाल के अपनी गीली उंगलिया अपने मुँह में लेकर चुसने लगती है । वो इस तरह से अपने पति के पानी को चाट रही थी जैसे किसी का लंड चूस रही हो।
देवा;वहां से आकर अपने बिस्तर पर लेट जाता है। उसका लंड तन चूका था उसे भी कोमल नज़र आ रही थी। उसकी ऑखों में जैसे खून उतर आया था। कोमल का अपनी कमर उछाल उछाल के चुदवाना साफ़ बता रहा था की वो क्या चाहती है मगर देवा नए रिश्तेदारी के कारण चुप था।
वो अपनी सोच में गुम था की कोई उसे रूम में अंदर आता हुआ दिखाई देता है।
वो उसकी तरफ देखने लगता है जब वो उसके क़रीब पहुँचती है तो देवा हैरान रह जाता है।
जीस हालत में कोमल अंदर अपने पति से चुदवा रही थी वो उसी हालत में अब देवा के सामने खड़ी थी। बिलकुल नंगी।
देवा;उसे देखने लगता है।
कोमल उसके पास बैठ जाती है और अपना हाथ देवा के लंड पर रख के उसे कस के पकड़ लेती है।

देवा;आहह काकी क्या कर रही हो तुम।
कोमल;ज़ोर से देवा के लंड को पायजामे में मरोड़ देती है।।
देवा;आहह पागल हो गई हो क्या।
कोमल; हाँ देवा पागल हो गई हूँ मै । जबसे मैंने तुझे कौशल्या और उसके बाद देवकी को पागलों की तरह चोदते हुए देखा है। तू अपनी भाभी और मामी को चोद सकता है तो अपनी बहन के होने वाली सास को क्यों नहीं चोद सकता।
देवा;तुम क्या कह रही हो काकी मुझे समझ में नहीं आ रहा।
कोमल; अच्छा तुझे समझ में नहीं आ रहा।
क्या देख रहा था तू फिर और ये इतना बड़ा क्यों हो गया है मुझे देख कर।
देवा ;समझ जाता है की अब मासूम बनने का वक़्त नहीं अब दुश्मन को राउण्ड ड़ालने का वक्त है तो कोमल को पकड़ के अपने बिस्तर पर गिरा देता है और उसके ऊपर चढ़ के दोनों हाथों से उसके बड़े बड़े संतरो को मसलने लगता है।
कोमल; हाय बेटा सारा रस निकाल के पी जा आह्ह्ह्ह।
देवा;तेरी गाण्ड और तेरे इन दोनों ख़रबूज़ों को देख मेरा लंड खड़ा हो गया है काकी अब तू खुद इन्हें लेकर मेरे पास आई है अब मै तुझे नहीं छोड़ूँगा गलप्प गलप्प।
कोमल; मैं भी तो यही चाहती हूँ तो मुझे न छोड़े बस मुझे इसे मुँह में लेने दे। पहले मेरा मुँह सुख चूका है इसकी याद में।
देवा; ले ले मेरी काकी। तू भी चख ले देवा का लंड।
कोमल;पैजामा खोल के उतार देती है और लहराता हुआ देवा का लंड हाथ में पकड़ लेती है।
हाय दैया ये तो मुठी में भी नहीं आ रहा।
देवा;मुँह में जाएगा तेरे चल पहले चाट इसे।
कोमल झुकती है और पलक झपकते ही देवा का लंड ग़ायब हो जाता है कोमल अपने
हलक के अंदर तक उसे उतार देती है गलप्प
गलपप।

देवा भी दोनों हाथों में मज़बूती से कोमल की ब्रैस्ट को पकड़ के उन्हें किसी भैस के थन की तरह निचोडने लगता है।
जैसे कोई दूध दुहने वाला अपने भैंस का दूध दुह रहा हो। अपने ब्रैस्ट को इतने
गरम हाथों में पा कर कोमल का बदन ऐठने लगता है और वो और ज़ोर जोर से देवा के लंड को चुसने लगती है।

मगर देवा देवा था कम से कम देवा औरत के मुँह की गर्मी से झड जाने वालों में से वो नहीं था।

देवा का लंड कोमल की गाण्ड देख कर ही खड़ा हो चूका था । वो और देर न करते हुए कोमल को लिटा देता है और अपने लंड को उसके मुँह के पास से लेकर नीचे सरकता हुआ नाभी से होता हुआ चूत पर आकर रुक जाता है।
कोमल साँसें रोके उस पल का बेसब्री से इंतज़ार करने लगती है जब ये ज़ेहरीला नाग उसे अंदर जा घुसेगा।
और उसे ज़्यादा इंतज़ार नहीं करना पडता । देवा एक झटके में लंड कोमल की चूत में ठोक देता है।
कोमल की कमर ऊपर की तरफ उठती है।
हाय मर गई मै तो आह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह।
ऐसे भी कोई घुसाता है भला।
देवा;ऐसे ही घुसाया जाता है काकी आहह आहह।
ऐसे ही चोदा जाता है छिनाल रंडी को ले साली आह्हह्हह्हह्हह।
कोमल ; हाँ मेरे राजा सच कहा तूने असली मरद ऐसे ही चोदते है आह्ह्ह्ह।
मगर तू उधेड के रख देगा मेरी चूत को माँ नही ना।
वह कमर भी उछाल रही थी और चीख भी रही थी उसकी चीखें बंद करने के लिये देवा को अपना मुँह उसके मुँह से लगाना पडता है और गुं गुं की आवाज़ से कोमल की चुदाये करने लगता है।


उसके लंड में वो ताकत थी की साँस रुकवा दे । दो मिनट भी नहीं होता और कोमल को
पसीना छूटने लगता है। चूत की दिवार रह रह कर बस बस करने लगती है मगर देवा एक बार चोदना शुरु करने पर वो किसी के कहने पर नहीं रूकता था।

वो अपने लंड को इतनी अंदर डालते हुए कोमल को चोदने लगता है की कोमल निढाल सी हो जाती है
अपनी गाण्ड पर नाज़ करने वाली कोमल का सामना अब असली मरद से हुआ था।
देवा;दोनों हाथों से उसके ब्रैस्ट को मसलते हुए होठो को अपने मुँह में लेकर चुसते हुए सटा सट सटा सट लंड चूत के अंदर बाहर अंदर बाहर करते चले जाता है।
हर धक्का कमर तोड़ देने वाला था देवा का।
देवा को लगता है की उसका लंड पूरी तरह से कोमल की चूत में नहीं घुस पा रहा है।
वो लंड बाहर निकाल लेता है । लंड के बाहर आते ही कोमल चैन की साँस लेती है मगर अगले ही पल जब देवा कोमल को उल्टा करता है और अपने दोनों हाथों में उसकी कमर को पकडता है तो कोमल समझ जाती है की क्या होने वाला है।
कोमल; आहह मार के दम लेगा क्या देवा आह्ह्ह्ह।
देवा;चुप कर साली मुझे बीच में टोकने वालों पर बहुत ग़ुस्सा आता है।
वो अपने लंड को पीछे से कोमल की चूत पर लगा देता है और उसे धीरे धीरे अंदर अंदर और अंदर तक पहुंचा देता है।
कोमल के मुँह से चीख निकल पडती है और उसकी चीख सुनकर प्रिया जग जाती है।
 

Top