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THANKS FOR YOUR VALUABLE COMMENTSMAST UPDATE
किरण के मुँह के अंदर झटके मारने लगता है उसकी ऑखें बंद थी और दिल में रुक्मणी की सुबह की गीली साडी वाले छवि। वो सटा सट अपने लंड को किरण के मुंह में ऐसे पेलने लगता है जैसे रुक्मणी को चोद रहा हो।
किरण; गुं गुं गुं आहह आराम से चूत नहीं है वो आह्ह्ह गलप्प गलप्प्प।
देवा;चल आजा और देवा किरण को अपने लंड पे खीच लेता है।
किरण;आहह धीरे बाबा ।
वो अपनी दोनों टाँगें देवा की कमर के पास लटका के निचे ऊपर हो के लंड चूत के अंदर तक लेने लगती है
आह रोज़ चुदुँगी मै तो अब आहह तुझसे आह्ह्ह्ह्ह् मेरे देवा आआह्ह्ह।
देवा;साली बहुत गरम है तेरी चूत कही मेरा लंड न जला दे आह्ह्ह्ह्ह।
THANKS FOR YOUR VALUABLE COMMENTSBAHUT HI SHANDAAR UPDATE
देवा का हाथ खुद ब खुद अपने लंड पे चला जाता है और वो चादर के अंदर लेटे लेटे लंड को सहलाने लगता है ये अनुभव उसके लिए बिलकुल नया था उसने अपने मामा मामी को कभी ऐसी हालत में नहीं देखा था।
देवकी;अपना ब्लाउज खोले हुए माधव से अपनी ब्रैस्ट मसलवा रही थी।
कच देर बाद माधव उसे अपने ऊपर आने को केहता है और देवकी बिना आवाज़ किये माधव के ऊपर चढ़ जाते है और अपने कमर को निचे ऊपर करने लगते है
WOW MAST AND EROTIC UPDATEअपडेट 29
इससे पहले देवा पदमा की साडी खोलता बाहर से पदमा के शराबी पति की गलियों की आवाज़ सुनाई देती है।
देवा;झट से पदमा के ऊपर से हट जाता है ।
ये हरामी कब आया।
पदमा;कल ही आया है तू पीछे के दरवाज़े से चला जा। अरे हाँ छोटी मालकिन तुझे याद कर रही थी ।
जा के मिल लेना और शाम ढले यहाँ आ जाना मै इसे पैसे देके शराब पीने भीजवा दूँगी।।
देवा;तूने बात तो बताया ही नही।
पदमा :रात में अब जा भी जल्दी।
देवा;पीछे के दरवाज़े से निकल जाता है और हवेली की तरफ चल देता है।
हवेली में हमेशा की तरह सन्नाटा पसरा हुआ था ।
देवा;सीधा हवेली के अंदर चला जाता है वो रुक्मणी के कमरे के सामने से होता हुआ रानी के कमरे की तरफ जा रहा था की तभी उसे रुक्मणी के कमरे से अजीब सी आवाज़ सुनाई देती है ।
ओ झाँक के अंदर देखता है तो
सामने बिस्तर पे रुक्मणी लेटी हुई सिसक रही थी।
देवा को देख वो अपनी साडी ठीक करके बैठ जाती है।
अरे देवा तू कब आया और तुम्हारी मामा के यहाँ सब कैसे है।
देवा;वहां तो सब ठीक है बडी मालकिन।
मगर आपकी तबियत कुछ ठीक नहीं लग रही।
क्या हुआ।
रुक्मणी;बस थोड़ा कमर में दर्द है लगता है कोई नस खीच गई है।
देवा;अरे तो इस में कौंन सी बडी बात है मै तेल से नस उतार देता हूँ।
रुक्मणी;तुझे नस उतरनी आती है।
देवा;बहुत अच्छी तरह आप लेट जाओ । मै अभी उतार देता हूँ।
रुक्मणी;पहले तू दरवाज़ा बंद कर दे।
देवा;क्यूँ मालकिन।
रुक्मणी;जैसा कहती हूँ वैसे कर।
देवा;जैसे ही दरवाज़ा बंद करके मुडता है रुक्मणी पेट के बल लेट चुकी थी वो हाथ के इशारे से देवा को दर्द वाली जागह बताती है।
देवा;हाथ में तेल लगा के उसी जगह मालिश करने लगता है।
नरम मुलायम त्वचा(स्किन)को छूते ही उसके दिल में हलचल सी होने लगती है।
जब से वो देवकी और काशी को चोद के आया था। उसका दिल हर औरत को देख ऐसे ही कर रहा था फिर वो उसके माँ रत्ना या बहन ममता ही क्यों न हो।
कुछ देर मालिश के बाद देव हलके से और फिर ज़ोर से एक जगह दबा देता है।
रुक्मणी;के मुंह से चीख़ निकल जाती है और चीख के साथ ही उसकी कमर का दर्द भी ग़ायब हो जाता है।
देवा;अब बताओ दर्द हो रहा है क्या।
रुक्मणी;अरे वाह देवा तू तो सच में कमाल का है पता नहीं और क्या क्या कारनामे तू कर सकता है मेरा दर्द तो एकदम ग़ायब हो गया रे।
देवा;सच मालकिन अब कभी भी किसी भी चीज़ की ज़रुरत पड़े कोई भी दर्द हो मुझे बुला देना मै झट से दूर कर दूंगा।
रुक्मणी;तू दिल का दर्द भी दूर कर सकता है।
देवा;क्या।
रुक्मणी;कुछ नहीं चल मुझे उठाके बिस्तर पे डाल दे।
देवा एक हाथ रुक्मणी के गरदन के निचे और दुसरा हाथ कमर के निचे ड़ालने के बजाये सीधा कमर को ही पकड़ लेता है नरम गदराये हुए कमर जैसे ही देवा के कड़क मज़बूत हाथों में आते है रुक्मणी के मुंह से एक आहह सी सिसकारी निकल जाती है और वो देवा को मदमस्त निगाहों से देखने लगती है।
देवा;उसे जैसे ही बिस्तर पे ड़ालने के लिए झुकता है। उसका पैर फिसल जाता है और वो सीधा रुक्मणी को लेके बिस्तर पे गिर जाता है देवा का शरीर पूरा का पूरा रुक्मणी के ऊपर आ जाता है ।
रुक्मणी;की चूचि देवा की छाती के निचे दब जाती है। और जांघ से जांघ घिस जाते है।
बस कुछ ही देर के लिए ये होता है मगर रुक्मणी की चूत पे छोटी छोटी शबनम की बुँदे जमा हो जाती है।
देवा;माफ़ी मांग के उसके कमरे से बाहर तो चला जाता है पर लंड तो उसका भी थोड़ा टाइट हो चुका था।
पीछे से कोई उसके काँधे पे हाथ रखता है और वो रुक्मणी के ख्यालों से बाहर निकल के पीछे पलट के देखता है तो उसे सामने रानी खडी मिलती है।
वो उसका हाथ पकड़ के उसे अपने कमरे में ले जाती है।
रानी;क्या कर रहा था माँ के कमरे में कबसे खडी सुन रही हूँ तुम दोनों की बातें पहले मुझसे मिलने नहीं आ सकते थे।
देवा;मैं तो तुमसे ही मिलने आया था पर बडी मालकिन के कमर में मोच आ गई थी इसलिए पहले वहां चला गया।
रानी;बड़ा आया मोच सुधारने वाला ।
क्या ज़रुरत थी । देख देवा जितना मै कहूं उतना ही कर समझा न । ज़्यादा होशियारी दीखाना मत वरना तू जानता है मै क्या करुँगी।
देवा;पर मैंने किया क्या।
वो बेचारा नहीं जानता था की उसने गलती से शेरनी के दूम पे पैर रख दिया है और शेरनी भी घायल।
रानी;अब खड़ा खड़ा मेरा मुंह क्या देख रहा है
गले से नहीं लगेगा।
देवा;के चेहरे पे हलकी सी मुसकान आ जाती है और वो रानी को अपने सीने से लगा देता है।
रानी;तू नहीं जानता देवा मैंने तुझे कितना याद किया। एक एक पल तेरे बिना गुज़ारना मुश्किल हो रहा था मेरे लिए । मै तुझसे बहुत प्यार करती हूँ देवा। नहीं देख सकती किसी को भी तेरे साथ।
देवा;रानी मुझे भी तो बहुत याद आई तेरी।
वो रानी की कमर पकड़ के दबाने लगता है।
रानी;आहह आज नहीं मुझे महीना शुरू हुआ है।
ये कहते हुए वो देवा के होठो को चुमने लगती है और निचे बैठ के देवा का पेंट निचे उतार देती है।
हथ में आते ही देवा का लंड जैसे एकदम से खड़ा होने लगता है ।
रानी;बिना देर किये उसे चुमते हुए अपने मुंह में ले के चुसने लगती है गलप्प गलपप।
देवा;आहह ऐसा मत करा वरना आहह मुझसे बर्दाश्त नहीं होंगा आह्ह्ह्ह्ह्ह।
रानी;मुझसे भी नहीं होता गलप्प पर क्या करुं देवा बस आज के दिन की बात है गलप्प गलपप।
पदमा;आहह देवा हमारे बच्चे को ताकत की ज़रुरत है मुझे जम के चोद। सारा पानी मेरी चूत में निकाल दे आह्ह्ह्ह।
देवा;पदमा को लिटा के उसकी चूत को चाटने लगता है गलप्प गलप्प।
इसमें से निकलेगा न हमारा बच्चा पदमा गलप्प गलप्प।
पदमा;हाँ इसमें से आहह काट मत ना रे।
देवा;के चूत चाटने से पदमा निहाल हो जाती है । पसीने से उसका पूरा जिस्म भीग जाता है उसे भी लंड चाहिए था । देवा का लंड था ही ऐसा एक बार किसी को मिल जाए वो उसकी दिवानी हो जाती थी।।
देवा;पदमा की चूत को चाटता हुआ ऊपर पेट पे आता है और पदमा की नाभि में ज़ुबान डालके उसे चाटने लगता है ।
पदमा को एक नया अनुभव होने लगता है वो अपनी ऑंखें बंद करके देवा को उसकी मनमानी करने देता है।
देवा; धीरे धीरे ऊपर की तरफ बढ़ता चला जाता है और निप्पल्स को मुंह में भर के चुसते हुए दूसरे चूचि को मसलने लगता है गलप्प गलप्प।
आज मै तेरे बदन को हर जगह चूमूँगा मेरी पदमा गलप्प।
पदमा;आहह जो करना है करो न तुमने मुझे वो ख़ुशी दी है जो कोई नहीं दे पाया अहह उई माँ।
देवा;को पदमा की पसीने की खुशबु बहुत आकर्षित करती थी वो पदमा के दोनों हाथ ऊपर उठाके उसके बगल(आर्मपिटस)में मुंह डालके उसे चाटने लगता है।
गलप्प गलप्प्प।
पदमा;पागल सी हो जाती है और देवा को अपने से अलग करके उसके लंड पे टूट पडती है।
देवा का लंड पदमा के हाथ में आ जाता है आज इस लंड पे बहुत ज़ुलम हुए थे।
पदमा; आहह इसने मुझे माँ बनाया है मै इसे बहुत प्यार करती हूँ और करती रहूँगी गलप्प गलप्प।
देवा;अपने लंड को रानी के मुंह में आगे पीछे करने लगती है पर आज शायद देवा के लंड की किस्मत ख़राब थी । हिम्मत राव की कार की आवाज़ सुनाई देने से देवा की गाण्ड फट जाती है। रानी के रोकने के बाद भी वो अपनी पेंट पहन के पीछे के दरवाज़े से बाहर निकल जाता है।
रानी;अपने मुंह को पोंछने लगती है की तभी हिम्मत राव अंदर आता है।
रानी;क्या बापू थोडी देर से नहीं आ सकते थे।
हिम्मत राव;क्यूँ बिटिया क्या हुआ।
रानी; अरे देवा आया था बस मुंह मीठा करने ही वाली थी की तुम आ गए। डर के मारे भाग गया मुआ।
हिम्मत राव;कोई बात नहीं ।
पर एक बात बता वो तेरे मुठी में तो आ गया है न।
रानी;इतराते हुए हाँ बापु लगभग आ गया है बस कुछ दिन और रुक जाओ उसके बाद ।
दोनो बाप बेटी एक दूसरे को चिपक के चुमने लगते है।
देवा;अपने खेत में चला जाता है।कुछ देर खेत में काम करने के बाद वो झोंपडे में सो जाता है।
और शाम ढले वापस पदमा के घर पे चला जाता है।
पदमा उसी का इंतज़ार कर रही थी। देवा को आता देख वो झट से दरवाज़ा खोल के उसे अंदर खीच लेती है और दरवाज़ा बंद कर देती है।
कब से आ रहा था ।
देवा; मैं वो खेत में सो गया था अब बोलो क्या बात थी।
पदमा; शरमा के देवा के सीने से लग जाती है और धीरे से उसके कान में कहती है।
तू हमारे बच्चे का बाप बनने वाला है।
देवा;सच। वो पदमा को अपने गोद में उठा लेता है उसे ये तो पता था की उसके लंड में बहुत ताकत है वो काफी देर तक औरत को चोद भी सकता है पर आज उसे ये भी पता चल गया था की वो बच्चा भी पैदा कर सकता है।
वो ख़ुशी के मारे पदमा की साडी खोल देता है और एक झटके में अपने कपडे भी निकल फेंकता है।
दोनो के होंठ एक दूसरे से चिपक जाते है।
देवा;आहह इसे बाद में चूस लेना पहले मुझे चोदने दे वरना कोई हरामी फिर से आ जाएंगा आह्ह्ह्ह।
पदमा;कोई नहीं आने वाला गलप्प गलप्प।
देवा को डर था के कोई आ ना जाये वो पदमा के मुंह से लंड निकाल के उसे लिटा देता है और अपना लंड उसकी चुत पे घिसता हुआ अंदर डालके उसे चोदने लगता है।
पदमा;आहह देवा चोद मुझे बहुत याद आ रही थी इस चूत को तेरे लंड की आहह चोद मेरे बालम आह्ह्ह्ह।
देवा;एक बार किसी के चूत में लंड डाल दे तो उसे बोलने की ज़रुरत नहीं पडती वो अपने काम में लग जाता है । वो दोनों हाथों से पदमा की चूचि पकड़ के अपने लंड को जीतना अंदर हो सके उतना अंदर डालके पदमा को चोदने लगता है।
पदमा;कमर उछाल उछाल के देवा का साथ देने लगती है।
देवा का लंड सीधा पदमा की बच्चेदानी से टक्कर मार रहा था जिससे पदमा की रोंगटे खड़े हो रहे थे। उसे अपने बच्चेदानी में उसके और देवा के बच्चे के होने का एहसास होने लगता है और वो देवा को अपने ऊपर खीच के अपनी ताकत से निचे से कमर उछालने लगती है और कुछ देर बाद चीखते हुए झड जाती है उसकी चूत तो पानी छोड देती है पर देवा अभी तक नहीं झडा था वो अपने लंड को बाहर निकाल लेता है।
पदमा;क्या हुआ निकाल क्यों लिया।
देवा;गांड में।
पदमा;मुस्कुरा देती है।
पहले एक वादा कर की तू मुझे आख़िरी महीने तक चोदेगा। मै चाहती हूँ मेरी गाण्ड में तेरा लंड हो और बच्चा मेरी चूत से निकले आहह मर गई रे।
देवा;ये सुनके अपने लंड को पदमा की गाण्ड में उतार देता है।
जैसा तू कहेगी वैसे ही होगा आह्ह्ह्ह्ह।
देवा का लंड पदमा की गाण्ड को भी नहीं छोडता वो उसकी गाण्ड के सुराख़ को अंदर तक खोल देता है। पदमा चीखती रहती है और देवा अपने लंड को घुसाता रहता है।
तकरीबन १५ से २० मिनट बाद देवा अपने लंड को बाहर निकाल के वापस पदमा की चूत में डाल देता है और दोनों एक साथ झरने लगते है।
पानी निकालने के बाद देवा अपना लंड बाहर निकाल लेता है उसका लंड अभी भी खड़ा था।
पदमा;ये खड़ा कैसे है।
देवा;मुझे पेशाब आई है।
पदमा मुंह खोल देती है और देवा हँसता हुआ अपना पेशाब पदमाँ के मुंह में करने लगता है।
देवा कपडे पहनके पदमा से कल मिलने का वादा करके अपने घर चला जाता है और घर पहुँच के जल्दी से खाना खाके बिस्तर पे ढेर हो जाता है।
रत्ना को अब थोड़ा थोड़ा शक होने लगा था। देवा ज़्यादतर घर से बाहर रहने लगा था और बहुत थका थका सा दिखाई देने लगा था।
वो दिल में कुछ सोच लेती है और देवा के पास वाली बिस्तर पे लेट जाती है।
उधर नूतन और ममता एक कमरे में एक दूसरे के आस पास लेटी ही थी दोनों की ऑखों से नींद ग़ायब थी।
ममता; एक बात बता नूतन तुझे किसी ने चुमा है।
नुतन ;नहीं कभी नही।
तुम्हे दीदी।
ममता; नहीं पता नहीं कैसा लगता होगा।
नुतन;हाँ पता नही।
ममता; नूतन की कमीज को उठाके देखने लगती है।
नुतन; आहह क्या करती हो दीदी ऐसा मत करो ना।
ममता; एक पल के लिए नूतन की ऑखों में देखती है
क्या मै तुझे चूमुं।
नुतन की साँस फूल जाती है सुबह से ये दोनों एक दूसरे से तब से ऑखें चुरा रही थी जब से ममता नूतन की चूचि मसल के उसके ऊपर आई थी।
दोनों की चुत की आग भी जवान थी और जोश भी
नुतन ; आँखें बंद कर लेती है और ममता के नाज़ुक होंठ नूतन के कोमल होठो से चिपक जाते है।
WOW NICE UPDATEअपडेट 30
नुतन और ममता का ये ज़िन्दगी का पहला किस था।
नुतन; घबराके अपने होंठ ममता से अलग कर लेती है।
ये आप क्या कर रही हैं दीदी।
ममता; कुछ भी तो नही।
वो फिर से नूतन के गरदन पे हाथ फेरने लगती है।
नुतन; ऐसा मत करो न मुझे गुदगुदी होती है दीदी।
ममता; क्यूँ तू नहीं चाहती की मै तुझे यहाँ और यहाँ और यहाँ भी चूमुं।
ममता नूतन के होठो पे चूचि पे और पेट पे हाथ रख के उससे पूछती है।
नुतन खामोश हो जाती है।उसकी चुप्पी में ही उसकी हाँ छुपी हुई थी।
दोनो जवान थी कुंवारी थी और अपने जिस्म में कभी कभी होने वाली हलचल से परेशान भी थी।
ममता अपनी ज़ुबान नूतन के गरदन पे फेरती है
और नूतन अपनी ऑंखें बंद कर लेती है आह्ह्ह्ह।
ममता; धीरे धीरे नूतन के शरीर से एक एक कपडा निकालने लगती है।
जैसे जैसे नूतन के जिस्म से कपडे निकलते जाते है वैसे वैसे ममता के जिस्म के रौंगटे खड़े होते जाते है।
थोड़ी देर बाद जब नूतन अपने ऑखें खोल के देखती है तो सामने ममता सिर्फ पेंटी में उसके पास बैठी हुई थी।
नुतन फिर से अपनी ऑंखें बंद कर लेती है।
उसकी साँसे तेज़ चल रही थी जिससे उसके छोटे छोटे मगर नरम ब्रैस्ट ऊपर निचे होने लगते है।
ममता नूतन के कान की लॉ अपने मुंह में ले के चुसती है गलप्प गलप्प।
नुतन के होंठ अब भी बंद थे ।
ममता अपनी एक ऊँगली नूतन के मुंह में डाल देती है जिसे नूतन धीरे धीरे चुसने लगती है।
थोड़ी देर बाद ममता अपनी दो और उँगलियाँ नूतन के मुंह में डाल देती है ।
इस बार ममता की उँगलियाँ नूतन के हलक तक पहुँच चुकी थी जिससे नूतन की राल(सलीवा)मुंह के बाहर आने लगता है।
जीसे ममता अपनी ज़ुबान से चाटने लगती है।
ममता के दोनों हाथ नूतन के नरम मुलायम ब्रैस्ट को अपने क़ैद में ले लेते है और देखते ही देखते ममता नूतन के आधे से ज़्यादा ब्रैस्ट को अपने मुंह में ले के चुस्ने लगती है गलप्प गलप्प।
नुतन की ऑखें खुल जाती है और वो ज़ोर ज़ोर से साँसें लेने लगती है आहह दीदी आहह दबाओ इसे आहह ज़ोर से आहह दीदी मेरी अच्छी दीदी खीचो अपने मुंह में आह्ह्हहह माँ।
ममता; थोडी थोडी देर के बाद नूतन के निप्पल्स को काटने लगती है जिससे नूतन की कुंवारी चूत के होंठ भी लपलपा जाते है।
वो अपने दोनों हाथों से ममता का सर पकड़ के अपने सीने पे दबाती है ये अनुभव उसे इससे पहले कभी नहीं मिला था ।
नूतन और ममता आज सेक्स की परिभाषा सीख रही थी।
ममता; घीरे धीरे निचे बढ़ती जाती है और नूतन की चूत पे जा के ममता के होंठ रुक जाते है।
ममता; अपनी दो उँगलियों से नूतन की चूत को खोलके देखती है अंदर का पर्दा अभी तक सही सलामत था। ममता उसे तोडना नहीं चाहती थी । वो अपने ज़ुबान को नूतन के दाने (क्लाइटोरिस) के पास घुमाने लगती है जिससे नूतन चीख़ पडती है।
ममता झट से अपनी ज़ुबान हटा लेती है।
अगर तू चिल्लायेगी तो माँ और भाई उठ जायेंगे।
नुतन;अपने दोनों हाथ को अपने मुंह पे रख देती है और ममता मुस्कुराते हुए दूबारा अपनी ज़ुबान को नूतन की चूत पे घुमाने लगती है।
नुतन के मुंह से दबी दबी गुं गुं की आवाज़ निकल रही थी । वो चिखना चाहती थी चिल्लाना चाहती थी वो उस वक़्त अपनी चूत में ममता की ज़ुबान नहीं बल्कि जवान मोटा लंड लेना चाहती थी।।
थोड़ी ही देर बाद नूतन का जिस्म झटके खाने लगता है और ममता का पूरा चेहरा नूतन की चूत के पानी से भीग जाता है।
नुतां;आहह दीदी मुझे भी चखना है मेरा पानी ।
ममता; नूतन को मुंह खोलने के लिए कहती है और अपने मुंह में जमा नूतन का खारा खारा पानी नूतन के मुंह में छोडने लगती है।
नुतन अपना ही पानी पीने के बाद बहुत गरम हो चुकी थी वो ममता को बिस्तर पे लिटा देती है और उसके दोनों पैर खोले अपनी जीभ को उसकी चूत पे रख देती है।
ममता; नूतन की चुत चाट चाट के पहले से गीली हुई पड़ी थी । उसकी चूत से पानी रिस रिस के बाहर बह रहा था जिसे नूतन बड़े प्यार से चुमते हुए चाटने लगती है।
ममता; आहह नूतन मुझे पीछे से चाट मेरी कमर को चाट मुझे बहुत पसंद है आहह की कोई मुझे पीछे से चाटे।
वो मुड जाती है और नूतन अपनी बडी दीदी के हुकूम का पालन करते हुए अपने जीभ को ममता की चूत से होते हुए गाण्ड के सुराख़ में घूसाने लगती है।
नुतन की ज़ुबान ममता की गाण्ड के सुराख़ को कुरेदने लगती है।
ममता तड़प उठती है आह्ह्ह्ह्ह्ह।
मुझे कोई चोदता क्यों नहीं आहह मुझे अपनी चूत और गाण्ड में लंड चाहिए नूतन । आहह मुझे अभी चाहिए आहह ऐसे ही चाट मुझे आहह डाल दे अंदर आह्ह्ह्ह।
नुतन अपनी चूत को घिसती है और गीली उँगलियाँ बिना ममता को बताये उसके गाण्ड में डाल देती है। दो उँगलियाँ बिना किसी चेतावनी के जब ममता के गाण्ड में घुसती है तो एक पल के लिए उसकी सांस बंद हो जाती है और जिस्म कड़क हो जाता है।
ममता; आहह ये क्या किया तूने आहह अब निकाल मत अंदर बाहर करती जा आहह आहह माँ भाई।
दोनो की ऑंखें बंद हो जाती है और दोनों की ऑखों के सामने देवा का चेहरा आ जाता है। दोनों की चूत किसी भी वक़्त पानी छोड सकती थी। वो इतने जोश में थी की उन्हें कुछ भी होश नहीं था की वो क्या बड़बड़ा रही है। कुछ ही देर बाद दोनों की चूत से लावा फूट पडता है और दोनों एक दूसरे के पानी से नहा लेती है।।
दोनो एक दूसरे को देख शरमाने भी लगती है और मुस्कुराने भी।।
नुतन अपना सर ममता की छाती पे रख देती है और ममता उसे अपने ऊपर ले के उसके होठो को चुमने लगती है।
रात कैसे गुज़री उन्हें कुछ पता नहीं सुबह वो दोनों काफी देर तक सोती रहीं।।
जब रत्ना ममता के कमरे का दरवाज़ा खटखटाने लगती है तब उन दोनों की आँख खुलती है।
इधर देवा नाश्ता करके खेत में चला जाता है।
जब वो दोपहर में घर वापस आता है तो ममता उसे बताती है की माँ शालु काकी के यहाँ गई है।
सुबह से ममता और नूतन का जिस्म खिला खिला दिख रहा था। वो दोनों बात बात पे चिडीयों के तरह चहक रही थी।।ममता की कम मगर नूतन के नज़र अब बहुत बदल चुकी थी उसकी नज़रें देवा के जिस्म से हटने को तैयार नहीं थी।।
ये बात देवा भी महसूस करता है।
वो दोनों को घूरता हुआ शालु के घर चला जाता है।
जब वो शालु के घर के दरवाज़े के पास पहुँचता है तो उसके पैर वही के वहीं रुक जाते है अंदर उसकी माँ और शालु उसके बारे में बातें कर रही थी।।
शालु;तुम बिना मतलब के परेशान हो रही हो रत्ना।
रत्ना; क्या करुं शालु जब जवान बेटा दिन दिन भर घर से बाहर रहे और रात को थका मान्दा घर आये तो कौंन सी माँ परेशान नहीं होंगी।
शालु;अरे रत्ना वो जवान हो गया है अगर तुम्हें इतनी ही चिंता है उसकी तो शादी क्यों नहीं करवा देती उसकी।
रत्ना;पहले ममता का घर बस जाये उसके बाद देवा की भी शादी करवा दुँगी।
शालु;हम्म वैसे देवा रोज़ घर कब आता है।
रत्ना;कोई वक़्त नहीं उसका कभी भी आता है और आने के बाद खाना खाके सो जाता है पता नहीं बाहर क्या करता फिरता है।।
शालु;वही जो हम नहीं कर पाते।
रत्ना;चल हट बेशरम कही की । इस उम्र में भी तुझे मस्ती सुझती है।
शालु;वैसे तेरा बेटा है बड़ा मस्त ।
रातना;ख़बरदार जो मेरे बेटे पे डोरे डाली तो।
शालु;हंसने लगती है ।
चल ये बता कैसे कट रही हैं रत्ना।
रत्ना;इधर उधर देखने लगती है।
शालु;कोई नहीं है घर में बोल ना।
रत्ना;क्या बताऊँ शालु दिन तो किसी तरह कट भी जाता है मगर रात काटे नहीं कटती। जबसे देवा के बापु गुज़रे है तबसे ज़िन्दगी जहन्नुम बन गई है बस मसलती रहती हूँ।।
तेरा क्या हाल है।
शालु;वही जो तेरा है रश्मि के बापु तो अब किसी काम के रहे नहीं पता नहीं हमारी किस्मत में क्या लिखा है।।
देवा के कानों तक ये बात पहुँच जाती है और वो जान जाता है के ये दोनों औरतें इस वक़्त बहुत परेशान है वो दिल ही दिल में शालु के साथ साथ रत्ना की भी परेशानी दूर करने की ठान लेता है।
कुछ देर बाद देवा खाँसते हुए शालु के घर के अंदर दाखिल होता है उसे देख दोनों चुप हो जाती है।
शालु;अरे अच्छा हुआ देवा तू आ गया वैध जी से तेरे काका के लिए दवायें लानी है मुझे भी हल्का सा बुखार लग रहा है मै भी वैध जी को दिखा देती हूँ।
देवा;रत्ना की तरफ देखता है।
रातना;हाँ हाँ मगर देवा बेटा वैध जी के यहाँ से आने के बाद सीधा घर आ जाना। मैं अब चलती हूँ शालु । घर में बहुत काम है।
शालु;हाँ ठीक है ।
शालु;रत्ना के जाने के बाद में दरवाज़ा बंद कर देती है।
देवा तुम यहाँ बैठो मै अभी साडी बदलके आती हूँ।
देवा;ये भी तो अच्छी है काकी।
शालु;अरे बाबा बस अभी आई।
शालु पास के कमरे में चली जाती है उस कमरे का दरवाज़ा बंद नहीं था जिससे देवा को साफ़ साफ़ वो दिखाई देती है।
शालु;अपनी साडी खोलने लगती है और इधर देवा के लंड में तनाव आने लगता है।
जैसे ही शालु अपनी साडी निकाल के बिस्तर पे रखती है देवा का लंड पूरी तरह खड़ा हो जाता है।
बडे बड़े सुडौल ब्रैस्ट देख देवा को वो दिन याद आ जाता है । जब उसने जाने अनजाने में शालु के होठो को चुम लिया था आज भी शालु कयामत ढाने को तैयार थी।
शालु;आइने में देख अपना ब्लाउज खोल देती है।
गुलाबी कलर की ब्रा में शालु के मोटे मोटे ब्रैस्ट समां भी नहीं रहे थे।
देवा का मन करता है अभी के अभी अंदर जाके उन दोनों को निचोड निचोड के पीता जाये । मगर वो खुद को किसी तरह क़ाबू में करता है।
शालु वो ब्रा भी निकाल देती है बस उसी वक़्त देवा की ऑंखें फटी की फटी रह जाती है उसने इतने गोरे गोरे और बड़े बड़े ब्रैस्ट और गुलाबी निप्पल्स कभी नहीं देखा था।
शालु;एक ब्लैक कलर की ब्रा उठाके पहन लेती है और उसपे ग्रीन कलर का ब्लाउज।
वो फिर से आइने में खुद को देखते हुए ग्रीन कलर की साडी पहनने लगती है।
हरी साडी में देवा को ऐसे महसूस होता है जैसे शालु उसे हरी झण्डी दिखा रही हो ।
देवा का लंड उसके पेंट में जम के फौलाद हो चुका था।
शालु;अपना एक हाथ ब्लाउज के अंदर डालती है और अपने एक ब्रैस्ट को बाहर निकाल के उसे दूबारा अंदर डालके एडजस्ट करती है।
शालु;देवा को आवाज़ लगाती है।
देवा;अपने लंड को किसी तरह इधर उधर एडजस्ट करता हुआ शालु के कमरे में चला जाता है।
हाँ काकी बोलो।
शालु; बेटा वो ज़रा पायल मेरे पैर में डाल देगा मुझसे नहीं पहनी जाती। उसका मुंह बहुत छोटा है।
देवा;पास पड़ी हुई पायल उठाके निचे बैठ जाता है।
और शालू अपनी साडी ऊपर कर देती है।
देवा;काँपते हाथों से शालु के पैर में पायल पहनाने लगता है।
शालु;अरे यहाँ डरोगे तो वहां क्या करोगे।
देवा;क्या।
शालु;कुछ नहीं हो गया चल अब देर हो रही है।
और देवा शालु के पीछे पीछे उसके मोटे मोटे कमर को हिलता देख बाहर निकल जाता है।
WOW MAST UPDATEअपडेट 31
देवा ट्रेक्टर शुरू करता है और शालु देवा का हाथ पकड़ के उछल के उसके पास आके बैठ जाती है।
शालु;अब चलेगा भी या ऐसे ही बैठा रहेगा।
देवा को अपनी तरफ घूरता देख शालु उससे कह बैठती है।
देवा मुस्कराता हुआ वैध जी के घर की तरफ चल देता है
वैसे काकी तुम्हें आने की ज़रूरत क्या थी मै तुम्हारे और काका के लिए वैध जी से दवायें ले आता।
शालु;क्यूँ मेरे चलने से तुझे कोई तकलीफ हो जाएगी वहाँ।
देवा;अरे नहीं नहीं मै तो वैसे ही.....
आज बहुत सुन्दर लग रही हो काकी कही वैध जी को दिल का दौरा न पड़ जाये तुम्हें देख के।
शालु;देवा के पीठ पे मुक्का मार देती है ।
बदमाश कही का तुझे इन सब बातों के सिवा दुसरा कुछ सूझता भी है या नही।
देवा; ये लो मैंने ऐसा क्या कह दिया ।
शालु; चल चुपचाप ट्रेक्टर चला।
शालु दिल में सोचने लगती है सब जानती हूँ बेटा तेरी नियत को मैं।
पर क्या करुं रे तूने मुझे मजबूर कर दिया ना नीलम से प्यार करके।
मूई नीलम को भी यही मुस्टंडा मिला था प्यार करने के लिये।।
शालु की चूत तो कब से पनिया गई थी देवा के नाम से ।
मगर वो जानती थी की देवा और नीलम एक दूसरे को प्यार करते है।
और अगर उनकी शादी या मंगनी (इंगेजमेंट)से पहले उसने देवा के साथ कुछ किया और ये बात रत्ना या गांव वाले किसी को भी पता चली तो कही उसकी बेटी का बसता बसाता घर न बिखर जाए।
चुत की आग को वो अपने बेटी की मोहब्बत पे कुछ वक़्त के लिए क़ुर्बान कर देती है।।
देवा;अरे कहाँ खोई हो काकी कही सो तो नहीं गई।
ये लो वैध जी का घर भी आ गया।
शालु और देवा ;वैध जी के घर के अंदर चले जाते है।
बैध जी;कुछ जड़ी बूटियां कूट रहे थे और उनके पास उनकी बहु किरण हाथ बटां रही थी।।
देवा;को देख जहाँ वैध की गाण्ड फट जाती है वही किरण की चूत के दोनों होंठ जो काफी दिनों से चिपके हुए थे खुल जाते है।।
शालु और देवा उन्हें नमस्ते करते हुए एक चारपाये पे बैठ जाते है और उनके आने का कारण वैध जी को बताते है।।
बैध;शालू की नॉब्स(वैन)देखता है और एक तरह से उसका चेकअप करने लगता है।
देवा और किरण की नज़रें एक दूसरे से हट नहीं रही थी।।
किरण;बार बार अपने होठो पे ज़ुबाँ फेर फेर के देवा को उकसा रही थी।
बैध जी;घबड़ाने की कोई बात नहीं है मामूली सा बुखार है।
आप बैठिये मै कुछ दवायें बना देता हूँ आपके और आपके पति के लिए भी।।
शालु और देवा बैठ जाते है।
किरण;रसोई में से दो गिलास पानी भर के लाती है और एक गिलास देवा को देती है और दुसरा शालु को।
शालु; ये आपकी बहु है ना वैध जी।
बैध जी;हाँ मेरी बहु है।
देवा;वैध जी मुझे शौचालय(टॉयलेट) जाना है।
क़िरण;आप मेरे साथ आइये । मै आपको ले चलती हूँ।
और किरण देवा को अपने साथ घर के पीछे बने टॉयलेट में ले जाती है।
टॉयलेट में घुसते ही किरण भूखी शेरनी की तरह देवा पे टूट पडती है।
किरण;कहाँ था इतने दिनों से..... गलप्प गलप्प.... मेरी याद नहीं आती तुझे.... गलप्प।
वो देवा के चेहरे को होठो को चुमते जा रही थी और कुछ देर बाद वो निचे बैठ जाती है और देवा के पेंट खोल के उसका लंड बाहर खीच लेती है।
देवा;आहह आराम से ।
किरण;चल तुझे मुतना है ना जल्दी से मूत।
देवा;मैंने तो बहाना बनाया था मुझे पेशाब नहीं करना।
किरण;गलप्प इसे देखने के लिए तो तड़प गई थी मै गलप्प गलप्प।
किरण;के हाथ में देवा का लंड फनफनाने लगता है और वो बिना देरी किये उसे मुंह में लेके खड़ा करने लगती है गलप्प गलप्प आह्ह्ह्ह गलप्प।
जलदी से मुझे चोद दे देवा कही कोई यहाँ आ ना जाये जल्दी करना गलप्प गलप्प।
वो इतने ज़ोर ज़ोर से देवा के लंड को चुसने लगती है की कुछ ही पलो में देवा उसे चोदने के लिए तैयार हो जाता है।
किरण;अपनी सलवार उतार देती है और झुक के देवा को पुकारती है।
किरण;चल जल्दी करना आ जा पीछे से कस के चोद दे रे मुझे आह्हह्हह्हह्हह।
आह माँ चुस मत न मेरी चूत वैसे भी बहुत गीली हो चुकी है । तुझे देख के आहह अब मत तड़पा देख कोई आ न जाए।।
पर देवा तो किरण की रसीली चूत को चाटने लग जाता है।
देवा;गलप्प गलप्प देख भी लिया तो क्या होंगा किरण गलप्प।
किरण;तुझे जितना कह रही हूँ उतना क्यों नहीं सुनता है देवा आअह्हह्हह्हह।
देवा;खड़ा होजाता है और अपने लंड को पीछे से किरण के चूत पे लगा के दोनों कमर पकड़ के धक्का देकर लंड अंदर घुसा के सटा सट सटा सट किरण को चोदने लगता है ।
किरण;आहह ऐसे ही आहह रोज़ आया करना मेरे पास। आहह देख न कैसे मेरी चूत सुखी सुखी सी हो गई थी आह्ह्ह्ह्ह्।
तेरे लंड के मार से ही सुनती है ये। मेरा तो एक बात नहीं मानती आहह माँ कुट के रख दे रे आह्ह्ह्ह्ह्ह।
देवा;अहह साली थोड़ा कम मुंह खोल आहह मेरी होने वाली सास न आ जाये आहह्ह्ह्हह्ह।
किरण;तू तो बड़ा आहह कमीना है उसे क्यों नहीं चोद देता आह्ह्ह्ह्ह्ह।
ज़िन्दगी भर तेरी गुलाम बनके रहेगी वो भी। आहह उसे भी इस मोटे लंड से एक बार पेल दे देवा आहह्ह्ह्ह
रह नहीं पायेगी वो एक पल भी माँ वू आहह तेरी बिना आहः।
देवा के चोदने की स्पीड से ही किरण के मुंह से ये लफ़्ज़ बाहर निकल रहे थे। दोनों के पास वक़्त बहुत कम था।
वो दोनों कुछ देर इस तरह एक दूसरे को नोचते खरोंचते चुदाई करते जाते है और उनके पानी छोड़ने से पहले बाहर खड़ी शालु की चूत पानी छोड देती है।
शालु;देवा को ढूँढ़ते ढूँढ़ते यहाँ तक आ गई थी उसके कदम टॉयलेट के बाहर इन दोनों की आवाज़ सुनके थम जाती है ऊपर से किरण की बातें बार बार शालु के कानों में गूँजने लगती है।
की एक बार उसे भी अपने लंड से चोद दे गुलाम बनके रहेगी वो तेरी।
उन दोनों के बाहर निकलने से पहले शालु अपनी जगह जाके बैठ जाती है।।
कुछ देर बाद देवा शालु के पास जाके बैठ जाता है उसकी साँस अभी भी फूली हुई थी। वैध उसे देख समझ जाता है की ये क्या करके आया है।
पर वो बेचारा कुछ बोल भी नहीं सकता था।
शालु और देवा थोड़े देर बाद वैध जी से दवायें लेके वापस घर की तरफ चल देते है।
वापसी में शालु चुप चाप बैठी हुई थी
देवा;शालू के पेट पे चुमटी काट लेता है।
शालु; उईई माँ
क्या करता है ।
देवा;मुझे लगा तुम सो गई कही गिर ना जाओ इसलिए जगा दिया।
शालु;इस तरह बेशरम।
देवा;इस में बेशर्म वाली कौन सी बात है।
शालु;क्या करने गया था तू वैध की बहु के साथ सब पता है मुझे।
देख देवा तेरी माँ सही सोचती है तेरे चालचलन ठीक नहीं लगती मुझे भी । ऐसे ही हरकतें करता रहा न तो कोई भी लड़की वाला तुझे अपने लड़की नहीं देगा।
ज़िन्दगी भर कुँवारा ही रहना पडेगा।
देवा;तुम हो ना।
शालु;क्या मतलब वो सकपका जाती है।
देवा;मेरा मतलब है तुम देख लेना मेरे लिए लड़की।।
शालु;बहुत गन्दा है रे तू देवा।
पता नहीं मेरा बेटा तेरे साथ रह रह के कही वो भी तो नही।
देवा;तुम्हें तो सब पता है ना की पप्पू कैसा है।
शालु की ऑखों के सामने वो मंज़र घुम जाता है जब पहली मर्तबा उसने पप्पू को और देवा को बिना कपडो के देखी थी और देवा जानवर के तरह पप्पू की नाज़ुक गाण्ड मार रहा था।।
उस दिन कुछ पल के लिए शालु और देवा के नज़रें भी मिली थी।
शालु;मुस्कुरा देती है।
चल कब सुधरेगा।
देवा;जब तुम मुझे दोगी।
शालु;क्या।
देवा;जब तुम मुझे ढूढ़ के दोगी लड़की शादी के लिये।
शालु;देवा की ऐसी बाते खूब समझती थी वो दूसरी तरफ मुंह करके मुस्कुरा देती है।।
घर पहुँच कर शालु बिस्तर पे ढेर हो जाती है और देवा उसके पैरों के पास बैठ जाता है।
देवा;कहो तो दबा दूँ ।
शालु;उससे अपने टाँग मारते हुए पीछे ढकेल देती है। कोई ज़रूरत नही।
देवा;क्या काकी दर्द कर रहे होंगे न।
शालु;मैंने कहा न नहीं मतलब नही।
रश्मी;क्या बात है माँ क्या दर्द कर रहे है।
रश्मी भी वहां आ जाती है।
शालु;अरे बेटी मेरे पैर दर्द कर रहे थे। वही देवा दबाने का बोल रहा था।।तु जा जाके खाना बना।
रश्मी;देवा मेरे पैर भी बहुत दर्द कर रहे है।
देवा;तेरी गरदन दर्द नहीं कर रही क्या।
शालु और रश्मि दोनों हंसने लगते है।
देवा;ललचाई नज़रों से फिर से शालु को देखने लगता है और शालु थोड़ा बिस्तर पे लेट के देवा को अपने गदराई हुई जवानी दिखाते हुए घर जाने के लिए कहती है।
देवा;उससे घूरता हुआ अपने होठो पे ज़ुबान फेरता हुआ घर चला जाता है।
जब वो घर का दरवाज़ा खट खटाता है तो हैरान रह जाता है सामने जो औरत खड़ी थी वो उसकी माँ बिलकुल नज़र नहीं आ रही थी।
रत्ना ने नूतन के नाइटी पहन रखी थी।
देवा; ये क्या पहन रखा है माँ।
रत्ना;देख ना बेटा ये नूतन ने मुझे रात में पहनने के लिए दी है कैसी लग रही है।
देवा;रत्ना के आधे लटकते हुए ख़रबूज़ों को देख मचल जाता है।
ठीक है माँ पर तुम इसे सिर्फ रात में सोते वक़्त पहना करो।
रत्ना;अपने सीने के पास नाइटी को एडजस्ट करते हुए ठीक है बेटा।
चल तू हाथ मुंह धो ले मै खाना लगा देती हूँ।।
देवा;ममता और नूतन कहाँ है।
रत्ना;अपने कमरे में होंगी।
देवा ;अपने कमरे में जाने लगता है तभी उसे ममता के कमरे में नूतन बिस्तर पे बैठी दिखाई देती है।
वो साडी पहन के देख रही थी रत्ना की।।
देवा;दरवाज़े की आड़ में खड़ा हो जाता है।
नुतन;अपने आप को देखती है और फिर अचानक पहना हुआ ब्लाउज निकाल देती है।
जैसे ही वो ब्लाउज निकालती है।
देवा की पीठ पे ममता हाथ रख देती है जिससे देवा हड़बड़ा के कमरे के अंदर चला जाता है और उसकी और ममता की ऑखों के सामने ऊपर से पूरी नंगी नूतन आ जाती है।
नुतन ; झट से पास में पड़ी हुई साडी अपने आप पे लपेट लेती है मगर वो पारदर्शी साडी उसकी चूचि को ठीक तरह से छूपाने में नाक़ाम थी।
देवा;जल्दी से वहां से निकल के अपने कमरे में चला जाता है।
और दोनों लड़कियां एक दूसरे को देख हँस पडती है।
ममता ; आगे बढ़ती है और नूतन की चूचि के एक निप्पल्स को अपने मुंह में लेके काट देती है।
नुतन ;आहह माँ आ जाएगी तेरी दीदी।
ममता अपना मुंह हटा देती है ।
बेशरम कही की मेरे भाई को देखती है।
और फिर से दोनों हंसने लगती है।
WOW NICE HOT AND EROTIC UPDATEअपडेट 32
देवा सुबह सवेरे अपने खेत में चला जाता है पिछले कुछ दिनों से वो अपने खेत में हल चलाने के बजाये कही और ही हल चला रहा था और बीज बो रहा था जिससे उसके खेत में सूर्य फूल की फसल धीरे धीरे करके बर्बाद हो रही थी।।
सुबह से ही वो फसल पे फर्टीलाइज़र्स और कीटनाशक का छिडकाव कर रहा था।
और इसी चक्कर में उसे दोपहर हो जाती है।।
वो हाथ मुंह धोके कुंवे के मुंडेर पे बैठा ही था की उसे पप्पू आता दिखाई देता है।
पप्पू;अरे भाई देवा कहाँ हो आज कल जबसे मां के घर से आये हो न मिलते हो न बातचीत हो पा रही है तुमसे।
देवा;बैठ यहाँ।
कुछ नहीं यार मां के यहाँ कुछ दिन रुक क्या गया। देख फसल पे कीड़े लगने लगे है।।गन्ने की फसल तो कट गए बस ये सूर्य फूल बाकी है अब।।
अच्छा तू बता तू क्यों नहीं दिखाई दे रहा है । मै तो दो तीन बार तेरे घर भी आया था।
पप्पू;वही खेती के काम।
और सुना मां के घर गया था तो वहां गांव में कोई चक्कर वक्कर चलाया की नही।
देवा;हंस पड़ता है
जब घर में गरम रोटी खाने को मिले तो कोई बाहर की सुखी रोटी क्यों खाये।
पप्पू;क्या मतलब।
देवा;अब तुझसे क्या छुपान।मामा के घर जाने में मेरा बहुत फायदा हो गया भाई।
मामी भी मिल गई और भाभी को भी ठोक आया।
पप्पू का मुंह खुला का खुला रह जाता है।
क्या बोल रहा है तू भाई। सच में मामी को कैसे।
देवा;पप्पू को सारी बात सुना देता है वो सुनके पप्पू की गाण्ड की सिट्टी बजने लगती है।
पप्पू;बड़ा कमीना है रे तू देवा।।यहाँ पदमा काकी और वहां मामी।
और एक मै हूँ जिसे कोई भाव तक नहीं देता।
पता नहीं मेरे दिल की मुराद कब पूरी होंगी।
देवा;कौन सी मुराद बे।
पप्पू के मुंह से ये दो लफ़्ज़ अचानक ही निकल गए थे। वो देवा से अपनी ये बात कभी भी शेयर करना नहीं चाहता था।।
देवा;अबे बोल भी कौन से दिल की मुराद।
पप्पू;नहीं वैसे ही बस एक आध लड़की को चोदने की भाई।
देवा;पप्पू के कमर पे दो हाथ जड़ देता है।
साले मुझसे छुपा रहा है चल जल्दी बोल मै तेरे दिल की मुराद पूरी करने में मदद करूँगा।
पप्पू;वो पहले तू मेरी कसम खा की तू ये बात किसी को नहीं बतायेगा।।
देवा पप्पू की कमर पे हाथ घुमा देता है।
ले बस तेरी गाण्ड की कसम जिसे मैंने कई बार लिया है नहीं कहुंगा किसी से भी।
पप्पू;देवा तुझे पता है मेरा दिल हमेशा से ये चाहता है की मै किसी अपने को चोदूँ। कोई मेरा सगा खून वाला रिश्ते में तेरे मुंह से तेरी मामी के बारे में सुना तो मुझे भी यक़ीन हो गया की दुनिया में ऐसा भी होता है।।
देवा का मुंह खुला का खुला रह जाता है।
इसका मतलब तू अपनी माँ और बहन को।
पप्पू देवा के मुंह पे हाथ रख देता है।
धीरे बोल कोई सुन न ले।
देवा;तू तो बड़ा छुपा रुस्तम निकला बे साले।
पप्पू;हाँ भाई सच में मेरा दिल करता है की मै अपनी माँ शालु के साथ बस ज़्यादा नहीं एक बार रात गुज़ारूँगा।
देवा;सोचने लगता है की कही इसने जोश जोश में आके किसी दिन नीलम को ही ठोक दिया तो।
पप्पू;क्या हुआ किस सोच में पड़ गया।क्या तू करेगा मेरी मदद।
देवा;हाँ हाँ करुँगा न मगर मेरी दो शर्तें है भाई।
पप्पू;कैसी शर्तें।
देवा;पहली ये की तू तेरी माँ और बडी बहन रश्मि के साथ कुछ भी कर ले। मगर नीलम को गलत नज़र से देखा भी तो मुझसे बुरा कोई नही।
क्यूंकि मै नीलम से प्यार करता हूँ और उससे शादी भी करुँगा।
दूसरा ये की तेरी मदद करने से मुझे क्या मिलेंगा।
पप्पू;सच में तू नीलम से शादी करेगा। ये तो बहुत अच्छी बात है अरे भाई मै तो सिर्फ माँ के बारे में बोल रहा था । बहनो के बारे में नही।
और तुझे क्या चाहिए बोल जो तो कहेगा वो दूँगा।।
देवा;फिर से पप्पू के कमर पे हाथ घुमाने लगता है।
जब तेरा काम बन जाये तो बहती नदी में मुझे भी डूबकी लगाने देना।
पप्पू;आहह कमीना कही का चल ठीक है।
देवा;पप्पू का सर पकड़ के अपनी तरफ खीचता है और पप्पू नज़रें झुकाता हुआ उसके होठो के क़रीब पहुँच जाता है।
पप्पू;अभी नहीं कोई देख न ले।
देवा;मुझे अभी चाहिए देता है या नही।
पप्पू;अपनी ऑंखें बंद करके थोड़ा सा मुंह खोल देता है।
और देवा अपनी ज़ुबान को पप्पू के मुंह में डालके उसके होठो को चुस्ने लगता है। गलपप गलप्प.....
पप्पू के हाथ देवा के पेंट की ज़िप खोल देते है और पप्पू अपने हाथ में देवा का लंड लेके हिलाने लगता है।
तभी दूर से देवा को रश्मि आती दिखाई देती है।
देवा;तेरी बहन आ रही है।
पप्पू; डर के मारे देवा के लंड को छोड देता है और झोंपडे के पीछे जा के चुप जाता है।
रश्मी;देवा के पास आके खड़ी हो जाती है।
देवा भैया तुमने मेरे भाई को कही देखा है क्या।
देवा;हाँ देखा है न।
रश्मी;कहाँ है।
देवा;यहाँ।
वो रश्मि को अपने पेंट की ज़िप की तरफ इशारे से बताता है।
रश्मी; दाँत पीस के रह जाती है।
बेशरम।
वो दिखे तो कहना माँ बुला रही है।
देवा रश्मि का हाथ पकड़ के उसे अपने पास बैठा देता है।
कुछ देर यहाँ भी बैठ जा। शादी के बाद तो तू दिखाई भी नहीं देगी हमें।
रश्मी; अब ऐसी भी बात नहीं है भैया आऊँगी ना आपको मिलने।
देवा;अपना एक हाथ रश्मि के काँधे पे रख देता है।
जीसे पहले रश्मि झटक देती है।
देवा फिर से अपना हाथ वहाँ रख देता है।
और इस बार रश्मि चुप चाप बैठी रहती है।
देवा; अच्छा एक बात बता तूने अपने होने वाले पति को देखा भी है या नही।
रश्मी शर्मा जाती है।मुझे जाने दो बहुत काम है।
देवा;सच में यार किस्मत वाला होंगा वो इंसान जिसे तू मिलेगी।
रश्मी;वो कैसे।
देवा;अरे इतनी सुन्दर सुशील लड़की किस्मतवालो को मिलती है।
तेरी जैसी खूबसूरत लड़की पूरे गांव में नहीं है अपने।
रश्मी;चने के झाड पे चढने लगती है।
बस बस रहने दो अब इतनी भी अच्छी नहीं दिखती हूँ मैं।
देवा;अपने हाथ का जादू रश्मि के गरदन पे चलाने लगता है और धीरे धीरे रश्मि की गरदन को अपनी उँगलियों से सहलाने लगता है।
रश्मी;तुम्हें सबसे अच्छा क्या लगता है मुझ में।
देवा;तू तो सर से पांव तक खूबसूरत है और सबसे अच्छी चीज़ तो तूने छुपा रखी है।
रश्मी; वो क्या।
देवा; एक मिनट तू यहाँ लेट जा मै तुझे देखता हूँ।
रश्मी;नहीं नहीं तुम फिर से कोई शैतानी करोगे।
देवा;ठीक है तो फिर तू जा।
रश्मी;अब बुरा मत मानो अच्छा बाबा लेट गई अब बोलो।
देवा;पहले ऑखें बंद कर।
रश्मी;उस वक़्त देवा के चने के झाड पे इतनी ऊपर तक चढ़ गई थी की उतरना मुश्किल था।।
अखीर वो भी एक भारतीये लड़की थी।।ज़रा सी तारीफ कर दो लड़की खुद बा खुद चली आती है।
देवा;रश्मि के ऑंखें बंद करते ही धीरे धीरे उसकी कमीज ऊपर करने लगता है और रश्मि के कुछ कहने से पहले अपने होंठ रश्मि के काँपते पेट पे रख देता है।
रश्मी; उईईईईई माँ।
देवा;अपने मज़बूत हाथों से रश्मि के पेट को सहलाते हुए चुमने लगता है जिससे रश्मि तड़प उठती है। जबसे उसकी सगाई हुई थी तबसे उसकी चूत गीली रहने लगी थी। ऊपर से देवा की हरकतें उसे आये दिन सपने में परेशान करते रहती थी।।
आज देवा ने उस जगह अपनी ज़ुबान रखा था की वो खुद चाह के भी उसे रोक नहीं पा रही थी।
रश्मी;देवा ये गलत है ऐसा मत करो ना।
देवा;कुछ भी तो नहीं कर रहा हूँ मै गलप्प गलप्प्प।
देवा;सरकते सरकते रश्मि के होठो के पास आ जाता है और रश्मि के होठो पे होंठ लगा देता है।
पहले रश्मि अपने होंठ नहीं खोलती मगर देवा के उसे मसलने से उसका मुंह अपने आप खुल जाता है और ज़ुबान थोडी सी बाहर निकल जाती है।
उसी वक़्त दोनों की ज़ुबान एक दूसरे से और होंठ एक हो जाते है।गल्पप गलप्प।
रश्मी कुंवारी थी और कुँवारी चूत धक्का भी बर्दाश्त नहीं करती रश्मि भल भल करके पानी छोड देती है और पानी निकलते ही हर किसी का जो हाल होता है वही रश्मि का भी हो जाता है वो अपनी दोनों बंद आँखें खोल देती है और जल्दी से उठके खड़ी हो जाती है।
देवा;अरे रुक न कहाँ जा रही है।
रश्मी;तुम्हारे माँ के पास तुम्हारे कारनामे सुनाने।
देवा;मेरी कसम याद है ना तुझे।
रश्मी;कसम मेरी जुती।
और वो वहां से भाग जाती है।
उसके जाने के बाद पप्पू जो काफी देर से ये सब देख देख रहा था थोड़ा ग़ुस्से और थोड़ा गरम हो चुका था बाहर निकल आता है।
देवा;उसके चेहरे के हाव भाव देख समझ जाता है की एक भाई जग गया है।
पप्पू;ये तुम ठीक नहीं कर रहे हो देवा।
देवा;देख भाई मै तेरी बहन नीलम से शादी करुँगा इस नाते रश्मि मेरी क्या हुए साली और साली तो आधी घर वाली होती है ना इस में गलत क्या है बोल।।
पप्पू;इसलिए तुम मुझे हमेशा साला साला कहते हो।
देवा;हाँ अब समझा तू सही बात।
पप्पू: मैं चलता हूँ माँ इंतज़ार कर रही होंगी।
देवा; अबे सुन तो कब देगा।
पप्पू;बाद में।
देवा;क्या साले तू लड़कियों की तरह भाव खाता है।
पप्पू;रात में।
देवा;एक थप्पड पप्पू के कमर पे लगा देता है।
चल मै भी साथ चलता हूँ मुझे हवेली जाना है।
ओर दोनों साथ चल पडते है
देवा;यार एक बात समझ नहीं आती की औरत जल्दी चूत दे देती है और ये लड़कियां इतनी क्यों भाव खाती है।
पप्पू;भाई तुमने अब तक कितनी लड़कियों का ढक्कन खोला है।
देवा;एक भी नहीं सब पहले से खुली हुई थी
पप्पू;बस यही तो बात है न।
औरत को कितना भी चोदो उसे इतना फर्क नहीं पड़ता मगर लड़की जब तक नहीं खुल जाती वो बस दबाने देगी। कुछ करने जाओ तो लंड पे लात मार के भाग जाएंगी।
देवा;सही कहा तूने क्या बात है साले। मेरे पानी से तो काफी समझदार होता जा रहा है
पप्पू;देवा को पेट में मुक्का मारता हुआ अपने घर की तरफ बढ़ जाता है और देवा हवेली के तरफ।
जब वो हवेली के अंदर जाता है तो उसे सामने के कमरे में रुक्मणी साडी पहनती दिखाई देती है।
सफेद गोरा चिट्टा पेट देख देवा के कदम वही दरवाज़े पे रुक जाते है।