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WOW VERY NICEपदमा;आहह मार देगा आज तो मुझे आहः
देवा;ज़ोर दार झटके मारने लगता है और कुछ पलो बाद पदमा के गाण्ड को भी अपने पानी से भर देता है।
पदमा बेसुध ऑखें बंद किये अपनी गाण्ड की जलन को कम होने का इंतज़ार करने लगती है और देवा उठके कपडे पहनने लगता है
ताभी उसके नज़र खिडके के तरफ जाते है और उससे वहां रश्मि खड़ी नज़र आती है।
रश्मी भी देवा को देख लेती है और वो अपनी शलवार ऊपर चढा के वहां से भागना चाहती है पर देवा बिजली की रफ़्तार से उसका हाथ पकड़ लेता है।
रश्मी;छोड मेरा हाथ वो नज़रें नीचे करके अपना हाथ छुड़ाने लगती है।
देवा;अभी भी नंगा था उसका लंड लटक रहा था जिसपे रश्मि की नज़र टिकी हुई थी।
देवा;रश्मि को अपने छाती से चिपका लेता है।
ईधर देख मेरी तरफ।
रश्मी;आहह छोड दे मुझे वरना मै चिल्लाऊँगी।
देवा;उसे और अपनी बाहों में कस लेता है।
इसका मतलब तूने सब देख लिया है ना । बोल...
रश्मी;हाँ देख लिया है मैंने और मै जाके तेरी माँ को भी बता दूंगी की तू .....
देवा;माँ को बतायेगी क्या बतायेगी।
वो अपने मज़बूत हाथों से रश्मि के नरम ब्रैस्ट मसलने लगता है।
रश्मी; चुदाई देख के इतनी गरम हो चुकी थी की वो देवा को ऐसा करने से मना भी नहीं कर पाई। बस देवा की बाँहों में मचलने लगती है।
देवा;मुझे पता है तू माँ को कुछ नहीं बतायेगी। पता है क्यूं।
रश्मी;सवालियां नज़रों से देवा के चेहरे को देखने लगती है।
देवा;क्यूँकि तू खुद मेरा हिला चुकी है और आज जो कुछ तूने देखा वो सब करने का तेरा भी दिल कर रहा है।
रश्मी;नहीं मेरा कुछ दिल नहीं कर रहा । छोड दे मुझे कमीने मै कभी नहीं करुँगी तेरे साथ।
WOW VERY NICE
WOW VERY NICEदेवा;रश्मि की चूत के पास हाथ लगा के देखता है उसकी शलवार गीली थी। चूत का चिप चिपा पानी जब देवा के हाथ को लगता है तो देवा समझ जाता है की रश्मि झूठ बोल रही है।
शर्म के मारे रश्मि की ऑखें बंद हो जाती है।
देवा;उसके कान में धीरे से कहता है झूठी तेरी चूत तो कुछ और ही कह रही है।
रश्मी;आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।
देवा;उसके इतने क़रीब था और इस हालत में था की उससे रहा नहीं जाता और वो रश्मि के नीचले होंठ को मुंह में लेके चुसने लगता है गलप्प गल्प।
रश्मी;देवा के छाती पे मुक्के बरसाती जाती है।
पर देवा पूरा रस पी जाने के बाद ही रश्मी को छोडता है।
देवा;जा अब जाके माँ को ये भी बता देना की मैंने तेरे साथ क्या किया।
रश्मी;देवा के टेस्टीस पे ज़ोर से हाथ मार के हँसते हुए वहां से भाग जाती है।
मै माँ को बता दूंगी देवा की तू बड़ा कमीना है।
देवा; लंड को हाथ में पकड़ के बैठ जाता है आह्ह्ह्ह्ह्ह।
उधर हवेली में सन्नाटा पसरा हुआ था।
हिम्मत राव अपनी कार लेके पास के गांव गया हुआ था जहाँ रहती थी बिंदिया।
बिंदिया; एक बहुत ही खूबसूरत औरत थी माँ बाप उसके इस दुनिया में थे नहीं जिसकी वजह से उसकी शादी नहीं हुई थी।गरीब होने की वजह से कोई रिश्तेदार उसे सहारा देने को तैयार नहीं था।
हिम्मत राव; का दिल बिंदिया पे कई साल पहले आ गया था ।
उसने बिंदिया को न सिर्फ सहारा दिया बल्कि उसे दुनिया के हर ऐशो आराम की चीज़ ला के दिया था बदले में बिंदिया ने हिम्मत राव को अपना जिस्म दिया था।
पिछले कई सालो से वो हिम्मत राव के रखेल के रूप में ज़िन्दगी गुज़ार रही थी पर उसका असल मक़सद हवेली की मालकिन बनने का था। हिम्मत राव बिंदिया की मोहब्बत में इस कदर गिरफ्तार हो चुका था की वो बिंदिया के हर जायज़ नजायज़ माँग पूरी करता था।
WOW VERY NICEहफ्ते में चार पांच दिन हिम्मत राव बिंदिया के साथ गुजारता था।
आज भी वो इसी के लिए यहाँ आया हुआ था।
बिंदिया ; हिम्मत राव को देख दरवाज़ा खोल के उसे अंदर ले लेती है।
रोज पहले शराब का दौर चलता और उसके बाद शबाब का।
बिंदिया नखरे करने में माहिर थी।
वो हिम्मत राव को अपने छाती से लगा लेती है और उसके होठो को अपने मुंह में लेके चुसने लगती है।
हिम्मत राव;बिस्तर पे बैठ जाता है।
आज पीलाओगी नहीं जानेमन।
बिंदिया;पिलाऊंगी भी और लुंगी भी सरकार।
हिम्मत राव; बिंदिया के हाथों से शराब के जाम पे जाम खाली करता चला जाता है और कुछ ही देर में पूरी बोतल खाली कर देता है।
बिंदिया; हिम्मत राव की क़मीज़ उतार के उसके छाती पे अपना सर रख देती है।
हिम्मत राव;नशे में बात बढाये जा रहा था।
बिंदिया;मालिक आप मुझे दुल्हन बनाके हवेली कब ले जा रहे है।
हिम्मत राव;बस कुछ दिन की बात है बिंदिया। हमारे बीच का कांटा हटने ही वाला है।
बिंदिया; और आपकी बेटी......
हिम्मत राव :रानी अगर उसकी माँ अपनी सारी जायदाद उसके नाम करके ना गई होती तो कब का उसे भी उसके माँ के पास पहुंचा देता।
पर तू फिकर मत कर एक बार रुक्मणी का काम होने दे उसके बाद रानी भी मरेगी।
बिंदिया; मुस्कुराते हुए हिम्मत का पजामा उतार देती है और दोनों की रास लीला शुरू हो जाती है।
MAST UPDATEहिम्मत राव;रुक्मणी के पेशानी पे चुमता हुआ रानी के कमरे की तरफ चला जाता है।
रानी के रूम में किसी को आने की परमीशन नहीं थी रुक्मणी को भी नही।
सिर्फ हिम्मत राव कही भी आ जा सकता था।
एक बार रुक्मणी ऐसे ही किसी काम से उसके रूम में चली गई थी तो उस बात पे रानी ने इतना हंगामा किया थी की उस दिन से रुक्मणी ने कान पकड़ी थी की आज के बाद कभी भी रानी के रूम में नहीं जाएंगी।
यही वजह थी की रानी अपने रूम में किसी भी हालत में सोई रहती थी। बस पदमा साफ़ सफाई करने उसके रूम में जाया करती थी।
रानी;बिस्तर पे नंगी सोई हुई थी उसे अभी अभी नींद लगी थी।
हिम्मत राव;रानी को ऐसी हालत में देख राल टपकाने लगता है और आगे बढ़ के रानी की चूत के पास बैठ जाता है।
वो बड़े गौर से रानी की चिकने चूत को देखने लगता है।
कुछ देर देखने के बाद वो रानी के चूत के दोनों लिप्स को अपने उँगलियों से मसलने लगता है और उसे दबोच लेता है।
रानी नींद से जाग जाती है।
आह बापू क्या करते हो उन्हह।
हिम्मत राव;कुछ भी तो नहीं बिटिया बस देख रहा हूँ।
रानी;अपनी चूत के दाने को सहलाने लगती है उसकी चूत में तो काफी देर से जलन हो रही थी।
हिम्मत राव;क्या हुआ रानी दर्द हो रहा है कही पे।
रानी;हाँ बाबू यहाँ।
हिम्मत राव;अरे बिटिया पहले क्यों नहीं बोली तू कहे तो मलहम लगा दुं।
रानी;कोई ज़रूरत नहीं कुछ लगाने की मरहम दर्द कम करने के लिए लगता है।
तूम तो दर्द और बढा देते हो बापु।
MAST UPDATEहिम्मत राव;रानी की चूत को अपनी उँगलियों से सहलाने लगता है।
बिटिया अपनी ज़ुबान से मलहम लगा देता हूँ जल्दी आराम मिलेगा तुझे।
रानी;आहह कैसे बापु।
हिम्मत राव;रानी की चूत पे झुक जाता है और अपनी ज़ुबान रानी की चूत पे रख के उसे अंदर तक चाटने लगता है गलप्प गलप्प ......
रानी;आहह बापू और अंदर तक लगाओ न आहह हाँ बापु आहः
हिम्मत राव;रानी की चूत को चाटता चला जाता है।
और रानी कमर को और ऊपर उछाल उछाल के हिम्मत राव से अपनी चूत चटवाती जाती है।
कुछ देर बाद रानी हाँफने लगती है और एक चीख़ के साथ झड़ जाती है।
कि तभी बाहर से रुक्मणी की आवाज़ आती है।
रुक्मणी;अजी सुनते हो ज़रा यहाँ आओ न।
हिम्मत राव;बुरा सा मुंह बनाके बाहर निकल जाता है।
MAST UPDATEअपडेट 11
देवा;घर पहुँच चूका था । घर में रत्ना और ममता उसी का इंतज़ार कर रही थी उनके चेरे पे परेशानी साफ़ देखी जा सकती थी।
जब वो देवा को दरवाज़ा खोल के अंदर आता देखतीं हैं तो खुश हो जाते है।
रत्ना;बडी देर लग गई बेटा।
देवा;हाथ मुंह धोते हुए हाँ माँ वो कपडे लेने में देर हो गई।
ममता; भाई शहर से मेरे लिए क्या लाये।
रत्ना;बस कर लड़की। भाई अभी घर आया नहीं खाने का पूछा नहीं की मेरे लिए क्या लाये।
जा जाके खाना ला दे।
ममता ; फुले हुए मुंह के साथ किचन में चली जाती है।उसने देवा के हाथ में बैग तो देख ही ली थी बस दिल जल्द से जल्द उन्हें खोल के देखने को कर रहा था।
देवा;खाना खाने लगता है।
रत्ना उसके पास बैठ के हाथ के पंखे से हवा करने लगती है।
रत्ना;बहुत थका थका सा लग रहा है देवा । तू क्यों इतना काम करता है।
देवा;उफ़ माँ कहाँ थका हुआ हूँ बिलकुल ठीक तो हूँ।तुम भी ना।
वो खाना खाने के बाद बैग खोलता है और उस में से पहले एक साडी निकालता है जो वो रत्ना के लिए लाया था।
साड़ी बहुत अच्छी थी रतना उसे खोल के देखती है उसके चेहरे के हाव भाव देवा को बता देतें है की साडी रत्ना को बेहद पसंद आई है।
ममता; भाई ये दूसरे बैग में क्या है।
देवा; हाँ हाँ मै समझ गया । ये ले तेरे लिए एक शलवार कुर्ता और ये रात में पहनने के लिए कुछ कपडे लाया हूँ।।
ममता; झट से कपडे हाथ में ले के बाथरूम में घुस जाती है।
वो इतनी उतावली हो रही थी कपडे पहन के देखने के लिए की बस जल्दी जल्दी वो अपना कुर्ता निकाल के फ़ेंक देती है।
MAST UPDATEदेवा;माँ तुम भी साडी पहन के देख लो अगर अच्छी नहीं लगी तो वापस कर देंगे।
रत्ना;कल पहन लुंगी बेटा।
देवा;नहीं माँ मुझे अभी देखना है।
रत्ना;रोज़ तो देखता है तु।
देवा;आज अच्छे से देखना है पहन लो न माँ।
रत्ना; अच्छा बाबा तू देखे बिना मानने वाला तो है नही।
रत्ना उठके अपने रूम चली जाती है
ममता ; नाईट ड्रेस पहनके जब देवा के सामने इतराते हुए आती है तो देवा देखता रह जाता है।
कैसी लग रही हूँ भैया।वो इधर उधर घुम घुम के देवा को अपने अलग अलग भाग के एक तरह से दर्शन करवाने लगती है।
देवा;उठके उसके पास जाता है।
ज़रा बता मुझे हम्म एकदम मस्त बिलकुल फिट आएँ है ना कपडे तुझ पे।
एक मिनट यहाँ से थोड़ा ढिला है क्या ।
वो ममता को पीछे घुमा के उसके कमर की फिटिंग देखने लगता है।
और अनजाने में उसका हाथ ममता के कमर पे चला जाता है।
ममता के मुंह से आहह निकल जाता है।
देवा समझ के भी अन्जान बन जाता है।
क्या हुआ ममता।
ममता ; कुछ नहीं भाई ।
तभी वहां रत्ना साडी पहनके आती है वो साडी रत्ना पे बहुत जंच रही थी देवा तो उसे देखता ही रह जाता है।
मोते मोटे रस से भरे हुए सुडौल ब्रैस्ट आज देवा को साफ़ साफ़ दिखाई दे रहे थे। उसकी नज़र आज रत्ना की ब्रैस्ट से हटने का नाम नहीं ले रही थी।
ममता ; खंखारती है और दुसरा ड्रेस पहनने वापस बाथरूम में घुस जाती है।
रत्ना;अभी भी चुप चाप देवा के मुंह से तारीफ सुनने के लिए खड़ी थी।
देवा;आगे बढ़के रत्ना के पास आता है।
बहुत सुन्दर लग रही हो माँ तुम।
MAST UPDATEरत्ना;धत बदमाश अब इस उम्र में मै क्या अच्छी लगूँगी बेटा।
देवा;मैंने कहा न मेरी बात पर विश्वास नहीं है तुम्हें।
रत्ना;अरे नहीं वो बात नहीं अच्छा ये बता तूने साडी तो ले आया पर अंदर पहनने के लिए कुछ नहीं लाया।
देवा;तुम ऐसे ही अच्छी लगती हो।ये शब्द उसके मुंह से निकल तो गए थे पर ये दोनों माँ बेटे के चेहरे को शर्म से लाल भी कर गए थे।
रत्ना;अपने रूम में चली जाती है और देवा खटिया पे बैठ जाता है ।
वो सोचने लगता है कही माँ को बुरा तो नहीं लग गया होगा।
कुछ देर बाद जब रत्ना बाहर आती है तो वो बिलकुल नार्मल लग रही थी । ये देख देवा की जान में जान आती है और वो चैन की नींद सो जाता है।
सुबह के 7 बजे।
देवा;तैयार हो चुका था और वो नाश्ता करके खेत की तरफ चला जाता है।
आज खेत में उसे मज़दूरों से काम लेना था वो जो सुबह से काम में लगता है तो 11 बज जाते है।
गर्मी के कारण मज़दूर अपने अपने घर को चले जाते है देवा वही कुंवे पर हाथ मुंह धोने लगता है तभी उसे शालु अपनी कमर मटकाते हुए आती दिखाई देती है।
शालु;सीधा देवा के खेत में आती है । आज उसके साथ बकरियाँ नहीं थी वो अकेली ही आई थी।
देवा;क्या बात है काकी आज तुम अकेली आई हो मेरा मतलब है बकरियाँ चराने नहीं लाई।
शालु;अरे पप्पू ले गया है नदी पर उन्हें। मै तो यहाँ आम तोड़ने आई थी अच्छा हुआ तू मिल गया ज़रा कुछ कच्ची कैरिया तोड़ दे मुझे।
देवा;शालु को नीचे से ऊपर तक देखने लगता है और सोचता है साली खुद तो पका पकाया आम है जितना निचोड़ो उतना कम ।
शालु;देवा के ऑंखों की गर्मी अपने शरीर पे महसूस कर चुकी थी।
क्या हुआ नहीं तोड़ना हो तो बोल दे।