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NICE UPDATEअपडेट 44
शालु ग़ुस्से में घर में दाखिल होती है और वो पप्पू को तलाश करने लगती है मगर पप्पू उसे कही नज़र नहीं आता।
शालु;नीलम पप्पू घर आया है या नही।
नीलम;नहीं माँ भाई तो घर नहीं आये क्यों कुछ काम था।
शालु;नहीं कुछ नहीं तू खाना बना मै ज़रा अभी आती हूँ।
वो पप्पू को देखने बाहर निकल जाती है।
देवा;रश्मि के साथ शालु के घर की तरफ निकल पडता है तभी उसे सामने के गली में शालु किसी को ढूँढ़ते दिखाई देती है।
देवा;अरे बाप रे तेरी माँ शायद तुझे ढूंढ़ रही है।
रश्मी;तू घर जा मै पीछे के दरवाज़े से घर में चली जाती हूँ।
देवा;ये पप्पू साला कहाँ चला गया।
रश्मी;तू जा न मै सँभाल लुंगी।
देवा;अपने घर की तरफ छुपते छुपाते चला जाता है।
रश्मी;घर के अंदर पहुँच के अपने कमरे में चली जाती है और जल्दी से बाथरूम में घुस जाती है।
पप्पू;डरता डरता घर आता है और घर के ऑगन में ही उसे शालु हाथ में एक मोटी सी लकड़ी लिए बैठी मिलती है।
शालु;पप्पू को देख खड़ी हो जाती है और उसे उसी रूम में ली। ले जाती है जहाँ कुछ देर पहले रश्मि और देवा चुदाई कर रहे थे।
पप्पू; थर थर काँप रहा था। माँ इस में मेरी कोई गलती नहीं है वो रश्मि ने मुझे कही थी ऐसा करने को।
शालु;दरवाज़ा बंद करती है और सटा सट सटा सट पप्पू के पैरों पर कमर पर उस लकड़ी से मारने लगती है।
कुत्ते अपनी बहन को दूसरे मरद के पास ले जाता है।
तूझे ज़रा भी शर्म नहीं आती क्या।
ख़ुद तो उस देवा से गाण्ड मरवाता है और अब अपने बहन को भी उसके नीचे सुला दिया तुने।
रुक अभी तेरी चमड़ी खीच लेती हूँ।
पप्पू के तो होश उड़ जाते है।
उसे यक़ीन नहीं होता की शालु को भी पता है की वो देवा से गाण्ड मरवाता है।
अचानक उसका सारा डर ग़ायब हो जाता है और वो शालु के हाथ में की लकड़ी पकड़ लेता है।
शालु;उसे हाथ से मारने लगती है मगर वो बेचारी अपने नाज़ुक नाज़ुक हाथों से पप्पू को कब तक मार सकती थी।
वो थक जाती है और फिर पप्पू को गालियां देने लगती है।
पप्पू; एकटक शालु के बदन को देखने लगता है।
शालु; इस तरह से पप्पू को घूरता देख और ज़्यादा भड़क जाती है।
तूम इंसान हो की जानवर।
पप्पू;हम इंसान है मगर हमे एक बीमारी है।
हमे बाहर वाली औरतें अच्छी नहीं लगती घर की औरतें देख कर हम दोनों पागल हो जाते है जैसे इस वक़्त मै तुमको देख के ही पागल हो रहा हूँ माँ।
शालु की ऑखें फटी की फटी रह जाती है।
क्या क्या कहा तुने।
वो खुद की तरफ देखती है उसका साडी का पल्लू नीचे हो गया था और बडी बडी चूचियां सामने की तरफ लटकी हुई थी।
ब्लॉउस के अंदर छुपे होने के बावजूद भी उसका आकार पप्पू ठीक तरह से बता सकता था।
पप्पू;हाँ माँ मै तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।
मै हमेशा से ये चाहता था की अगर मेरी ज़िन्दगी में कोई औरत आये तो वो तुम जैसी हो बल्कि तुम ही हो।
शालु;ये सुनके एक ज़ोरदार थप्पड पप्पू के मुह पर जड़ देती है।
और बदले में पप्पू शालु के दोनों हाथों को मज़बूती से पकड़ के अपने होंठ शालु के होठो पर रख देता है।
शालु की सुहागरात के दिन जब उसके पति ने उसे चोदा था। उसदिन भी उसे ऐसा अनुभव नहीं हुआ था।
जब पहली बार देवा ने अपने होंठ शालु के होठो पे रखा था उस दिन भी शालु कुछ खास सहमी नहीं थी।
मगर आज अपने जवान बेटे अपने खून के होठो के तपीश में शालु का अंग अंग मचलने लगता है।
चुत के बाल खड़े हो जाते है।
निप्पल्स एकदम तन जाते है।
और दोनों हाथ पप्पू की पीठ पर कस जाते है।
पप्पू;को ये देख थोडी और हिम्मत आती है और वो अपने दोनों हाथों को शालु के चिकने पेट पर रख के घुमाने लगता है और धीरे धीरे शालु के नीचले होठो को चुसने लगता है गलप्प गलप्पप्पप्प गप्पप्पप्प।
हालांकी शालु चुपचाप ऑखें बंद करके खड़ी थी वो तो कोई और ही दुनिया में पहुँच चुकी थी।
जैसे ही पप्पू जल्दबाज़ी में अपने हाथों को शालु की नरम मुलायम कमर पर रख के थोड़ा सा दबाता है शालु अपनी ऑखें खोल देती है और पप्पू को धक्का देके पीछे ढकेल देती है।
वो घबड़ाहट में एक दो बार और उस लकड़ी से पप्पू की पिटाई करके वहां से घर भाग जाती है।
आज उसका दिल उसके बस में नहीं लग रहा था। पप्पू ने ऐसा कैसे किया वो मेरा सगा बेटा है मै उसके बारे में ऐसा सोच भी कैसे सकती हूँ। नहीं नहीं मै उसे समझाऊँगी उसे सही और गलत का अंतर बताऊँगी।
पर क्या वो मानेगा।
शालु खुद से ही बातें करते हुए घर पहुँच जाती है और घर में दाखिल होते ही उसे रश्मि नज़र आती है।
शालु को फिर से देवा याद आ जाता है और वो रश्मि को लेके उसके कमरे में चली जाती है।
शालु;क्यूँ री कहाँ गई थी तु।
रश्मी;कही भी तो नहीं यही तो हूँ।
शालु;मुझसे झूठ बोलती है । अगर दो दिन बाद तेरी शादी नहीं होती न तो तेरा वो हाल करती की कभी उस कमिने देवा के आस पास भी नहीं फटकती।
दो दिन नहीं रह सकती जो करना है अपने होने वाले पति के साथ करना।
हमारा मुँह क्यों काला करवाने पे तुली हुई है।
रश्मी;क्यूंकि मै देवा से प्यार करती हूँ।अगर नीलम मेरी बहन नहीं होती तो मै उसी से शादी करती चाहे उसके लिए मुझे इस घर से भागना क्यों नहीं पडता।
शालु;अपने मुँह पर हाथ रख देती है।
रश्मी;और एक बात माँ मुझे जो कहना है कहो। मारना है मारो मगर आईन्दा अगर देवा पे तुमने हाथ उठाया तो मै शादी नहीं करुँगी और अगर मुझे मेरे ससुराल में ये सुनने में आया की तुमने देवा पर हाथ उठाये तो मै वो घर हमेशा हमेशा के लिए छोड़ के चली जाऊँगी।
शालु;आज चारो तरफ से खुद को घिरा हुआ महसूस कर रही थी।
रश्मी की शादी दो दिन बाद होनी थी।
शालु चाह के भी रश्मि पे हाथ नहीं उठा सकती थी।
शालु;के पति उसे आवाज़ लगाते है और शालु रश्मि को घुरते हुए उनके पास चली जाती है।
उधर देवा के घर में रत्ना और देवकी ;नूतन और पप्पू की बात आगे बढाने के बारे में बात कर रही थी।
देवा;सामने बैठा खाना खा रहा था उसे इन सब बातों में कोई दिलचस्पी नहीं थी बस वो रत्ना और देवकी के बातों पे हूँ हाँ कर रहा था । उसकी नज़रें तो रत्ना और देवकी के पेट और चूचियों पर थी।
देवकी;देवा की नज़र भाँप गए थी वो सोने का बहाना करने अपने कमरे में चली जाती है।
रत्ना;देवा देख न सबकी शादियां हो रही है एक हमारी ममता के लिए कोई अच्छा रिश्ता नहीं आ रहा।
देवा;हाथ धोते हुए।
अरे माँ तू चिंता क्यों करती है हमारी ममता लाखों में एक है उसके लिए ऐसा रिश्ता आयेगा की गांव वाले सब देखते रह जाएंगे।
रत्ना;मुझे तो उस दिन का बडी बेसब्री से इंतज़ार है।
देवा;माँ मै आज बहुत थक गया हूँ मै सोने जा रहा हूँ।
तूम भी सो जाओ ममता कहाँ है।
रत्ना;वो अपने कमरे में होंगी।
मै भी बहुत थक गई हूँ।
रत्ना तो सोने चली जाती है और देवा अपने रूम में कुछ देर सभी का सोने का इंतज़ार करने चला जाता है।
नुतन;ममता की गोद में सर रखे पड़ी हुई थी और ममता नूतन की चूचि को दबाते हुए उसके होठो को चुम रही थी।
ममता ; क्यों रे तुझे रात में अकेले नींद आती है मुझे तो बिलकुल नहीं आती।
नुतन ; माँ और तेरे भाई ने मेरी रातों की नींद उड़ा के रख दिए है।
ममता ; क्या मतलब।
नुतन ; थोडी देर बाद जिस कमरे में मै और माँ सो रहे हैं ना उसके पीछे वाली खिडकी के पास चली जाना सब कुछ समझ में आ जायेंगा।
ये कहते हुए नूतन अपनी माँ देवकी के पास सोने चली जाती है।
और ममता;नूतन की बात को ले के परेशान हो जाती है
आखीर बात क्या है नूतन ऐसा क्यों कह रही थी।
पता तो लगाना पडेगा।
शालु अपने पति के बूढ़े लंड से चुदाई में लगी हुई थी।
लंड चूत में जाने से उसे कोई एहसास नहीं हो रहा था। उसकी चूत से तो पप्पू के उस चुम्बन से पानी छोड रही थी जो आज उसने लिया था।
शालु;ऑंखें बंद कर लेती है और उसके ऑखों के सामने रश्मि और देवा की चुदाई घुमने लगती है।
नीलम;अपने रूम में देवा के सपने देख रही थी और रश्मि अपने भाई पप्पू के साथ उसके रूम में बैठी हुई थी।
पप्पू;दो दिन बाद तू चली जाएँगी रश्मि।
रश्मी; तो क्या हुआ वापस भी तो आऊँगी न अभी तो यही हूँ करो न जल्दी जल्दी।
तुम्हारा दोस्त तो आग लगा के चला जाता है। सुलगती मै रहती हूँ और तुम हो की बातें ज़्यादा करते हो काम कम्।
पप्पू;मुस्कुरा देता है और दोनों भाई बहन के होंठ एक दूसरे से चिपक जाते है।
रश्मी;अपने हाथ में पप्पू के लंड को ले के हिलाने लगती है और पप्पू अपनी बहन की मस्त चूचियां मसलने लगता है।
रश्मी; आहह गलप्प गप्प्प भाई करो न जल्दी से आह्ह्ह्ह्ह्ह।
पप्पू;रश्मि का मुँह अपने लंड पे झुका देता है और रश्मि एक समझदार बहन की तरह अपने भाई के लंड को मुँह में ले के चुसने लगती है।
रश्मी; गलप्प गलप्प।
पप्पू; आह्ह्हह ओह्हन रश्मि आह्ह्ह्ह।
रश्मी;के होठो की ठण्डक पाते ही पप्पू के लंड में कड़कपन आने लगता है और देखते ही देखते उसका लंड आकार लेने लगता है।
रश्मी;अपनी चूत को मसल मसल के पप्पू के लंड को चुसती जाती है।
थोड़ी देर बाद दोनों भाई बहन इतने गरम हो जाते है की उनसे रहा नहीं जाता और पप्पू अपने बहन रश्मि को उल्टा करके पोछे से अपने लंड को उसके चूत में उतारने लगता है।
रश्मी;आहह भाई आपके लंड में देवा जैसी बात तो नहीं आहह मगर पता नहीं क्यों मेरे रौंगटे खड़े हो जाते है आह्ह आपके लंड को अंदर लेते ही । आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मा...
पप्पू;मेरा भी यही हाल है रश्मि आह्ह्ह्ह कितनी गरम चुतत्त्त्त् है तेरीईईईईईईईईई।
रशमी;भाई ज़ोर ज़ोर से करो न मुझे आअह्हह्हह्हह।और जोर से पेलो....
पप्पू;अपनी कमर को जल्दी जल्दी आगे पीछे करने लगता है उसे जीतना ज़ोर से हो सकता था वो उतने ज़ोर से रश्मि को पेलने लगता है आह्ह्ह्ह्ह्ह।
मेरी बहन आह्ह्ह्ह।
रश्मी;भाई उन्ह मेरे भाई।
दोनो अपनी चुदाई में बिजी हो जाते है।
इधर रतना के घर में सन्नाटा पसर जाता है।
रत्ना;को छोड के हर कोई जग रहा था।
नुतन अपनी जगह पर ऑंखें बंद किये पड़ी हुई थी।
देवकी देवा का इंतज़ार कर रही थी।
और ममता खिडकी के बाहर चुपचाप खड़ी थी।
की अचानक देवकी के रूम का दरवाज़ा खुलता है और देवा अंदर दाखिल होता है।
देवा को रूम में घुसता देख ममता की ऑखें फटी की फटी रह जाती है।
देवकी अपनी बाहें खोल के देवा को अपने ऊपर खीच लेती है।
बडी देर कर दी तुमने बेटा।
देवा;माँ सोई नहीं थी ना।
अपने हाथों को देवकी के पेट पर रख के देवा देवकी के पेट को सहलाते हुए उसके होठो का रस पीने लग जाता है और नूतन अपने ऑखें थोडी सी खोल लेती है।
देवकी बहुत तड़पाता है तू मुझे । बस रात में तेरा लंड खा पाती हूँ और सारा दिन मचलती रहती हूँ गलप्प गलप्प।
देवा;अपनी लुंगी खोल देता है और एक हाथ से देवकी की साडी जो उसने सामने खोंस रखी थी खीच देता है।
देवकी;आहह थोड़ा रुक जा बेटा।
वो उठके बैठ जाती है और अपना ब्लाउज निकाल देती है ब्लाउज निकलते ही देवा नूतन और ममता की ऑंखों के सामने मोटे मोटे चमकते हुए देवकी की चूचियां आ जाती है।
देवा से रहा नहीं जाता हालाँकि वो कुछ देर पहले रश्मि को चोद के आया था मगर उसे देवकी की पके हुए आमों का चस्का लग गया था।
वो दोनों ब्रैस्ट को मुँह में लेके चुसने लगता है ।गलप्प गलप्प।
देवकी;आहह बेटा नूतन जग न जाये आह्ह्ह्ह्ह्।
देवा;जानता था ये सब देवकी की बातें है नूतन जग रही होंगी ये भी देवा को पता था वो और ज़ोर से निप्पल काट काट के देवकी की चूचि चुसने लगता है । गलप्प गलप्प....
देवकी;अपनी चूचि देवा के मुह से निकाल देती है और जल्दी से देवा के लंड को अपने मुँह में ले के चुसने लगती है।
इधर देवकी देवा के लंड को मुह में लेती है और उधर निचे नूतन के मुँह में पानी आने लगता है।
खिड़की के बाहर खड़ी ममता का मुँह खुला का खुला रह जाता है।
देवा को सीधा साधा समझने वाली ममता को अपने ऑखों पर यक़ीन नहीं आ रहा था।
देवकी;देवा के लंड को पत्थर की तरह कड़क कर देती है।
आह आजा मेरे राजा।
देवा;मुझे तो चुसने दे तेरी चूत मामी।
देवकी;चुसाई बाद में पहले चुदाई कर दे तू मेरी। सारी रात पड़ी है तेरे पास उसके बाद तो जो कहेगा मै वो करुँगी राजा।
देवा;मुस्कुराता हुआ देवकी की दोनों टाँगें खोल देता है और अपने लंड को देवकी की चूत पे घीसने के बाद उसे जड़ तक एक झटके में घूस्सा देता है आह्ह्ह्ह्ह्ह।
देवकी सिसक पडती है मगर वो भी जानती थी देवा अब रुकने वाला नहीं है।
देवा;अपने उसी तेज़ रफ़्तार में सटा सट देवकी की चूत में लंड उतारते चला जाता है और नूतन अपनी चूत को घिसती चली जाती है।
देवकी; उन्हह मार डाल मुझे इस लंड की मार से देवा आह्हह्हह्हह्हह।
देवा;मार दूंगा तुझे मामी तो तेरी बेटी को चोदना पड़ेगा मुझे।
आह।
देवकी;वो भी तो तेरी है बेटा उन्हह।
देवा;दोनों हाथों में देवकी की चूचि को लेके उसके होठो को चुमते हुए अपने लंड को देवकी के अंदर बाहर करने लगता है।
देवकी की चूत से पानी बहने लगता है । जोश की वजह से उसका ये हाल हुआ था वो देवा को लंड बाहर निकालने का कहती है और झट से बाथरूम में घुस जाती है।
देवा;कहाँ जा रही हो।
देवकी;अभी आई।
देवा;अपने लंड को हाथ में लिए खड़ा था की अचानक उसकी नज़र नूतन पर पडती है।
नुतन झट से अपनी ऑखें बंद कर लेती है।
देवा उसी हालत में नूतन के पास पहुँचता है कुछ देर उसके चेहरे को देखने के बाद देवा अपने लंड को नूतन के गाल पे रगडने लगता है।
नुतन के दिल की धड़कने तेज़ हो जाती है कोई पहली बार उसके गाल पे अपना लंड घिस रहा था।
देवा अचानक अपने लंड का सुपाडा नूतन के होठो के पास लाता है और उसे नूतन के होठो पे लगा देता है।
कुछ पलों बाद नूतन अपना मुँह खोल देती है और देवा का लंड नूतन के मुँह में चला जाता है।
देवा को यक़ीन नहीं होता की नूतन ऐसा भी कर सकती है।
तभी उसे बाथरूम का दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आती है और देवा एक झटका अंदर मार के अपना लंड वापस बाहर खीच लेता है।
इस तरह अचानक ठसका लग जाता है।
मगर वो खुद को सँभाल के फिर से ऑंखें बंद कर लेती है और देवा वापस देवकी की बाहों में चला जाता है।
WAHहाय रे ज़ालिम................
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NICEयह कहानी हिंदी सेक्स कहानियों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय कहानियों में से एक है।ये कहानी shamskhan द्वारा लिखी गई थी। इस कहानी के 1 करोड़ 75 लाख views थे।आप समझ सकते हैं यह कहानी कितनी लोकप्रिय हुई थी।
ये कहानी लेखक ने hinglish में लिखी थी और उसे अधूरा छोड़ दिया था।मैं इसे पूरा हिन्दी में लिख रहा हूँ।इस कहानी में कुछ इडिटिंग भी की गई है लेकिन कहानी के साथ कोई छेड़ छाड़ नहीं की गई है।
LAJWAB INTROIntroduction
ये कहानी है भारत के एक छोटे से गाँव अम्बेटकली की।एक छोटा मगर बेहद खूबसूरत गांव में रहता है ।
देवा![]()
२० साल का ये गबरू जवान।।अपने १० एकड के खेत में खूब दिल लगा के मेहनत करता है । उसे न शराब का शौक है न चरस गांजे का।
बचपन से उसे कसरत और कुश्ती का बहुत शौक रहा है पर सबसे ज़्यादा चाह है उसे चूत की हालाँकि अभी तक उसे ये मिला नहीं है।।
देवा।अपनी माँ रत्ना और छोटी बहन ममता के साथ रहता है।
बाप का साया देवा के सर से पांच साल पहले ही उठ गया था।
रत्ना![]()
एक गदराई हुई ४० साल की खूबसूरत औरत जो पिछले 5 साल से अपनी चूत की आग अपनी उँगलियों से तो कभी बैगन मूली से शांत करते आ रही है।।पति तो उसका रहा नहीं और बाहर वालो को वो देना नहीं चाहती।।
अपने बेटे देवा को खेती बाड़ी में हाथ बटाने वाली रत्ना बहुत हँसमुख है पर उसकी हँसी के पीछे के दर्द को कोई नहीं समझता उसका अपना बेटा देवा भी नही।
ममता![]()
देवा की खूबसूरत बहन।
एक 18 साल की चंचल खुबसुरत कुँवारी लड़की है जो अपना समय दिन भर अपने सहेलीयों के साथ बातें करने में गुजारती है उन बातों में सिर्फ सेक्स की बाते होती है।।जल्द से जल्द लंड लेने की उसकी चाह ने उसके दोनों आमो को वक़्त से पहले ही पका दिया है।
देवा का एक दोस्त है।।
पप्पु![]()
18 साल के पप्पू को बचपन में बैल ने ऐसा लात मारा की उसके पप्पू में हिलने डुलने की ताकत नहीं रही।जीस्म तो अपनी उम्र के हिसाब से बढ़ता गया पर औज़ार छोटा का छोटा रह गया।
पप्पू की माँ
शालु![]()
एक गरम खून वाली 38 साल की औरत है।जिसका पति तो है पर किसी काम का नहीं। चोदता तो है पर ठीक से नहीं । दिन रात नशे में पड़ा रहने वाला शालु का पति जब घर आता है तो पहले गाली देता है और फिर दो चार धक्के उसके बाद सारी रात शालू अपनी चूत मसलती रहती है या ऊँगली से अपने आप को शांत करती है।
शालु की दो और बेटियां है।
एक रश्मि![]()
उमर 18 साल अपनी माँ की तरह मदमस्त रहने वाली लड़की।
दूसरी बेटी
नीलम![]()
एक खामोश तबियत वाली। अपनी दुनिया में जीने वाली लड़की को जब भी कोई देखता है यही कहता है ये साली शालु के पति की नहीं हो सकती।
इसी गांव में एक जागिरदार की हवेली है।जिसमें रहते है।
सेठ हिम्मत राव![]()
हिम्मत राव इस गांव के जमींदार है उसकी गांव में बहुत चलती है। वो गांव में जो चाहे वो कर सकता है। सभी गांव वाले हिम्मत राव से डरते है। हिम्मत राव ने कुछ गुंडे भी पाल रखे है और उसके पास बंदूके भी है।
उनकी पत्नी - रुक्मणि![]()
रंग तो इसका जानदार है पर चूत बड़ी नमकीन है।।
ये सेठ हिम्मत राव की दूसरी पत्नी है पहली वाली इस दुनिया में नहीं रही।
रुक्मणी के शादी को 3 साल हो चुके है पर अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ है।
सेठ हिम्मत राव को पहली वीवी से एक बेटी है।
रानी-उम्र 19 साल है पर नखरे और अदायें किसी तरह भी 19 वाली के नहीं लगते।घर के लोग इसे परी भी बुलाते है यानि इसका घर का नाम परी भी है। बाप के पैसों को पानी की तरह बहाना इसका शौक है।।घमन्डी नकचढी जो कहना है इसे कह सकते है। बस एक ही चीज़ इस में अच्छी है वो छुपी है बेचारी की जांघों के बीच में।![]()
इस हवेली में एक नौकरानी काम करती है।
पदमा![]()
रुक्मणी की जायज़ और नाजायज़ हर काम पदमा ही करती है।
और भी लोग है इस गांव में धीरे धीरे वो सभी आपके सामने आयेंगे।
MAST UPDATEपप्पू घबरा जाता है उसे पता था देवा का इशारा किस तरफ है।
नही देवा दो दिन पहले तूने बड़ा दर्द दिया है मुझे अभी तक दुःखता है।
देवा;पप्पू को अपनी तरफ खिचता है।
साले नाटक तो ऐसे कर रहा है जैसे तेरी माँ की चूत मांग रहा हूँ।
चल जल्दी कर वरना कोई आ जायेंगा।
पप्पू का दिल ज़ोर से धड़कने लगता है।
पिछले 1 साल पहले शुरू हुआ ये खेल अब देवा के लिए आये दिन की बात थी।
लौंडिया तो कोई हाथ नहीं चढती थी तो पप्पू से ही काम चलाना पड़ता था।
वैसे पप्पू था भी बिलकुल लड़की जैसा।
नाजुक नाज़ुक हाथ पैर पतली सी कमर गोरा चिट्टा जिस्म।
देवा की नज़र तो पप्पू की दोनों बहनो और उसकी माँ शालु पे टिकी हुई थी पर वो सबसे पहले पप्पू को अपनी ऊँगली पे नचाना चाहता था । वो जानता था ये एक बार उसके चंगुल में फँस गया तो वो सब भी नीचे एक दिन आ जाएंगी।
देवा को तो शौक चेरी का था पर अभी तक कोई उसके नीचे आके नहीं पीसी थी।
इससे लिए पप्पू का पो पो बजाता रहता था।
पप्पू की माँ शालु अपने बेटे को ढूँढ़ती ढूँढ़ती देवा के खेत तक आ पहुंची थी । वो बस पप्पु को आवाज़ देने वाली थी की उसे सामने देवा पप्पू के कमर पे हाथ फेरता हुआ और उसे अपने गोद में बैठा के उसके गाल को अपने दाँतो से काटता हुआ नज़र आता है वो वही रुक के सामने का नज़ारा देखने लगती है।
देवा;पप्पू को अपने गोद में बैठा के उसके पेंट के बटनों को खोल के अपना एक हाथ उसके कमर पे रख के हलके हलके उसके नरम कमर को दबा रहा था।
और पप्पू देवा से चिपक के ठण्डी ठण्डी साँसे ले रहा था।
पप्पू;आह जाने देना देवा । कोई देख लेगा आह।
देवा देखने दे कुछ नहीं होता मेरे खेत में कोई नहीं आता।
पप्पू;पर देवा मुझे बहुत दर्द होता है तेरा कितना बड़ा है।
देवा; साले लेते वक़्त तो गाण्ड ऐसे हिलाता है जैसे और जम के लेना है तुझे चल आजा ऊपर।
और देवा वही एक चादर पे लेट जाता है।
NICE ONEपप्पू;पहले खुद के और फिर देवा के सारे कपडे निकाल देता है।
देवा;चल जल्दी कर।
पप्पू;देवा के लंड को हाथ में ले के सहलाने लगता है।
धीरे धीरे देवा का लंड खड़ा होने लगता है।
पप्पु की गाण्ड आवाज़ दे रही थी। वो भी अपना मुंह खोल देता है और देवा का लंड पप्पू के मुंह में घुस जाता है और पप्पू देवा का लंड चूसने लगता है।
गलप्प गलप्प.....
देवा अपना सर जोश में इधर उधर करने लगता है की तभी उसकी नज़र शालु पे पड़ती है जो पेड़ के पीछे छुपी ये सब देख रही थी।
देवा की गाण्ड फ़टी की फ़टी रह जाती है पर अगले ही पल उसे एहसास होता है की शालु का एक हाथ उसके चूत पे है और वो ऑंखें फाड़े पप्पू को नहीं बल्कि देवा के लंड को देख रही है जो पूरी तरह तन के 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा हो गया था।
पप्पू का पूरा मुंह भी देवा के लंड को अपने मुंह में नहीं ले पा रहा था। वो बार बार साँस लेने के लिए उसे बाहर निकाल लेता और हर बार शालु देवा के पूरे लंड का दीदार अच्छे से कर लेती।
देवा;आह बस कर साले आह।
पप्पू पे कोई असर नहीं होता वो तो बस देवा के लंड में खो चुका था।
गलप्प गलप्प गलप्प।
देवा थोड़ी ज़ोर से बोलता है।
अब्बे तेरी माँ को चोदूँ पप्पू छोड़ दे वरना दोनों माँ बेटे को एक साथ चोदुँगा आह।
ये आवाज़ शालु के कानो तक पहुँच जाती है और उसकी उँगलियों का दबाव चूत के और अंदर तक होने लगता है
देवा खड़ा हो जाता है और साथ में पप्पू भी।
MAST BHAIदेवा; चल झुक जा।
पप्पू;आराम आराम से करना देवा तू तो एक ही बारे में खुट्टा गाड देता है।
देवा; अच्छा अच्छा बातें बंद कर।
और देवा ये कहते हुए अपने लंड को पप्पू के कमर पे मारने लगता है।
पप्पू;आह माँ।
सिसकारियां उसके मुंह से निकलती और शालु के कानो तक पहुँच जाती।
देवा;अपने लंड पे थूक लगा के धीरे धीरे लंड को पप्पू की गाण्ड में घूसाने लगता है । आह आह थोड़ा पैर चौड़े कर गांडु आह।
जैसे जैसे लन्ड पप्पू की गांड में घुस रहा है पप्पू चिल्लाने लगता है।फिर एक झटके में देवा अपना पूरा लंड पप्पू के गांड में पेल देता है।
पप्पू; आह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हाय्य्य्य माँ मै मर जाऊँगा । आह देवा निकाल ले अह्ह्ह्हह मै हाथ से हिला देता हूँ इसे आहः।
देवा कहाँ सुनने वाला था वो तो बस अपने आँखों में शालु के गदराये हुए गाँड को सोच सोच के सटा सट लंड पप्पू के गाण्ड में पेले जा रहा था।
पप्पू की हालत ऐसी थी के कोई भी तरस खाके उसे छोड दे । पर देवा बेरहम मरद था पप्पू जानता था की जब तक देवा का पानी नहीं निकलेगा वो रुकने वाला नहीं है।
और सबसे खतरनाक बात ये थी ये देवा का पानी 20-30 मिनट तक नहीं निकलता था।
धक्कों की बरसात पीछे से शुरू थी और पप्पू की चीखें तेज़ और तेज़ होते जा रही थी।
शालु;अपनी चूत को रगडते हुए थक चुकी थी पर देवा था की पसीने में तर बतर होने के बावजूद भी बाहर निकालने को तैयार नहीं था।
20 मिनट के बाद देवा अपने लंड को बाहर निकाल लेता है और उसका पानी पप्पू के कमर पे गिरने लगता है और कुछ देर बाद पानी से गिला लंड पप्पू के कमर पे घीसने लगता है।
शालु तेजी से अपने घर की तरफ चल देती है
WOW MAST UPDATEउसे यक़ीन ही नहीं हो रहा था की उसका बेटा ऐसे काम भी कर सकता है।
पर उसका दिल देवा के लंड को सोच सोच के उछल रहा था।
पप्पू अपने पेंट को पहन के लडख़ड़ाता हुआ अपने घर की तरफ चलने लगता है।
देवा उसे देख के हंसने लगता है।
अब्बे ठीक से तो चल।
पप्पू कुछ नहीं बोलता वो बोलने की हालत में नहीं था।
तभी देवा भी अपना ट्रेक्टर लेके आ जाता है और पप्पू उसमें बैठ जाता है दोनों चुप चाप पप्पू के घर की तरफ चले जाते है।
जब दोनों पप्पू के घर पहुंचते है तो शालु उन्हें दरवाज़े पे खड़े मिलती है।
उसके चेहरे पे मुसकान थी पर वो किस चीज़ की थी ये तो सिर्फ वो खुद जानती थी।
पप्पू लंगड़ाता हुआ घर में चला जाता है।
शालू :अरे बेटा क्या हुआ कहीं दर्द हो रहा है क्या किसी ने मारा क्या तुझे।
देवा;वो काकी पप्पू नीचे गिर गया था आम के पेड़ से शायद मोच आ गई है।
शालु;हाँ बेटा अब बड़े बड़े पेड़ पे चढेगा तो लगेंगा ही। देवा तू अंदर आ ना मै कुछ नाश्ता बनाती हूँ तेरे लिये।
देवा;इसकी कोई ज़रूरत नहीं काकी।
शालु;अरे थक गया होगा न कितनी मेहनत करता है तू
चल बैठ।
देवा बैठ जाता है।
काकी काका कहीं नज़र नहीं आ रहे।
शालु;वो दोनों बच्चीयों के साथ शहर गए है रात तक आ जाएंगे।
देवा;शालू के मोटे मोटे ब्रैस्ट देखने लगता है।
शालु : देखता क्या है पी ले ना।
देवा;क्या।
शालु :अरे बाबा चाय ठन्डी हो जाएंगी पी ले।
देवा; चाये की चुस्की लेते हुए काकी आज आप बहुत खूबसूरत लग रही हो।
शालु;हल्के से मुस्कूराते हुए चल हट बदमाश कही के।
देवा;चाय का कप नीचे रख देता है और जाने के लिए उठता ही है की शालु उसके एकदम सामने आ जाती है।
शालु;अरे पसीना तो पोंछ लिया कर की बस दिन रात काम काम।
ओ देवा का पसीना पोंछने लगती है और साथ ही साथ अपने ब्रैस्ट देवा की छाती से रगडने लगती है।
देवा की ऑखें बंद हो जाती है और वो दोनों हाथ पीछे ले जाके शालु के कमर को ज़ोर से मसल देता है।
शालु; उई माँ क्या करता है बदमाश।
और वो चाय का कप उठाके किचन में चली जाती है।
देवा;दिल ही दिल में मुस्कराता हुआ वहां से अपने घर की तरफ चल देता है।
MAST STORYअपडेट 2
देवा;जब घर पहुंचा तो शाम के 5 बज रहे थे।
समने चारपाई पे देवा की माँ रत्ना और एक औरत जिसकी पीठ दरवाज़े के तरफ थी बैठी हुए थे।
देवा;उनके पास जाता है।
रत्ना;आ गये बेटा हाथ मुंह धो लो। मै चाय बनाके लाती हूँ।
वो औरत जो सेठ हिम्मत राव के घर की नौकरानी पदमा थी।
सर घुमा के देवा की तरफ देखती है।
गोरा चिट्टा भरा भरा बदन।
पदमा;देवा मुझे जागिरदार साहब ने भेजा है तुम्हें अपने साथ ले जाने के लिए । कुछ काम है सेठ को शायद तुमसे।
देवा;ठीक है काकी तुम बैठो मै अभी आता हूँ।
पदमा की नज़रें किसी एक्स रे मशीन की तरह थी वो देवा को पहली नज़र में ही पहचान गई थी के लौंडा काम का है।
देवा घर में चला जाता है।
रत्ना;उसके पीछे पीछे अंदर आ जाती है।
क्या बात है देवा जागिरदार साहब को क्या काम आ गया तुझसे।
देवा;पता नहीं माँ देख के आता हूँ तभी पता चलेंगा ना।
रत्ना;मुझे तो वो हवेली और वहां के लोगों से बड़ा डर लगता है बडी गंदी नज़र हैं उन लोगों की तू जल्दी घर आ जाना बेटा।
देवा;अपनी माँ रत्ना के तरफ देखता है ।
सफेद साडी में उसके ब्रैस्ट सामने की तरफ तने हुए थे
पेट एकदम गोरा गोरा और उसमें क़यामत मचाते हुए उसकी नाभी।
देवा;की नियत आज कल हर किसी पे इसी तरह ख़राब हो जाती थी वो ये भी नहीं सोचता की सामने उसकी माँ खडी है।
WONDERFUL UPDATEअरे माँ डरने की क्या बात है जागिरदार मुझे खा थोड़ी जायेगा।
रत्ना;शुभ शुभ बोल बेटा। वो देवा के मुंह पे हाथ रख देती है और इस वजह से वो देवा से एकदम चिपक सी जाती है।
रत्ना;के बदन से आती भीनी भीनी पसीने की खुशबु जब देवा के नाक तक पहुँचती है तो उसका दिल ज़ोरों से धड़कने लगता है ऊपर से नरम नरम जिस्म जो उसके इतने पास होकर भी दूर था।
वो एक हाथ रत्ना के कमर पे रख के उसके पेठ को हलके से दबाता है।
और अपने मुंह पे लगा हुआ रत्ना का हाथ हटा के धीरे से कहता है।
कुछ नहीं होगा माँ डरो मत।
दोनो एक दूसरे के ऑंखों में देखने लगते है।
ये नज़रों का खेल था या जिस्म की भूख दोनों एक दूसरे से अलग होने को तैयार नहीं थे।
तभी बाहर से पदमा के खाँसने की आवाज़ से दोनों होश में आते है और देवा बहार चला जाता है।
थोड़ी देर बाद रत्ना चाय का कप ले के बाहर आती है
और देवा चाय का कप ले तो लेता है पर उसकी कुछ उँगलियाँ रत्ना के हाथ से अनजाने में टकरा जाती है।
इस थोड़े से छुवन से ही रत्ना के जिस्म में सरसराहट पैदा हो जाती है।
बेचारी रत्ना कई सालो से अपने बेटे को देख देख कर आहें भर रही थी।
पर देवा उसपे कोई ध्यान नहीं देता था।
ये पिछले एक महिने से देवा के रवैये में थोड़ा बहुत बदलाव आया था।
जबसे उसने रत्ना को नहाते हुए देखा था।
देवा;चाय पीने के बाद पदमा के साथ पैदल सेठ के हवेली की तरफ निकल जाता है।
पदमा;कमर मटकाते हुए सामने चल रही थी।
रास्ता बिलकुल सुनसान था। गांव का रहन सहन ही कुछ इस तरह का होता है शाम ढले सभी अपने अपने घर को लौट जाते है और कोई गली मोहल्ले में नज़र नहीं आता।
देवा;की नज़र पदमा के हिलते कमर पे ही थी।
आगे आगे चलते हुए पदमा आज थोड़ा ज़्यादा ही कमर मटका रही थी।
कुछ देर बाद दोनों हवेली पहुँच जाते है।