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WOW SHALLU KI DOUBLE MEANING BAATEN SUNKAR MJA AA GYAउसे यक़ीन ही नहीं हो रहा था की उसका बेटा ऐसे काम भी कर सकता है।
पर उसका दिल देवा के लंड को सोच सोच के उछल रहा था।
पप्पू अपने पेंट को पहन के लडख़ड़ाता हुआ अपने घर की तरफ चलने लगता है।
देवा उसे देख के हंसने लगता है।
अब्बे ठीक से तो चल।
पप्पू कुछ नहीं बोलता वो बोलने की हालत में नहीं था।
तभी देवा भी अपना ट्रेक्टर लेके आ जाता है और पप्पू उसमें बैठ जाता है दोनों चुप चाप पप्पू के घर की तरफ चले जाते है।
जब दोनों पप्पू के घर पहुंचते है तो शालु उन्हें दरवाज़े पे खड़े मिलती है।
उसके चेहरे पे मुसकान थी पर वो किस चीज़ की थी ये तो सिर्फ वो खुद जानती थी।
पप्पू लंगड़ाता हुआ घर में चला जाता है।
शालू :अरे बेटा क्या हुआ कहीं दर्द हो रहा है क्या किसी ने मारा क्या तुझे।
देवा;वो काकी पप्पू नीचे गिर गया था आम के पेड़ से शायद मोच आ गई है।
शालु;हाँ बेटा अब बड़े बड़े पेड़ पे चढेगा तो लगेंगा ही। देवा तू अंदर आ ना मै कुछ नाश्ता बनाती हूँ तेरे लिये।
देवा;इसकी कोई ज़रूरत नहीं काकी।
शालु;अरे थक गया होगा न कितनी मेहनत करता है तू
चल बैठ।
देवा बैठ जाता है।
काकी काका कहीं नज़र नहीं आ रहे।
शालु;वो दोनों बच्चीयों के साथ शहर गए है रात तक आ जाएंगे।
देवा;शालू के मोटे मोटे ब्रैस्ट देखने लगता है।
शालु : देखता क्या है पी ले ना।
देवा;क्या।
शालु :अरे बाबा चाय ठन्डी हो जाएंगी पी ले।
देवा; चाये की चुस्की लेते हुए काकी आज आप बहुत खूबसूरत लग रही हो।
शालु;हल्के से मुस्कूराते हुए चल हट बदमाश कही के।
देवा;चाय का कप नीचे रख देता है और जाने के लिए उठता ही है की शालु उसके एकदम सामने आ जाती है।
शालु;अरे पसीना तो पोंछ लिया कर की बस दिन रात काम काम।
ओ देवा का पसीना पोंछने लगती है और साथ ही साथ अपने ब्रैस्ट देवा की छाती से रगडने लगती है।
देवा की ऑखें बंद हो जाती है और वो दोनों हाथ पीछे ले जाके शालु के कमर को ज़ोर से मसल देता है।
शालु; उई माँ क्या करता है बदमाश।
और वो चाय का कप उठाके किचन में चली जाती है।
देवा;दिल ही दिल में मुस्कराता हुआ वहां से अपने घर की तरफ चल देता है।
WOW PADMA KI NAJAR DEVA PE PAD GAYI ISKA MATLAB YE PEHLI HOGI JO DEVA KO JANNAT KI SAIR KARVAYEGIअपडेट 2
देवा;जब घर पहुंचा तो शाम के 5 बज रहे थे।
समने चारपाई पे देवा की माँ रत्ना और एक औरत जिसकी पीठ दरवाज़े के तरफ थी बैठी हुए थे।
देवा;उनके पास जाता है।
रत्ना;आ गये बेटा हाथ मुंह धो लो। मै चाय बनाके लाती हूँ।
वो औरत जो सेठ हिम्मत राव के घर की नौकरानी पदमा थी।
सर घुमा के देवा की तरफ देखती है।
गोरा चिट्टा भरा भरा बदन।
पदमा;देवा मुझे जागिरदार साहब ने भेजा है तुम्हें अपने साथ ले जाने के लिए । कुछ काम है सेठ को शायद तुमसे।
देवा;ठीक है काकी तुम बैठो मै अभी आता हूँ।
पदमा की नज़रें किसी एक्स रे मशीन की तरह थी वो देवा को पहली नज़र में ही पहचान गई थी के लौंडा काम का है।
देवा घर में चला जाता है।
रत्ना;उसके पीछे पीछे अंदर आ जाती है।
क्या बात है देवा जागिरदार साहब को क्या काम आ गया तुझसे।
देवा;पता नहीं माँ देख के आता हूँ तभी पता चलेंगा ना।
रत्ना;मुझे तो वो हवेली और वहां के लोगों से बड़ा डर लगता है बडी गंदी नज़र हैं उन लोगों की तू जल्दी घर आ जाना बेटा।
देवा;अपनी माँ रत्ना के तरफ देखता है ।
सफेद साडी में उसके ब्रैस्ट सामने की तरफ तने हुए थे
पेट एकदम गोरा गोरा और उसमें क़यामत मचाते हुए उसकी नाभी।
देवा;की नियत आज कल हर किसी पे इसी तरह ख़राब हो जाती थी वो ये भी नहीं सोचता की सामने उसकी माँ खडी है।